अंगूर के फायदे उठायें और ह्रदय रोग से बचें – Grapes For Heart

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अंगूर Angoor , Grapes आसानी से मिलने वाला जाना पहचाना फल है। इसे द्राक्ष Draksh के नाम से भी जाना जाता है। हम अंगूर खाते तो जरूर है लेकिन इसके गुणों की तरफ ध्यान कम ही जाता है।

अंगूर में बहुत से लाभदायक तत्व होते है। विशेषकर एंटीऑक्सिडेंट और फीटोन्यूट्रिएंट्स जो शरीर तथा हार्ट के लिए बहुत लाभदायक होते है। ग्रेप्स को सुखाकर किशमिश और मुनक्का बनाये जाते है जो मेवे की तरह काम में लिए जाते है।

अंगूर

ग्रेप्स का उपयोग लगभग 8 हजार सालों से होता आ रहा है। दुनिया भर में उगाये जाने वाला यह फल केले, संतरे या सेब से भी ज्यादा उगाया जाता है । हर वर्ष लगभग 7 करोड़ टन अंगूर पैदा होता है। इसमें से 75 % अंगूर की शराब बनाई जाती है। बाकि खाने में , किशमिश बनाने में या जैली आदि बनाने में काम आता है।

दुनिया में सबसे ज्यादा अंगूर का उत्पादन चाइना में होता है। भारत में लगभग 25 लाख टन अंगूर पैदा होता है। महाराष्ट्र , कर्नाटक, तमिलनाडु , और आंध्र प्रदेश आदि राज्य अंगूर के उत्पादन करने वाले अग्रणी राज्य है। नासिक के अंगूरों की विदेश में बहुत मांग है।

ग्रेप्स गुलाबी , काला , बैगनी , हरा आदि रंगों में पाये जाते है। वैसे तो सभी रंग के ग्रेप्स फायदेमंद होते है लेकिन गुलाबी और काले ग्रेप्स में  फीटो न्यूट्रिएंट्स अधिक मात्रा में होते है।

अंगूर के पोषक तत्व – Grapes Nutrients

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अंगूर तुरंत शक्ति देने वाला फल है। शरीर इसमें मौजूद शक्कर को आसानी से अवशोषित कर लेता है। अंगूर से प्रोटीन तथा कार्बोहाइड्रेट मिलते है।

ग्रेप्स से मिलने वाले फीटोन्यूट्रिएंट्स जैसे रेजविराट्रोल , फेनोल्स , कैरोटेनॉयड्स आदि बहुत लाभदायक तत्व होते है। वैज्ञानिकों के अनुसार ग्रेप्स के छिलके में पाया जाने वाला रेजविराट्रोल नामक तत्व  उम्र बढ़ाने में सहायक होता है।

अंगूर में विटामिन K , विटामिन C , विटामिन B6  , पोटेशियम , कॉपर और मेगनीज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा अंगूर से विटामिन A , थायमिन , रिबोफ्लेविन , फोलेट तथा खनिज के रूप में , कैल्शियम , आयरन , फॉस्फोरस  तथा जिंक आदि मिलते है।

अंगूर में फ्लेवोनोइड्स नामक ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट होते है जो फ्री रेडिकल्स से बचाकर उम्र बढ़ने के प्रभाव को कम करते है तथा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाते है । इससे फाइबर भी अच्छी मात्रा में मिलते हैं जो आंतों को स्वस्थ बनाये रखते हैं ।

अंगूर के फायदे और नुस्खे – Grapes Benefits and Nuskhe

Angoor बहुत लाभदायक फल है। इसमें औषधीय गुण होते है। कई प्रकार के रोग में इसका उपयोग शरीर को लाभ देता है। अंगूर के कुछ विशेष लाभ और नुस्खे इस प्रकार हैं :

ह्रदय

अंगूर खून में नाइट्रिक ऑक्साइड बढ़ाता है इससे रक्त का थक्का नहीं बनता। रक्त का थक्का बनने से हार्ट अटैक आ सकता है। इस तरह अंगूर हार्ट अटैक से बचाता है। ब्लड प्रेशर ज्यादा होने पर द्राक्ष खाने से ब्लड प्रेशर कम होता है।

इसमें पाया जाने वाला पोटेशियम ब्लड प्रेशर को कम करता है। ब्लड प्रेशर का अधिक रहना ह्रदय रोग का कारण बनता है। इसके अलावा अंगूर में मौजूद  एंटीऑक्सीडेंट हानिकारक LDL नामक कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।

LDL कोलेस्ट्रॉल के अधिक होने पर यह नसों में जम जाता है जो ह्रदय रोग का मुख्य कारण होता है। अंगूर में पाये जाने वाले फ्लेवोनोइड्स के कारण यह हानिकारक फ्री रेडिकल्स के दुष्प्रभाव को कम करके भी  LDL कोलेस्ट्रॉल से होने वाले नुकसान से बचाता  है।

अंगुर से मिलने वाला फाइबर कोलेस्ट्रॉल को कम करता है , इससे भी ह्रदय रोग से बचाव होता है। फाइबर से पाचन सुधरता है। जिससे कोलेस्ट्रॉल कम होता है। अंगुर से मिलने वाला विटामिन K भी ह्रदय रोग के खतरे को कम करता है। इस प्रकार हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए  नियमित अंगूर खाना बहुत लाभदायक होता है।

कब्ज

द्राक्ष कब्ज को मिटाने में बहुत प्रभावकारी साबित होते है। इनमे पाया जाने वाले ऑर्गेनिक एसिड , शक्कर और सेल्यूलोस , अघुलनशील फाइबर आदि के कारण यह आंतों को साफ करता है तथा आँतों की मांसपेशियों को ताकत देकर उनकी कार्यविधि को सुधारता है।

यदि दस्त लगे हों तो अंगूर नहीं खाने चाहिए। छोटे बच्चों को कब्ज होने पर सुबह शाम दो दो चम्मच अंगूर का रस पिलाने से उनकी कब्ज ठीक हो जाती है।

खून की कमी

अंगुर से आयरन मिलता है जो थकान मिटाता है। आयरन के अलावा भी अंगुर से बहुत से पोषक तत्व मिलते है जो शरीर के लिए लाभदायक होते है। अंगुर का रस पीने से तुरंत ऊर्जा मिलती है।

खून की कमी होने पर अंगुर खूब खाने चाहिए। इसमें क्षारीय गुण होते है इस वजह से यह शरीर से विषैले तत्व बाहर निकाल देता है और नया खून बनने में सहायक होता है

आँख

उम्र के साथ आंख का मैकुला कमजोर पड़ जाता है जिससे दिखना कम हो सकता है। अंगूर इस  स्थिति को आने से रोक सकता है। इसका कारण फ्री रेडिकल्स होते है जो इस तरह के नुकसान के जिम्मेदार होते है।

अंगूर में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स फ्री रेडिकल से होने वाले इस तरह के नुकसान से बचाकर आँखों की रक्षा करते है। ये आँखों को मोतियाबिंद से भी बचाते है अतः आँखें स्वस्थ रखने के लिए Grapes खाने चाहिए।

गुर्दे की परेशानी

अंगुर शरीर में यूरिक एसिड के प्रभाव को कम करता है । अंगुर शरीर से विषैले तत्व निकाल कर शरीर को स्वस्थ रखता है। इससे गुर्दों पर दबाव कम पड़ता है और गुर्दे स्वस्थ रहते। अंगुर में पानी भरपूर होता है जिसके कारण पेशाब खुल कर आता है और गुर्दे की सफाई हो जाती है। इस तरह गुर्दे में पथरी नहीं बन पाती।

डायबिटीज

नियमित रूप से फलों को भोजन में शामिल करने से से टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा कम होता है। ग्रेप्स , सेब आदि विशेषकर इसके लिए बहुत उपयुक्त फल हैं। फल साबुत खाना अधिक लाभदायक होता है।

जूस से यह फायदा नहीं मिलता। Angur के छिलके में पाया जाने वाला रेसविराट्रोल नामक तत्व इसमें मददगार होता है। लेकिन यदि डायबिटीज की समस्या से ग्रस्त हैं तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही अंगूर खाने चाहिए।

इम्यून सिस्टम

अंगूर में खनिज तत्व और एंटीऑक्सीडेंट के अलावा कई विटामिन भी होते है। विटामिन C , विटामिन K और विटामिन A शरीर के कई अंगों के लिए जरूरी होते है , विशेषकर इम्यून सिस्टम के लिए। इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और इससे कई प्रकार के वाइरल बुखार तथा सर्दी जुकाम आदि से बचाव होता है।

स्तन का कैंसर

Angoor में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट के कारण यह सभी प्रकार के कैंसर को रोकने में भूमिका अदा करता है लेकिन विशेषकर स्तन केंसर के बचाने में ये बहुत प्रभावकारी होते है। अंगूर हार्मोन के बदलाव के कारण होने वाले कैंसर को भी रोकता है।

खांसी कफ

ग्रेप्स खाने से खांसी और कफ दूर होते है। इससे फेफड़ों को शक्ति मिलती है।

अस्थमा

अंगूर में औषधीय गुण होते है जो अस्थमा में राहत दिलाते है। अंगूर का रस फेफड़ों का सूखापन मिटाकर अस्थमा में लाभ देता है।

हड्डी

Grapes से कॉपर , आयरन और मैगनीज  मिलते है। ये सभी मजबूत हड्डी के लिए जरुरी होते है। नियमित रूप से Grapes खाने से हड्डी को कमजोर होने से बचाया जा सकता है तथा ऑस्टेरिओपोरोसिस जैसी बीमारी से बच सकते है। मैगनीज का महत्व प्रोटीन को पचाने में तथा नर्वस सिस्टम को दुरुस्त बनाये रखने में भी होता है।

बच्चों के दांत

दांत निकलते समय बच्चों को रोजाना दो चम्मच अंगुर का रस पिलाने से दांत आसानी से निकल जाते हैं। अंगुर मीठे होने चाहिए। इसमें शहद मिलाकर भी दे सकते है।

बुखार में मुंह सूखना

बुखार के समय प्यास बहुत लगती है और मुंह सूखा सूखा रहता है। पके हुए मीठे अंगुर खाने से मुंह का सूखा रहना ठीक होता है।

माहवारी

माहवारी अनियमित होती हो या मासिक धर्म के समय परेशानी होती है तो अंगुर खाने से इन तकलीफों से छुटकारा मिलता है और स्वास्थ्य अच्छा  रहता है।

स्तन में दूध

अंगुर नियमित रूप से खाने पर स्तन के दूध में वृद्धि होती है अतः दूध पिलाने वाली माँ को अंगुर जरूर खाने चाहिए।

माइग्रेन

पके अंगुर का रस खाली पेट पीने से माइग्रेन सिरदर्द ठीक होता है क्योकि इससे शरीर में पोषक तत्व की कमी दूर होती है।

अपच

अंगुर पेट की तकलीफ से आराम  दिलाता है। यह पेट की गर्मी मिटाकर  जलन , अपच आदि में राहत देता है।

गर्भावस्था

गर्भावस्था के पहले 4 -5 महीनों में थोड़ी मात्रा में पके हुए अंगूर खाये जा सकते है। इससे कब्ज से बचाव होता है । प्रेग्नेंसी में खट्टे अंगुर नहीं खाने चाहिए। इससे एसिडिटी या दस्त हो सकते है। अंगूर अच्छे से धोने के बाद ही खाएं। वजन अधिक हो तो या डायबिटीज हो तो प्रेग्नेंट लेडीज को अंगूर Pregnant Ladies ko angoor नहीं खाने चाहिए।

अंगूर कब और कैसे नहीं खाने चाहिए

—  अंगूर पर पेस्टिसाइड्स यानि कीटाणु नाशक हो सकते है। अतः इन्हें बिना अच्छे से धोये , नहीं खाना चाहिए। धोकर खाएं।

—  अंगूर में शक्कर की मात्रा होती है। अतः डायबिटीज हो तो Angoor बिना डॉक्टर से सलाह लिए नहीं खाएं।

—  वजन कम करना चाहते हों तो Angoor कम मात्रा में ही लें। यह वजन बढ़ा सकता है।

—  अंगूर के छिलके में अघुलनशील रेशे होते हैं।  जो कमजोर पाचन शक्ति वालों के लिए परेशानी पैदा कर सकते है। अतः पाचन शक्ति को ध्यान में रखते हुए ही अंगूर खाने चाहिए।

—  खट्टे अंगूर एसिडिटी बढ़ा सकते है। पके हुए Angoor  खाने चाहिए।

—  किसी किसी को अंगूर से एलर्जी हो सकती है यदि ऐसा हो तो Angoor ना खाएं।

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