अरे ओरे छोरा नन्द जी का….. फाग का एक लोकप्रिय भजन है।
फाग के भजन गीत Fag ke bhajan यानि होली के मस्ती भरे गीत जिनमें मधुरता के साथ शरारत भी होती है। एक समय था जब फाल्गुन महीना लगते ही होली की मस्ती शुरू हो जाती थी। एक महीने पहले होली का डंडा रोप दिया जाता था। लोग वहां इकट्ठे होकर गाते बजाते थे और उत्सव मनाते थे। अब यह पुरानी संस्कृति का हिस्सा भर रह गया है।
मंदिर में होली के भजन के रूप में लोग इन गीतों का आनंद लेते हैं नाच गाकर होली और भक्ति का आनंद उठाते हैं।होली के ये मधुर भजन सुनकर मन भक्तिभाव से भर उठता है। होली के भजन और गीत के बोल यहाँ लिखे गये है।आप भी इनका आनंद लें।
फ़ाग का भजन गीत – अरे ओरे छोरा नंद जी का
Are ore chhora nand ji ka
अरे ओरे छोरा नंद जी का – 2
फागुन में फाग खिला जा रे ।
ओरे छोरा नन्द जी का।
गढ़ गोकुल के कुँवर कन्हैया ,
अब बरसाने आजा रे – 2
राधे जी से लगन लगी है – 2
सौ सौ प्रीत निभा जा रे ।
ओरे छोरा नन्द जी का …
झोली भर गुलाल की लाये ,
मुख चौरस लिपटा जा रे – 2
केसर जल का होद भरा है – 2
सौ सौ रंग लगा जा रे ।
ओरे छोरा नन्द जी का …
भानुगढ़ में भांग घुटी है ,
गहरा रंग जमा जा रे -2
चन्द्र सखि भज बाल कृष्ण छवि – 2
पीजा और पिला जा रे ।
ओरे छोरा नन्द जी का ,
फागुन में फाग खिला जा रे ।
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