कैल्शियम की कमी Calcium Deficiency होने से हड्डी और दाँत के अलावा भी कई प्रकार की परेशानी हो सकती है। कैल्शियम Calcium एक ऐसा तत्व है जो मजबूत और सघन हड्डियों के लिए बहुत आवश्यक होता है।
बढ़ते हुए शरीर को मजबूती देने के लिए मजबूत हड्डियां जरूरी होती है और मजबूत हड्डीयां पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम से बनती है। कैल्शियम की आवश्यकता बढ़ती उम्र में भी होती है और बाद में भी। हमारे शरीर का लगभग 99 % कैल्शियम हड्डियों और दांतों में होता है।
कैल्शियम का काम सिर्फ हड्डी या दाँत की मजबूती तक ही सीमित नहीं है , शरीर के अन्य कई महत्वपूर्ण कार्यों में भी इसकी आवश्यकता होती है।
हमारे शरीर को रोजाना लगभग 1200 मिग्रा कैल्शियम की जरुरत होती है जिसे हमे खाने पीने की चीजों से प्राप्त करना पड़ता है। अन्यथा हड्डी से कैल्शियम कम होना शुरू जाता है।
कैल्शियम की कमी के कारण
Cause of calcium deficiecy
उम्र के साथ अवशोषण की कमी
बच्चों में भोजन से कैल्शियम को अवशोषित करने की क्षमता अधिक होती है। वयस्क होने के बाद धीरे धीरे यह क्षमता कम होती जाती है और बाद में सिर्फ 15 -20 % कैल्शियम ही भोजन से अवशोषित हो पाता है।
विटामिन D की कमी
विटामिन D कैल्शियम अवशोषण के लिए बहुत आवश्यक होता है। इसकी मौजूदगी से ही आंतें भोजन से कैल्शियम ग्रहण करती है। विटामिन D का मुख्य स्रोत सूरज की रौशनी है।
धूप से बचने के प्रयास और वर्तमान दैनिक दिनचर्या के कारण पर्याप्त मात्रा धूप नहीं मिल पाती। यह कैल्शियम की कमी का कारण बन जाता है। विटामिन D के लिए कितनी धूप चाहिए ,जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
हार्मोन का प्रभाव
महिलाओं को मेनोपोज़ के समय इस्ट्रोजन हार्मोन की कमी होने के कारण हड्डियां पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम अवशोषित नहीं कर पाती। इस वजह से इसकी कमी हो जाती है और इससे हड्डी की सघनता Bone density तेजी से कम होती चली जाती है।
शराब और कैफीन
कैफीन , शराब तथा सोडियम ( नमक ) आदि कैल्शियम के अवशोषण में रूकावट बनते है तथा ये कैल्शियम का शरीर से निकलना बढ़ा भी सकते है । इनके अधिक उपयोग से कैल्शियम की कमी हो सकती है।
कैल्शियम की कमी के लक्षण
Calcium deficiency symptoms
कैल्शियम की कमी के कारण हाथ पैर सुन्न हो जाना , मांसपेशी में खिंचाव , ऐंठन , थकान , भूख में कमी , अनियमित धड़कन , नाख़ून का खुरदरा होना , बालों का रूखापन , डिप्रेशन , स्मरण शक्ति कम होना आदि हो सकते है।
इसके अलावा सूखी त्वचा या त्वचा में खुजलाहट , दाँतों का खिरना , हड्डी का आसानी से टूटना आदि कैल्शियम की कमी के संकेत हो सकते है।
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कैल्शियम की जरुरत क्यों
Need of calcium
हमारी हड्डियां पत्थर की तरह सख्त जरूर महसूस होती है लेकिन उनमे लगातार परिवर्तन होता रहता है। नई हड्डी बनती रहती है और पुरानी नष्ट होती रहती है। बढ़ते हुए शरीर में नई हड्डी ज्यादा बनती है।
उम्र बढ़ने के साथ हड्डी की सघनता भी बढ़ती जाती है। इसके लिए शरीर को लगातार कैल्शियम की जरूरत होती है। कैल्शियम की जरूरत दूसरे कामो के लिए भी होती है।
यदि शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम नहीं मिलता तो इसकी पूर्ति हड्डी से होने लगती है जिसके कारण हड्डी समय से पहले ही कमजोर हो जाती है अतः शरीर को कैल्शियम का लगातार मिलना जरुरी होता है।
ज्यादातर लोग कैल्शियम को सिर्फ हड्डियों और दांतों के लिए जरुरी मानते है लेकिन यह शरीर के अन्य बहुत से महत्वपूर्ण कार्यों में आवश्यक होता है। कोशिकाओं के बीच होने वाले संदेशों के आदान प्रदान में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इसके अलावा कैल्शियम रक्त का थक्का जमने में , मांसपेशीयों के संकुचन में तथा तंत्रिका तंत्र के काम करने में मदद करता है। कुछ विशेष प्रकार के एंजाइम तथा हार्मोन के सक्रिय होने के लिए कैल्शियम जरुरी होता है ।
यह दिमाग की कार्यविधि को सुचारू रूप से चलने में सहायक होता है। कैल्शियम विद्दयुत आवेश को शरीर में ले जाकर ह्रदय की धड़कन को सुचारू रखने में भी मदद करता है।
कैल्शियम शुक्राणु के लिए , ओवरी से निकले अंडे को निषेचित करने में मददगार होता है।
महिलाओं के लिए माहवारी से पहले होने वाली समस्या PMS में कमी लाने के लिए कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा जरुरी होती है। मासिक धर्म के समय कैल्शियम का लेवल कम ज्यादा होता रहता है।
माहवारी के समय इस्ट्रोजन हार्मोन बढ़ने के कारण कैल्शियम कम हो जाता है। कैल्शियम लेने से PMS के लक्षण जैसे चिड़चिड़ाहट , डिप्रेशन , सिरदर्द , ऐंठन आदि कम हो सकते है।
हर एक दिन त्वचा , नाख़ून , बाल , पेशाब , और मल शरीर से कैल्शियम को कम करने का कारण बनते है। इन सभी में कैल्शियम की जरुरत होती है। हमारे शरीर में कैल्शियम नहीं बनता , इसकी पूर्ति खाने पीने के सामान से ही करनी पड़ती है।
यदि भोजन से कम मात्रा में कैल्शियम मिलता है तो शरीर अपनी जरुरत के लिए हड्डियों से कैल्शियम खींचना शुरू कर देता है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस यानि हड्डी कमजोर होने वाली बीमारी हो जाती है ।
कैल्शियम रोजाना कितना लेना चाहिए
How much Calcium needed
कैल्शियम की जरुरत उम्र के हिसाब से थोड़ी बदलती रहती है। पुरुष और महिला की जरूरत में भी कुछ अंतर होता है। नीचे दी गई सारणी में उम्र के हिसाब से कैल्शियम की जरुरत बताई गई है।
उम्र के हिसाब से कैल्शियम की आवश्यकता
उम्र | कैल्शियम की मात्रा ( मिलीग्राम में ) |
---|---|
शिशु - 6 महीने की उम्र तक | 200 |
शिशु - 6 से 12 महीने | 300 |
1 - 3 वर्ष | 700 |
4 - 8 वर्ष | 1000 |
8 - 18 वर्ष | 1300 |
18 - 50 वर्ष | 1000 |
50 - 70 वर्ष पुरुष | 1000 |
50 - 70 वर्ष महिला | 1200 |
70 वर्ष से अधिक | 1200 |
गर्भावस्था | 1300 |
दूध पिलाने वाली माता | 1300 |
कैल्शियम किसमे मिलता है
Source of calcium
जैसा की सब जानते है कैल्शियम के सबसे अच्छे स्रोत दूध और दूध से बने सामान होते है। इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जी , जैसे पालक , मेथी , बथुआ , मूली के पत्ते आदि से कैल्शियम मिलता है।
भिन्डी , तिल , दालें जैसे मूंग , चना , उड़द कैल्शियम के स्रोत होते है। सोयाबीन और इससे बने प्रोडक्ट से अच्छी मात्रा में कैल्शियम मिल सकता है।
सूखे मेवे जैसे मुनक्का , खजूर , किशमिश , अंजीर आदि में कैल्शियम होता है। इसके अलावा , टमाटर , संतरा आदि में भी कैल्शियम पाया जाता है।
विभिन्न वस्तुओं में कैल्शियम की मात्रा
सामग्री | सामग्री का माप | कैल्शियम की मात्रा मिली ग्राम में ( approx ) |
---|---|---|
दूध ( गाय का ) | 100 मिली | 120 |
दूध ( भैंस का ) | 100 मिली | 195 |
दही | एक कप | 300 |
पनीर | 100 ग्राम | 208 |
चीज़ ( पामेज़न , शेडार ) | 30 ग्राम | 240 |
चीज़ ( मोज़रेला ) | 30 ग्राम | 125 |
क्रीम | 100 मिली | 65 |
आईस क्रीम | 100 मिली | 125 |
बादाम | 30 ग्राम | 75 |
तिल | 30 ग्राम | 44 |
खजूर | 100 ग्राम | 120 |
अंजीर | 100 ग्राम | 80 |
कैल्शियम के कैप्सूल लेने चाहिए या नहीं – Calcium Supplement
कैल्शियम के कैप्सूल लेने चाहिए या नहीं यह इस पर निर्भर करता है की भोजन में कैल्शियम की मात्रा कितनी ले रहे है। कैल्शियम की रोजाना की जरुरत भोजन के द्वारा पूरी करने की कोशिश की जानी चाहिए।
यदि किसी कारण से कैल्शियम की कमी हो जाती है तो डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम के कैप्सूल लिए जा सकते है। यदि भोजन से पूरा कैल्शियम मिल जाता है तो गोलियां लेने की जरुरत नहीं होती। दवा के रूप में अधिक कैल्शियम का उपयोग कब्ज और गुर्दे में पथरी का कारण बन सकता है।
यदि गुर्दे में पथरी की समस्या से ग्रस्त है , ह्रदय रोग हो , थाइरॉइड की परेशानी हो तो कैल्शियम की गोलिया बिना डॉक्टर से पूछे नहीं लेनी चाहिए।
महिलाओं को गर्भावस्था में या शिशु को दूध पिलाते हो तो डॉक्टर की सलाह जरुरी हो जाती है। कैल्शियम की दवा से एलर्जी हो और साँस लेने में परेशानी आये , चेहरे पर , होठों पर , जीभ पर सूजन आ जाये , पेट में तेज दर्द होने लगे, बहुत कमजोरी लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
रोजाना की जरुरत के हिसाब से कैल्शियम युक्त आहार अवश्य लेने चाहिए। इससे शरीर में कैल्शियम की कमी नहीं होती। यदि कमी हो भी जाये तो अपने आहार में कैल्शियम युक्त आहार बढ़ाने से यह कमी दूर की जा सकती है।