गुड़ के फायदे आयुर्वेदिक दवा जैसे – Jaggery Benefits

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गुड़ Jaggery हमारी परम्परा का एक अंग है। इसमें एक अलग ही तरह की खुशबु और मिठास होती है। इसका सुनहरा पीला रंग और इसकी मिठास के कारण शादी जैसे शुभ कार्यों में गुड़ के लेन देन की प्रथा का बहुत चलन है।

गन्ने के रस को उबाल कर गुड बनाया जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है अतः सर्दी के मौसम में इसका उपयोग विशेष लाभदायक होता है। सर्दी के मौसम में ही ताजा गुड़ बाजार में आता है।

सर्दियों में इससे कई प्रकार के व्यंजन बनाये जाते है। जनवरी में मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ से मिठाई बना कर एक दूसरे को दी जाती है। यह मिठाई सभी को बहुत पसंद आती है। थोड़ी मात्रा में गुड वर्ष भर खाया जा सकता है।

गुड़

दुनिया में गुड़ सबसे ज्यादा भारत में बनता है। लेकिन ब्राजील इसका सबसे  बड़ा निर्यातक देश है। भारत में उत्तर प्रदेश , महारष्ट्र , कर्नाटक व तमिलनाडु गुड के मुख्य उत्पादक राज्य है।

दक्षिण भारत में यह  वेल्लम , बेल्ला या शर्करा के नाम से जाना जाता है , मराठी में इसे गुल और गुजराती में गौड़ कहते है। गुजरात मे इसे दाल और सब्जी में डाल कर खाया जाता है। कर्नाटक में गुड से उच्च क्वालिटी की शराब रम बनाई जाती है।

गुड़ कैसे बनता है – How Jaggery is produced

सबसे पहले गन्ने से रस निकाला जाता है। इसे बड़े बर्तन में रखकर अशुद्धि नीचे बैठने देते है। ऊपर का शुध्द रस निथार कर अलग करते है। इसे किसी बड़े चपटे आकार के बर्तन में उबाला जाता है।

उबालते समय अशुद्धि मिटाने के लिए फालसे के पेड़ की छाल , जंगली भिन्डी की जड़ ( सुखलाई ) , सेमल की छाल आदि के रस का उपयोग किया जाता है।  इससे अशुद्धि ऊपर आ जाती है जिसे निकल दिया जाता है।

इसके बाद गुणवत्ता और भण्डारण क्षमता बढ़ाने के लिए चूना मिलाया जाता है। फिर अच्छे से उबाल कर

सुनहरे रंग का गाढ़ा पेस्ट होने तक उबाला जाता है। इसके बाद इसे भेली , लड्डू के रूप में या सांचे में डालकर मनचाहे आकार में सुखा लिया जाता है।

सूखने पर नर्म सुनहरा गुड़ तैयार हो जाता है। यदि यह गुड गहरे भूरे रंग का होता है तो इसे हल्के स्तर का समझा जाता है। सुनहरा पीले रंग का गुड अच्छा माना जाता है।

गुड़ के पोषक तत्व – Jaggery Nutrients

गुड़ में प्रोटीन , फैट , आयरन , मैग्नेशियम , पोटेशियम , और मेगनीज होते है। इसके अलावा कुछ मात्रा में विटामिन B  , कैल्शियम , फास्फोरस , जिंक तथा कॉपर भी होते है।

गुड़ में लगभग 70% सुक्रोस होता है , 10% के लगभग ग्लूकोस व  फ्रुक्टोस तथा 5% खनिज लवण होते है। इसके अतिरिक्त गुड़ में एंटीऑक्सीडेंट जैसे ज़िंक और सेलेनियम आदि भी पाए जाते है।

गुड़ में शक्कर की अपेक्षा अधिक पोषक तत्व होते है। क्योकि शक्कर बनाते वक्त उसमे सल्फर डाय ऑक्साइड , फॉस्फोरिक एसिड , फॉर्मिक एसिड  तथा ब्लीचिंग पाउडर आदि डाले जाते है।

इससे गन्ने के रस में मौजूद सारे पोषक नष्ट हो जाते है। इसमें सिर्फ कैलोरी बचती है अतः मिठास के लिए शक्कर के बजाय गुड का उपयोग किया जाना फायदेमंद होता है।

आयुर्वेद की दृष्टि से पुराना गुड औषधि के लिए अधिक लाभदायक माना जाता है। गुड को बारह घंटे धूप में रखने पर यह पुराने गुड जितना ही लाभदायक हो जाता है।

गुड़ के फायदे – Jaggery banefits

गुड़ शरीर से हानिकारक टॉक्सिन निकाल कर लीवर की मदद करता है। गुड का थोड़ी मात्रा में नियमित उपयोग खून को साफ करता है और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

यह फेफड़े , स्वास नली , आतें और भोजन नली को साफ रखने में मददगार होता है। अतः अधिक प्रदुषण वाली जगह काम करने वाले लोगों को गुड़ के उपयोग की सलाह दी जाती है।

गुड पाचक रस का स्राव बढ़ाकर पाचन में मदद करता है ,इसके कारण पेट अच्छे से साफ होता है और कब्ज को दूर करता है। यह शरीर को गर्म रखता है। गुड खाने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। अतः यह सर्दी जुकाम से बचाता है।

शारीरिक थकान मिटाने में गुड बहुत उपयोगी साबित होता है। अधिक शारीरिक श्रम करने वाले या अधिक भाग दौड़ वाले खेल जैसे हॉकी , फुटबाल आदि खेलने वालों को गुड अवश्य खाना चाहिए। इससे भरपूर एनर्जी भी मिलती है तथा मांसपेशियों की चोट आदि में भी आराम आता है।

गुड़ से घरेलू उपचार – Jaggery Home Remedies

कृपया ध्यान दें : किसी भी लाल अक्षर वाले शब्द पर क्लीक करके उस शब्द के बारे में विस्तार से जानिए। 

—  शुद्ध घी के साथ गुड़ खाने से रक्त विकार तथा रक्तपित्त दूर होते है।

—  प्रसूता ( नवजात शिशु की माँ ) को गुड़ और अजवाइन दिए जाते है। इससे कमर दर्द ठीक होता है , गर्भाशय शुध्द होता है ,कमजोरी मिटती है और भूख खुल जाती है। गुड़ अजवाइन पाक बनाने की विधि जानने के लिए यहाँ क्लीक करें

—  गुड़ के साथ चिरोंजी , बादाम , मुनक्का , छुहारा , और घी मिलाकर लडडू बनाकर खाने से भी प्रसूता को बहुत लाभ होता है।

—  गर्म दूध में गुड मिलाकर पीने से पेशाब साफ और खुलकर आता है। पेशाब की रूकावट दूर होती है।

—  सुबह बासी मुंह मूली के पत्ते और गुड़ साथ में खाने से पीलिया जल्दी ठीक होता है।

—  कांटा चुभने पर गुड और प्याज को पीस कर लेप बनाकर लगाने और पट्टी बांधने से कांटा अपने आप निकल जाता है।

—  एक चम्मच गुड और एक चम्मच सरसों का तेल खरल में अच्छे से घोंट कर रोज सुबह नियमित महीने भर लेने से दमा ठीक होता है।

—  एक चम्मच पुराना गुड और एक चम्मच आंवले का चूर्ण मिलाकर नियमित कुछ दिन लेने से वीर्य गाढ़ा और पुष्ट होता है तथा वीर्य की दुर्बलता नष्ट होती है।

—  सम्भोग के बाद पति पत्नी को एक छोटा टुकड़ा गुड़ खाकर पानी पीना चाहिए। इससे यौन सम्बन्ध बनाने में खर्च हुई ऊर्जा के कारण हुई थकान तुरंत मिट जाती है। थकान तुरंत मिटने से यौन आनंद और बढ़ जाता है।

—  सर्दी के मौसम में गुड और काले तिल के लडडू खाने से सर्दी , जुकाम , खांसी , दमा आदि से बचाव होता है।

—  खाना खाने के बाद गुड़ खाने से पेट में गैस नहीं बनती है।

—  नियमित रूप से गुड खाने से याददाश्त सही रहती है। दिमाग को ताकत मिलती है।

—  गुड़ और घी मिलाकर खाने से कान के दर्द में आराम मिलता है।

—  गुड़ के सेवन से भूख खुलकर लगने लगती है।

—  यह आँखों की रौशनी बढ़ाने में मदद करता है।

—  चाय में चीनी की जगह गुड़ डालने से यह फायदेमंद हो जाती है।

—  गुड़ और काला नमक मिलाकर चाटने से खट्टी डकारआना बंद हो जाती है।

—  महिलाओं को माहवारी के समय होने वाले दर्द में गुड खाने से आराम मिलता है।

—  गुड़ खाने से खून साफ होता है। इससे मुहासों में आराम आता है तथा चेहरा पर निखार आता है।

—  सर्दी में जोड़ों का दर्द यदि बढ़ जाता है तो गुड़ के साथ अदरक खाने से बहुत आराम मिलता है ।

—  पके हुए चावल के साथ गुड खाने से आवाज खुलती है। गला बैठ गया हो तो उसमे भी आराम मिलता है।

—  गुड खाने से शरीर में जरूरत से ज्यादा पानी नही टिकता। इससे वजन कम करने में मदद मिलती है।

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