पित्ताशय की पथरी को जानें और इससे बचें – Gall bladder Stone hindi me

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पित्ताशय की पथरी Gall bladder Stone बहुत से लोगों को परेशान करती है। महिलाओं को इस समस्या का सामना अधिक करना पड़ता है। साधारणतया लोग पथरी का मतलब गुर्दे की पथरी ही समझते है।

गुर्दे की पथरी और पित्ताशय की पथरी में बहुत अंतर होता है। गुर्दे की पथरी का सम्बंध मूत्र प्रणाली से होता है। जबकि पित्ताशय की पथरी का सम्बन्ध लीवर और पाचन तंत्र से होता है।

पित्ताशय की पथरी अधिकतर कोलेस्ट्रॉल के कारण बनती है और सॉफ्ट होती है । जबकि गुर्दे की पथरी अन्य कारण से बनती है और बहुत हार्ड होती है।

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पित्ताशय की पथरी का आकार बहुत छोटा यानि रेत की कंकरी जितना या बहुत बड़ा यहाँ तक की पूरे पित्ताशय के आकार जितना बड़ा भी हो सकता है। पथरी की संख्या भी कम या ज्यादा हो सकती है।

यह पथरी पित्ताशय में एक जगह जमी हुई भी हो सकती है और अपनी जगह से खिसक भी सकती है। पित्ताशय की पथरी को समझने के लिए थोड़ा पित्ताशय के बारे में जानना जरुरी है। जो इस प्रकार है :

पित्ताशय – Gall bladder

पित्ताशय हमारे शरीर में लीवर के निचले हिस्से के पास एक प्रकार की थैली के रूप में स्थित होता है। यह लगभग तीन इंच लंबा होता है तथा इसका व्यास लगभग डेढ़ इंच होता है। कुछ नाशपती जैसे आकार का होता है। इसका संबंध पाचन तंत्र से होता है।

लीवर लगातार पित्त बनाता रहता है। लीवर में बनने वाला पित्त भोजन को पचाता है। लीवर का यह पतला पित्त अधिक गरिष्ठ भोजन और फैट को नहीं पचा पाता।

लीवर के द्वारा बना हुआ पित्त पित्ताशय में जाकर वहाँ गाढ़ा Concentrate होकर इकठ्ठा होता रहता है ।

जब पेट में अधिक गरिष्ठ भोजन या फैट पहुंचता है तो पित्ताशय में से गाढ़ा पित्त स्रावित होता है। यह गाढ़ा पित्त आसानी से गरिष्ठ भोजन को गला कर पचने योग्य बना देता है। फैट को पचाने में विशेष रूप से पित्ताशय की भूमिका होती है। लीवर की कार्यविधि को विस्तार से जानने के लिए के लिए यहाँ क्लिक करें

पित्ताशय की पत्थरी

पित्ताशय में पथरी कैसे बन जाती है

Reason Of Gallbladder Stone in hindi

—  पित्ताशय की पथरी अधिकतर कोलेस्ट्रॉल के कारण बनती है। लगभग 80% पथरी इसी कारण से बनती है। लीवर द्वारा बनाये गये पित्त में यदि कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक है तो पित्ताशय में पथरी बन सकती है।

वैसे तो पित्त में कोलेस्ट्रॉल को मिटाने का गुण होता है। परंतु यदि एक सीमा से अधिक कोलेस्ट्रॉल हो तो उसे पित्त नहीं मिटा पाता। यह अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल पित्ताशय में इकठ्ठा हो जाता है जो पथरी के रूप में नजर आता है। इससे कई प्रकार की परेशानी पैदा हो सकती है। इस प्रकार की पथरी अधिक बड़ी या अधिक संख्या में हो सकती है।

—  पित्ताशय की पथरी में से 20%  दूसरी पथरी कैल्शियम और बिलरुबिन के कारण बनती है। इन्हें पिग्मेंट स्टोन कहते है। लीवर द्वारा पुराने लाल रक्त कण नष्ट करने से बिलरुबिन बनता है। बिलरुबिन के कारण ही पीलिया में शरीर पीला पड़ जाता है।

यदि किसी कारण से बिलरुबिन अधिक मात्रा में बनता है तो यह भी पित्ताशय में इकट्ठा होकर पथरी का रूप ले सकता है।

—  पित्ताशय में इकठ्ठा होने वाला गाढ़े पित्त के निकलते रहने से पित्त सुचारू रूप से काम करता रहता है। लेकिन यदि पित्ताशय में से पित्त निकल नहीं पाता तो गाढ़ा पित्त जम कर पथरी बन सकती है।

इसके अतिरिक्त पित्ताशय में पथरी बनने के ये कारण भी हो सकते है :

—  यदि आप अधिक कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन लेते है तब भी पित्ताशय में पथरी बन सकती है।

—  कम समय में अधिक वजन कम होने से पथरी बनने की संभावना होती है।

—  डायबिटीज के कारण भी पथरी बन सकती है।

—  महिलाओं को पित्ताशय की पथरी बनने के संभावना अधिक होती है। हार्मोन के निर्माण में किसी कारण से कमी इसका कारण हो सकता है। गर्भाशय या स्तन कैंसर के कारण पथरी बन सकती है।

—  गर्भवस्था के समय पथरी बनने की संभावना बढ़ सकती है।

—  अनुवांशिक कारणों से पित्ताशय में पथरी बन सकती है।

—  साठ साल की उम्र के बाद इसके बनने की संभावना बढ़ जाती है।

—  लीवर सिरोसिस की कारण यह बन सकती  है।

—  किसी दवा के साइड इफ़ेक्ट के कारण भी पित्ताशय में पथरी बन सकती है।

पित्ताशय की पत्थरी

पित्ताशय की पथरी के लक्षण

Symptom Of Gall Stone hindi me

पित्ताशय में पथरी होने के बावजूद हर किसी को इसके लक्षण प्रकट नहीं होते। सम्भव है की पित्ताशय में पथरी होने के बाद भी किसी प्रकार की कोई परेशानी ना होती हो। ये साइलेंट पथरी होती है।

कुछ लोगों को पथरी के कारण दर्द की शिकायत होने लगती है। सामान्यतया इन लक्षणों के आधार पर पित्ताशय की पथरी का अंदाजा लगाया जा सकता है :

—  दायीं तरफ की पसलियों के ठीक नीचे की तरफ दर्द होना । पित्ताशय इसी जगह के आसपास स्थित होता है। अतः पथरी के कारण इस जगह दर्द महसूस हो सकता है।

यह दर्द पीछे पीठ की तरफ , दाएं कंधे की ब्लेड के पास या दाएं कंधे पर जाता हुआ महसूस हो सकता है। अलग अलग लोगों को यह दर्द कम या अधिक महसूस हो सकता है।पित्ताशय की पथरी

—  लंबी दूर तक पैदल चलने या सीढ़ी चढ़ने के कारण दायीं तरफ पेट में दर्द पथरी के कारण हो सकता है।

—  थोड़ा अधिक वजन उठाने पर पित्ताशय में दर्द यानि दायीं तरफ पेट में या पीठ में दर्द उत्पन्न होना पथरी का संकेत हो सकता है।

— पित्ताशय की पथरी के कारण बुखार हो सकता है। यदि बुखार का कोई कारण समझ में नहीं आ रहा हो और लगातार बुखार रहता हो तो डॉक्टर की सलाह लेकर एक बार इस पथरी की संभावना के हिसाब से सोनोग्राफी आदि चेकअप करा लेना चाहिए।

—  त्वचा में या आँखों  में पीलापन आ सकता है।

—  जी घबराना या उल्टी हो सकती है।

—  हल्का खाना खाने पर समस्या नहीं होती लेकिन गरिष्ठ भोजन लेने पर गैस बनना , पेट में भारीपन , पेट फूलना, जी घबराना , पेट के दाएं हिस्से में दर्द आदि होने लगते है।

पित्ताशय की पथरी के गंभीर परिणाम

Serious effects of gall stone in hindi

—  कभी-कभी पित्ताशय की पथरी पित्ताशय से निकल कर पित्त की नली  Common bile duct  में आकर फंस जाती है। इससे  लीवर से आने वाले पित्त का रास्ता भी अवरुद्ध हो जाता है।

इस वजह से बहुत तेज दर्द होता है। इसे पित्ताशय का अटैक कहते है। यह आपातकालीन स्थिति होती है जिसमे तुरंत आपरेशन की जरुरत होती है। अतः समय रहते पित्ताशय की पथरी का इलाज हो जाना ठीक रहता है , अन्यथा हालात कभी भी बिगड़ कर जान पर बन सकती है।

—  यदि पित्ताशय की पथरी का इलाज नहीं किया जाये तो पित्ताशय में संक्रमण हो सकता है जो अग्नाशय Pancreas   तक फ़ैल सकता है।

—  कभी कभी पित्ताशय की पथरी कैंसर का कारण भी बन जाती है।

पित्ताशय की पथरी का इलाज

Treatment of Gallstone in hindi

सोनोग्राफी से ही निश्चित हो पाता है की पित्ताशय में पथरी है या नहीं। डॉक्टर सोनोग्राफी की रिपोर्ट देखकर यह पता करते है कि पथरी कितनी बड़ी है , संख्या में कितनी है और पित्ताशय में कहाँ स्थित है।

इसी आधार पर पित्ताशय की पथरी का इलाज किया जाता है। यदि संभव हो तो कुछ दवाएं देकर इन्हें मिटाने की कोशिश की जाती है अन्यथा आपरेशन ही एक रास्ता बचता है।

ऑपरेशन में दूरबीन द्वारा पित्ताशय को पथरी बाहर सहित निकाल दिया जाता है। इसे अब माइनर सर्जरी में गिना जाता है। यदि कोई उलझन ना हो तो एक या दो दिन में हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाती है। सर्जन तीन या चार छोटे छेद करके उनके रास्ते पित्ताशय को बाहर निकाल देते है। ये छेद जल्दी ही ठीक हो जाते है।

घरेलु नुस्खों द्वारा पित्ताशय की पथरी का इलाज नहीं हो पाता। अतः किसी बहकावे में न आवें।

कुछ आयुर्वेदिक या होम्योपैथिक दवाओं से प्रारंभिक अवस्था में लाभ हो सकता है। फिर भी सोनोग्राफी से पित्ताशय में पथरी होना निश्चित पाया गया है तो खुद को मानसिक रूप से ऑपरेशन के लिए तैयार कर लेना चाहिए। क्योकि दवाओं से फर्क नहीं पड़ने पर आपरेशन करवाना ही पड़ता है। जिसकी संभावना अधिक होती है।

पित्ताशय निकाल देने पर क्या होता है

After Gall Bladder Removal

जिस प्रकार अपेंडिक्स के निकल जाने से शरीर में कोई फर्क नहीं पड़ता। उसी प्रकार पित्ताशय के निकल जाने के बाद भी एक स्वस्थ और आनंदपूर्वक जीवन जिया जा सकता है।

किसी किसी को सिर्फ एकाध बार या अधिक पतले दस्त हो सकते है। पतले दस्त का कारण पित्त का पित्ताशय के बजाय आँतों में जाना होता है। जिसे भोजन सम्बन्धी थोड़े से ध्यान रखने से ठीक किया जा सकता है। अधिक परेशानी होने पर डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। सामान्य रूप से इन बातों का ध्यान रखना चाहिए :

—  अधिक फैट युक्त तथा मिर्च मसाले युक्त भोजन ना लें। अधिक तले हुए गरिष्ठ भोजन जैसे कचोरी ,समोसा , टिकिया , पराठे , पिजा , बर्गर ,पोटेटो चिप्स आदि से भी बचें।

—  फाइबर वाला खाना यानि पत्तेदार सब्जी , चोकर युक्त आटा , छिलके सहित फल आदि अपने भोजन में जरूर शामिल करें। रेशे युक्त भोजन से मल से अतिरिक्त पानी की मात्रा कम हो जाती है।

—  फल , सब्जी , सलाद की मात्रा भोजन में ज्यादा लें।

—  जो खाद्य सामग्री दस्त लगा सकती हो उनसे बचना चाहिए। जैसे घी , फुल क्रीम युक्त दूध , मिठाई , तेज मिर्च मसाले आदि।

—  एक बार में अधिक खाने की बजाय थोड़ा थोड़ा भोजन तीन चार बार लेना चाहिए।

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