फाइबर क्यों जरुरी हैं आपके खाने में – Dietary Fibre

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फाइबर Fibre को भोजन में उतना महत्त्व नहीं दिया जाता , जितना कि विटामिन और खनिज लवण आदि को दिया जाता है। परन्तु खाने में फाइबर का होना भी उतना ही जरुरी हैं जितना विटामिन या कैल्शियम , आयरन या अन्य खनिज का होना । आइये जानें फ़ाइबर के फायदे , फ़ाइबर क्या है और ये क्यों जरुरी हैं।

फाइबर भोजन में मौजूद वो कार्बोहाइड्रेट होते हैं जिन्हें हमारा शरीर पचा तो नहीं पाता लेकिन आँतों में इनके होने से बहुत से लाभ मिलते हैं। विशेष कर ये मलत्याग ( stool ) की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं। यदि भोजन में इन्हे उचित मात्रा में शामिल किया जाये तो रात को रोजाना चूर्ण या फंकी आदि लेने की जरुरत नहीं पड़ती है।

फाइबर के फायदे

Fibre Benefits in hindi

फाइबर के कारण आतें स्वस्थ रहती हैं।

कब्ज से बचाव होता है।

आँतों की कार्य क्षमता तथा पोषक तत्वों के अवशोषण की शक्ति बढती है।

मल ( stool ) नर्म होता है जिससे उसे बाहर निकालना आसान और नियमित बनता है।

आँतों में मौजूद लाभदायक बेक्टीरिया को पोषण और ताकत मिलती है।

हृदय रोग , डायबिटीज तथा हाई ब्लड प्रेशर आदि से बचाव होता है ।

फाइबर कैसे और क्या काम करते हैं

How fibre work hindi me

फ़ाइबर मुख्यतः दो प्रकार के होते है – घुलनशील Soluble fibre और अघुलनशील Insoluble fibre

वैज्ञानिकों के अनुसार फ़ाइबर घुलनशील है या अघुलनशील इस पर विचार करने से ज्यादा जरुरी यह है कि भोजन में फ़ाइबर युक्त चीजें शामिल होनी चाहिए।

सभी प्रकार के घुलनशील फाइबर पाचन को धीमा करते हैं जिसके कारण भोजन में मौजूद शक्कर शरीर में धीरे अवशोषित होती है। इससे रक्त में शक्कर की मात्रा तुरंत नहीं बढती। यह प्रक्रिया डायबिटीज कंट्रोल करने में सहायक होती है।

इसके अलावा घुलनशील फाइबर फैट से चिपक कर उसे शरीर से बाहर निकालते हैं और इस तरह हानिकारक LDL कोलेस्ट्रोल को कम करने सहायक होते हैं। इससे हृदय रोग से बचाव होता है।

अघुलनशील फाइबर आँतों की सफाई करने में सहायक होते हैं। यह कब्ज से बचाकर नियमित पेट साफ करने में मदद करते हैं। ये मल को नर्म बनाते हैं और उसे बाहर निकलना आसान बनाते हैं।

फाइबर जब बड़ी आंत में पहुँचते हैं तो वहाँ मौजूद बेक्टीरिया Microbiota उन्हें फरमेंट Ferment करते हैं । इस प्रक्रिया में कार्बन डाई-आक्साइड , मीथेन , हाइड्रोजन और फैटी एसिड बनते हैं। फेटी एसिड को शरीर अवशोषित कर लेता है। यह पाचन तंत्र के लिए बहुत लाभदायक होता है।

फाइबर प्री बायोटिक की तरह काम करते हैं और प्रो बायोटिक ( अच्छे बैक्टीरिया ) के लिए मददगार होते हैं यह पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है।

रोजाना कितने फाइबर की जरुरत

Daily Need of fiber in hindi

उम्र के अनुसार प्रतिदिन फाइबर की आवश्यकता इस प्रकार है –

2 – 5  वर्ष                15 ग्राम

5 – 11 वर्ष               20 ग्राम

12 – 17  वर्ष            25 ग्राम

17 वर्ष से अधिक         30 ग्राम

फाइबर के लिए क्या खायें

Food for fibre hindi me

अनाज , छिलके वाली दाल , फल , सब्जी , मेवे आदि फाइबर प्रचुरता में पाए जाते हैं ,  विशेषकर इनके छिलकों में। छिलकों में अन्य भी कई पोषक तत्व होते हैं अतः संभव हो तो अनाज और फल सब्जी का उपयोग छिलके सहित करना चाहिए।

फाइबर क्यों जरुरी खाने में

इसीलिए चोकर युक्त आटा , ब्रॉउन राइस , आलू छिलके सहित खाने की सलाह दी जाती है। छिलकों में प्रचुर मात्रा में अघुलनशील फ़ाइबर होता है।

साबुत अनाज , अंकुरित अनाज , मटर , फलियाँ , छिलका युक्त दालें , गाजर , प्याज , जौ , सेब , केला, नाशपाती, अंगूरशकरकंदबादाम , अलसी के बीज , फूल गोभी  , टमाटर आदि फाइबर के अच्छे स्रोत हैं।

फल सब्जी छिलके सहित उपयोग में ले रहे हो तो अच्छी तरह धोकर काम लेना चाहिए।

फाइबर किन चीजों में नहीं होता है

Fibre less food in hindi

जाने अनजाने हम ऐसी चीजों के आदि हो जाते हैं जिनका स्वाद हमें पसंद आने लगता है लेकिन इनमे फ़ाइबर की मात्रा नहीं होने या बहुत कम होने से दीर्घावधि में इनके दुष्परिणाम सामने जरूर आते हैं। आइये जाने कि किसमें फाइबर नहीं होता है या बहुत कम होता है –

—  मैदा से बनी हुई चीजें जैसे पिजा , बर्गर , भटूरा , सफ़ेद ब्रेड , केक , वेफल्स आदि

—  सादा सफ़ेद चावल , प्लेन पास्ता

—  डब्बा बंद बिना छिलके वाली पकी हुई सब्जियां या फल

—  फल या सब्जी के बिना गुदे वाले जूस , कोल्ड ड्रिंक आदि

—  अंडा , मांस , मछली

—  दूध और दूध से बने आहार जैसे दही , छाछ , घी , मक्खन , आइसक्रीम , पुडिंग , पनीर , चीज  

—  खाद्य तेल 

फाइबर के बारे में ध्यान रखें

Fibre intake tips and care

एक बार में अधिक मात्रा में फ़ाइबर से थोड़ी परेशानी हो सकती है जैसे पेट फूलना , पेट में एंठन से होना। अतः एक साथ अधिक मात्रा में फ़ाइबर नहीं लेने चाहिए।

यदि पेट में अल्सर हो या एसिडिटी ज्यादा हो तो Fiber कम मात्रा में ही लेने चाहिये।  इसके अलावा आँतों की या मलद्वार की कोई समस्या हो फ़ाइबर बढ़ाने से पहले चिकित्सक की सलाह जरुर ले लेनी चाहिए।

यदि फ़ाइबर का उपयोग बढ़ाना चाहते धीरे धीरे बढ़ाना चाहिए। अनुकूलता होने पर मात्रा बढ़ा सकते हैं।

अधिक फाइबर युक्त भोजन ले रहे है तो पानी पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए।

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