बसंत पंचमी महत्त्व और पीले मीठे चावल की विधि – Basant Panchami

2006

बसंत पंचमी Vasant Panchmi बसंत ऋतु का एक खास दिन है। माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को यह दिन आता है। बसंत ऋतु को ऋतुराज कहा जाता हैं। प्रकृति इसे मनोरम दृश्यों के साथ दर्शाती है। खुशनुमा वातावरण चारो ओर महसूस होने लगता है। कड़क सर्दी की परेशानी समाप्त होकर बसंत में एक नई उमंग पैदा होती है।

इस समय पतझड़ समाप्त होता है व पेड़ो में नए अंकुर और कोंपल फूटने लगते है। चारों और फूल खिले हुए दिखाई देते है। मन हर्ष और उल्लास से भर जाता है। इसी दिन से फ़ाग उड़ाना प्रारम्भ करते है जो फाल्गुन की पूर्णिमा तक चलते है।

बसन्त पंचमी 2022 कब है

बसंत पंचमी 2022 –  5 फरवरी , शनिवार 

बसंत पंचमी Basant panchami कैसे मनाते हैं

पूरे भारत वर्ष में बसन्त पंचमी का उत्सव उत्साह के साथ मनाया जाता है। अलग अलग प्रान्तों में इस दिन का आनंद उठाने के अलग अलग तरीके होते है।

basant panchami के दिन विद्या की देवी सरस्वती जी की घरों व स्कूलों में पूजा की जाती हैं। यह दिन ज्ञान और बुद्धि की देवी का प्राकट्य दिवस माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती का पूजन शुभ मुहूर्त मे करने से ज्ञान मे वृद्धि होती है तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है ।

इस दिन सूर्य उदित होने से पहले स्नान करके माँ सरस्वती की पूजा करनी चाहिए ।

( इसे अवश्य देखें :  माँ सरस्वती के भजन , आरती , वंदना )

बसंत पंचमी का दिन स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त होता है । अबूझ मुहूर्त होने के कारण यह दिन नए कार्य की शुरुआत के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन घर की नींव रखना , गृह प्रवेश , वाहन खरीदना , व्यापार शुरू करना आदि शुभ होता है।

कुछ लोगों के मन में सवाल होता है कि वसंत पंचमी  Vasant panchami  कैसे मनाएं। बसंत पंचमी पर क्या खाना बनायें  Basant Panchami ka khana , या बसंत पंचमी के दिन क्या करते हैं।

बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का बहुत महत्व होता है। भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है । अतः इस दिन पीले वस्त्र पहने जाते है , पूजा में पीले फूल रखे जाते है। भोग के लिए तथा परिवार के लिए पीले रंग की मिठाई बनाई जाती है। विशेषकर केसर युक्त पीले चावल घर-घर में बनाये जाते है। इन्हें पीले मीठे केसरी भात Kesari bhat भी कहते है।

दक्षिण भारत में रवा केसरी Rava kesri बनाई जाती है और गुजरात में पूरन पोली बनाई जाती है।

( इसे भी पढ़ें : पूरन पोली बनाने की विधि )

इस विशेष दिन का आनंद उठाने के लिए केसर युक्त स्वादिष्ट पीले मीठे चावल बनाने की विधि आपके लिए प्रस्तुत है :

बसंत पंचमी के पीले मीठे चावल बनाने की सामग्री

Basant Panchami ke pile mithe chaval ki samagri

बासमती चावल                         1  कप

चीनी                                3 /4  कप

देशी घी                              2  चम्मच

पानी                                5 -6  कप

तेजपत्ता                                1  पीस

लौंग                                    2  पीस

बादाम कटे हुए                      1  चम्मच

काजू कटे हुए                       1  चम्मच

हरी इलायची                          4  पीस

केसर                                15  पत्ती ( लगभग )

पीला रंग ( खाने वाला )           एक चुटकी

बसंत पंचमी के पीले मीठे चावल बनाने की विधि

Basant panchami ke pile mithe chaval ki vidhi

—  बासमती चावल को धोकर आधे घण्टे के लिए भिगों दें।

—  केसर को आधी कटोरी दूध में भिगो कर घोट लें व इसमें पीला रंग डाल भी मिला दें।

—  2 इलायची छीलकर पीस लें।

—  काजू और बादाम को काट कर टुकड़े कर लें।

—  एक भारी तले वाले बर्तन में आधा चम्मच घी डालकर गर्म करें।

—  इसमें तेजपत्ता , लौंग व 2 हरी इलायची डालें।

—  इसमें भीगे हुए चावल डालकर दो मिनिट भूने अब इसमें पानी डालकर चावल पकने तक उबाल ले।

—  चावल पकने पर छानकर अतिरिक्त पानी निकाल दें और चावल ठंडे होने के लिए अलग रख दें।

—  एक कढ़ाई या नॉन स्टिक पैन में डेढ़ चम्मच घी डालकर गर्म करे।

—  इसमें धीमी आंच पर काजू  गुलाबी होने तक फ्राई करके एक प्लेट में निकाल लें।

—  काजू तलकर निकालने के बाद इस कढ़ाई में चावल डालें फिर शक्कर भी डाल दें।

—  तैयार केसर और रंग का मिश्रण इसमें मिला दें।

—  शक्कर डालते ही चाशनी बनने लगती हैं गैस तेज करके हल्के हाथ से चावल को हिलाते हुए चाशनी का पानी सूखा लें।

—  पिसी इलायची , काजू , बादाम मिला दें।

—  खिले खिले पीले मीठे चावल तैयार है।

—  इन्हें प्लेट में डालकर थोड़े मेवे डालकर सर्व करें।

—  इसे गर्म भी खाया जा सकता है और ठंडा भी। जैसा भी पसंद हो। मुझे ठंडा पसंद आता है।

बसंत पंचमी

बसंत पंचमी के पीले मीठे चावल टिप्स

Basant panchami pile chawal tips

—  चावल ज्यादा गलने नहीं चाहिए। थोड़े से खड़े व खुले खुले पकाना ठीक रहता है।

—  चावल उबालकर ठंडे करने के बाद मीठे चावल बनाते है तो खिले खिले बनते हैं।

—  काजू तलते समय तुरन्त जल जाते हैं इसीलिए ध्यान पूर्वक घीमी आंच पर तले।

—  यदि आप रंग नहीं मिलाना चाहें तो केसर की मात्रा बढ़ा दें।

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