मिलावट की पहचान घर पर कैसे करें – How to check Adulteration at home

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मिलावट किये हुए खाने पीने के सामान के पकड़े जाने की खबर आये दिन अख़बार में पढ़ते रहते है। शक पैदा होता है कि हम जो सामान काम में ले रहें है कहीं उसमे मिलावट तो नहीं है।

दुकानदार की चिकनी चुपड़ी बातों पर ही भरोसा करना पड़ता है। मन में यह ख्याल आता है कि काश हमारे पर कुछ ऐसा तरीका होता जिससे खाने पीने के सामान में मिलावट की जानकारी आसानी से हो जाती तो कितना अच्छा होता।

बच्चों को रोज उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्यार से मनाकर , डांट कर , लालच दे कर जबरदस्ती पौष्टिक चीजें जैसे दूध आदि  दिया जाता है। घी में पराठे आदि बना कर खिलाये जाते है।

पर मन में कहीं एक चिंता जरूर रहती है की जो घर वालों को इतनी मेहनत से खिला पिला रहे है , कही वह मिलावट वाली तो नहीं है। कही फायदे की जगह उससे नुकसान तो नहीं ही जायेगा।

यह चिंता दूर करने का तरीका यही है की हम किसी तरह मिलावट की जाँच कर पाएं। लेकिन मिलावट की जाँच के लिए लैबोरेटरी के जटिल केमिकल आदि की झंझट में पड़ना बहुत मुश्किल होता है।

कुछ रोजाना काम में आने वाले खाने पीने के सामान की घर पर आसानी से जाँच की जा सकती है। यहाँ इसी प्रकार की कुछ बातें बताई जा रही है जिनसे मिलावट वाली चिंता कुछ सीमा तक दूर हो सकती है। इन्हें जानकर लाभ उठायें।

दूध में मिलावट की पहचान – Milk Adulteration

दूध में यूरिया , डिटर्जेंट , स्टार्च , कास्टिक सोडा , बोरिक एसिड , हाइड्रोजन परॉक्साइड या पानी आदि की मिलावट हो सकती है। यह बच्चों के लिए बहुत नुकसानदेह है। दूध में मिलावट की जांच इस प्रकार की जा सकती है।

दूध में पानी की मिलावट की जाँच :

दूध की एक दो बूँद एक आड़ी सतह पर डालकर देखें। यदि दूध थोड़ा मुश्किल से बहे और पीछे दूध की लकीर बने तो दूध शुद्ध समझना चाहिए। और यदि आसानी से तुरंत बह जाये और पीछे पानी जैसे लकीर बने तो दूध में पानी मिला जानना चाहिए।

लेक्टोमीटर के द्वारा भी  दूध में पानी की जाँच आसानी से की जा सकती है । इसमें एक काँच की नली में दूध भरकर साथ में दिया छोटा सा उपकरण उसमे डालना होता है। इस पर बने हुए माप से दूध में मिले हुए पानी का तुरंत पता चल जाता है।

मिलावट

दूध में यूरिया मिलावट की जाँच :

एक कप में दो चम्मच दूध लें। इसमें एक चम्मच सोयाबीन का आटा मिला दें। पांच मिनट बाद इसमें लाल लिटमस पेपर डालें। यदि इसका रंग बदल कर नीला हो जाये तो इसका मतलब है की दूध में यूरिया मिला हुआ है।

दूध में फोर्मलिन की जाँच :

दो चम्मच दूध में दो तीन बून्द सल्फ्यूरिक एसिड डालें।यदि दूध के ऊपर नीले रंग का छल्ला सा बना दिखाई दे तो यह दूध में फोर्मलिन मिलाया गया होता है। फोर्मलिन मिलाने से दूध जल्दी ख़राब नहीं होता। इसलिए कई डेरी इसका यूज़ कर लेती है।

इसके अलावा डिफेंस फूड रिसर्च लेबोरेट्री  ( DFRL ) ने दूध की जाँच के लिए एक किट विकसित किया है जिससे दूध में हर प्रकार की मिलावट की जाँच की जा सकती है।

इस किट का नाम टेस्टो मिल्क है। यह आसानी से यूज़ किया जा सकने वाला स्ट्रिप बेस्ड टेस्ट किट है। दूध में साथ में दी गई स्ट्रिप डालने से मिलावट का पता चल जाता है।

मिलावट के विरोध में यदि क़ानूनी कार्यवाही करनी हो तो आपको कानूनी रूप से मान्यता वाली अनुमोदित टेस्टिंग लैबोरेटरी से जाँच करवाकर रिपोर्ट लेनी होती है । जहाँ साइंटिफिक तरीकों से जाँच करके रिपोर्ट बनाई जाती है।

हल्दी में मिलावट की पहचान

हल्दी में मेटानिल येलो नामक रंग की मिलावट हो सकती है। जो कैंसर का कारण बन सकती है। इसकी जाँच काने के लिए हल्दी पाउडर में पांच बूँद पानी और पांच बून्द हाइड्रोक्लोरिक एसिड की मिलाएं। यदि हल्दी का रंग बैंगनी या गुलाबी हो जाये तो हल्दी में मिलावट की गई है।

शहद में मिलावट की पहचान

मिलावट

—  शहद की जाँच करने के लिए रुई की बत्ती बना कर शहद में डुबोकर जलाएं। यदि चटक कर बत्ती जल जाये तो शहद असली है , यदि बत्ती नहीं जलती है शहद में मिलावट की गई है ।

—  एक घर की मक्खी पकड़ कर शहद में डुबो दें। यह बाहर निकल कर उड़ जाये तो शहद असली है। मक्खी उड़ नहीं पाये तो शहद मिलावटी समझें।

—  एक कांच के गिलास में पानी भरकर उसमे शहद की एक बूँद डालें। यही यह बूँद सीधी जाकर नीचे बैठ जाये तो शहद असली है। यदि यह तली में पहुंचने से पहले ही घुल जाये या नीचे पहुंच कर तुरंत फ़ैल जाये तो शहद मिलावटी होता है।

शक्कर में मिलावट की पहचान

शक्कर में चॉक पाउडर , यूरिया , आदि मिले हो सकते है।

—  दो चम्मच शक्कर को एक कप पानी में डालकर गर्म करें यदि इसमें चॉक पाउडर होगा तो नीचे दिखाई देगा।

—  शक्कर को पानी में डालने पर अमोनिया की बदबू आती है तो इसका मतलब है की शक्कर में यूरिया की मिलावट मौजूद है।

—  एक कप पानी में एक चम्मच शक्कर घोल लें। इसमें तीन चार बून्द हाइड्रोक्लोरिक एसिड की डालें। यदि गुलाबी रंग दिखाई दे। तो शक्कर को अशुद्ध समझना चाहिए।

दाल में रंग की पहचान

दाल में लेड क्रोमेट की मिला हो सकता है। इसकी जाँच करने के लिए एक चम्मच दाल में एक चम्मच पानी डालें। कुछ बून्द हाइड्रोक्लोरिक एसिड की डालें। यदि गुलाबी रंग दिखाई दे तो इसका मतलब इसमें लेड क्रोमेट मिलाया गया है। यदि गहरा लाल रंग दिखाई दे तो इसका मतलब है दाल में मेटानिल नामक रंग मिलाया गया है।

चावल में  मिलावट की पहचान

चावल में जाँच करने के लिए चावल को हाथ में लेकर रगड़ें। यदि हाथ में रंग दिखाई देना रंग चढ़ाये जाने का संकेत होता  है। एक चम्मच चावल में एक दो चम्मच पानी मिलाएं। इसमें कुछ बून्द हाइड्रोक्लोरिक एसिड की डालें। यदि पीला रंग दिखाई दे तो चावल में मिलावट की गई है ऐसा समझना चाहिए।

घी में मिलावट की पहचान

शुद्ध देसी घी में वनस्पति घी , आलू या स्टार्च की मिलावट हो सकती है। वनस्पति घी चेक करने के लिए एक कप में एक चम्मच घी लें इसमें एक चम्मच हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिला दें। पांच मिनट बाद देखें। यदि लाल रंग दिखाई दे तो घी मिलावट वाला समझना चाहिए।

आलू या स्टार्च की जाँच के लिए घी में आयोडीन की कुछ बून्द डालें। यदि नीला रंग दिखाई दे तो समझ जाना चाहिए की घी में आलू या स्टार्च मिला हुआ है।

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