पेशाब में परेशानी Peshab Me Pareshani किसी को भी हो सकती है। प्रकृति ने हमारे शरीर को शुद्ध रखने के लिए कई तरह की महत्त्वपूर्ण कार्य प्रणाली बनाई है। इनमें से पेशाब या मूत्र का उत्सर्जन भी शामिल है। यूरिन के माध्यम से शरीर विषैले तत्वों को बाहर निकालता है।
हमारे शरीर में मौजूद दो गुर्दे Kidneys लगातार खून को साफ करते रहते है। खून दिन में कई बार गुर्दों से होकर गुजरता है। गुर्दे खून से अवशिष्ट पदार्थ खासकर यूरिया और यूरिक एसिड को बाहर निकालते है।
इसके अलावा गुर्दे शरीर में पानी की मात्रा संतुलित रखते है। इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस यानि सोडियम , पोटेशियम, कैल्शियम की उचित मात्रा बनाए रखते है तथा खून की मात्रा और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करते है।
गुर्दों से निकलकर मूत्र या पेशाब Urine मूत्र नलिकाओं से होता हुआ पेशाब की थैली Urine Bladder में लगातार इकठ्ठा होता रहता है। ब्लैडर से मूत्र यूरेथ्रा ( Urethra ) से होता हुआ शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है।प्रत्येक किडनी में लगभग 10 लाख न्यूरॉन्स होते है जो छलनी का काम बड़ी मुस्तैदी से करते है।
पेशाब आये तो रोक कर नहीं रखना चाहिए अन्यथा क्या नुकसान हो सकते है जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
गुर्दों के कार्य करने में पानी बहुत महत्त्वपूर्ण है। पानी की मदद से किडनी की प्रक्रिया आसानी से चलती रहती है। इसलिए चाहे सर्दी हो या गर्मी पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत आवश्यक होता है। ( इसे पढ़ें : पानी कब और कैसे और कितना पीना चाहिए )
गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडा रखने के लिए स्किन के माध्यम से भी बहुत सारा पानी निकल जाता है। यदि गर्मी में अधिक पानी नहीं पीते है तो कई परेशानियाँ पैदा हो सकती है।जैसे पेशाब में जलन होना , पेशाब रुक रुक कर आना, पेशाब का रंग पीला होना आदि। हालाँकि पेशाब में परेशानी के अन्य कारण भी हो सकते है।
कई बार पेशाब सम्बन्धी दूसरी तकलीफें हो जाती है। जैसे पेशाब बार बार आना , पेशाब के साथ वीर्य आना , जिसे पेशाब के साथ धातु जाना भी कहते है , पेशाब के साथ खून या मवाद आना , पेशाब लाल या गुलाबी रंग का आना आदि। पेशाब में इन सभी तरह की समस्याओं में घरेलु नुस्खों से आराम आ सकता है।
पेशाब में परेशानी के घरेलु उपचार अपनाकर परेशानी कम की जा सकती है। समस्या अधिक गम्भीर हो तो चेकअप जरूर कराना चाहिए।
किसी किसी को पेशाब ना चाहते हुए भी कपड़ों में ही लीक हो जाता है कंट्रोल नहीं कर पाते। इसे यूरिन इन कॉन्टिनेंस कहते है। यूरिन इन कॉन्टिनेंस के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
कृपया ध्यान दें : किसी भी लाल अक्षर वाले शब्द पर क्लीक करके उस शब्द के बारे में विस्तार से जान सकते है।
मूत्र रोगों के घरेलु उपाय – Mutra Rog Gharelu Upay
Peshab Me Taklif Ke Gharelu Nuskhe
पेशाब में जलन – Peshab Me Jalan
— रात को एक गिलास पानी में 10 -12 मुनक्का भिगो दें। सुबह मुनक्का उसी पानी के साथ पीस लें। इसे छानकर इसमें थोड़ा भुना पिसा जीरा मिलाकर पीये। इससे पेशाब की जलन मिट जाती है और पेशाब खुलकर आता है।
— एक गिलास पानी में दो चम्मच साबुत धनिया और एक चम्मच पिसा हुआ आंवला रात को भिगो दें। सुबह उसी पानी में मसल कर छान कर पी लें। ऐसा ही पानी शाम को भी पिएँ। 5 -7 दिन इस पानी को सुबह शाम पीने से पेशाब में जलन मिट जाती है।
— रात को एक गिलास पानी में दो देसी गुलाब के फूल की पत्तियां डालकर रख दें। सुबह हल्का सा मसल कर छान लें। एक चम्मच पिसी हुई मिश्री मिलाकर पी लें। ये पानी कुछ दिन लगातार पीने से पेशाब की जलन मिट जाती है।
— एक बताशे में 3 -4 बूँद शुद्ध चन्दन का तेल डालकर खा लें। सप्ताह भर लें। पेशाब की हर तरह की जलन मिटाने के लिए ये प्रयोग उत्तम है।
— एक कप खीरे का रस कुछ दिन लगातार पीने से पेशाब में जलन शांत होती है।
— एक गिलास लौकी का रस सुबह शाम रोजाना पीने से पेशाब की जलन में बहुत आराम आ जाता है।
— 250 ग्राम बथुआ लगभग तीन ग्लास पानी में उबाल लें। ठंडा होने पर छान लें। इस पानी में स्वाद के अनुसार सेंधा नमक , नींबू का रस और काली मिर्च मिलाकर पी लें। दिन में तीन बार ये पानी पीने से पेशाब में जलन ,पेशाब के बाद दर्द आदि ठीक हो जाते है।
— आधा गिलास चावल के मांड में चीनी मिलाकर पीने से पेशाब की जलन मिटती है।
— साबुत धनिये की गिरी पिसी हुई और कुंजा मिश्री पिसी हुई दोनों समान मात्रा में लेकर मिला लें। इसे सुबह शाम खाली पेट एक एक चम्मच ठन्डे पानी से फांक लें। पेशाब में जलन अवश्य दूर हो जाएगी।
— बील की 8 -10 पत्तियां बारीक पीस कर एक गिलास पानी में घोलकर पी लें। ये उपाय सुबह शाम तीन दिन में पेशाब की जलन मिटा देगा।
पेशाब में रूकावट – Peshab me rukawat
— आधे ग्लास पानी में आधा गिलास लौकी का रस , चार चम्मच पिसी मिश्री और एक ग्राम कलमी शोरा मिलाकर पीने से पेशाब की रूकावट दूर होकर पेशाब आना शुरू हो जाता है। एक खुराक काफी होती है। अगर असर नहीं हो तो एक घंटे बाद एक खुराक और लेनी चाहिए।
— एक गिलास पानी में भुट्टे के सुनहरे बाल लगभग ३० ग्राम डालकर उबालें। एक तिहाई रह जाये तब छान कर पी लें। इसमें कुछ भी ना मिलाएं। इससे पेशाब साफ़ और खुलकर आता है। रुक रुक कर बूँद बूँद आना बंद होता है। सुबह शाम ये पानी पीने से छोटी गुर्दे की पथरी भी निकल जाती है।
— नारियल पानी में समान मात्रा में पालक का रस मिलाकर पीने से पेशाब की रूकावट ठीक होती है।
— एक करेला , एक टमाटर और एक खीरा गर्म पानी से धोकर इनका जूस निकाल लें। इसमें सदाबहार के 5 फूल पीसकर मिला दें। इस जूस के सेवन से पेशाब खुलकर आता है। विषैले तत्व शरीर से निकल जाते हैं।
बार बार पेशाब आना – Bar Bar Peshab Aana
— यह डायबिटीज के कारण हो सकता है। पेशाब की और खून की जाँच करानी चाहिए। यदि इनमे शक्कर की मात्रा ज्यादा आये तो डायबिटीज का इलाज लेना चाहिए। डायबिटीज के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
— शाम के समय भुने हुए चने आधी कटोरी छिलके सहित अच्छे से चबा चबा खाकर ऊपर से थोड़ा गुड़ खा लें। फिर थोड़ा पानी पी लें। इस तरह 10 -12 दिन लगातार चने खाने से ज्यादा और बार बार पेशाब आना कम हो जाता है।
— सर्दी के मौसम में सुबह शाम तिल और गुड़ का लडडू खाने से बार बार पेशाब आना कम होता है।
— रात को बार बार पेशाब आता हो तो शाम को पालक किसी भी रूप में खाने से फायदा होता है।
— लंच के बाद दो पके हुए हुए केले खाने से ज्यादा और बार बार पेशाब आना ठीक हो जाता है।
— अंगूर खाने या अंगूर का रस पीने से गुर्दों को ताकत मिलती है बार बार पेशाब आना बंद होता है।
— जामुन की गुठली और काले तिल पीस कर समान मात्रा में लेकर मिला लें। मिश्रण सुबह शाम दो चम्मच पानी के साथ लेने से बिस्तर में पेशाब आना और वृद्धजनो का बार बार पेशाब आना बंद हो जाता है।
— पिसी हुई अजवायन आधा चम्मच और गुड़ आधा चम्मच दोनों को मिलाकर खाने से मूत्र अधिक मात्रा में आना बंद हो जाता है।
पेशाब के साथ वीर्य या धातू जाना – Peshab Ke Sath Dhat Nikalna
— एक कटोरी साबुत गेहुँ रात को एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह इसी पानी के साथ इसे बारीक पीस ले। इसमें एक चम्मच मिश्री मिलाकर पी लें। इसे एक सप्ताह तक लगातार पीने से पेशाब के साथ वीर्य जाना बंद होता है।
— दो चम्मच आंवले का रस और दो चम्मच शहद मिलाकर कुछ दिन लगातार पीने से पेशाब के साथ वीर्य या धातू जाना बंद होता है।
— गाजर का रस आधा गिलास और दो चम्मच आंवले का रस मिलकर पीने से टॉइलेट में चिपचिपा पदार्थ आना बंद होता है।
— पेशाब में झाग अधिक आने का कारण प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है। प्रोटीन लेना कम करने से और अधिक पानी पीने से ऐसा होना बंद हो जाता है।
— पेशाब का रंग अधिक पीला है तो यह पीलिया हो सकता है। जाँच करवाकर पीलिया का उपचार लेना चाहिए।
— पेशाब का रंग लाल या गुलाबी होने का कारण पेशाब में रक्त जाना हो सकता है। यह गुर्दे में पथरी , यूरिन इन्फेक्शन UTI अथवा अन्य कारणों से हो सकता है। इसकी जाँच करवा लेनी चाहिए। कभी कभी चुकंदर जैसी चीजें खाने से भी पेशाब लाल आ सकता है , इससे परेशान नहीं होना चाहिए।
इन्हें भी जाने और लाभ उठायें :
खाने में डाले जाने वाला अजीनोमोटो क्यों खतरनाक
बर्फ को इस तरह काम लेने से बहुत फायदा होगा
बुरे सपने या अच्छे सपने का अर्थ होता है
बेसन के फायदे नुकसान और मोटा लें या बारीक
रुद्राक्ष धारण करने के फायदे और असली की पहचान
डॉक्टर की डिग्री में लिखे शब्दों का क्या मतलब है
नाभि खिसकी हो तो खुद चेक करके कैसे ठीक करे
पीसीओडी और अनियमित मासिक में सम्बन्ध
कौनसे स्पेशलिस्ट डॉक्टर को दिखाएँ