लहसुन के फायदे और यौवन प्राप्ति – Lahsun Ke Magical Fayde

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लहसुन Garlic खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए काम मे लिया जाता रहा है। इसका अलग तरह का तीखा स्वाद इसकी विशेषता है। लेकिन इसमें एक विशेष प्रकार की गंध भी होती है जो थोड़ी अप्रिय होती है पर इसके फायदे बहुत हैं।

लहसुन lahsun में यह तीखा स्वाद व तीखी गंध इसके सल्फर युक्त तत्व एलीसिन के कारण होती है। लहसुन को काटने या पीसने पर ही फायदेमंद एलीसिन प्राप्त होता है। इसी के कारण लहसुन औषधि का काम करता है।

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लहसुन के फायदे – Garlic Benefits

लहसुन  lahsun  शरीर के सभी रोगों को ठीक करने में सक्षम होता है। यह रक्त को पतला  करता है । ये अच्छे कोलेस्ट्रॉल  HDL  को बढ़ाता है और बुरे कोलेस्ट्रॉल LDL को कम करता है। इसका एलिसिन तत्व हाई ब्लड प्रेशर को कम बनाये रखने में मददगार होता है।

लहसुन नियमित खाने से ब्लड क्लोटिंग की समस्या से बचाव हो सकता है। ये शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है जिससे कई प्रकार की बीमारियां दूर रहती है।

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यह प्राकृतिक एंटी बायोटिक  , एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल होता है। लहसून विजातीय पदार्थों को शरीर से बाहर निकाल देता है। रेडिएशन के दुष्प्रभावों को मिटाता है। इसका सेवन हार्ट , आँतों , फेफड़ों , स्किन प्रॉब्लम आदि के लिए फायदेमंद होता है।

लहसून ( lahsun ) कील मुहांसे , फोड़े फुंसी , एसिडिटी , कब्ज आदि को ठीक करने में मददगार होता है। पेट के कीड़े मिटाने में यह विशेष प्रभावकारी होता है।

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लहसून ( lahsun ) के सेवन का सबसे आसान व लाभदायक तरीका लहसुन के छोटे छोटे टुकड़े करके पानी  के साथ निगलना होता है।

लहसून की चटनी बनाकर खाना भी एक बहुत अच्छा तरीका है। इसे किसी के साथ भी यूज़ किया जा सकता है जैसे सैंडविच , पकौड़ी , भेलपुरी , पराठा आदि। लहसून की चटनी बनाने की विधियां जानने के लिए यहाँ क्लीक करें

लहसून की प्रकृति गर्म होती है। इसमें तेज गंध होती है। लहसून को छीलकर आठ घंटे पानी या छाछ में भिगोकर खाने पर गंध नहीं आती है। सूखा धनिया चबाने से भी लहसून की गंध मिट जाती है।

लहसुन कब नहीं खाना चाहिए

—  यदि लिवर की किसी बीमारी से ग्रस्त हो तो लहसुन नहीं खाना चाहिए , इससे समस्या और बढ़ सकती है।

—  पेट में अल्सर हो तो लहसून का उपयोग नहीं करना चाहिए।

—  लहसुन की तासीर गर्म होती है अतः डायरिया यानि दस्त लगे हों तो लहसून नहीं लेना चाहिए।

—  खून की कमी हो तो लहसून नहीं खाना चाहिए।

—  यदि एलर्जी हो तो लहसून का उपयोग नहीं करना चाहिए। लहसून से परेशानी बढ़ सकती है।

—  कुछ विशेष दवा के साथ लहसून खाना बंद करना पड़ सकता है , यह डॉक्टर से पूछ लेना चाहिए।

—  होमियोपेथी की दवा ले रहे हों तो लहसून जैसी तेज गंध वाली चीजें का परहेज बताया जाता है।

लहसुन से पुनर्योवन

lahsun लहसुन से कायाकल्प अमृत ( Elixir of Rejuvenation ) बनाकर लेने से कायाकल्प होकर पुनर्योवन की प्राप्ति होती है। यह बहुत आसान व सुलभ नुस्खा है जिसे उपयोग में लाकर इसका फायदा लिया जा सकता है। इसे बनाना भी बहुत आसान है।

इसकी विधि इस प्रकार है :–

250 ग्राम लहसुन छीलकर बारीक पीस लें। लगभग 25  नींबूओं  का रस निकालकर एक कांच के बर्तन में भर लें। अब इसमें पिसा हुआ लहसुन डालकर अच्छे से हिला लें । इसे 24 घंटे के लिए रख दें।  कायाकल्प अमृत तैयार है। इसमें से  एक चम्मच रस लेकर एक कप गुनगुने पानी में मिलाकर पी लें। लगातार 15 दिनों तक पीए।

शरीर में पुनर्योवन के चमत्कार को जरुर महसूस करेंगे।

लहसुन के घरेलु नुस्खे

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—  एक चम्मच शहद में चार पांच बूँद लहसून का रस मिलाकर सुबह शाम लेने से खांसी ठीक हो जाती है।

—  एक कली लहसून और एक काली मिर्च पीसकर सूंघने से फ्लू जल्दी ठीक होता है।

—  ज्यादा ठंडी चीजें खाने से या तेज बोलने से गला बैठ गया है तो गर्म पानी में लहसून का रस डालकर गरारे करने से गला ठीक हो जाता है।

—  लहसुन को सुखाकर उसका पाउडर बना लें। इस पाउडर को अलमारी या अन्य जगह डालने से कॉकरोच , झींगुर , कीड़े आदि नहीं आते।

—  कमरे में कलर करवाने से तेज गंध आती है। चार पांच कली लहसून बारीक काटकर कमरे में फैला देने से गंध चली जाएगी।

—  चींटियाँ भगाने के लिए उनके घर के पास लहसुन छीलकर रख दो। चींटियाँ भाग जाएगी।

—  छिपकली आती हो तो दरवाजे के पास लहसुन रखने से इसकी गंध छिपकली को दूर रखेगी।

—  अधिक मात्रा में लहसुन छीलना हो तो हाथों में तेल लगा लेना चाहिए। इससे हाथों में जलन नहीं होगी , लहसुन छीलना आसान होगा।

—  लहसुन की कलियों को अलग करके थोड़ी देर पानी में भिगो देने से छिलका जल्दी निकल जाता है ।

इन्हें भी जानें और लाभ उठायें :

हल्दी / त्रिफला चूर्ण / काली मिर्च / फिटकरी / दिव्य तुलसी / सौंफ / इमली / आंवला केला / अनार / सेब  / अमरुद / सीताफल /  अंगूर गन्ना  पपीता / संतरा नाशपती / बील खरबूजा / तरबूज आम / जामुन / मशरूम