शाकाहार और मांसाहार के फायदे और नुकसान – Veg Or Non veg

15708

शाकाहार और मांसाहार  Veg and Non Veg Food दोनों प्रकार की चीजें इंसान के भोजन में सदियों से शामिल होती रही है। जीवित रहने और ताकत बनाये रखने के लिए हमें रोजाना भोजन की आवश्यकता पड़ती है।

हमारी पाचन क्रिया शाकाहार और मांसाहार दोनों प्रकार के भोजन को पचाने में सक्षम है। भोजन से हमें प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट , विटामिन तथा खनिज लवण की आवश्यकता होती है। किसी भी तत्व की कमी होने पर कुछ अंग कमजोर पड़ सकते है या हम बीमार हो सकते है अतः भोजन का चयन सोच समझ कर करना जरुरी होता है।

प्रकृति में कुछ जीव सिर्फ पेड़ पौधों से प्राप्त खाना खाते है और कुछ जीव मांस भक्षी होते है। जिसकी पाचन क्रिया  जैसी होती है वह वैसा ही भोजन खाता है क्योंकि पाचन क्रिया उसी प्रकार के भोजन को पचाने के लिए बनी होती है।

जैसे गाय , बकरी , ऊंट , हाथी , घोड़ा आदि पेड़ की पत्तियां खाते है और शेर , चीता , भेड़िया , बिल्ली मांस खाते हैं।

हम किस प्रकार के प्राणी है और हमें पेड़ पौधों से प्राप्त भोजन करना चाहिए या मांस खाना चाहिए यह लंबे समय से बहस का विषय बना हुआ है। कुछ लोग शाकाहार को श्रेष्ठ मानते है और कुछ लोग मांसाहार को ज्यादा ताकत देने वाला समझते है।

शाकाहार में पेड़ पौधों से प्राप्त भोजन शामिल होता है। इसमें अनाज , दाल , फल , सब्जी आदि शामिल होते हैं। दूध या दूध से बने आहार जैसे दही , घी , पनीर आदि भी शाकाहार ही होता है।

शाकाहार की विशेषता यह है कि इस प्रकार के भोजन ने किसी प्रकार के जीव को मारना नहीं पड़ता। इसमें किसी प्रकार की हिंसा नहीं होती ना ही रक्त बहता है।

मांसाहार में भोजन के लिए मांस का उपयोग किया जाता है। यह मांस किसी पशु , समुद्री जीव या पक्षी आदि का हो सकता है। मांस तभी उपलब्ध होता है जब कोई जीव मरता है। मांस प्राप्त करने के लिए पशु को मारा जाता है।

इसके लिए विशेष प्रकार के हथियार और मशीने  उपयोग में लाये जाते है। किसी जीव का अंडा या उससे बना खाना  भी मांसाहार में शामिल होता है। मुर्गी का अंडा सबसे ज्यादा उपयोग में लिया जाता है। कुछ लोग अंडे को शाकाहारी भी मानते हैं। अंडा शाकाहारी है या मांसाहारी जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

कृपया ध्यान दें : किसी भी लाल रंग से लिखे शब्द पर क्लिक करके उसके बारे में विस्तार से जान सकते है। 

शाकाहार और मांसाहार में से क्या चुने – Veg Or Nonveg

भोजन शाकाहारी होना चाहिए या मांसाहारी इस बात पर हमेशा तर्क होते है। कुछ लोग मांसाहार को श्रेष्ठ समझते है और कुछ शाकाहार को। जो लोग शाकाहार यानि अनाज , दाल , फल , सब्जी , दूध आदि लेते है वो शाकाहारी  Vegetarian  और जो माँस , मछली , अंडा आदि खाते है वो मांसाहारी Non Vegetarian  कहलाते है।

इन दिनों कुछ लोग शाकाहार में भी किसी भी जीवित प्राणी से सम्बंधित किसी भी तरह के भोजन को त्यागने लगे है। ये वेगन्स  Vegans कहलाते है । और ये दूध , दही , घी और पनीर आदि तक का भोजन में उपयोग नहीं करते।शाकाहारी या मांसाहारी होने के अपने-अपने फायदे और नुकसान होते है जो इस प्रकार है :-

शाकाहारी होने के फायदे – Benefits of being Vegetarian

भोजन वही अच्छा होता है जिसमे प्रोटीन , कर्बोहाइड्रेट, वसा , विटामिन ,खनिज लवण , रेशा और जल तत्व मौजूद हों। शाकाहारी भोजन में शामिल अनाज , दाल , सब्जी , फल और दूध आदि से ये सभी लाभदायक तत्व भरपूर मात्रा में मिल जाते है।

इसकेअलावा कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन शाकाहारी खाने से ही मिलते है जो बीमारियों से लड़ने में मदद करते है। शाकाहारी भोजन में संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है। इसके कारण शाकाहारी भोजन से हार्ट प्रॉब्लम होने की संभावना कम होती है।

शाकाहारी खाने में रेशे की भरपूर मात्रा होती है जिसके कारण आँतों की सफाई होती रहती है। इससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता , डायबिटीज नहीं होती और कैंसर से बचाव होता है।

रेशे के कारण भूख जल्दी नहीं लगती जिससे जरुरत से ज्यादा खाने से बच जाते है। इस तरह से शाकाहार मोटापे से बचाता है। शाकाहारी लोगों में अधिक वजन की समस्या कम ही होती है। मोटापा अपने साथ कई प्रकार की बीमारियां जैसे डायबिटीज , ब्लड प्रेशर , हृदय रोग आदि लेकर आता है।

शाकाहार और मांसाहार

शाकाहारी होने के नुकसान – Suffering of being Vegetarian

शाकाहारी भोजन करने वालों में एक समय के बाद विटामिन बी 12 तथा ज़िंक , कुछ विशेष ओमेगा- 3 , विटामिन D 3 , सल्फर , या खून की कमी हो सकती है। शाकाहार में मौजूद लोह तत्व आसानी से शरीर में अवशोषित नहीं होता।

इसलिए अक्सर खून की कमी होने की परेशानी पैदा हो जाती है विशेषकर महिलाओं में माहवारी आदि के कारण यह समस्या होने की संभावना अधिक होती है।

भारत जैसे देश में जहाँ अधिकतर लोग शाकाहारी है , ऐसा नहीं है की हार्ट की, डायबिटीज की या ब्लड प्रेशर की समस्या कम है। जो लोग शारीरिक गतिविधि कम करते है , स्मोकिंग या नशा आदि करते है या अधिक तला हुआ और ज्यादा घी खाते है ,उन्हें इस प्रकार की समस्या हो जाती है।

अतः पूरी तरह यह कहना गलत होगा कि शाकाहारी खाने से नुकसान हो ही नहीं सकता। इसके अलावा फल , सब्जी आदि में पेस्टिसाइड्स की मात्रा बहुत होती है।

फलों को पकाने के लिए कई प्रकार के हानिकारक केमिकल काम में लिए जाते है। गाय , भैंस का दूध ऑक्सीटोक्सिन के इंजेक्शन लगा कर निकाला जाता है जो कैंसर का कारण बन सकते है।

मांसाहारी होने के फायदे – Benefits of being Non Vegetarian

कुछ मांसाहारी खाना आयरन और विटामिन बी 12 से भरपूर होता है। मांसाहारी भोजन से मिलने वाला आयरन शरीर ज्यादा आसानी से ग्रहण कर लेता है। अतः खून की कमी नहीं होती। मांसाहारी भोजन खाने से जिंक और सेलेनियम की कमी नहीं होती।

मांसाहार में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है तथा और उसकी गुणवत्ता भी अच्छी होती है । इससे बहुत से जरुरी एमिनो एसिड मिलते है जो शारीरिक और मानसिक शक्ति के लिए जरुरी होते  है।

शाकाहार और मांसाहार

मछली से  मिलने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड ह्रदय रोग तथा कैंसर से बचाता है। दवा के रूप में लिया जाने वाला कोड लिवर ऑइल मछली से ही प्राप्त होता है जो ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन डी से भरपूर होता है।

मांसाहार से मिलने वाला फास्फोरस आसानी से शरीर अवशोषित कर लेता है। अतः फास्फोरस से मिलने वाले लाभ मांसाहार से ज्यादा मिलते है। कैल्शियम के बाद  फास्फोरस ही वह तत्व है जो शरीर में सबसे ज्यादा होता है।

संसार भर में ज्यादातर मांसाहार का प्रचलन है। यदि आप विदेश में हैं या विदेश यात्रा पर गए हैं और मांसाहारी नहीं हैं तो आपके लिए भारी समस्या पैदा हो सकती है। वहाँ शाकाहारी भोजन बहुत कम मिलेगा। हर जगह नॉन वेज देखकर आप दुःखी हो जायेंगे और यात्रा का मजा नहीं ले पाएंगे।

मांसाहारी होने के नुकसान

Suffering of being Non Vegetarian

विकसित देशों में आँतों और फेफड़ों में होने वाले कैंसर ,औरतों में होने वाला स्तन कैंसर , हाई ब्लड प्रेशर , ऑस्टियोपोरोसिस ,कोलेस्ट्रॉल डायबिटीज , आदि बीमारियां ज्यादा होती है विशेष कर आंतों और फेफड़ों का कैंसर।

रिसर्च के बाद उन्होंने मांसाहार को ही इसका कारण पाया। क्योकि मांसाहारी भोजन में रेशा नहीं होता। चर्बी का मात्रा अत्यधिक होती है। कुछ विटामिन को छोड़कर जरुरी विटामिन की मात्रा बहुत कम होती है। अब अमेरिका जैसे देशों में भी बड़ी तेजी से लोग मांसाहार छोड़कर शाकाहारी भोजन को अपना रहे है।

शाकाहार और मांसाहार के लिए प्रकृति का इशारा

What Nature Tells

यदि प्रकृति का इशारा समझने के लिए अपनी तुलना मांसभक्षी जीवों और शाकाहारी जीवों से करें तो ये लगता है कि  हम शाकाहार के लिए बने है। दाँत से लेकर आंत तक पाचन तंत्र कहीं से भी मांसाहार के लिए उचित नहीं लगता ।

जैसे लार में पाए जाने वाले सभी तत्व शाकाहार के लिए होते है। हमारे दाँत मांस को चीरने फाडने वाले नहीं है। मांसभक्षी जीवों में हड्डी गलाने के लिए अधिक मात्रा में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का स्राव होता है। लेकिन हमारे पेट में ऐसा नहीं होता ।

शेर और कुत्ते जैसे मांसाहारी जानवरों में आंतें लंबी नहीं होती। हमारी आंतें शाकाहारी जीवों की तरह लंबी होती है। मांसभक्षी जीव के त्वचा से पसीना नहीं निकलता। हमारी त्वचा से शाकाहारी जीवों की तरह पसीना निकलता है। अतः प्रकृति हमें शाकाहारी होने का संकेत देती है।

शाकाहार और मांसाहार का भावनाओं पर असर

Emotional Effect of veg and non veg

इंसान में भावनाएं होने के कारण यह अन्य सभी जीवों से भिन्न है। दया और करुणा का भाव शाकाहारी होने के लिए प्रेरित करता है। इन्ही भावनाओं के कारण इंसान सुख शांति से एक दूसरे के साथ रह पाता है।

कहते है जैसा ” खाये अन्न वैसा पाये मन  ” और इसे लगभग सभी लोग महसूस भी करते है। शाकाहारी लोगों में दया , करुणा , सहनशीलता आदि भावनाएं अधिक होती है । मांसाहारी Non Vegitarian  लोगों में गुस्सा ज्यादा आना , हिंसक प्रवृत्ति होना और क्रूरता आदि के भाव अधिक पाए गये है। ये भावनाएं एक दूसरे से दूर करती है।

शाकाहारी भोजन से तृप्ति मिलती है , मन प्रसन्न होता है और अवसाद ग्रस्त होने की संभावना कम हो जाती है।

अन्य विचार – Other Thought

कुछ लोग अधिक प्रोटीन प्राप्त करने के लिए नॉन वेज खाना खाते है। लेकिन अधिक प्रोटीन के कारण किडनी में स्टोन , ओस्टोपोरोसिस , हार्ट की प्रॉब्लम और कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती है ।

वैसा ही प्रोटीन अनाज , दाल , दूध आदि से मिल सकता है जो नुकसानदेह नहीं होता । सोया उत्पाद जैसे सोया मिल्क , सोया पनीर आदि मांस जैसा प्रोटीन देने में सक्षम हैं।

कुछ लोगों का मानना है कि मसल्स बनाने के लिए और अधिक ताकत हासिल करने के लिए मांसाहार जरुरी होता है । किन्तु घोड़े , हाथी और बैल जो ताकत रखते है वो उन्हें शाकाहार से ही मिलती है । एक शाकाहारी भैंसा शेर को उठा कर फेंकने की ताकत रखता है।

मांस के लिए बने स्लॉटर हाउस से मीथेन गैस अत्यधिक मात्रा में निकलती है जो की कही न कही ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाती है। मांसाहार को पकाने में तीन गुना अधिक ईंधन खर्च होता है।

मांस स्वादहीन होता है। इसे खाने लायक बनाने के लिए इसमें तेज मिर्च मसाले चिकनाई आदि मिलाने पड़ते है। जिसके कारण ये अधिक नुकसान देह हो जाता है। माँस मे विभिन्न प्रकार के रोगाणु होने की सम्भावना अधिक होती है।

अतः निष्कर्ष ये निकलता है कि भोजन चाहे शाकाहारी हो या मांसाहारी अधिक तला भुना नहीं होना चाहिए। अधिक मिर्च मसाले वाला ना हो। एक्सरसाइज आदि दिनचर्या का हिस्सा होनी चाहिए। आर्गेनिक विधि द्वारा पैदा अनाज ,दाल, सब्जी, फल आदि का उपयोग करना चाहिए।

यदि मांसाहार लेते हो तो रेशे वाली चीजें भी साथ में लेनी चाहिए। प्रोसेस किया मांस अधिक नुकसानदेह होता है अतः उसका उपयोग नहीं करना चाहिए।

शाकाहार और मांसाहार से सम्बंधित पहलुओं को समझकर और इनके फायदे और नुकसान देखते हुए ये निर्णय सिर्फ आप कर सकते हैं कि आप शाकाहारी बनना पसंद करेंगे या मांसाहारी बनना।

इन्हें भी जानें और लाभ उठायें :

टॉन्सिल की परेशानी दूर करने के उपाय 

अंगूर खाएं और ह्रदय रोग से बचें 

पसीना ज्यादा आने के कारण और उपचार 

फाइब्रॉइड के कारण लक्षण और इलाज 

परीक्षा के समय बच्चों की मदद 

देसी नाप तोल छटाँक बीघा तौला का मतलब 

कब क्या किसके साथ नहीं खाना चाहिए 

पेट में कीड़े मिटाने के घरेलु नुस्खे 

गन्ने का रस पीने के फायदे और नुकसान 

सफ़ेद मूसली से ताकत पुरुष और महिला दोनों के लिए 

गर्भ निरोध के साधन और उनके फायदे नुकसान 

3 COMMENTS

  1. Your शाकाहार और मांसाहार के फायदे और नुकसान – Veg Or Non veg is very goo. it is full of all information..
    nice sir.
    it is so usefull.
    thanks
    rohit Jain