सरस्वती माँ के भजन वंदना प्रार्थना – Sarasvati Ma Vandana Bhajan

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सरस्वती माँ का भजन बसंत पंचमी के दिन विशेष तौर पर गाया जाता है। स्कूल आदि में सरस्वती माता के गीत , सरस्वती माता के भजन या सरस्वती माता की वंदना करके माँ सरस्वती के आशीर्वाद की कामना की जाती है।

( इसे भी पढ़ें : बसंत पंचमी का महत्व और इस दिन क्या करें )

यहाँ भजन , वंदना , प्रार्थना के बोल लिखे गए हैं। इन्हे पढ़ें गायें और आनंद उठायें।

सरस्वती माँ के भजन

सरस्वती माँ का भजन

Sarswati Maa Ka Bhajan

सुमिरूँ गणेश शारदा माई , सरस्वती माई….

अब घर बैठे शारदा माई ,

सरस्वती माई हिरदै मेरे डार चाँदनी

भूले-भूले अक्षर मैया दीजो री बताई !

नर सुमिरूँ नारायण सुमिरु ,

सुमिरूँ गंगे माई !

अपने गुरु चरनन सुमिरूँ ,

जिन के गुरु ने मोय विद्या रे पढ़ाई !

पांचो तो पंडन को सुमिरूँ ,

संकट भई सहाई !

भीमसेन अर्जुन कूं सुमिरूँ ,

सहसन मन की बने गदा रे उठाई !

एक दिन राजा नल ने सुमिरी ,

नल पे नल लगवाये !

गोपी चन्द्र भगत ने सुमिरी ,

गोरे से अंग में भूमि रमाई !

एक दिन रावण ने सुमिरी ,

लै गयौ सिया चुराई !

हनुमान ने ऐसी सुमिरी ,

सोने की लंका वाने पल में अब जराई !

तुलसीदास आस रघुवर की हरि चरनन बलिहारी

राम लखन ने ऐसी सुमिरी ,

बीस भुजा दस शीश रे उड़ाई !

अब हट बैठ शारदा माई …….

सुमिरूँ गणेश शारदा माई , सरस्वती माई ,

अब घर बैठे शारदा माई !

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सरस्वती वंदना

Sarasvati Vandana

हे शारदा माँ , हे शारदा माँ ,

अज्ञानता से हमें तार दे माँ !

तू श्वेत वर्णी कमल पे विराजे ,

हाथों में वीणा मुकुट सर पे साजे !

हम हैं अकेले हम हैं अधूरे ,

 तेरी शरण हम हमें तार दे माँ !

तू स्वर की देवी संगीत तुझमें ,

हर शब्द तेरा हरेक गीता तुझमें !

मन से हमारे मिटा दे अँधेरा ,

हमको उजालों का संसार दे माँ !

मुनियों ने समझी गुनियों ने जानी ,

वेदों की भाषा पुराणों की वाणी !

हम भी तो समझें हम भी तो जानें ,

विद्या का हमको भी अधिकार दे माँ !

हे शारदा माँ , हे शारदा माँ ,

अज्ञानता से तू हमें तार दे माँ !

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माँ सरस्वती की प्रार्थना

Sarasvati ma ki prarthana

माँ शारदे , माँ शारदे !

माँ शारदे , हंस वाहिनी , वीणा पाणि , ब्रह्म भामिनि ,

कला स्वामिनी , जग तार दे !

माँ शारदे , माँ शारदे !!

हृदय गगन में , मर्त्य भवन में ,

    मुक्त पवन में , जन जीवन में ,

जन जीवन में ज्ञान भर दे !

माँ शारदे , माँ शारदे !!

ज्ञानहीन में , ध्यान हीन में ,

    बुद्धि विहीन में , विवेक हीन में ,

विवेक हीन में , रश्मि भर दे !

माँ शारदे , माँ शारदे !!

माँ शारदे , हंस वाहिनी , वीणा पाणि , ब्रह्म भामिनि ,

कला स्वामिनी , जग तार दे !

माँ शारदे , माँ शारदे !!

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