सीताफल शरीफा के फायदे व गुण – Custard Apple Benefits

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सीताफल Sitafal को शरीफा Sharifa के नाम से भी जाना जाता है। इसका एक अनोखा मीठा स्वाद सभी को पसंद आता है। आजकल सीताफल की आइसक्रीम , बासुंदी व सीताफल का शेक बहुत चलन में है।

इस फल के ऊपर के उभार इसे अलग ही रूप प्रदान करते है। सर्दी की शुरुआत में बाजार में मिलने वाला यह फल पकी हुई अवस्था में बाहर से सख्त पर अंदर से बहुत नरम होता है। इसका गूदा सफ़ेद रंग का मलाईदार होता है तथा बीज काले रंग के होते है।

इंग्लिश में यह कस्टर्ड एपल Custard Apple कहलाता है। कुछ जगह Sitafal को अन्नुस Annus भी कहते है।इसकी एक बड़ी किस्म ओर होती है, जिसे रामफल कहते हैं। व्रत के दिनों में फलाहार के रूप में इसे खाते हैं।

सीताफल के फायदे

आयुर्वेद के अनुसार यह पोष्टिक , वीर्यवर्धक , शक्तिवर्द्धक , पित्त नाशक , तृप्ति देने वाला , रक्तवर्धक तथा ह्रदय के लिए हितकारी होता है।

सीताफल Sitafal के सन्दर्भ में कुछ किवदंतीयां प्रचलित है। कुछ लोग कहते है कि यह फल भगवान राम के वनवास के समय सीता को बहुत प्रिय था , सीता ने अधिकतर यही फल खाकर वनवास निकाला था। इसलिए इसका नाम सीताफल पड़ा।

कुछ लोग कहते है कि जब रावण सीता को भगा कर ले जा रहा था तो जहाँ सीता के आंसू गिरे वहां यह पेड़ उग आया। इसलिए इसे Sitafal कहते है।

कुछ लोगों का मानना है की इस फल का सीता से कोई लेना देना नहीं है। यह नाम संस्कृत भाषा के शब्द शीत से बना है। शीत का अपभ्रंश है – सीता। शीत का मतलब होता है ठंडा। Seetafal अधिक मात्रा में खाने से सर्दी जुकाम हो सकता है। क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है। इसलिए इसका नाम सीताफल है।

सीताफल के पोषक तत्व – Custard Apple Nutrients

सीताफल में  प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होता है।  इसके अलावा इसमें विटामिन ए , राइबोफ्लेविन , थियामिन , नियासिन आदि तत्व होते है। इसके उपयोग से पोटेशियम , कैल्शियम , आयरन , मैग्नेशियम , मेगनीज तथा फास्फोरस आदि मिलते है।

Sitafal में दूसरे फलों की अपेक्षा आयरन अधिक मात्रा में होता है । इसमें विटामिन सी और आयरन दोनों होने के कारण यह हिमोग्लोबीन बढ़ाने तथा खून की कमी को दूर करने में प्रभावी रहता है।

सीताफल खाने के फायदे – Sitafal Benefits

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ह्रदय के लिए

सीताफल में मौजूद पोटेशियम और मैग्नेशियम ह्रदय के लिए लाभदायक है। ये ह्रदय रोग से बचाते है। Sitafal  में मौजूद फाइबर की प्रचुर मात्रा ब्लड प्रेशर कम करती है तथा कोलेस्ट्रॉल कम करके ह्रदय के लिए लाभदायक होती है।

कमजोरी

मैग्नेशियम शरीर में पानी की मात्रा को सन्तुलित रखता है। इससे जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। मैग्नीशियम की कमी से कमजोरी और थकान ज्यादा महसूस होती है। Sitafal खाने से ये समस्याएं दूर हो सकती है।

आँखें

सीताफल में पाए जाने वाले विटामिन ए , विटामिन सी तथा राइबोफ्लेविन के कारण यह आँखों के लिए फायदेमंद होता है। यह नेत्रशक्ति को बढ़ाता है तथा आँखों के रोगों से भी बचाव करता है। आँखों को स्वस्थ सुन्दर बनाने के तरीके जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

मानसिक शांति

सीताफल खाने से मन प्रसन्न होता है। यह मानसिक शांति देता है तथा डिप्रेशन तनाव आदि को दूर करता है।

दांत

सीताफल दांत और मसूड़ों के लिए फायदेमंद होता है। इसमें पाया जाने वाला कैल्शियम दांत मजबूत बनाता है।Sitafal के पेड़ की छाल में पाए जाने वाले टैनिन के कारण इससे दांतों और मसूड़ों को लाभ मिलता है। इसकी छाल को बारीक पीस कर मंजन करने से मसूड़ों और दांत के दर्द में लाभ होता है। यह मुंह की बदबू भी मिटाता है।

फोड़े फुंसी

सीताफल के पेड़ की छाल को घिस कर फोड़े फुंसी आदि पर लगाने से ये जल्द ठीक हो जाते है। इसके पत्ते पीस कर लगाने से भी फोड़े फुंसी में आराम मिलता है। घाव में कीड़े पड़ गए हों तो Sitafal के पत्ते पीस कर इसमें सेंधा नमक मिलाकर पुल्टिस बांधने से कीड़े नष्ट होकर घाव मिटता है।

गंजापन

सीता फल के बीज और बकरी का दूध साथ में पीस कर सिर पर लगाने से गंजापन दूर होकर बाल उगने लगते है। यह दूध आँखों में नहीं जाये इसका ध्यान रखना चाहिए।

दस्त

कच्चे सीताफल के गूदा खाने से दस्त व पेचिश में आराम आता है। कच्चे गूदे को सूखा कर भी रख सकते है। जरुरत पड़ने पर इसे भिगो कर खाने पर यह दस्त मिटाने में उपयोगी होता है।

गर्भावस्था

प्रेग्नेंसी में सीताफल खाना अत्यधिक लाभदायक होता है। इससे कमजोरी दूर होती है , उल्टी व जी घबराना ठीक होता है , सुबह की थकान में आराम मिलता है तथा मन प्रसन्न रहता है। शिशु के जन्म के बाद सीताफल खाने से स्तन के दूध में वृद्धि होती है।

वजन बढ़ाने के लिए

यदि वजन बढ़ाना हो तो सीताफल का भरपूर उपयोग करना चाहिए। इसमें प्राकृतिक शक्कर अच्छी मात्रा में होती है। जो बिना किसी नुकसान के वजन बढ़ाकर आकर्षक व्यक्तित्व दे सकती है।

कब्ज

सीताफल में पर्याप्त मात्रा में कॉपर तथा फायबर होते होते है। जो मल को नरम करके कब्ज की समस्या को मिटा सकते है। इसके उपयोग से पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।

सीताफल खाते समय सावधानी – Be Careful

सीताफल के बीज और पत्तों में कुछ विषैले तत्व पाये जाते है। इसलिए बीज या पत्ते खाने नहीं चाहिए। सीता फल का बीज मुंह में चबाने पर इसमें से विषैला तत्व निकल कर मुंह में आ सकता है , जो नुकसान देह हो सकता है अतः सीता फल खाते समय ध्यान रखना चाहिए।

गलती से साबुत बीज निगलने में आ जाये तो परेशानी की बात नहीं होती है। यह बिना पचे मलद्वार से बाहर निकल जाता है।

सीताफल में केलोरी व शक्कर अधिक होते है। इसमें सेब , संतरा आदि से दुगनी मात्रा में केलोरी होती है। इसलिए यदि डायबिटीज हो तो सीताफल नहीं खाना चाहिए।

यदि वजन कम करना चाह रहे हों तो अधिक मात्रा में Sitafal ना खाएँ। इसके उपयोग से वजन बढ़ सकता है।

अधिक सीताफल खाने से ठंड लगकर बुखार आ सकता है। ठंडी तासीर वालों को ध्यान रखना चाहिए।

कम मात्रा में Sitafal  खाने से किसी प्रकार के नुकसान की सम्भावना कम ही होती है। फिर भी डायबिटीज या जुकाम की अवस्था में चिकित्सक से परामर्श के बाद ही इसे खाएँ।

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