सौंफ Saunf ( Fennel Seeds ) हर घर में होती है। इसकी मीठी खुशबू और स्वाद सभी को बहुत अच्छे लगते है। खाना खाने के बाद थोड़ी सी सौंफ और मिश्री मुँह में रखकर चबाने का अलग ही मजा है।
इससे मुँह की बदबू तो जाती ही है दाँत भी साफ हो जाते है। सौंफ खाने के फायदे सिर्फ ये ही नहीं है। छोटी सी यह सौंफ कितनी गुणकारी हो सकती ये जानकर आश्चर्य होता है। हेल्थ के लिए इससे सस्ता , सुलभ और स्वादिष्ट नुस्खा शायद ही कोई होगा।
बारीक सौंफ Barik saunf और मोटी सौंफ Moti Saunf ये दो प्रकार की सौंफ बाजार में मिलती है। इनमे बारीक सौंफ चबाने के लिए अच्छी होती ही और मोटी सौंफ अचार बनाने , सब्जी बनाने के काम आती है। सौंफ में औषधीय गुण होते है। यह वात , पित्त और कफ तीनो प्रकार के दोष मिटाती है।
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सौंफ के गुणकारी फायदे – Benefits Of Fennel Seeds
Saunf ke fayde labh
पाचन तंत्र – Digestion
खाना खाने के बाद सोंफ खाने से खाना आसानी से पचता है। मुँह से बदबू व खाने की गंध मिटती है। सौंफ के तत्व पेट में पाचन के लिए जरुरी एंजाइम और रस का स्राव बढ़ाते है। saunf पेट और आँतों से जलन व सूजन आदि मिटाकर पोषक तत्वों का अवशोषण बढाती है।
भूख बंद हो तो सौंफ खाने से खुलकर लगने लगती है। यह कब्ज होने से भी बचाती है। सोंफ में एसिडिटी मिटाने का गुण होता है। इसके उपयोग से कई प्रकार की एसिडिटी मिटाने वाली दवा बनाई जाती है।
सौंफ में मौजूद एस्पार्टिक एसिड नामक तत्व के कारण पेट की गैस को मिटाने में सोंफ अद्भुत काम करती है। खाना खाने के बाद नियमित आधा चम्मच सौंफ थोड़ी सी मिश्री के साथ चबाकर रस निगलने से सभी प्रकार के फायदे मिल जाते है।
सोंफ का अर्क भी बनाया जाता है जिसके उपयोग से छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग व्यक्ति तक लाभ प्राप्त कर सकते है। सोंफ का अर्क आयुर्वेदिक शॉप पर मिल जाता है।
बच्चों को अपच होने पर एक कप पानी में एक चम्मच सोंफ डालकर उबाल लें। ठंडा होने पर छान लें। यह पानी बार बार पिलाने से अपच मिट जाती है। इसे दूध में मिलाकर भी दे सकते है।
यदि पेट फूलता हो तो रात को आधा कप पानी में एक चम्मच सोंफ भिगो दें। सुबह मसल कर छान लें। यह पानी दूध में मिलाकर बच्चों को पिलाने से पेट दर्द , पेट फूलना , पेट में गैस भरना आदि ठीक होते है।
आँखें – Eyes
सौंफ में मौजूद विटामिन C , एमिनो एसिड , कोबाल्ट , मैग्नीशियम और फ्लेवोनोइड्स आदि तत्व आँखों के स्वास्थ्य को बनाये रखने में मदद करते है।
सौंफ खाने से उम्र के साथ होने वाली ऑंखों की कमजोरी दूर रहती है। 60 साल की उम्र के बाद आँख में मेक्यूला के ख़राब होने से दिखाई देना कम होता जाता है। सौंफ का नियमित उपयोग मेक्यूला को ख़राब होने से बचाता है। आँखों की रोशनी बनी रहती है।
आँखों की जलन ,आँखों की लाली और आँखों की थकान के लिए सोंफ के पत्ते का रस और सोंफ का पानी बहुत लाभदायक होता है।
सौंफ को पीस पर पाउडर बना लें। यह पाउडर आधा चम्मच और आधा चम्मच पिसी मिश्री मिलाकर दूध के साथ रात को सोते समय लें। नियमित कुछ समय इसे लेने से नेत्र ज्योति तीव्र होती है।
100 ग्राम सौंफ को कूटकर छिलका निकाल दें। जो बचे उतनी ही मात्रा में धनिया , मिश्री मिला दें। दस इलायची के दाने मिला दें । इन सबको मिलाकर बारीक पीस लें। इस पाउडर को सुबह शाम गुनगुने दूध के साथ लेने से आँखें तेज होती है। इस पाउडर को नियमित लेने से मोतियाबिंद का बढ़ना भी रुक जाता है।
रात को सोंफ पानी में भिगोकर सुबह मसल कर व छानकर यह पानी पीने से आई फ्लू जल्दी ठीक होता है।
दस्त – Loose Motion
अशुद्ध या बाजार का संक्रमित खाने पीने से कई बार दस्त लग जाते है। यह दस्त पेट में मरोड़ उठने के साथ , बार बार थोड़े थोड़े और चिकने हो सकते है। दस्त में आंव होती है कभी कभी आंव के साथ रक्त भी हो सकता है। ऐसे में सौंफ बड़ी लाभदायक सिद्ध होती है।
सौंफ में एनिटोल और सिनेऑल नामक तत्व होते है जिनमे इस प्रकार के इन्फेक्शन को मिटाने के तथा एंटी बेक्टिरियल गुण होते है।
इसके अलावा सोंफ में पाए जाने वाले कुछ अमीनो एसिड पाचन तंत्र को ठीक करने और इसे सही तरीके से काम करने में मददगार होते है। इस तरह सोंफ के उपयोग से पेचिश , आँव और दस्त में बहुत फायदेमंद होती है।
50 ग्राम सोंफ तवे पर भून लें। इसमें 50 ग्राम बिना भुनी सौंफ और 100 ग्राम मिश्री मिलाकर तीनो को एक साथ अच्छी तरह पीस लें। इसमें से 2 -2 चम्मच दिन में तीन बार पानी के साथ फंकी लेने से आँव वाले दस्त , मरोड़ , एमोबाइसिस आदि ठीक होते है। खाने में दही और चावल लेने चाहिए।
यदि रोजाना पाँच छः बार दस्त होते हो तो सौंफ , जीरा , धनिया समान मात्रा में लेकर तवे पर भूनकर पीस लें । इसमें इतनी ही मात्रा में सौंठ और बेल की गिरी पीस कर मिला लें। इस चूर्ण को एक एक चम्मच दिन में तीन बार पानी से लें। इससे पुराने दस्त भी ठीक हो जाते है।
खाना खाते ही दस्त होता हो तो भुनी हुई सोंफ और जीरा समान मात्रा में लेकर पीस लें। इसे एक चम्मच खाना खाने के बाद पानी के साथ लेने से आराम मिलता है।
ह्रदय रोग – Heart
सौंफ में प्रचुर मात्रा में फाइबर होते है। इसकी वजह से रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करने में सहायक होते है। यह हानिकारक LDL की मात्रा को कम करके दिल की बीमारियों से बचाता है।
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इसके अलावा सोंफ में पाये जाने वाले तत्व रक्त वाहिकाओं की दीवार को हानिकारक फ्री रेडिकल्स के नुकसान से बचाते है। धमनियों को स्वस्थ बनाये रखते है। इससे ह्रदय रोग से बचाव होता है।
ब्लड प्रेशर – Blood Pressure
सौंफ में पोटेशियम भरपूर मात्रा में होता है। जो की शरीर के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। यह रक्त वाहिकाओं को लचीला बनाता है जिसके कारण ब्लड प्रेशर नियमित रहता है।
ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण शरीर को बहुत नुकसान हो सकता है । ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण डायबिटीज से ग्रस्त लोगों को अधिक परेशानी हो सकती है। सोंफ नियमित रूप से खाने से इस प्रकार के सभी समस्याओं से बचाव संभव है।
श्वसन तंत्र – Respiration
सौंफ में कफ को मिटाने के गुण होते है। यह जुकाम आदि के कारण नाक , गले और फेफड़ों में जमा कफ को पिघला कर विषैले तत्व सहित बाहर निकाल देती है। जिससे साँस की तकलीफ दूर करने में बहुत मददगार होती है।कफ के कारण खांसी हो तो उसमे भी आराम मिलता है। यह ब्रोंकाइटिस में भी लाभदायक होती है।
दो चम्मच सोंफ , एक चम्मच मुलेठी और एक बड़ी इलायची के दाने एक कप पानी में उबाल लें। छान कर गुनगुना पियें। दिन में दो तीन बार लेने से कफ और खांसी में आराम आता है। नाक बहनी बंद होती है।
दिमाग – Brain
सौंफ में पाया जाने वाला पोटेशियम से दिमाग को मिलने वाली ऑक्सीजन में बढ़ोतरी होती है। इससे इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस भी सही रहता है। इस वजह से सोंफ का नित्य उपयोग दिमाग की कार्यविधि बढ़ा कर स्मरण शक्ति बढ़ाने और दिमाग को सक्रीय रखने में मदद करता है।
स्तन पुष्ट व सुडौल – Healthy Breast
सौंफ में पाए जाने वाले फ्लवोनोइड्स एस्ट्रोजन नामक हार्मोन बढ़ाने में सहायक होते है। इसकी वजह से स्तन में नए ऊतक और तंतुओं का निर्माण बढ़ जाता है। जिससे स्तन का आकार बढ़ता है तथा स्तन पुष्ट और सुडौल होते है।
नाभि या धरण – Nabhi
एक चम्मच पिसी हुई सौंफ को गुड़ में मिलाकर गोली बना लें। इस प्रकार की गोली सुबह शाम एक सप्ताह तक खाने से बार बार नाभि खिसकना या धरण जाना बंद होता है।
नाभि खिसकने या धरण के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
हाथ पैरों की जलन – Inflammation
एक गिलास पानी में एक चम्मच सौंफ और एक चम्मच धनिया रात को भिगो दें। सुबह मसल कर छान ले। इसमें मिश्री मिलाकर पियें। कुछ दिन रोजाना पीने से हाथ पैरों की जलन में आराम मिलता है।
गर्मी के मौसम में पी जाने वाली ठंडाई में सौंफ एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा होती है। यह ठंडाई पेट की जलन , हाथ पैरों की जलन , आँखों की जलन , चक्कर आना आदि परेशानियों को मिटाकर शरीर और दिमाग में तरावट लाती है।
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सौंफ पेशाब की जलन में भी लाभदायक सिद्ध होती है। इससे पेशाब खुलकर आने लगता है और विषैले तत्व बाहर निकल जाते है। जिससे हाथ पैरों की जकडन व सूजन आदि दूर होते है। यह यूरिन इन्फेक्शन में भी लाभदायक होती है।
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Dadi maa ke nukshe bade kam ke hein.bahut hi upyogi hai pariwar ke sadasyon ki dekhbhal ke liye.dhanyawad.