मटर के फायदे और नुकसान – Green Peas Benefits

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मटर Peas सर्दी में मिलने वाली एक मुख्य सब्जी है। वैसे तो पूरे साल फ्रोजन मटर उपलब्ध हो जाते हैं लेकिन ताजे मटर सर्दी में ही आते हैं। यह प्रोटीन और कई प्रकार के खनिज का बहुत अच्छा स्रोत है अतः जरूर खाने चाहिए।

मटर की खेती दुनिया भर में की जाती है। हरे या सूखे मटर खाने में बहुत काम लिए जाते हैं। विश्व में हरे मटर का सबसे बड़ा उत्पादक देश कनाडा है।  फ्रांस , चीन , रूस तथा भारत भी बड़े उत्पादक में शामिल हैं। भारत हरे मटर का सबसे ज्यादा आयात Import करने वाला देश है।

मटर के उपयोग – Uses of peas

मटर सब्जी के रूप में काम लिया जाता है लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि में मटर एक फल है। सूखे मटर का उपयोग हजारों सालों से किया जा रहा है लेकिन 16 वीं शताब्दी से पहले तक सिर्फ सूखे मटर का उपभोग किया जाता था। इसके बाद हरे मटर खाने का चलन होने लगा।

ताजे हरे मटर सब्जी में एक विशेष रंगत और स्वाद पैदा करते हैं जो सभी को पसंद आता है। मटर पनीर , आलू मटर , गाजर मटर आदि सब्जियों का स्वाद बचपन से सभी लेते आये हैं।

मटर से कई प्रकार के व्यंजन जैसे कचौरी आदि भी बनाये जाते हैं। आइये जानें हरे मटर के क्या फायदे नुकसान हैं , इनमें कौनसे पोषक तत्व पाए जाते है तथा इन्हे कैसे और कितनी मात्रा में खाना चाहिए।

मटर के पोषक तत्व – Green Peas Nutrients

कृपया ध्यान दे : किसी भी लाल रंग से लिखे शब्द पर क्लीक करके उसके बारे में विस्तार से जान सकते हैं। 

हरे मटर में प्रोटीन , फाइबर तथा विटामिन बी समूह के कई विटामिन पाए जाते हैं। विशेषकर विटामिन बी 6 प्रचुरता से होता है। इसमें पाया जाने वाला प्रोटीन उच्च गुणवत्ता का होता है। इनमें विटामिन K , विटामिन A , विटामिन C , तथा फोलेट प्रचुर मात्रा में होते हैं।

खनिज के रूप में मटर में मैंगनीज ,फास्फोरस ,पोटेशियम ,आयरन , मैग्नीशियम , कॉपर , जिंक आदि की बहुतायत में होते हैं। अल्प मात्रा में कैल्शियम भी पाया जाता है। शाकाहारी लोगों को मटर से अच्छा प्रोटीन प्राप्त होता है।

हरे मटर को घर पर फ्रिज में प्रिज़र्व करके साल भर काम में लिया जा सकता है। प्रिजर्व करने पर भी इसके पोषक तत्व बने रहते हैं।

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मटर के फायदे – Green Peas Benefits

पाचन तंत्र

हरे मटर में फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है। ये अघुलनशील प्रकार के फाइबर होते है। इनसे आँतों की सफाई होती है। कब्ज तथा बवासीर जैसी परेशानी से बचाव होता है। पाचन तंत्र के लिए यह फायदेमंद होता है।

फाइबर आँतों में अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा में वृद्धि करने में सहायक होते  हैं। साथ ही नुकसान दायक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते भी हैं। इसके प्रभाव से आँतों से सम्बंधित कई प्रकार बीमारियां से बचाव होता है। यहाँ तक कि आँतों के कैंसर से भी बचाव होता है।

ह्रदय रोग

हृदय के लिए लाभदायक कई प्रकार के खनिज जैसे मैग्नीशियम , पोटेशियम और कैल्शियम आदि हरे मटर में पाए जाते हैं। इनसे ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है जो हृदय रोग का एक मुख्य कारण होता है।

फाइबर की प्रचुर मात्रा नुकसान दायक LDL नामक हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होती है।

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इसके अलावा विटामिन C  तथा कई प्रकार के एंटी ऑक्सीडेंट्स शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स के नुकसान से बचाते हैं। इस तरह हृदय रोग से बचाव होता है तथा हृदय को सुचारु रूप से काम करने में मदद मिलती है।

डायबिटीज

मटर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। यानि इसे खाने से रक्त में शुगर की मात्रा तेजी से नहीं बढ़ती है। अतः डायबिटीज वाले लोग इसका उपयोग कर सकते हैं।

इसमें पाए जाने वाले प्रोटीन और फाइबर के कारण भी इससे शुगर नियंत्रित रखने में मदद मिलती है क्योंकि फाइबर कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को धीमा कर देते हैं। अतः रक्त में तेजी से शक्कर की मात्रा नहीं बढ़ती है।

टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों को अक्सर चिकित्सक अधिक प्रोटीन वाली चीजें खाने की सलाह दी जाती है। मटर उनमे से एक हो सकता है।

इसके अलावा मैग्नीशियम , विटामिन K , A और C जैसे पोषक तत्वों की उपस्थिति के कारण यह डायबिटीज होने की सम्भावना को कम करने में सहायक होता है।

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कैंसर

मटर कैंसर होने की सम्भावना को कम करने में सहायक हो सकते हैं। इसमें पाए जाने वाले विशेष प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट शरीर में विषैले तत्वों को नष्ट करके इस कार्य में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

हरे मटर में एक विशेष प्रकार का तत्व सैपोनिन पाया जाता है जो कैंसर रोधी प्रकृति का होता है। यह कैंसर की गांठ को बढ़ने से भी रोकने में सहायक होता है।  विटामिन K की प्रचुर मात्रा प्रोस्टेट कैंसर की संभावना कम करने में लाभदायक सिद्ध होती है।

हड्डियां

मटर में पाए जाने वाले तत्व जैसे फास्फोरस , कैल्शियम तथा विटामिन K आदि हड्डियों की मजबूती में योगदान देते हैं। इससे हड्डियों की कमजोरी के कारण होने वाली बीमारियां जैसी ऑस्टियोपोरोसिस आदि से बचाव होता है।

खून बहना बंद

चोट लगने पर शरीर से रक्त बहने लगता है। जिसका बंद होना जरुरी होता है। शरीर में इसकी कार्यविधि मौजूद है जो विटामिन K की सहायता से पूरी होती है। मटर में विटामिन K की प्रचुर मात्रा होती है। विटामिन K से अन्य भी कई फायदे हैं।

यदि रक्त को पतला करने वाली दवा ले रहे हों तो विटामिन K युक्त आहार कम लेना चाहिए जैसे मटर , फूल गोभी , पत्ता गोभी, पालक आदि।

वजन कम

मटर में पाया जाने वाला प्रोटीन ऐसे हार्मोन पैदा करता है जो भूख कम करता है । इसके अलावा इसमें पाये जाने वाले फाइबर के कारण मटर खाने के बाद भूख जल्दी नहीं लगती। पेट भरा हुआ महसूस होता है। इस तरह अनावश्यक चीजें खाने पीने से बच जाते हैं। यह वजन कम करने में सहायक हो सकता है।

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माहवारी से पहले की परेशानी

महिलाओं को अक्सर माहवारी से पहले कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता है। मटर में पाया जाने वाला विटामिन B6 इन परेशानियों को कम करता है। साथ ही इससे मॉर्निंग सिकनेस भी कम होती है।

मटर के नुकसान – Be Careful

—  मटर में कम मात्रा में ऐसे तत्व भी होते हैं जो पोषक तत्वों के अवशोषण में अवरोध पैदा कर सकते है या पेट फूलना या गैस बनने जैसी समस्या पैदा कर सकते हैं। ऐसा एक बार में अधिक मात्रा में मटर खाने से हो सकता है। अतः मटर का उपयोग एक बार में कम मात्रा में करें।

—  मटर में प्यूरिन नामक तत्व होता है। यह तत्व शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ा सकता है। अधिक यूरिक एसिड गठिया और किडनी से सम्बंधित बीमारी में नुकसान देह हो सकता है , अतः ऐसे लोगों को मटर का उपयोग बहुत कम मात्रा में करना चाहिए।

—  मटर में फायटिक एसिड होता है। यह आयरन , कैल्शियम , ज़िंक और मैग्नीशियम के अवशोषण में प्रतिरोध पैदा कर सकता है।

—  इसमें लेक्टिसिन होता है जो पेट में गैस बना सकता है , पेट को फुला सकता है और अवशोषण में दिक्कत पैदा कर सकता है।

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