पानी हमारी मूलभूत आवश्यकता है। पानी किसी बर्तन में रखने से या पानी में किसी चीज ( जैसे सौंफ) को भिगोने से पानी में उसके तत्व घुल जाते हैं। इस गुण का स्वास्थ्य लाभ उठाने में उपयोग हो सकता है , आइये जानें कैसे।
गर्म या ठंडा पानी पीने का शरीर पर अलग तरह का प्रभाव होता है। प्लास्टिक की बोतल में भरा पानी पीने का और ताम्बे के जग में भरा पानी पीने का अलग असर होता है।
प्लास्टिक की बोतल में भरा पानी नुकसानदायक होता है जबकि तांबे के बर्तन में भरा पानी फायदेंमंद होता है। यह वैज्ञानिक तौर पर भी सिद्ध हो चुका है। हालाँकि दोनों पानी एक जैसे ही नजर आते हैं।
पानी को किसी विशेष बर्तन में भर कर रखने से पानी में उसके गुण प्रवाहित हो जाते हैं और उस पानी के गुण शरीर पर अपना प्रभाव डालते हैं। जैसे तांबे के बर्तन में पानी भर करे रखने से पानी में कॉपर के गुण आ जाते हैं।
( इसे पढ़ें : तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने के फायदे )
इसी प्रकार के कुछ अन्य तरीके से उपचारित यानि तैयार किया गया पानी फायदेमंद हो सकता है। यहाँ उन्ही की जानकारी दी गई है। जैसे मेथी का पानी , सोंफ का पानी ,अदरक का पानी , चावल का पानी , सूर्य के रंग से प्रभावित पानी आदि। आइये जानते है इस प्रकार का विशेष पानी के फायदे।
कृपया ध्यान दे : किसी भी लाल रंग से लिखे शब्द पर क्लीक करके उसके बारे में विस्तार से जान सकते हैं।
मेथी का पानी – Methi ka pani
रात को एक गिलास पानी में दो चम्मच दाना मेथी डालकर रख दें। सुबह छान लें और खाली पेट यह पानी पी लें।
लाभ :
यह पानी डायबिटीज से बचाता है , वजन कम करता है , गुर्दे को पथरी छोटी हो तो निकाल सकता है , जोड़ों का दर्द कम करता है तथा कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक होता है।
सौंफ का पानी – Saunf ka pani
रात को एक कप पानी में एक चम्मच सौंफ डालकर रख दें। सुबह थोड़ा मसल कर छान लें , फिर पियें।
लाभ :
यह पानी शरीर को ठंडक देता है। सोंफ का पानी पीने से पेट फूलना , गैस अधिक बनना कम होते हैं। आँव युक्त दस्त और पेट में मरोड़ होने पर यह पानी पीने से बहुत लाभ होता है। इस पानी से पेट की जलन , हाथ पैरों की जलन , आँखों की जलन में बहुत आराम मिलता है। गर्मी के कारण चक्कर आना बंद होता है , ब्लड प्रेशर नियमित रहता है।
अदरक का पानी – Adrak ka pani
एक गिलास पानी में एक इंच अदरक का टुकड़ा पीस कर उबालें। धीमी आंच पर पाँच मिनट उबलने के बाद छानकर ठंडा होने पर पियें।
लाभ :
इस पानी से माहवारी के समय पेटदर्द , पाचन सम्बन्धी समस्या , डकार अधिक आना , एसिडिटी , जी घबराना , जोड़ों का दर्द या सूजन मांसपेशियों का दर्द आदि में आराम मिलता है।
चावल का पानी – Chaval ka pani
इसे मांड भी कहा जाता है। पानी में चावल डालकर भीगने के लिए एक घंटे रख दें। अब इसे उबाल लें। चावल अच्छे से पकने के बाद छान लें। छना हुआ पानी ही मांड है। इसे ठंडा करके पियें अथवा चेहरे पर लगायें।
लाभ :
चावल का पानी त्वचा की रंगत निखारता है। चेहरे के दाग-धब्बे और झुर्रियों को दूर करने में सहायक होता है। इसे फेस पर टोनर की तरह लगाएं। स्किन स्वस्थ सुंदर और चमकदार हो जाती है। इस बालों पर लगाने से बालों में चमक आ जाती है। यह बाल गिरने से बचाने एवं उन्हें बढ़ने में सहायता करता है। चावल का पानी पीने से दस्त होने पर फायदा मिलता है। श्वेत प्रदर में चावल का पानी पीना बहुत लाभदायक होता है।
खीरे या ककड़ी का पानी – kakdi ka pani
खीरा ककड़ी के छिलके निकाल दें। अब इसके छोटे टुकड़े करके या स्लाइस करके पानी में डाल दें। एक घंटे बाद यह पानी पियें।
लाभ :
यह पानी मांसपेशियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। त्वचा को स्वस्थ और सुंदर बनाता है। यह शरीर से विषैले तत्व निकलने में सहायक होता है , ब्लडप्रेशर नियंत्रित रखने में मदद करता है। इस पानी से कई प्रकार के विटामिन और खनिज प्राप्त होते हैं।
गुलाब जल – Gulab jal
एक कांच के मर्तबान में गुलाब की ताजा पत्तियां पानी में डुबोकर धूप में लगभग एक सप्ताह तक रखें। फिर इसे छान कर बोतल में भर लें।
लाभ :
यह पानी पी एच बैलेंस को मेंटेन करता है। मुहाँसो को मिटाता है। आँखों काले घेरे कम करता है। आँखों की थकान मिटाता है। यह प्राकृतिक टोनर की तरह काम करता है। झुर्रियां और सनबर्न मिटाता है।
तुलसी का पानी – Tulsi ka pani
रात को एक गिलास पानी में 8-10 तुलसी के पत्ते डालकर रखें। सुबह छानकर पियें।
लाभ :
जोड़ों का दर्द कम होता है, शरीर से विषैले तत्व निकल जाते है। एसिडिटी तथा पाचन सम्बन्धी समस्या दूर होती है, शुगर कंट्रोल में रहती है। इसे लेने से सर्दी जुकाम बार बार होना मिटता है।
सूर्य जल चिकित्सा – Sury jal chikitsa
सूरज की रोशनी में सात रंग होते हैं। हर रंग में शरीर पर अलग अलग प्रभाव डालने की क्षमता होती है। इसी का लाभ लेने के लिए पानी को धूप में विशेष रंग की कांच की बोतल में भरकर कुछ समय रखा जाता है। ऐसा पानी पीने से कई प्रकार की शारीरिक परेशानी दूर हो सकती है। इस पानी के लाभ विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
लाभ :
इस तरह की जल चिकित्सा में कुछ रंग इन बीमारियों में लाभदायक होते हैं –
लाल या नारंगी रंग – बदहजमी , सर्दी खांसी , बहुमूत्र , कमर दर्द आदि।
हरा रंग – मानसिक प्रसन्नता , त्वचा विकार , फोड़े फुंसी , पेचिश , कब्ज आदि।
नीला रंग – तन को ठंडक , अधिक प्यास , लू लगना , जहरीले कीड़े मकोड़े का दंश , बाल झड़ना आदि।
सफ़ेद रंग – दाँत मजबूत , हड्डी की मजबूती , कैल्शियम की कमी दूर , वजन कम करना आदि।
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