उबासी जम्हाई क्यों आती है और कब खतरनाक होती है – Why We Yawn

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उबासी ubasi जम्हाई Jamhai या अंगड़ाई Yawn सभी को आती है। जब उबासी आती है तो हमारा मुँह खुल कर पूरा चौड़ा हो जाता है और हम एक गहरी साँस लेते हैं और छोड़ते हैं । यह आराम और उनींदेपन की निशानी होती है।

वैसे जम्हाई कुछ विशेष समय पर तो आती ही है जैसे सोने का समय हो गया हो या नींद से जागने के तुरंत बाद। लेकिन यह इन समय के अलावा भी आ सकती है।

उबासी लेते समय शरीर के कई हिस्स्से क्रियाशील हो जाते हैं। जिसमे मुँह का खुलना तो है ही , इसके अलावा जबड़ा नीचे की तरफ लटक जाता है , हवा से फेफड़े भर जाते हैं , पेट की मांसपेशियां तन जाती हैं।

डायफ्राम नीचे चला जाता है तथा साँस लेने और छोड़ने की मात्रा बढ़ जाती है। इस समय हृदय की धड़कन भी लगभग 30 % बढ़ जाती है।

उबासी

डॉक्टर्स के अनुसार गर्भाशय के अंदर तीन महीने का बच्चा भी जम्हाई लेता है। गर्भाशय की सोनोग्राफी करते समय कई बार गर्भ में शिशु द्वारा ली गई उबासी देखी गई हैं। यानि जन्म लेने से पहले ही उबासी आने के प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

सिर्फ इंसान ही Ubasi नहीं लेते जानवर भी मुँह खोलकर उबासी लेते हैं। कई जानवर जैसे बिल्ली , कुत्ता  , बन्दर , घोड़ा  , तोता आदि Ubasi लेते आसानी से देखे जा सकते हैं ।

जम्हाई की एक सबसे विशेष बात यह है कि यह कन्टेजियस ( एक से दूसरे को लगने वाली ) होती है। एक को आती है तो उसे देखकर दूसरे को भी आने लगती है।  यदि किसी ग्रुप में किसी एक ने Ubasi ली तो दूसरे लोग भी Ubasi लेने लगते हैं

यहाँ तक की इसके बारे में बात करने या पढ़ने से भी Ubasi आने लग जाती है। हो सकता है की इस लेख को पढ़ते हुए आपको भी उबासी आने लगे। यही इसका विशेष प्रभाव है।

उबासी क्यों आती है – Ubasi ke karan hindi me

अधिकतर थकान , उनींदापन , अरुचि , के कारण जम्हाई आने लगती है। लेकिन जम्हाई आने के कारण बता पाना इतना आसान नहीं है। शायद आपने भी महसूस किया होगा की जब आपके सामने कोई उबासी लेता है आपको भी Ubasi आने लगती है।

इसी तरह पूरे भक्तिभाव के साथ जब भगवान की आरती या पूजा आदि करते हैं तो उबासी आने लग जाती है। ऐसे कई दूसरे कारण भी हो सकते है जो हमें बिल्कुल समझ नहीं आते कि इस वक्त Ubasi क्यों आ रही है।

उबासी क्यों आती है और इसके क्या फायदे है इस पर समय समय पर वैज्ञानिकों ने रिसर्च की है। इसके आधार पर उन्होंने Ubasi के कारण की व्याख्या इस प्रकार की है –

ऑक्सीजन की जरूरत – Need of Oxygen

एक मान्यता यह थी कि जब शरीर को ऑक्सीजन जरुरत होती है या कार्बन डाई ऑक्साइड की अधिकता हो जाती है तब गहरी साँस के साथ उबासी आती है। इसीलिए ज्यादा लोगों के एक साथ होने पर Ubasi ज्यादा आती है।

लेकिन वैज्ञानिकों ने इसका परिक्षण कुछ लोगों को एक कमरे में बैठाकर वहां ऑक्सीजन की मात्रा में बदलाव करके देखा और पाया कि ऑक्सीजन की मात्रा में बदलाव करने पर उबासी की संख्या  में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। अतः यह मान्यता ख़ारिज कर दी गई।

थकान – Tiredness

कुछ लोगों मानना था की थकान होने पर उबासी आती है। लेकिन परिक्षण करने पर पाया गया की एक्सरसाइज करने से पहले , इसके दौरान और इसके बाद आने वाली Ubasi की संख्या में कुछ फर्क नहीं था। अतः यह मान्यता भी सही नहीं पाई गई।

सक्रियता – Activeness

एक अन्य मान्यता के अनुसार तथा अधिकतर लोगों के महसूस किये जाने के कारण यह माना गया कि जब सक्रियता कम होती है तब उबासी आती है और इससे सक्रियता बढ़ जाती है। इसीलिए सोने का समय होने पर तथा जागने के तुरंत बाद Ubasi ज्यादा आती है।

लेकिन जब वैज्ञानिक उपकरणों की मदद से दिमाग की सक्रियता का स्तर मापा गया तो पाया कि यह उबासी से पहले बढ़ जाता है। इस प्रकार यह मान्यता सटीक नहीं मानी गई।

ऊब जाना – Boredom

किसी चीज या घटना से ऊबने पर उबासी अधिक आती है। यह परिक्षण तथा प्रयोग द्वारा भी साबित हुआ है। लेकिन Ubasi का सिर्फ यह कारण नहीं होता इसलिए सिर्फ यह सिद्धांत कि ऊबने पर ही Ubasi आती है पूर्ण रूप से सही नहीं है।

दिमाग का तापमान – Brain Temperature

वर्तमान में जो धारणा प्रचलन में है वो यह है की दिमाग का तापमान कम करने के लिए उबासी आती है। Ubasi लेने से फेफड़ों में ज्यादा हवा भरने के कारण रक्त के तापमान में कमी आती है। यह रक्त दिमाग की तरफ जाकर दिमाग के तापमान को कम करता है।

दिमाग जितना ठंडा रहता है उतना ही बेहतर तरीके से काम कर पाता है। इसी वजह से गर्मी के मौसम में जम्हाई ज्यादा आती हैं। जानवरों पर प्रयोग करने पर भी यह अवधारणा सत्य साबित हुई है। अतः उबासी का सम्बन्ध तापमान नियंत्रण से अवश्य है।

भावनात्मक जुड़ाव – Emotional Attechment

भावनायें उबासी पर प्रभाव डालती है। जब हम किसी के प्रति हमदर्दी की भावना रखते हैं या दिल से किसी से जुड़ते हैं तो Ubasi आती है। यानि भावनात्मक जुड़ाव होने पर उबासी आने लगती हैं। इसीलिए मंदिर में दर्शन करते समय या पूजा के समय Ubasi आने लगती है। इसका मतलब हम दिल से पूजा कर रहे होते हैं।

यही प्रक्रिया इंसान और पशु के बीच भी हो सकती है। यदि कोई पालतू पशु जैसे घर में पाले जाने वाले कुत्ते आदि का हमसे जुड़ाव हो जाता है तब यदि हम उबासी लेते है तो हमारा पालतू भी हमें देखकर Ubasi  लेने लगता है।

उबासी कब खतरनाक – When Yawn Dangerous

वैसे तो उबासी आने से किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है ,लेकिन कुछ विशेष परिस्थिति में यह खतरनाक होती है। यह स्थिति वेसो वेगल रिएक्शन कहलाती है। इसमें वेगस नर्व की सक्रियता बढ़ जाती है। यह नर्व दिमाग और गले से होती हुई पेट तक जाती है।

जब यह नर्व अधिक सक्रीय हो जाती है तो दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाते हैं। इसके कारण बहुत ज्यादा उबासी आने लगती है। इसका ह्रदय पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में चिकित्सक की मदद लेनी चाहिए।

अतः यदि बिना किसी कारण बहुत ज्यादा उबासी आ रही हो तो डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए। वही बता सकता है की यह Ubasi सामान्य है या नहीं।

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