कौनसे डॉक्टर के पास जायें , किस स्पेशलिस्ट से कंसल्ट करें , ऐसे सवाल दिमाग में कभी न कभी जरुर आते हैं। सही इलाज के लिए सही डॉक्टर होना जरुरी है। आइये जाने स्पेशलिस्ट डॉक्टर कौनसे होते हैं उन्हें कब कंसल्ट करें।
शरीर एक बहुत जटिल कार्य प्रणाली है। इसमें प्रत्येक अंग का एक अलग विज्ञान और महत्त्व है जिसमे आँख , कान , पाचन तंत्र , गुर्दे , फेफड़े , हृदय , मस्तिष्क , हड्डियाँ , रक्त , नसें आदि कई अंग शामिल हैं।
शरीर के हर अंग से सम्बंधित सैकड़ों तरह की बीमारियाँ होती हैं इसलिए उनसे सम्बंधित चिकित्सा क्षेत्र भी बहुत बड़ा है। किसी एक डाक्टर के लिए सभी क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करना बहुत मुश्किल होता है।
सामान्य जानकारी वाला ज्ञान लेने के बाद चिकित्सक किसी अंग विशेष की अतिरिक्त जानकारी लेकर उस अंग या बीमारी के विशेषज्ञ बनते हैं ताकि लोगों का ज्यादा अच्छे तरीके से उपचार कर पाएं। अर्थात MBBS के बाद MD या MS करते है। कुछ डॉक्टर इसके बाद DM या MCh करके सुपर स्पेशलिस्ट बनते हैं।
( इसे पढ़ें : डॉक्टर्स की डिग्री कौनसी और उनका क्या मतलब )
इस तरह वे उस अंग या बीमारी के स्पेशलिस्ट डॉक्टर कहलाते हैं। चिकित्सा क्षेत्र में नई दवा तथा इलाज के नये तरीके विकसित होते रहते हैं। उन्हें उस क्षेत्र की सभी नई जानकारी जैसे नई दवा तथा इलाज का नया तरीका आदि के बारे में अधिक जानकारी होती है।
यू ट्यूब पर इस जानकारी को सुनने के लिए क्लिक करें –
इसमें शक नहीं कि सामान्य बीमारी में सभी डॉक्टर अच्छा इलाज करने में सक्षम होते है तथा कभी कभी जो डॉक्टर हमेशा हमारा इलाज करते हैं उन्ही से हम ठीक होते हैं क्योकि वो हमारी शारीरिक स्थिति को पहचानते हैं। कौनसी दवा हम पर अच्छा असर करती है या कौनसी दवा से हमें एलर्जी हो सकती है , इसका भी उन्हें पता होता है। लेकिन गंभीर स्थिति में वे भी विशेषज्ञ Specialist डॉक्टर से सलाह लेने का परामर्श देते हैं।
आइये जाने जरुरत के समय हमें किस विशेषज्ञ डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए
स्पेशलिस्ट डॉक्टर कौनसे
Specialist Doctors
कार्डियोलोजिस्ट – Cardiologist
Dil ka doctor hindi me
ह्रदय रोग के व्यापक होने के कारण महत्त्व बहुत बढ़ गया है। ये ह्रदय रोग से सम्बंधित परेशानियों के विशेषज्ञ होते हैं। साथ ही भविष्य में आपको ह्रदय रोग ना हो इसके लिए भी इनसे परामर्श लेकर सावधानी बरती जा सकती है।
बायें हाथ की नसें खींचती महसूस हो , छाती में घुटन या दबाव सा महसूस होता है , थोड़ा चलने से साँस फूलने लगती हो , मलाई , घी , तेल अत्यधिक मात्रा में लेते हों तो एक बार कार्डिओलॉजिस्ट से परामर्श अवश्य कर लेना चाहिए।
डेंटिस्ट – Dentist
daton ka doctor hindi me
यह आपको पता ही होगा दातों से सम्बंधित परेशानी के लिए सभी लोग डेंटिस्ट के पास ही जाते हैं। दांत में कीड़ा हो या मसूड़ों से खून आता हो , दाँत में दर्द हो , ठंडा गर्म दातों में लगता हो तो , दांत का किनारा मुंह में चुभ रहा हो तो इनकी मदद से लाभ होता है। 5 वर्ष की पढाई के बाद BDS ( बेचलर ऑफ़ डेंटल सर्जरी ) की डिग्री हासिल करके डेंटिस्ट बनते हैं। PG कोर्स करके MDS की डिग्री ली जाती है।
इसी क्रम में दातों का टेढ़ापन दूर करने के लिए ब्रेसेस लगाने के विशेषज्ञ भी होते है जिन्हें ओर्थोडोंटिस्ट कहते हैं। डेंटिस्ट अतिरिक्त पढाई करके ऑर्थोडोन्टिस्ट की डिग्री लेते हैं ( इसे पढ़ें : ब्रेसेस कौनसे लगवाएँ और क्या ध्यान रखें )
डर्मेटोलॉजिस्ट – Dermatologist
skin ka doctor hindi me
ये डॉक्टर त्वचा सम्बन्धी बीमारियों के विशेषज्ञ होते हैं। त्वचा में कई तरह के विकार हो सकते हैं। त्वचा की बनावट , कार्यविधि तथा बीमारी को ये अच्छे से समझते हैं।
क्लिक करके इसे पढ़ें : खून शरीर में कैसे और कहाँ बनता है और क्या काम करता है
गायनेकोलोजिस्ट – Gynecologist
ladies garbhavastha prajanan ang ke doctor
महिलाओं की प्रजनन अंग से सम्बंधित परेशानी और बीमारी का हल इनके पास होता है। गर्भाशय , योनी , ओवरी , मूत्र संसथान , यूरिन इन्फेक्शन आदि के सम्बन्ध में या इनकी जाँच के लिए इनसे परामर्श करना चाहिए। गर्भावस्था में इनसे नियमित परामर्श लिया जाता है।
गर्भावस्था और डिलीवरी से सम्बंधित एक और अन्य विशेषज्ञ ओब्स्टेट्रिशन Obstetrician कहलाते हैं। ओब्स्टेट्रिशन और गायनेकोलोजिस्ट में फर्क इतना होता है कि ओब्स्टेट्रिशन बच्चे का सही तरीके से जन्म सुनिश्चित करते हैं जबकि गायनेकोलोजिस्ट प्रजनन अंगों की बीमारी भी ठीक कर सकते हैं।
पीडीयाट्रीशियन – Pediatrician
bachchon ke doctor hindi me
नवजात शिशु , बच्चे , किशोर और युवावस्था से सम्बंधित स्वास्थ्य समस्या और उनके इलाज के लिए इनसे संपर्क करना उचित होता है। 18 वर्ष तक की उम्र वाले बच्चों को इन्हे दिखाया जा सकता है। बच्चों की बीमारियाँ , उनके टीके या अन्य परेशानी में इनसे संपर्क करना चाहिए। बच्चे कोमल होते है और इन्हे कोमल उपचार की जरुरत होती है। इन्हें बच्चों के साथ कैसे पेश आना है यह अच्छे से आता है।
निओनेटोलोजिस्ट- Neonatologist
navjaat shishu ke doctor hindi me
पीडियाट्रिक्स का एडवांस कोर्स करके निओनेटोलोजिस्ट बनते हैं। नवजात शिशु को जन्म के तुरंत बाद इन्हें दिखा लेना चाहिए। ये नवजात शिशु से सम्बंधित परेशानी तथा चेकअप आदि के विशेषज्ञ होते हैं। कभी कभी छोटी दिखने वाली समस्या जीवन भर के लिए दिक्कत का कारण बन सकती है। इससे बचने के लिए इनका परामर्श जरुर ले लेना चाहिए।
न्यूरोलोजिस्ट – Neurologist
dimag aur nadi ke doctor hindi me
नर्वस सिस्टम से सम्बंधित परेशानी और उसके उपचार के लिए न्यूरोलोजिस्ट से कंसल्ट करना चाहिए। नर्वस सिस्टम एक जटिल और परिष्कृत कार्य प्रणाली है जिसके द्वारा ही छोटी से छोटी शारीरिक गतिविधि संभव हो पाती है।
न्यूरोलोजिस्ट मस्तिष्क , स्पाइनल कोड तथा इन्द्रियों की गतिविधि , आँख , नाक , त्वचा की संवेदनायें आदि से सम्बंधित समस्या के विशेषज्ञ होते हैं। अल्जाइमर , पार्किन्सन , मिर्गी आदि रोग का ये अच्छे से उपचार कर सकते हैं।
सिर दर्द , चक्कर आना , अचानक आँखों के आगे अँधेरा छाना , हाथ पैरों में कंपन या सुन्न होना , कप गिलास आदि पकड़ने में दिक्कत , सही तरीके से चलने में दिक्कत होने पर न्यूरोलोजिस्ट से जरुर परामर्श करना चाहिए।
मस्तिष्क या नर्वस सिस्टम से सम्बंधित ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर न्यूरोसर्जन कहलाते है।
( इसे भी जरूर पढ़ें : साइबर सिकनेस यानि मोबाईल , लेप्टोप , टीवी के नुकसान से कैसे बचें )
ओन्कोलोजिस्ट – Oncologist
cancer ke doctor hindi me
कैंसर से बचाव , जाँच , स्टेज तथा उपचार से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी के विशेषज्ञ ओन्कोलोजिस्ट होते हैं। कीमियो थेरेपी , रेडियो थेरेपी आदि कैंसर के उपचार तथा इलाज के बाद कैंसर की स्थिति आदि के सम्बन्ध में ये अच्छी तरह बता सकते हैं और मदद कर सकते हैं। ये आपको कैंसर से लड़ने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बना सकते हैं।
ओर्थोपेडिक सर्जन – Orthopedic Surgeon
haddi ke doctor hindi me
हड्डी से सम्बंधित ऑपरेशन , हड्डी टूटना , अर्थराइटिस जैसी परेशानी में ओर्थोपेडिक सर्जन से सलाह करनी चाहिए। इमरजेंसी में इनकी जरुरत हर हॉस्पिटल को होती है।
ई एन टी – ENT Specialist
Nak , kan , gale ke doctor hindi me
कान , नाक , गला रोग के ये विशेषज्ञ होते हैं। गर्दन , मुंह या सिर से सम्बंधित परेशानी में भी इनसे मदद ली जा सकती है। टोंसिल या साइनस आदि से सम्बंधित उपचार या ऑपरेशन ये कर सकते हैं।
साईकियाट्रिस्ट – Psychiatrist
Mansik rog ke doctor hindi me
व्यवहार और मानसिक स्थिति से सम्बंधित परेशानी में इनसे मदद लेनी चाहिए। ये डिप्रेशन , लड़ाई झगड़े , मानसिक तनाव , आदि से बचने के रास्ते सुझा सकते हैं साथ ही कुछ दवाओं की मदद से आपको मानसिक रूप से मजबूत बना सकते हैं। इनके परामर्श के बाद आत्महत्या जैसे विचार मन से बिलकुल निकल जाते है। ये जीवन जीने की नई राह दिखा सकते हैं।
रेडियोलोजिस्ट – Radiologist
Xray , MRI , CT scain ki report ke doctor hindi me
हर तरह के एक्स रे X-ray, सिटी स्केन CT scain , एम आर आई MRI , अल्ट्रा साउंड तथा अन्य कई आधुनिक तकनीक की मदद से समस्या का सटीकता के साथ पता करके उपचार करने के विशेषज्ञ रेडियोलोजिस्ट होते हैं। किसी भी डॉक्टर के लिए इनसे परामर्श करने के बाद उपचार करना ज्यादा आसान हो जाता है। इसके अलावा रेडिएशन का शरीर पर प्रभाव और उससे बचाव की भी इन्हें सम्पूर्ण जानकारी होती है।
यूरोलोजिस्ट – Urologist
peshab ki pareshani ke doctor hindi me
मूत्र संसथान से सम्बंधित महिला और पुरुषों के अंगों की समस्या के लिए यूरोलोजिस्ट से परामर्श करना चाहिए। ये डॉक्टर गुर्दे ( kidney ) , मूत्राशय , मूत्र नली , एड्रिनल ग्लेंड्स के अलावा पुरुषों के प्रजनन अंग से सम्बंधित जानकारी और उपचार के विशेषज्ञ होते हैं।
प्रोस्टेट या वृषण की समस्या , पेशाब में तकलीफ आदि के लिए इनसे मदद लेनी चाहिए। ये इन अंगों से सम्बंधित ऑपरेशन भी कर सकते हैं।
गेस्ट्रोएंटरोलोजिस्ट- Gastroenterologist
Pet ki pareshani ke doctor hindi me
पाचन सम्बन्धी अंगों की परेशानी में इनसे संपर्क करना चाहिए। ये पेट , लीवर , पेन्क्रियास , पित्ताशय , छोटी आंत बड़ी आंत , गुदा आदि से सम्बंधित समस्या , बीमारी और उनके उपचार के विशेषज्ञ होते हैं।
एसिडिटी , सीने मे जलन , भूख न लगना , उल्टी , जी घबराना , पेट में अल्सर , पेट में दर्द , पेट फूलना , कब्ज , डकार ज्यादा आना , पित्ताशय में पथरी , दस्त , पेचिश , बवासीर आदि समस्या के लिए इनसे परामर्श करना चाहिये।
नेफ्रोलोजिस्ट – Nephrologist
Gurde kidni ke doctor hindi me
ये किडनी यानि गुर्दे से सम्बंधित बीमारी के विशेषज्ञ होते हैं। किडनी की समस्या का पता लगाना और उसका उपचार करना इनका विशेष क्षेत्र होता है। किसी विशेष बीमारी जैसे डायबिटीज आदि से किडनी पर पड़ने वाले प्रभाव और उससे बचाव आदि के बारे में ये अधिक जानकारी रखते हैं। ये दवा के माध्यम से उपचार करते हैं। यूरोलोजिस्ट और नेफ्रोलोजिस्ट में फर्क यही होता कि यूरोलोजिस्ट सर्जरी भी करते है लेकिन ये नहीं।
पल्मोनोलोजिस्ट – Pulmonologist
Sans fefde TB ke doctor hindi me
ये श्वसन तंत्र यानि साँस चलने के लिए काम आने वाले अंगों की समस्या का पता लगाने और उसके उपचार के विशेषज्ञ होते है। इन अंगों में नाक , गला , श्वास नली , डायाफ्राम , फेफड़ें और फेफड़ों की मांसपेशियाँ आदि शामिल हैं।
न्युमोनिया , अस्थमा या टी बी आदि के उपचार के लिए इनसे संपर्क करना चाहिए।
Disclaimer : The above mentioned has been given for informational purpose only and have been put together from the various published media and internet. For any treatment proper expert advice is recommended.
इन्हे भी जानें और लाभ उठायें :
सब्जी काटने पकाने मे ये गलती कभी ना करें
खाना खाने के तुरंत बाद भूलकर भी ना करें ये चीजें
वायरस क्या हैं और बीमारी कैसे फैलते हैं समझें आसान हिंदी में
डेंगू से बचने का शानदार घरेलू उपचार
भगवान को भोग लगाते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखें
कोरोना संकट में इम्युनिटी कैसे बढ़ायें क्या करें क्या ना करें
सब्जी खरीदते समय ध्यान रखें ये 17 जरुरी बातें
करंट लगने से नुकसान और बचने के उपाय
आर ओ फ़िल्टर का वेस्ट पानी कैसे काम में लें
ये उपाय कर लेंगे तो मच्छर नहीं काटेंगे
बिना पैसे खर्च किये पत्नी को खुश करने के तरीके
पैदल चलने , मॉर्निंग वॉक के फायदे
चूहे भगाने , बिना दवा मिटाने के आसान उपाय