गले में खराश के कारण और घरेलु नुस्खे – Soar Throat Gharelu Upay

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गले में खराश Soar Throat अक्सर सभी को होती रहती है। खराश होने पर गले में दर्द हो सकता है , चुभन हो सकती है , निगलने में परेशानी हो सकती है, गला सूखा-सूखा लगता है।

कभी कभी पानी पीना भी मुश्किल हो जाता है। गले में देखने पर ललास सी दिखाई देती है और टॉन्सिल पर या गले में सफ़ेद धब्बे नजर आ सकते है।

गले में  खराश किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन बच्चों को , स्मोकिंग करने वालों को ये अधिक होता है। इसके अलावा जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है या जिन लोगों को एलर्जी होती है उन्हें भी गले की ख़राश बार बार हो सकती है।

गले में खराश

कृपया ध्यान दे : किसी भी लाल रंग से लिखे शब्द पर क्लीक करके उसके बारे में विस्तार से जान सकते हैं। 

गले में खराश का कारण – Reason of  Soar Throat

Gale me kharash kyo hoti he

ज्यादातर इसका कारण सर्दी जुकाम , एलर्जी  और वायरल इन्फेक्शन होता है। किसी बेक्टिरिया के कारण भी गले में प्रॉब्लम हो सकती है।

मोनो न्यूक्लोसिस नामक वाइरल इन्फेक्शन के कारण गले में खराश हो जाती है। ये लार के द्वारा फैलता है ,इसे    Kissing disease ” किसिंग डिज़ीज ”  भी कहते है। ये kiss करने से हो सकता है। इससे प्रभावित व्यक्ति के छींकने या खांसने से भी ये दूसरे व्यक्ति को हो सकता है। इस बीमारी के लक्षण गले में खराश के अलावा बुखार , सिरदर्द , थकान आदि हो सकते है। ये एक डेढ़ महीने में अपने आप ठीक हो जाते है। स्कूल जैसी जगह में इसके होने की सम्भावना अधिक होती है।

मीज़ल्स के कारण गले मे खराश , बुखार , कफ़ , लाल आँखें , मांसपेशियों में दर्द ,नाक बहना ,और मुँह में सफ़ेद धब्बे हो सकते है। पूरे शरीर पर लाल लाल दाने होना इसकी खास पहचान है। इसे छोटी माता के नाम से जाना जाता है। अन्धविश्वास में नहीं पड़ना चाहिए और इसका डॉक्टर से इलाज लेना चाहिए।

मीजल्स छीकने , खांसने आदि से फैलती  है। इसके वायरस कई घंटे तक किसी सतह पर जीवित पड़े होते है। यहाँ से किसी दूसरे को आसानी से लग सकते है। एक दूसरे के झूठे गिलास में पानी पीने से या एक ही बर्तन में खाना खाने से दूसरे को हो सकता है। इसका वेक्सीन लगने से इससे बचाव हो जाता है।

अचानक से बुखार आ जाना , गले में बहुत खराश , गले में सफ़ेद धब्बे , सिरदर्द , सर्दी लगना , भूख बंद होना , निगलने में परेशानी हो तो ये स्ट्रेप थ्रोट के कारण हो सकता है । 5 से 15 साल की उम्र में ये अधिक होता है। छींकने से खांसने से ये फ़ैल सकता है।

डिप्थीरिया नामक बीमारी के कारण भी गले में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा हूपिंग कफ के कारण गले में खराश और तेज खांसी होती है जो 2 महीने तक रह सकती है।

उपरोक्त स्थितियां गंभीर होती है ,अतः चिकित्सक की देखरेख में उचित इलाज लेना चाहिए। अन्य स्थितियों में घरेलु उपचार से भी आराम मिल सकता है जो इस प्रकार हैं –

गले की परेशानियों के घरेलु उपाय – Home Remedies

Gale ki pareshani ke gharelu nuskhe

ज्यादातर भीड़भाड़ वाली जगह पर से लगने वाले इन्फेक्शन समस्या पैदा करते है। इसलिए ऐसी जगह सतर्क रहें। भीड़ वाली जगह से बचें।

किसी को सर्दी , जुकाम , खाँसी आदि है तो उससे दूरी बना कर रखें या रुमाल द्वारा नाक और मुँह ढ़ककर खुद को इन्फेक्शन से बचाएं। अपने हाथ साबुन से बार बार धोएं। हाथों को अपने चेहरे से दूर रखें। फिर भी इन्फेक्शन लग जाये तो ये उपाय करें।

—  एक कप दूध में चौथाई चम्मच सौंठ का चूर्ण और चौथाई चम्मच हल्दी मिलाकर उबाल लें। इसे छानकर गुनगुना पीने से गले की हर प्रकार की तकलीफ में आराम आ जाता है।

— टॉन्सिल में इन्फेक्शन के कारण गले में दर्द और निगलने में परेशानी हो तो आधा चम्मच हल्दी , आधा चम्मच सेंधा नमक और आधा चम्मच कुटी हुई वायविडंग ये तीनो चीजें दो गिलास पानी में डालकर दस मिनट उबालें।

इसे छानकर इस गुनगुने पानी से रात को सोते समय गरारे करें। इसी प्रकार एक बार सुबह भी गरारे करें। कुछ ही दिन में टॉन्सिल ठीक हो जाते है।

—  फिटकरी को तवे पर गर्म करके फुला लें ठंडा होने पर इसे पीस लें। आधा चम्मच ये फिटकरी  एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर गरारे करें। दिन में तीन चार बार इस तरह गरारे करने से गले की सूजन ,गले का दर्द आदि ठीक होते है। गले में गाढ़ा कफ जमा हो तो वो निकल जाता है।

गले के टॉन्सिल में दर्द या चुभन खत्म होती है। गले के अंदर छाले हो गए हो तो वो भी ठीक होते है।

—  एक कप दूध में चौथाई छोटा चम्मच हल्दी डालकर उबाल ले। इसे छानकर इसमें  स्वाद के अनुसार  एक चम्मच  मिश्री या शक्कर मिलाकर गुनगुना पियें। एक बार सुबह और एक बार रात को सोते समय लें। इससे गले की खराश में बहुत आराम मिलेगा।

—  दो गिलास पानी में दो चम्मच अजवायन डालकर दस मिनट उबालें। इसे छान लें।इस गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर सुबह और रात को सोते समय गरारे करें। इससे गले में दर्द और सूजन आदि में तुरंत आराम आ जाता है। सर्दी के कारण गले में दर्द ठीक होता है।

—  साबुत धनिया पीस लें। आधा चम्मच पिसा धनिया और आधा चम्मच पिसी मिश्री मिला लें। थोड़ा-थोड़ा करके बार-बार इसे चबा कर चूसने से गले की खराश में आराम मिलता है।

—  गरम खाने के तुरंत बाद ठंडा पानी पीने से गले में चुभन हो तो मुलहठी का चूर्ण मुँह में रखकर चूसने से आराम मिलता है। पान में मुलहठी का चूर्ण डालकर चूसने से भी गला साफ होता है।

—  सर्दी जुकाम की वजह से गले में आवाज दब गई हो या बोलने मे परेशानी हो रही हो तो रात को सोते समय एक बताशा और दो तीन काली मिर्च साथ में चबा चबा कर रस चूसते हुए खाएँ। ऐसे तीन चार बताशे खाएं। इससे गला एकदम खुल जाता है।

—  आधा चम्मच अदरक का रस और आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन बार चूसने से गले की खराश , खांसी आदि ठीक होते है।

—  एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर गरारे करने से गले की खराश , गले में दर्द , गले में चुभन आदि में आराम मिलता है। दिन में तीन चार बार गरारे करने चाहिए।

यदि गले में खराश 7 -8 दिन से ज्यादा रहे और साथ में बुखार , जोड़ों में दर्द या साँस लेने में परेशानी आदि भी हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

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