जोड़ों का दर्द गठिया अर्थराइटिस कारण और उपचार – Joint Pain Arthritis

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जोड़ों का दर्द एक आम समस्या है। इसे अर्थराइटिस के नाम से जाना जाता है। हालाँकि यह समस्या अधिक उम्र के लोगों को ज्यादा होती है लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकती है। सावधानी रखकर इससे बचा जा सकता है।

अर्थराइटिस होने पर जोड़ों में दर्द होता है , सूजन आ जाती है।  हिलने डुलने , बैठने उठने , सीढ़ी चढ़ने आदि में परेशानी होने लगती है।

जोड़ों का यह दर्द हर एक को अलग प्रकार से परेशान कर सकता है । जैसे किसी को कभी दर्द होता है तो कभी ठीक हो जाता है। किसी को कम या किसी को ज्यादा होता है। किसी किसी को कई सालों तक परेशान कर सकता है तो किसी को थोड़े समय बाद ठीक भी हो जाता है। किसी किसी को यह दर्द बद से बदतर होता चला जाता है।

जोड़ों में दर्द का कारण

Cause Of Joint Pain hindi me

जब किसी कारण से हड्डियों के जोड़ के बीच में मौजूद कार्टिलेज और द्रव को नुकसान पहुंचता है तो हड्डी आपस में रगड़ खाने लगती है। इस वजह से दर्द , सूजन और जकड़न आदि महसूस होने लगते है।

कार्टिलेज और द्रव को नुकसान पहुँचने के कई कारण हो सकते है। जिसमे अधिक वजन , उम्र का प्रभाव ,अनुवांशिकता और चोट भी कारण हो  सकते है।

जोड़ों में किसी बेक्टिरिया , वायरस आदि के संक्रमण के कारण भी सूजन और दर्द पैदा हो सकते है। इस प्रकार के बेक्टिरिया का संक्रमण दूषित खाना , यौन सम्बन्ध , या दूषित रक्त चढ़ाने आदि के कारण हो सकता है।

हमारा खुद का इम्यून सिस्टम भी जोड़ों के दर्द का कारण बन सकता है। हमारा इम्यून सिस्टम हमें संक्रमण और बीमारियों से बचाते हुए कुछ मात्रा में जलन व सूजन पैदा कर देता है । लेकिन इसी वजह से कभी कभी अधिक सूजन हो जाती है।  यह सूजन जोड़ों को या दूसरे अंगों को नुकसान पहुँचा कर अर्थराइटिस पैदा कर सकती है।

जोड़ों में दर्द अनुवांशिकता के कारण यानि परिवार में किसी सदस्य को होने पर हो सकता है। धूम्रपान के कारण भी इस प्रकार के अर्थराइटिस होने की संभावना होती है।

शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ने के कारण जोड़ों में दर्द हो सकता है। जब शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है तो यह सुई जैसे क्रिस्टल के रूप में जोड़ों में जमा होकर अचानक तेज दर्द पैदा कर सकता है।

यह अधिकतर गाउट के रूप में पैर के अंगूठे के जोड़ पर सूजन और दर्द पैदा करता है। रक्त की जाँच करवाने से यूरिक एसिड बढ़े होने का पता चल जाता है। इलाज नहीं होने पर दर्द स्थायी बन जाता है।

( इसे पढ़ें : यूरिक एसिड बढ़ने के कारण और आसान उपचार )

जोड़ों में साइनोवियम ( synovium ) नामक झिल्ली होती है। यह झिल्ली एक द्रव बनाती है जिससे जोड़ों को चिकनाई और पोषक तत्व प्राप्त होते है। इस झिल्ली में किसी कारण से सूजन आने या इसके द्रव की मात्रा में बढ़ोतरी के कारण जोड़ों में सूजन दिखाई देती है।

ऐसा जोड़ों में रक्त और सफ़ेद रक्त कण के ज्यादा प्रवाहित होने के कारण होता है। इससे जोड़ों में पानी अधिक बनने लगता है जो ललास , दर्द और सूजन का कारण बन जाता है।

जोड़ों का दर्द पहचानें

Type Of Arthritis in hindi

अलग प्रकार के आर्थराइटिस को अलग संकेतों से पहचाना जा सकता है। जैसे जोड़ों में सूजन हो , जोड़ों में जकड़न सुबह उठने के समय ज्यादा महसूस होती हो , जकड़न एक घंटे तक या उससे अधिक देर तक बनी रहती हो , हिलने डुलने पर दर्द होता है तो इसका मतलब यह इंफ्लेमेटरी अर्थराइटिस है।

यदि ज्यादा चलने फिरने से या एक्सरसाइज करने से जोड़ दुखते है , एक अवस्था में अधिक देर तक रहने के बाद हिलने डुलने पर जकड़न महसूस होती है । तो यह ऑस्टीओ आर्थराइटिस की पहचान होती है। यह परेशानी हाथ , अंगुली , कोहनी , घुटना , एड़ी , पैर , कंधे , कूल्हे आदि में कही भी हो सकती है।

ऑस्टीओ अर्थराइटिस में चोट , समय के साथ क्षरण या उम्र के प्रभाव से जोड़ों में दर्द होने लगता है। इसमें

अधिकतर पीठ में नीचे की तरफ का हिस्सा , कूल्हों के जोड़ , घुटने और पैर ज्यादा प्रभावित होते है। इसमें सुबह के समय जकड़न या दर्द ज्यादा तो हो सकता है लेकिन यह आधे घंटे के अंदर ही मिट जाता है। इसमें ललास , सूजन आदि ना के बराबर होते है।

यदि जोड़ों में ललास , दर्द , सूजन आदि जोड़ के आस पास होती है तो यह रूमेटिड अर्थराइटिस हो सकता है। इसमें सूजन से हड्डी और मांसपेशी को नुकसान पहुंच सकता है। इससे जोड़ अधिक क्षतिग्रस्त हो सकता है। इसमें घण्टों तक दर्द व सूजन में आराम नहीं मिलता।

यह किसी भी जोड़ में हो सकता है लेकिन अधिकतर इसकी शुरुआत छोटे जोड़ जैसे हाथ और पैर की अंगुली से होती है। जकड़न सुबह के समय बहुत ज्यादा होती है। समय के साथ जकड़न और दर्द की यह समस्या बढ़ती चली जाती है।

आयुर्वेद के अनुसार शरीर में वात दोष बढ़ने की वजह से जोड़ों में दर्द उत्पन्न होता है। इसके अलावा भोजन का पाचन सही तरीके से नहीं होने के कारण आम नामक रस बनता है जो जोड़ों के कमजोर हिस्से में जमा हो जाता है।

आम और वात दोनों के दूषित होने कर आमवात नामक समस्या पैदा होती है , जिससे जोड़ों में दर्द होने लगता है। यही आमवात अर्थराइटिस कहलाता है।

यह आमवात अधिक दिनों तक बने रहने पर संधिवात यानि गठिया बन जाता है। अतः जोड़ों के दर्द , गठिया या अर्थराइटिस से बचने के लिए पाचन तंत्र मजबूत होना चाहिए तथा वात यानि गैस नहीं बननी चाहिए।

जोड़ों का दर्द

जोड़ों का दर्द मिटाने के घरेलु उपाय

Joint Pain Home Remedies in hindi

सिकाई

गर्म या ठंडी सिकाई अर्थराइटिस के दर्द में कुछ समय के लिए राहत पाने का सबसे आसान तरीका होता है। सिकाई के लिए हीटिंग पेड , गर्म पानी की सिकाई , गर्म नमक की सिकाई आदि का उपयोग किया जा सकता है।

ठंडी सिकाई  के लिए बर्फ का उपयोग किया जाता है। जिस तरह की सिकाई से आपको फायदा पहुँचता हो उस तरह की सिकाई लेनी चाहिए।

अजवाइन और नमक की भाप की सिकाई बहुत लाभ देती है। इसके लिए एक पतीली में दो गिलास पानी ,चार चम्मच अजवाइन और दो चम्मच नमक डालकर गर्म करें। पतीली पर जाली रखें। इस जाली पर एक रुमाल या पतला नेपकिन गीला करके निचो कर तह करके रखें।

जब यह रुमाल भाप से गर्म हो जाये तब इससे दर्द वाली जगह सिकाई करें। रुमाल जितना सहन हो सके उतना ही गर्म करें। ज्यादा गर्म हो तो थोड़ा ठंडा कर लें। इस प्रकार रोजाना 15 -20 मिनट तक सिकाई करने से जोड़ों के दर्द में बहुत आराम मिलता है।

गर्म या ठंडी सिकाई 20 मिनट से अधिक नहीं करनी चाहिए। रुक रुक कर सिकाई करनी चाहिए। स्किन पर सीधे गर्म या ठंडा लगाने के बजाय पहले त्वचा पर कपड़ा या तौलिया आदि लगा कर सिकाई करनी चाहिए।

एक्सरसाइज

एक्सरसाइज करना लाभ दे सकता है। इससे उन मांसपेशियों को ताकत मिल सकती है जो जोड़ों को हिलाने डुलाने में काम आती है और जोड़ को सहारा देती है। इससे नींद भी अच्छी आती है और मन खुश खुश रहता है। शरीर का वजन कम रहता है। ये सभी दर्द को कम करते है।

अपने सामर्थ्य के अनुसार हल्की एक्सरसाइज ही करनी चाहिए। दर्द बढ़ ना जाये ये ध्यान जरूर रखना चाहिए ।

पौष्टिक भोजन

सन्तुलित और पोष्टिक भोजन जो खनिज , विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट आदि से भरपूर हो ऐसा लेना चाहिए। इससे वजन भी सही रहता है और सूजन या संक्रमण आदि में आराम मिलता है।

सब्जी का जूस ,सूप या फल आदि लिए जा सकते है। सेबपपीता ,अंगूर ,आंवला , चीकू , संतरा , आदि जो भी फल पसंद हो ले सकते है।

रसोई के मसाले जैसे हींग , हल्दी , मेथी आदि इसमें फायदा पहुंचाते है। इनका उपयोग यथोचित मात्रा में करना चाहिए। मेथी का उपयोग विशेष कर जोड़ों के दर्द में बहुत लाभ पहुंचाता है।

सब्जियों में अदरक , लहसुन , करेला , बथुआ , ककड़ी आदि से लाभ मिलता है। रक्त की जाँच में यूरिक एसिड अधिक आये तो सेब नियमित रूप से खाना चाहिए।

देर से पचने वाले या गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थ कम ही लेने चाहिए। तला हुआ तथा अधिक मिर्च मसाले वाला भोजन नहीं लेना चाहिए। चाय , कॉफी , चीनी , दही आदि कम लेने चाहिए। कोल्ड ड्रिंक , शराब , धूम्रपान आदि नहीं लेने चाहिए।

सूखे मेवे जो खून की कमी दूर करते है लेने चाहिए। मुनक्का , किशमिश , अंजीर , काजू , अखरोट आदि के उपयोग से फायदा मिलता है।

नींद

नींद पूरी नहीं होने से अर्थराइटिस का दर्द और थकान आदि में बढ़ोतरी हो सकती है। अतः अच्छी नींद के उपाय जरूर करने चहिये। जैसे सोने का कमरा शांत हो , तापमान सही हो। बिस्तर साफ सुथरा हो।

रात को चाय कॉफी न लें। रात का खाना हल्का फुल्का आसानी से पचने वाला होना चाहिए। । रात को अधिक देर तक जागना , दिन में सोना ठीक नहीं है।

मानसिक तनाव , अवसाद , चिंता , डर , दुःख आदि से दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए प्राणायाम , मेडिटेशन आदि सीख कर इनका दैनिक अभ्यास बहुत फायदेमंद हो सकता है। प्राणायाम के बारे में विशेष ध्यान रखने योग्य बातें जानने के लिए यहाँ क्लिक करें। इन उपायों से अवश्य लाभ होता है।

कृपया ध्यान दें : किसी भी लाल अक्षर वाले शब्द पर क्लीक करके उस शब्द के बारे में जानिए विस्तार से । 

जोड़ों का दर्द मिटाने के घरेलु नुस्खे

Gharelu Nushhe For Joint Pain in hindi

—  तिल का तेल और कपूर से बने तेल की मालिश करने से दर्द दूर होता है। यह तेल बनाने के लिए एक सफ़ेद कांच की शीशी में आधा लीटर तिल का तेल और  10 ग्राम कपूर मिलाकर धूप में रख दें। जब ये दोनों घुल मिलकर एक हो जाये तब इस तेल की मालिश करने से जोड़ों के दर्द में बहुत आराम मिलता है।

—  हारसिंगार ( पारिजात ) के पेड़ की  5 -7  पत्तियां लाकर पीस लें। इन्हें एक गिलास पानी में डालकर 10  मिनट उबालें। ठंडा होने पर छान कर पियें। यह पानी सुबह खाली पेट कुछ समय  लगातार पीने से जोड़ों का दर्द ठीक होता है।

हारसिंगार के पेड़ की पहचान यह है की इसमें  सदाबहार के फूल जैसे छोटे सफ़ेद खुशबूदार फूल लगते है। जो रात को महकते है और सुबह खिर जाते है। पेड़ के नीचे फूलों की चादर सी बिछ जाती है। सदाबहार भी एक शानदार औषधीय पौधा है।

( इसे भी पढ़ें : सदाबहार के फूल पत्ती और जड़ असरदार दवा के लिए )

—  असगंध की जड़ ( पंसारी से लें ) को बारीक पीस लें। इसमें बराबर मात्रा में पिसी हुई शक्कर मिला लें। यह मिश्रण एक चम्मच फांक कर गर्म मीठा दूध पियें। सुबह शाम कुछ दिन इस प्रयोग से जोड़ों का दर्द व गठिया मिटता है।

( इसे पढ़ें : असगंध नागौरी ताकत की बेजोड़ दवा )

—  एक चम्मच मेथीदाना धोकर रात को एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह थोड़ा हिलाकर पानी को निथार लें। यह पानी पी लें। बची हुई मेथी को एक सूती कपड़े में बांधकर अंकुरित करके खा लें।

कुछ दिन लगातार इस प्रयोग से जोड़ों के दर्द में बहुत आराम मिलता है। इसे सर्दी के मौसम में कोई भी कर सकता है। इससे जोड़ों के दर्द से बचाव भी होता है।

—  सोंठ , जीरा , अजवाइन , काली मिर्च , काला नमक और सेंधा नमक बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीस लें। आधा चम्मच यह पाउडर एक गिलास छाछ में मिलाकर पियें। ऐसी छाछ दिन में तीन बार पियें। इससे बढ़ा हुआ यूरिक एसिड कम होता है और जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। छाछ खट्टी नहीं होनी चाहिए।

—  आधा गिलास ककड़ी का रस और आधा गिलास गाजर का रस मिलाकर पीने से रक्त में यूरिक एसिड कम होकर जोड़ों का दर्द मिटता है।

— एक गिलास पानी में दो चम्मच सूखे आंवले का पाउडर और इतना ही गुड़ डालकर उबालें। जब चौथाई रह जाये तब छान कर पियें। सुबह शाम यह पानी पियें। परहेज करें रोटी बिना नमक वाली लें। रोटी के साथ मूंग की दाल काली मिर्च और सेंधा नमक मिलाकर लें। कुछ दिन लगातार लेने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।

—  दो चम्मच शहद में आधा चम्मच दालचीनी का पाउडर मिला लें। इसे गुनगुने पानी से सुबह खाली पेट कुछ दिन लेने से जोड़ों के दर्द में आराम आता है।

—  अमरुद के पत्ते पीस कर दर्द वाले स्थान पर लगाएं। अमरुद के पत्ते पानी में उबाल कर इस पानी से सिकाई करें। आराम मिलेगा।

—  लौकी के एक कप रस में आधा चम्मच सोंठ पाउडर मिलाकर लेने से जोड़ों के दर्द और सूजन कम होते है।

—  बथुए के पत्तों का रस आधा कप रोज सुबह खाली पेट कुछ दिन पीने से जोड़ों का दर्द ठीक होता है।

—  उपवास करने से आम उत्पन्न होना बंद होता है और जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। यह उपवास शारीरिक सामर्थ्य , ऋतु व स्थान के अनुसार किया जाना चाहिए।

—  सुबह शाम एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर पीने से आराम मिल सकता है।

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