बुखार नापने के लिए थर्मामीटर का उपयोग हम सभी करते हैं। बच्चों को अक्सर बुखार हो जाता है। शरीर गर्म लगने पर बुखार नापने की जरुरत पड़ती है। सही तापमान नापा जाना जरुरी होता है। इसके लिए सही थर्मामीटर का उपयोग होना चाहिए । बुखार कितना है यह पता चलने पर इलाज में आसानी होती है।
हल्का बुखार चिंता का कारण नहीं होता लेकिन तेज बुखार परेशानी पैदा कर सकता है। तीन महीने से छोटे बच्चे का हल्का बुखार भी गंभीर अवस्था का संकेत हो सकता है अतः सटीक तापमान जानना जरुरी हो जाता है।
पारे वाले कांच के थर्मामीटर गुजरे ज़माने की बात हो चुकी है जिसमे बुखार देखना भी एक कला थी। साथ ही उनके टूटने और पारा लीक होने का डर रहता था । पूरे दो मिनट तक मुंह में जीभ के नीचे रखना पड़ता था। बच्चों का बुखार बगल में रखकर नापना पड़ता था जिसके गलत होने की सम्भावना भी होती थी।
अब डिजिटल Thermometer काम लिए जाते हैं। जिसमे तापमान अंकों में लिखा हुआ आ जाता है और यह सटीक तापमान दर्शाता है। कुछ ही सेकंड में ही कितना बुखार है यह पता चल जाता है।
आजकल कई प्रकार के थर्मामीटर आने लगे हैं जिनसे आसानी से और एक्यूरेट टेम्प्रेचर नापा जा सकता है।
थर्मामीटर कितने प्रकार के – Type of Thermometers
रेक्टल थर्मामीटर – Rectal thermometer
यह थर्मामीटर शिशु का बुखार की सही रीडिंग देखने के लिए सबसे अधिक विश्वसनीय माना जाता है। शिशु की गुदा के माध्यम से बुखार नापा जाता है । अपेक्षाकृत थोड़े महंगे होते हैं। तापमान लेने के कारण शिशु को असामान्य लग सकता है। शिशु को थोड़ी चिड़चिड़ाहट भी हो सकती है।
माता पिता को भी तापमान लेते वक्त अजीब सा लग सकता है। इन्हे सावधानी से उपयोग में लाना चाहिए। इस प्रकार के थर्मामीटर में ऐसी सुविधा वाले भी आते है जिनसे Thermometer का ज्यादा अंदर तक जाने की संभावना समाप्त हो जाती है।
चार महीने से छोटे शिशु के लिए ये Thermometer सबसे अच्छे रहते हैं। क्योंकि इनसे बिल्कुल सही टेम्परेचर मिलता है। 4 महीने से छोटे बच्चे को 100 .4 या इससे अधिक बुखार हो तो यह गंभीर हो सकता है। इन्हे सावधानी से काम लेना चाहिए।
मल्टी यूज़ थर्मामीटर – Multi Use thermometer
इस प्रकार थर्मामीटर से सभी तरह से नाप ली जा सकती है मुंह से , बगल में रखकर या पीछे डालकर। इनसे तापमान लेना आसान होता है। ये 10 सेकंड से 2 मिनट तक में तापमान बता देते हैं। ये सबसे ज्यादा काम लिए जाते हैं। इनकी कीमत भी ज्यादा नहीं होती है।
इनमे बीप की आवाज से पता चल जाता है कि अब Thermometer में रीडिंग देखी जा सकती है। मेमोरी वाले डिजिटल Thermometer भी उपलब्ध हैं। ये किसी भी उम्र के लिए काम लिए जा सकते हैं।
फोरहेड थर्मामीटर – Forehead thermometer
ये नए प्रकार के थर्मामीटर हैं। ये थोड़े महंगे होते हैं। यह इंफ्रारेड द्वारा टेम्पोरल आर्टरी से तापमान लेता है । यह टेम्पोरल आर्टरी थर्मामीटर भी कहलाता है। फोरहेड यानि मस्तक के सामने लगाने पर तापमान बता देता है। ये सुरक्षित होते है तथा काम लेने में आसान होते हैं।
विशेष कर बच्चों का बुखार नापने के लिए बहुत अच्छे रहते हैं। तीन महीने से छोटे शिशु के लिए इससे नापने के बाद रेक्टल थर्मामीटर से भी नाप लेना चाहिए। तीन महीने से बड़े बच्चे के लिए ये बहुत अच्छे रहते हैं।
यदि बच्चा 2 साल से बड़ा है तो वह रेक्टल Thermometer लगाने नहीं देगा। हिलने डुलने पर उसे चोट भी लग सकती है। मुंह में रखे जाने वाला थर्मामीटर सही तरीके से लगा नहीं पायेगा। इसलिए इस उम्र के लिए फोरहेड वाला Thermometer अच्छा रहता है।
ईयर थर्मामीटर – Ear thermometer
यह इंफ्रारेड किरणों की मदद से कान से तापमान लेता है। इनसे जल्दी तापमान मिल जाता है। लेकिन इससे थोड़ी परेशानी होती है। इसे काम में लेना थोड़ा सीखना पड़ता है। इस सही तरीके से लगाना पड़ता है। इन्हे बारह महीने से बड़े बच्चों के लिए ही काम लेना चाहिए।
कान के पीछे लगाए जाने वाले थर्मामीटर
ये फोरहेड Thermometer जैसे ही होते हैं। लेकिन इनमे रीडिंग कान के पीछे केरोटिड आर्टरी से ली जाती है। ये नए प्रकार के थर्मा मीटर हैं। सोते हुए बच्चे का बुखार नापने के लिए अच्छे रहते हैं। थोड़े महंगे होते हैं। चार महीने से बड़े बच्चे के लिए काम लिया जा सकता है।
मुंह में रखे जाने वाले थर्मामीटर
चार साल से बड़े बच्चे का बुखार नापने के लिए ये थर्मामीटर काम में लिए जा सकते है। इसे दो मिनट तक जीभ के नीचे स्थिर रखना पड़ता है। ये सुरक्षित होते है और काम में लेने में आसान होते हैं। सही तापमान दिखाते हैं। छोटे बच्चे थर्मामीटर को मुँह में सही तरीके से नहीं लगा पाते।
बगल में रखे जाने वाले थर्मामीटर – Armpit thermometer
ये किसी भी बच्चे का बुखार देखने के लिए काम लिए जा सकते हैं। इन्हे बगल कांख ( आर्मपिट ) में निश्चित समय तक लगाना होता है। इन्हे काम में लेना आसान होता है। लेकिन ये रेक्टल , कान या फोरहेड वाले Thermometer जैसी सटीक रीडिंग नहीं देते हैं।
स्मार्ट थर्मामीटर -Smart thermometer
ये सबसे आधुनिक तरह के थर्मामीटर हैं। इन्हे फोन , लेपटॉप आदि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से कनेक्ट किया जा सकता है। कुछ ऐसे भी आते है जिन्हे बच्चे के बगल में पहनाया जा सकता है और ये वायरलेस द्वारा तापमान लैपटॉप में दिखा सकता है।
इसके अलावा इस तरह के भी आते हैं जिनसे फोन द्वारा वाई फाई के माध्यम से यह डाटा ट्रांसफर किया जा सकता है। टाइम के अनुसार तापमान में बदलाव को नोट किया जा सकता है। उसे ग्राफ के माध्यम से देखा जा सकता है। डाटा आसानी से चिकित्सक को भेजा जा सकता है ताकि उचित समय उचित इलाज मिल सके।
बुखार नापते समय ध्यान रखने योग्य बातें
Temperature taking tips
— बच्चे को नहलाने के तुरंत बाद बुखार नहीं नापना चाहिए। आधा घंटे बाद तापमान लिया जा सकता है।
— मल्टी पर्पस थर्मामीटर को शरीर के किसी एक अंग के लिये ही काम में लेना चाहिए ताकि बैक्टीरिया न फेलें। साफ सफाई का उचित ध्यान रखना चाहिए।
— अन्य पेसिफायर या सिर पर पट्टी जैसे लगाये जाने वाले थर्मामीटर भी आते है लेकिन डॉक्टर्स के अनुसार ये सही रीडिंग नहीं बताते।
— बीप की आवाज वाले Thermometer में दिए गए निर्देश के अनुसार धैर्य से बुखार नापना चाहिए। जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।
— अधिकतर डिजिटल थर्मामीटर बैटरी वाले होते है। अगर बैटरी कमजोर लगे तो तुरंत बदलवा लेनी चाहिए।
रेक्टल थर्मामीटर से बुखार कैसे नापते हैं
How to use rectal thermometer
कुछ शिशु इससे तापमान लेने देते हैं और कुछ इससे चिढ़ते हैं। बच्चे को ज्यादा परेशानी हो तो बगल से बुखार नापना चाहिए। यदि तापमान 99 डिग्री से अधिक आता है तो सही तापमान निश्चित करने के लिए रेक्टल से लेना चाहिए। जो इस प्रकार लिया जाता है।
— थर्मामीटर को रबिंग अल्कोहोल या गुनगुने पानी से साफ कर लें। इसके बाद ठन्डे पानी से धो लें।
— सिरे पर थोड़ा पेट्रोलियम जेली लगा लें ताकि घुसाने में आसानी हो।
— शिशु को पीठ के बल सुला दें।
— उसके पैरों को ऊपर उठायें।
— धीरे से थर्मामीटर निर्देश के अनुसार लगा दें।
— पीठ के बल लिटाने से , आप शिशु को दिखाई देते है जिससे वह परेशान नहीं होता।
— अन्य तरीके में शिशु को गोद में पीठ के बल इस तरह लिटायें कि पैर थोड़े चौड़े हो जाएँ फिर थर्मामीटर लगा दें।
— जब थर्मामीटर से बीप की आवाज आये तो उसे निकालें और तापमान नोट कर लें ।
— थर्मामीटर निकालते वक्त शिशु मल बाहर निकाल सकता है , इससे परेशान होने की जरुरत नहीं है।
— तापमान लेने के बाद थर्मामीटर को रबिंग अल्कोहोल या साबुन से धोकर साफ कर लें। सूखा कर रख लें।
फोरहेड थर्मामीटर कैसे काम में लें
How to use forehead thermometer
यह थर्मामीटर काम मे लेना बहुत आसान होता है। इसे काम में लेने का तरीका पैकेट के साथ आता है। फिर भी परेशानी हो तो डॉक्टर से सीख लेना चाहिए। इसे मस्तक या ललाट पर बीच में रखना होता है। बटन दबा कर ललाट पर लगा कर एक बार आड़ा चलायें। ललाट से हटा कर बटन छोड़ दें। अब टेम्परेचर देखें और नोट कर लें। यह बहुत जल्दी तापमान दिखा देता है।
बगल में थर्मामीटर से बुखार कैसे नापें
How to use thermometer in armpit
बगल से सामान्य डिजिटल Thermometer से बुखार नापा जा सकता है। इस तरह नापे गए बुखार के गलत आने की संभावना होती है अतः यह अधिक विश्वसनीय तरीका नहीं समझा जाता है। तीन महीने से छोटे शिशु का बुखार की रीडिंग का सही होना बहुत जरुरी होता है। अतः इतने छोटे बच्चे का बुखार इस तरीके से नहीं नापना चाहिए।
इस तरीके से बुखार नापने के लिए उसकी बगल कांख ( Armpit ) में रख कर हलके से हाथ को दबा दें ताकि स्किन पूरी तरह थर्मामीटर से लगी रहे। हाथ को पकड़े रहें। थर्मामीटर से बीप की आवाज आये तब निकल कर तापमान नोट कर लें।
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Disclaimer : इस पोस्ट का उद्देश्य जानकारी देना मात्र है , किसी भी उत्पाद के उपयोग से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।