पैर की नसें फूलना वेरिकोज़ वेन्स कारण और उपचार – Varicose veins

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पैरों की नसें फूल जाना Nas fulna , उनमे गाठें पड़ जाना या नस के गुच्छे जैसे बन जाना , नसों का रंग नीला हो जाना आदि चिकित्सा की भाषा में वेरिकोज़ वेन्स  Varicose veins कहलाता है।

पैरों में यह समस्या अधिक होती है , क्योकि खड़े रहने और चलने पर नसों पर अधिक दबाव पड़ता है। पुरुषों में गार्ड, पुलिस , कुली , रिक्शा चलाने वाले , ड्राइवर , अध्यापक आदि लोगों को यह समस्या अधिक होती है। आजकल महिलाओं को रसोई में देर तक खड़े रहने के कारण यह समस्या बहुत होती है।

पैर की नसें फूलना

आयुर्वेद मै इसे सिराजग्रंथि Siraj granthi के नाम से जाना जाता है। यह पित्त दोष या वात दोष के कारण होने वाली परेशानी समझी जाती है।

वेरिकॉज वेन्स Varicose veins के कारण कुछ लोगों को दर्द होता है और कुछ को नहीं होता। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए और उपचार जल्दी कर लेना चाहिए अन्यथा समस्या बढ़ सकती है और परिणाम गंभीर हो सकते हैं।

वेरिकोज वेन्स के लक्षण

Varicose veins symptom hindi me

वेरिकॉज वेन्स में अधिकतर पैर की नसों में रक्त संचार बाधित हो जाता है। जिसके कारण वहाँ की त्वचा का रंग बदलना और नसों का फूलना आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं । अतः इन लक्षणों को पहचान कर सचेत हो जाना चाहिए और इसे ठीक करने के उपाय शुरू कर देने चाहिए। वेरिकोज़ वेन्स के लक्षण इस प्रकार के हो सकते हैं –

—  पैरों की नसें उभरी हुई तथा गुच्छा सा बना हुआ या टेढ़ी मेढ़ी दिखाई देना ।

—  नसों का रंग नीला या गहरा बैंगनी दिखाई देना ।

—  पैरों में दर्द या भारीपन रहना ।

—  पैरों में नीचे की तरफ जलन , चटके जैसे चलना  , मांसपेशियां में ऐंठन या सूजन होना ।

—  ज्यादा देर तक बैठने या खड़े रहने से परेशानी बढ़ जाना ।

—  नसों के आस पास खुजली चलना ।

—  नसों में से रक्तस्रव होना ।

—  नसों का गुच्छा सा बन जाना और त्वचा लाल हो जाना ।

—  पैर की स्किन का रंग बदल जाना , जलन सी महसूस होना ।

—  एड़ी के आस पास घाव हो जाना।

पैर की नसें फूलने के कारण

Varicose veins reasons in hindi

हमारे शरीर में बहुत सी धमनियाँ ( Arteries ) और शिराएँ ( Veins ) होती हैं । धमनी Artery  के रास्ते ऑक्सीजन युक्त शुद्ध रक्त अंगों व कोशिकाओं तक पहुँचता है तथा अशुध्द रक्त शिरा  Veins  के माध्यम से वापस हृदय की और लौटता है। सामान्य भाषा में धमनी या शिरा दोनों को नस कहा जाता है। शिराओं में ऐसे वाल्व होते हैं जो रक्त को वापस जाने से रोकते हैं अर्थात इनमे रक्त का प्रवाह सिर्फ एक तरह ही होता है।

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खड़े रहने की स्थिति में पैर की शिराओं को गुरुत्वाकर्षण के विरूद्ध काम करना होता है। किसी कारण से शिराओं का रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है तो दबाव के कारण नस फूल जाती है। नस फूलने के सामान्य कारण ये होते है –

उम्र

उम्र बढ़ने के साथ शिराओ का लचीलापन कम होता जाता है। वेन्स में मौजूद वाल्व कमजोर पड़ जाते हैं। इस वजह से कुछ रक्त हृदय की तरह जाने की बजाय दूसरी दिशा में जाने लगता है। इससे रक्त नसों में इकठ्ठा हो जाता है और नसें फूल जाती हैं। यह नस नीली दिखाई देती हैं , क्योकि इनमे भरा हुआ रक्त ऑक्सीजन रहित अशुध्द रक्त होता है।

गर्भावस्था

कुछ महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान नसें फूलने की समस्या हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ जाती है परन्तु पैरों से पेट की तरफ जाने वाले रक्त की मात्रा में कमी आ जाती है।

इससे प्राकृतिक रूप से गर्भ के शिशु को अधिक पोषण मिलता है लेकिन इसका यह साइड इफेक्ट हो सकता है कि पैर की नसें फूल जाती हैं। गर्भाशय का दबाव बढ़ने पर समस्या बढ़ भी सकती है। यह हार्मोन के बदलाव का असर भी हो सकता है। डिलीवरी के कुछ समय बाद यह परेशानी अपने आप ठीक हो जाती है।

अनुवांशिकता

यदि परिवार में किसी सदस्य को वेरिकोज़ वेन्स की परेशानी है तो अन्य सदस्य को भी इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। अतः ध्यान रखना चाहिए।

हार्मोन का बदलाव

महिलाओं को वेरिकोज़ वेन्स की समस्या अधिक होती है। महिलाओं में हार्मोन के स्तर में बहुत बदलाव होते हैं। हार्मोन का उचित स्तर वेन्स का लचीलापन बनाये रखता है। लेकिन माहवारी से पहले ,  गर्भावस्था में तथा मेनोपॉज के समय हार्मोन के स्तर में बदलाव इस समस्या का कारण बन सकता है। गर्भ निरोधक गोलियाँ इसका खतरा बढ़ा सकती हैं।

मोटापा

वजन अधिक होने से नसों पर अधिक दबाव पड़ता है जिसके कारण नसें फूल सकती हैं। वजन ज्यादा होने के दूसरे भी कई नुकसान हैं।

लंबे समय तक खड़े रहना या पैर लटका कर बैठना

नियमित रूप से बहुत ज्यादा देर तक खड़े रहना पड़ता हो या पैर लटका कर बैठना पड़ता हो तो रक्त का संचार सही तरीके से नहीं हो पाता। इसके कारण नसें फूलने की दिक्कत हो सकती है।

वेरिकॉज वेन्स का उपचार नहीं होने पर समस्या बढ़ कर गंभीर हो सकती है और ये परेशानियाँ सामने आ सकती हैं –

घाव या अल्सर

वेरिकॉज वेन्स के कारण एड़ी के पास दर्दनाक घाव या अल्सर बन सकता है। इस हिस्से की त्वचा पहले नीली पड़ जाती है फिर यहाँ घाव बन जाता है। यहाँ के हिस्से में रक्त का दबाव अधिक बने रहने से यह होता है। ऐसे में तुरंत चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

रक्त का थक्का

कभी कभी नस में खून का थक्का बन जाता है जिसके कारण पैरों में अचानक से सूजन आ जाती है जिसका उपचार तुरंत होना चाहिए।

रक्तस्राव

कभी कभी त्वचा के बहुत पास वाली नस फट जाती है और रक्त स्राव होने लगता है। हालाँकि ऐसा होने पर रक्तस्राव अधिक नहीं होता लेकिन बार बार ऐसा होना नुकसान देह हो सकता है।

वैरिकोज़ वेन्स के घरेलु उपाय

Varicose veins home remedies hindi me

यदि पैरों में सूजन आती हो नसें फूलती हुई महसूस होती हो तो सावधान हो जाना चाहिए और नीचे बताये गए घरेलु उपाय शुरू कर देने चाहिये ताकि समस्या अधिक न बढ़े। साथ ही अपनी दिनचर्या में भी थोड़ा बदलाव कर लेना चाहिए। जो इस प्रकार हैं –

एक्सरसाइज

रोजाना पैदल घूमने से पैरों में रक्त का संचार बढ़ता है। अतः पैदल घूमना चाहिए। सुबह या शाम के समय बगीचे की सैर की जा सकती है। दिन में भी मौका मिले तो आस पास के काम के लिए कार या स्कूटर का सहारा नहीं लेकर पैदल चलना चाहिए। पैदल चलने या मॉर्निंग वॉक के फायदे विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

आजकल लगभग हर जगह जिम की सुविधा उपलब्ध है  मेम्बरशिप लेकर आप भी रोजाना व्यायाम को दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।

वजन

शरीर का वजन ज्यादा होने से नसों पर अनावश्यक दबाव बढ़ जाता है। नमक युक्त आहार , फ़ास्ट फ़ूड पिजा बर्गर , कोल्ड ड्रिंक आदि वजन बढ़ाते है। नमक नसों का लचीलापन कम  कर देता है। अतः वजन का रखें और आहार का ध्यान रखें। केला आदि पोटेशियम युक्त आहार लें इससे नसों पर दबाव कम होता है।

जूते चप्पल

ऊँची एड़ी वाले जूते , चप्पल , सेंडल तथा आदि ना पहने। कम हील वाले फुटवेयर से पैरों की अच्छी एक्सरसाइज होती है इससे नसों को फायदा मिलता है।

कपड़े

कमर पर , पैरों पर  ज्यादा टाइट रहने वाले कपड़े ना पहने। इससे रक्त संचार में बाधा उत्पन्न होती है जो नुकसान देह साबित हो सकती है।

पैरों को ऊपर करें

पैरों में रक्त का संचार सही करने के लिए यह करें – लेट जायें। फिर पैरों के नीचे दो तीन तकिये रख लें। इससे पैरों में एकत्र रक्त को हृदय की तरफ जाने में सुविधा होगी और आपको आराम मिलेगा।

देर तक खड़े या बैठे न रहें

ज्यादा देर तक खड़े रहने व बैठे रहने से रक्त संचार में रूकावट आने लगी है। अतः थोड़ी थोड़ी देर में थोड़ा हिलडुल कर शारीरिक अवस्था बदल लें ताकि रक्त का संचार सही हो सके।

पैरों को क्रॉस करके न बैठे

कुछ लोगों की आदत होती है एक पैर पर दूसरा पैर चढ़ाकर बैठते हैं। इस आदत से रक्त के प्रवाह में रूकावट आती है। यह अशिष्ट व्यवहार में भी आता है। अतः ऐसा ना करें।

वेरोकॉज वेन्स के घरेलु नुस्खे

legs ki nas fulne ke gharelu nuskhe

—  वच पाउडर , हल्दी पाउडर और तुलसी के पत्ते बराबर मात्रा में लेकर पीस लें । इसमें ग्वार पाठे का रस मिलाकर पेस्ट बना लें। यह पेस्ट रोजाना फूली हुई नसों पर और उसके आस पास लगायें। दो तीन घंटे लगाकर रखें फिर गुनगुने पानी से धो दें। तीन सप्ताह इस तरह यह पेस्ट लगाने से फूली हुई नसें ठीक होती हैं और दर्द में आराम आता है।

—  करंज की पत्तियों का तथा अरंड की पत्तियों का रस 2-2 चम्मच तथा शहद – 1 चम्मच मिलाकर सुबह खाली पेट 21 दिन तक नियमित लेने से रक्त संचार सुधरता है और फूली हुई नसें ठीक होती हैं।

—  हजारे के फूल ( Marigold flower ) की पत्तियाँ पीस कर पेस्ट बना लें । इसे सोते समय रोजाना फूली हुई नसों पर लगायें। इससे नसों को आराम मिलता है और सूजन व दर्द में लाभ होता है।

—  लहसुन को छील कर पीस लें। इसे सरसों के तेल में उबाल लें। गुनगुना रह जाये तब हल्के हाथ से नसों पर लगायें। इससे रक्त संचार सुधरता है और दर्द में आराम मिलता है।

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Disclaimer : इस लेख का उद्देश्य जानकारी देना मात्र है। किसी भी उपचार के लिए चिकित्सक से सलाह जरूर लेनी चाहिए।