प्रेग्नेंट हैं या नहीं कैसे पता करें – Pregnancy Symptoms and test

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प्रेग्नेंट हैं या नहीं यह पता करना एक नारी के लिए बहुत महत्वपूर्ण और ख़ुशी की बात होती है। माँ बनना प्रकृति का सबसे बड़ा वरदान है। अधिकतर प्रेगनेंसी पता करने का तरीका मालूम नहीं होने पर कई प्रकार के सवाल दिमाग में घूमते रहते हैं। यदि सही अंदाजा ना हो तो डॉक्टर के पास जाना भी उचित नहीं लगता।

प्रेगनेंसी के लक्षण

परेशान होने की जरुरत नहीं , यहाँ प्रेगनेंसी पता करने के आसान तरीके बताये जा रहे हैं। इनसे पता चल सकता है कि महिला प्रेग्नेंट है या नहीं। इनसे यह दुविधा भी कि  AM I PREGNANT ” क्या मैं प्रेग्नेंट हूँ  ”  दूर हो सकती है।

प्रेग्नेंट होने के लक्षण – Pregnancy Symptoms

प्रेग्नेंट होने अर्थात कंसीव करने या गर्भधारण होने पर शरीर में हार्मोन के बदलाव के कारण कई प्रकार के परिवर्तन महसूस होने लगते हैं। इन्हे पहचान कर अंदाजा लगाया जा सकता है की प्रेगनेंसी है या नहीं। इन्हे माँ बनने की तैयारी के लक्षण या संकेत मान सकते हैं।

माहवारी के दिन चढ़ना – Delay in Period

यह सबसे पहला संकेत होता है। यदि माहवारी हमेशा नियत समय पर आती थी , लेकिन इस बार यह 10 दिन ऊपर होने पर भी नहीं आई है तो यह प्रेग्नेंट होने की तरफ इशारा हो सकता है। इसे दिन चढ़ने के नाम से भी जाना है।

दिन चढ़ने अर्थात मासिक में देरी होने के अन्य कारण जैसे हार्मोन में बदलाव या तनाव आदि भी हो सकते हैं , अतः सिर्फ माहवारी में देरी होना प्रेग्नेंट होने का पक्का लक्षण नहीं माना जा सकता है। घर पर होम प्रेगनेंसी किट से टेस्ट करके या डॉक्टर से सलाह करके कन्फर्म कर लेना चाहिए।

शारीरिक परिवर्तन – Physical Changes

माहवारी नहीं होने के अलावा प्रेगनेंसी होने पर अन्य शारीरिक लक्षण में जी घबराना , उल्टी होना , शरीर पर सूजन आना , निपल में दर्द होना , पीठ में दर्द , तनाव , चिड़चिड़ाहट , सिरदर्द आदि महसूस हो सकते हैं। ये सभी पहले तीन महीने में होने वाले लक्षण हैं।

स्तन की संवेदनशीलता बढ़ना – Breast tenderness

स्तन अचानक से अधिक नाजुक और संवेदनशील  महसूस होने लगते हैं , निपल में दर्द महसूस होने लगता है। स्तन हार्मोन से तुरंत प्रभावित होते हैं। प्रोजेस्ट्रोन के बढ़ना शुरू होते ही स्तन भारी और सूजे हुए महसूस होने लगते हैं। निपल और उसका घेरा गहरे रंग के हो जाते हैं।

निपल के ऊपर कुछ छोटे उभार भी प्रकट हो सकते हैं। यह संकेत बहुत जल्दी यानी कन्सेप्शन के बाद एक दो सप्ताह बाद ही महसूस हो सकते हैं ।

स्पॉटिंग – Spotting

यदि माहवारी आने के दिन से लगभग एक सप्ताह पहले भूरा या गुलाबी डिस्चार्ज दिखाई दे तो यह प्रेगनेंसी का संकेत हो सकता है। यह भ्रूण के गर्भाशय की दीवार से जुड़ने की प्रक्रिया में हो सकता है। इसे इम्प्लांटेशन स्पॉटिंग कहते हैं। हालाँकि जरुरी नहीं कि हर महिला को ऐसा हो।

बार बार पेशाब आना – Frequent Urination

यह प्रेग्नेंट होने का लक्षण हो सकता है। भ्रूण के गर्भाशय की लाइन से जुड़ने के साथ ही शरीर में  hCG हार्मोन बनने लगता है। इससे शरीर में पानी और रक्त की मात्रा बढ़ जाती है।

इस वजह से बार बार पेशाब आता है। लगभग हर आधे घंटे में जाना पड़ सकता है। वैसे पूरे समय प्रेगनेंसी में मूत्राशय पर गर्भाशय का दबाव बढ़ने के कारण बाथरूम ज्यादा जाना पड़ता है।

थकान – Tiredness

प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन बढ़ने के कारण बहुत थकान और नींद महसूस होती  है। प्रेग्नेंसी का यह लक्षण शुरुआत में दिखाई पड़ता है। रोजाना के काम करना भी मुश्किल लगने लगते हैं , इतनी थकान भी लग सकती है।

कुछ महिलाओं को थकान के साथ सिरदर्द या पीठ के निचले हिस्से में दर्द भी हो सकता है। इसे मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है हालाँकि यह सिर्फ सुबह ही नहीं दिन में , शाम को या रात को कभी भी हो सकता है। दूसरी तिमाही में ऐसा महसूस होना कम हो जाता है।

खाने की क्रेविंग या उसमे दुर्गन्ध – Food Craving or smell

खाना देखकर या उसकी गंध से जी घबराना प्रेगनेंसी का संकेत हो सकता है। ये पहले अत्यधिक प्रिय रही चीजों के साथ भी हो सकता है। यह असर बहुत जल्द यहाँ तक की प्रेगनेंसी के तीन सप्ताह बाद में भी दिखाई पड़ सकता है।

इसके अलावा असमय किसी खाने की चीज की अत्यधिक इच्छा ( Craving ) होना एक दो सप्ताह की प्रेगनेंसी का संकेत हो सकता है। इसका कारण hCG तथा एस्ट्रोजन हार्मोन का तेजी से बढ़ना होता है। यदि ऐसा बिना किसी अन्य कारण के हो रहा है , तो इसे प्रेग्नेंट होने की तरफ इशारा समझें। डॉक्टर से संपर्क करके सुनिश्चित  कर लेना चाहिए।

नींद में बाधा उत्पन्न होना –  Problem in sleep

प्रेग्नेंट होने पर अन्य बदलाव के साथ नींद में खलल भी पड़ सकता है। हो सकता है एक दिन तो अच्छी नीद आ जाये और कभी रात भर करवट बदलनी पड़ जाये। यह प्रेग्नेंट होने की तरफ इशारा हो सकता है।

होम प्रेगनेंसी टेस्ट किट – Home Pregnancy test kit

मेडिकल स्टोर पर ऐसे टेस्ट किट उपलब्ध है जिनसे घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट किया जा सकता है। हालाँकि ये कभी कभी गलत परिणाम भी दे सकते है। इसका कारण निर्देश का सही तरीके से पालन नहीं करना भी होता है। इस तरीके से दो तीन बार टेस्ट करने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचना चाहिए। सिर्फ इस तरह के टेस्ट पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।

यदि मासिक नहीं हो रहा है और दस दिन से ज्यादा चढ़ गये हैं तो मेडिकल स्टोर से होम प्रेगनेंसी किट लाकर खुद ही प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकते हैं।  यह टेस्ट करना आसान होता है। इसे यूरिन से किया जाता है।

टेस्ट किट में दिए गए निर्देश के अनुसार किट में दी हुई स्ट्रिप पर यूरिन की कुछ बूँद डालनी होती है और स्ट्रिप में हुए बदलाव को देखना होता है । इससे प्रेगनेंसी है या नहीं , यह पता चलता है। इसमें ज्यादा समय नहीं लगता है। यदि इस होम किट से पॉज़िटिव रिजल्ट मिल रहा हो तो ब्लड टेस्ट करवा कर कन्फर्म कर लेना चाहिए।

प्रेगनेंसी कैसे कन्फर्म करें – How to confirm pregnancy

रक्त की जाँच कराने से ही यह सुनिश्चित होता है कि प्रेगनेंसी है या नहीं। माहवारी के तारीख से सात दिन बाद टेस्ट करवाने से ज्यादा सही परिणाम मिलते हैं । डॉक्टर के पास जाने पर वह रक्त की जाँच करवाने की सलाह देता है। किसी अच्छी लैब पर जाकर रक्त का सैंपल देकर टेस्ट करवाया जा सकता है। यह जाँच लगभग सभी पैथलॉजी लैब पर उपलब्ध होती है।

इस टेस्ट की रिपोर्ट उसी दिन या दूसरे दिन मिल जाती है।  यह बहुत महंगा टेस्ट नहीं है। इसमें रक्त में hCG नामक हार्मोन देखा जाता है।

रक्त में हार्मोन की उपस्थिति होने पर टेस्ट के पॉजिटिव ( + ) होने की रिपोर्ट दी जाती है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने का मतलब है की प्रेगनेंसी सुनिश्चित है और जल्द ही नए मेहमान के आने की तैयारी है।

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