रसोई के मसाले का महत्त्व और फायदे – Rasoi Ke Masalo Ke Fayde

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रसोई के मसाले ( Masale ) हमारी रसोई का अभिन्न अंग है। हल्दी , धनिया , जीरा , मेथी , अजवाइन , हींग आदि रोजाना के खाने में शामिल होते है। ये सब शरीर के लिए लाभदायक हैं ,आइये जानें मसालों के गुण और फायदे।

ज्यादातर हम इन मसालों को बहुत महत्त्व नहीं देते। सिर्फ खाना बनाने की प्रक्रिया का एक छोटा सा हिस्सा समझते है लेकिन ये सभी मसाले अपने आप में एक औषधि है। इनका सही तरीके से इस्तेमाल हमे कई गम्भीर बीमारियों से बचाने में हमारी मदद करता है।

घरेलु नुस्खे  के रूप में इनका उपयोग  दवा का काम करता है। क्या आप ने कभी सोचा है इन मसालों से हमें क्या फायदा मिल सकता है।  जानिये रोज काम आने इन महत्वपूर्ण मसालों तथा उनसे होने वाले फायदे के बारे में।

कृपया ध्यान दें : किसी भी लाल अक्षर वाले शब्द पर क्लीक करके उसके बारे में विस्तार से जान सकते है। 

हल्दी ( Haldi )

हल्दी ( Haldi ) में एक विशेष प्रकार का उड़नशील तेल होता है जिसमें करक्यूपिन नामक tarpent होता है इस tarpent में धमनियों में जमे कोलेस्ट्रोल को घोलने की शक्ति होती है। हल्दी ( Haldi ) में विटामिन “ए ” , प्रोटीन , कार्बोहाईड्रेट व कई लाभकारी खनिज तत्व होते है।

हल्दी ( Haldi ) में एक विशेष प्रकार का क्षारीय तत्व कर्कुमिन होता है जो कैंसर को रोकने में सहायक होता है। हल्दी खून को साफ व पतला करती है , कफ को मिटाती है , इसमें एंटीसेप्टिक , एंटी बायोटिक और एंटी एलर्जिक गुण होते है।

शरीर में किसी भी प्रकार का दर्द , चोट , घाव , खून की कमी , आदि में हल्दी बहुत असरकारक होती है। गर्म दूध में हल्दी डालकर पीने से टूटी हुई हड्डी तेजी से जुडती है और अंदरूनी चोट ठीक होती है।

कच्ची हल्दी की सब्जी बनाकर खाई जाती है। कच्ची हल्दी की सब्जी बनाने विधि जानने के लिए यहाँ क्लीक करें

इसके लड्डू बनाकर उपयोग करने से जोड़ों का दर्द नहीं सताता।

गर्म पानी में नमक व हल्दी मिलाकर गरारे करने से गले की खराश ठीक होती है। अतः रसोई के मसाले ( Rasoi ke masale ) में इसका बहुत महत्त्व है। हल्दी का रंग पीला होने के कारण इसे मंगलकारी और सौभाग्य सूचक माना जाता है अतः इसे शुभ कार्य , विवाह आदि में महत्त्व दिया जाता है।

हल्दी के घरेलु नुस्खे व अन्य फायदे जानने के लिए यहाँ क्लीक करें

जीरा  ( Jeera )

रसोई के मसाले

जीरा खाना पचाने में सहायक होता है , गैस बनने से रोकता है इसलिए रोज के मसाले ( masale ) मे इसका उपयोग होता है खासकर दाल में छौंका लगाने के लिए । रसोई के मसाले में जीरे का छोंक अलग ही आनंद देता है।

—  कच्चा जीरा पीस कर इसमें समान मात्रा में गुड मिलाकर मटर के दाने के बराबर गोली बनाकर लें। ये गोली दो-दो दिन में तीन बार पानी के साथ लेने से स्त्रियों की गर्भाशय व योनि की सूजन , प्रसव के बाद गर्भाशय की शुद्धि और श्वेत प्रदर में बहुत लाभकारी है।

इससे स्तन के दूध में भी बढ़ोतरी होती है। जीरे के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

—  जीरा , धनिया और सौंफ एक एक चम्मच एक गिलास पानी में उबालें। आधा रह जाये तब ठंडा होने पर छानकर एक चम्मच देसी घी मिला दें। इसे सुबह शाम पीने से बवासीर से रक्त गिरना बंद हो जाता है। विशेष कर गर्भवती स्त्रियों के लिए ये बहुत लाभदायक है।

—  छाछ में भुना जीरा डालकर पीने से दस्त ठीक होते है।

राई ( Rai )रसोई के मसाले

राई से पेट के कीड़े नष्ट होते है , गैस नहीं बनती व पाचन में सहायक होती है . छाछ में राई का छोंक लगाकर पीने से दस्त ठीक होते है। इसकी प्रकृति गर्म होती है। ये पसीना लाती है।

धनिया ( Dhaniya )

रसोई के मसाले

ये खाना पचाने में मदद करता है । इसकी तासीर ठंडी होती है , ये एसिडिटी , पेट की गर्मी पेशाब की जलन , शरीर की जलन आदि में लाभप्रद है। रसोई के मसाले में धनिये की खुशबू सभी को अच्छी लगती है।

—  गर्मी के मौसम में दो गिलास पानी में 5 चम्मच साबुत धनिया दो कप पानी में रात को भिगो दें। सुबह छानकर पी लें। नकसीर , रक्त बवासीर में बहुत आराम मिलेगा ।

—  पेशाब में या शरीर में जलन या ज्यादा प्यास लगती हो तो तीन चम्मच धनिया रात को पानीं में भिगो दें। सुबह इसे पीसकर छानकर मिश्री और दूध मिलाकर पियें।

—  ख़ाना खाते ही प्रेशर बनता हो तो खाने के बाद एक चम्मच धनिया पाउडर  में काला नमक  मिलाकर फांक लें। समाधान हो जायेगा। 

—  धनिया के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

लौंग के फायदे  ( long ke fayde )

clove

लौंग Long  में औषधि के गुण होते है। इसके एंटीसेप्टिक गुण सड़न को रोकते है और संक्रमण को दूर रखते है। लौंग मुह की बदबू दूर करती है। इसके उपयोग से पाचन शक्ति बढ़ती है।

यह एसिडिटी को मिटाती है . भूख बढाती है , खाने में रूचि बढाती है . पानी में लौंग उबालकर पीने से बुखार के बाद की पाचन संबधी तकलीफ दूर होती है। सफर में जी मचल रहा हो उल्टी का सा मन हो रहा हो तो लौंग मुंह में रखने से आराम मिलता है। ये एक उत्तम रसोई के मसाले ( masale ) का उत्तम रूपक है।

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इलायची ( Ilayachi )

इलायची दूध व केले को पचाने के लिए उत्तम होती है । ये एसिडिटी रोकती है , इसके सेवन से मुहँ सूखा सूखा रहना मिटता है।  ज्यादा मात्रा में खाना खा लेने पर इलायची खाने से बैचेनी कम होती है।  इलायची का चूर्ण मिश्री के साथ लेने से उल्टी में आराम मिलता है।

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काली मिर्च ( Kali Mirch )

सर्दी  जुकाम , खांसी से बचाव करती है , मलेरिया व वायरल बुखार में इसके सेवन से आराम मिलता है।  भूख बढाती है व पाचन में सहायक होती है। इसका सेवन आँखों के लिए फायदेमंद है। दो-दो काली मिर्च दिन में तीन बार मुंह में रखकर धीरे धीरे चूसने से खाँसी ठीक हो जाती है। ये प्रयोग पुरानी खांसी भी ठीक कर देता है। रसोई के मसाले में इसका तीखापन अलग मजा देता है।

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हींग के फायदे ( hing ke fayde )

हींग (heeng ) पित्त प्रधान होती है। इसकी तासीर गर्म होती है। गर्भवती को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इसे पानी में घोलने पर पानी सफ़ेद रंग का हो जाता है जो इसके शुद्ध होने का प्रमाण है ।

अचार को भरने से पहले बर्तन में हींग का धुआं भरने से अचार ख़राब नहीं होता।

हींग पेट की गैस मिटाती है , गुड़ के साथ खाने से पेट के कीड़े नष्ट करती है , पानी में मिलाकर पेट पर लगाने से अफारे व पेटदर्द को ठीक करती है। रसोई में इस मसाले ( masale ) का होना जरुरी है।

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मेथी (Methi )

रसोई के मसाले

मेथी वायु को मिटाती है , मधुमेह , जोड़ो के दर्द आदि से बचाव करती है . पाचन शक्ति बढाती है , बालों के लिए अच्छी होती है , माँ का दूध बढाती है , जिससे शिशु को दूध की कमी नहीं होती। यह खून की कमी दूर करती है। मेथी से विटामिन ए , केल्शियम , आयरन , पोटैशियम तथा बी कॉम्लेक्स मिलता है।

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अजवायन ( ajvain )

रसोई के मसाले

अजवायन पेट में मरोड़ ठीक करती है , अफारा ठीक करती है , पेट के कीड़े नष्ट करती है , माँ का दूध बढाती है , सर्दी जुकाम में आराम देती है। अजवाइन की अन्य जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें