मानसिक तनाव , टेंशन से बचने के उपाय – Stress and Tension

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मानसिक तनाव , टेंशन Stress थोड़ा बहुत सभी को होता है पर जब यह अधिक हो जाता है तो इससे गंभीर मानसिक और शारीरिक नुकसान होने लगते है।

आजकल की भागदौड़ और कशमकश भरी जिंदगी में पता ही नहीं चलता की तनाव कब हम पर हावी हो जाता है।तनाव के लक्षण और कारण को पहचान कर तथा उसके अनुसार कुछ परिवर्तन लाकर इससे होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।

मानसिक तनाव

जब भी खतरे का अहसास होता है तो हमारे शरीर में कुछ विशेष प्रकार के हार्मोन एड्रेनलिन और कोर्टिसोल का स्राव होता है। ये हार्मोन शरीर में किसी भी प्रकार के खतरे से बचने के लिए अलग प्रकार की ताकत पैदा कर देते है।

इन हार्मोन के कारण ह्रदय की धड़कन बढ़ जाती है , मांसपेशियाँ भिंच जाती है। ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। साँस तेज हो जाती है। इन्द्रियों की शक्ति बढ़ जाती है। हमें परेशानी में पाते ही एड्रेनलिन और कोर्टिसोल हार्मोन अपना काम करना शुरू कर देते है।

जैसे यदि बस या ट्रैन पकडनी है तो तनाव होता है और हार्मोन की मदद मिलनी शुरू हो जाती है। किसी से थोड़ी बहस हो जाये या ट्रैफिक जाम में फंसने के कारण टेंशन हो रही है तो हार्मोन का स्राव शुरू हो जाता है।

मंच पर पहली बार कुछ बोलना हो या इंटरव्यू हो तब stress के कारण ऐसा हो सकता है। इस प्रकार की साधारण स्थितियों में भी शरीर में ऐसे परिवर्तन होने लगते है जैसे जान का खतरा हो।

मानसिक तनाव के कारण होने वाले नुकसान

Side effects of stress

कृपया ध्यान दें : किसी भी लाल रंग से लिखे शब्द पर क्लीक करके उस शब्द के बारे में विस्तार से जान सकते है।

लंबे समय तक स्ट्रेस बने रहने पर कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक परेशानियां पैदा हो सकती है। टेंशन से होने वाली बीमारियां जल्द ही आपको जकड़ लेती है।

इन हालात में शरीर के प्रत्येक अंग को नुकसान पहुंच सकता है। ये मानसिक तनाव के लक्षण भी है। यदि आप भी कुछ ऐसा महसूस करते हों तो देखना चाहिए कही टेंशन के कारण तो ऐसा नहीं हो रहा है।

मानसिक तनाव से शरीर को नुकसान – Effects on body

प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है। पाचन तंत्र गड़बड़ा सकता है। प्रजनन की कार्यप्रणाली बिगड़ सकती है। पुरुषों में शुक्राणु की कमी हो सकती है। महिलाओं को मासिक धर्म के समय परेशानी बढ़ सकती है। ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, ह्रदय रोग हो सकता है , साँस लेने में परेशानी हो सकती है ।

शरीर में दर्द , सिर में दर्द , माइग्रेन , कब्ज या दस्त , भूख बंद होना , जी मिचलाना , चक्कर आना , कामेच्छा में कमी , सीने में दर्द , ह्रदय की धड़कन बढ़ना ,बार बार सर्दी जुकाम , वजन बढ़ना या गिरना ,ऑटो इम्यून डिज़ीज , एग्जीमा , समय से पहले उम्र झलकना आदि हो सकते है।

तनाव से मानसिक परेशानी  – Effects on mind

गुस्सा , चिड़चिड़ापन , अपराधग्रस्त  महसूस करना , आत्महत्या के विचार आना , घबराहट , निराशा होना। बिना जरूरत के अत्यधिक खरीदारी करना , अकेलापन ,खुद को नाकाबिल समझना।

हाथ या पैर को किसी विशेष तरीके से अनावश्यक बार बार हिलाना , नींद नहीं आना , डरावने सपने आना , एकाग्रता में कमी , याददाश्त या दिमागी शक्ति में कमी आदि हो सकते है।

मानसिक तनाव के कारण

Reasons of stress

मानसिक तनाव ( stress )  का कारण खुद के द्वारा पैदा किया हुआ भी हो सकता है या किसी बाहरी कारण से भी तनाव हो सकता है  :

मानसिक तनाव के बाहरी कारण

Outer reasons of stress

—  जिंदगी में कोई बड़ा बदलाव

—  ऑफिस , दुकान या स्कूल की कोई परेशानी

—  व्यापार संबंधी परेशानी

—  रिश्ते या संबंधों के कारण तनाव

—  आर्थिक परेशानी

—  बहुत ज्यादा व्यस्त रहना

—  परिवार के सदस्यों का साथ नहीं मिल पाना

मानसिक तनाव

मानसिक तनाव खुद के कारण

Stress from self

—  ज्यादा सोच विचार और चिंता करने  की आदत

—  निराशावादी होना

—  जिद्दी और अकड़ वाला स्वभाव

—  खुद की हीनता के बारे में बोलना या सोचना

—  खुद को नाकाबिल समझना

—  किसी से ऐसी आशा रखना जो पूरी नहीं हो सकती या ऐसा कुछ चाहना।

—  या तो सब कुछ चाहिए या कुछ नहीं चाहिए इस प्रकार का स्वभाव होना।

मानसिक तनाव के नुकसान से बचने के उपाय

Prevention from side effects of stress

व्यायाम या कसरत

नियमित रूप से कुछ एक्सरसाइज करने से मन अच्छा रहता है और तनाव से राहत मिलती है। चिंता फ़िक्र और निराशावादी माहौल से दूर होकर शांति का अहसास होता है। यह तनाव झेलने की क्षमता में वृद्धि करता है। तनाव दूर करने का यह अच्छा तरीका है।

पैदल घूमना , दौड़ना , तैरना , रस्सी कूदना , डांस करना या एरोबिक एक्सरसाइस करना जैसे बहुत से विकल्प है जिन्हें अपनी पसंद से अपना सकते है। इनसे तनाव को दूर रखने में बहुत मदद मिलती है। ( इसे पढ़ें : पैदल घूमने और मॉर्निंग वॉक के आश्चर्यजनक लाभ )

सामाजिक सम्बन्ध

कहते है दुःख बाटने से दुःख कम हो जाता है। किसी से भी अपनी मन की बात कह देने भर से तनाव को कम करने के हार्मोन बनने लगते है।

सांत्वना के दो शब्द भी कोई कहे तो मन बहुत हल्का हो जाता है। किसी की मदद करने से भी बहुत ख़ुशी मिल सकती है।

आशा फिल्म का यह गाना ” तुम बेसहारा हो तो , किसी का सहारा बनो…तुमको अपने आप ही सहारा मिल जायेगा ” बहुत अच्छा और सही लिखा गया है। यानि आप यदि तनाव में है या दुखी है तो किसी का दुःख दूर करने में मदद करने से आपका भी tension दूर हो सकता है।

इससे सामाजिक रूप से भी लोगों से जुड़ाव होता है जो तनाव , tension दूर करने में सहायक होता है। जिन लोगों के सामाजिक सम्बन्ध अच्छे होते है और जो लोग दोस्तों और रिश्तेदारों या पड़ोसियों से अपने विचार या भावनाएं बाँटने में  है , उनकी तनाव झेलने की क्षमता अधिक होती है।

अकेले और अलग रहने वाले लोगों को तनाव आसानी से अपना शिकार बना लेता है।

अपनी रूचि और शौक वाले काम

हर इंसान को अलग तरह का शौक होता है जिसमें उसे आनंद की प्राप्ति होती है। यह तनाव दूर करने का अच्छा उपाय साबित हो सकता है।

जैसे अपनी पसंद का संगीत सुनना। किसी म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट को बजाना जानते हों तो उसे काम में लें। किसी विशेष खेल जैसे बेडमिंटन , टेनिस , केरम आदि में रुचि हो तो उसमे हिस्सा बने । बागवानी का शौक हो तो उसे पूरा करें। पेंटिंग , बुनाई , क्राफ्ट आइटम बनाना जैसे बहुत से विकल्प हो सकते है।

योगासन और ध्यान

देश विदेश में योगासन और मैडिटेशन की मदद से बहुत से लोग अपना तनाव दूर कर रहे है। यह बहुत कारगर सिद्ध होता है। किसी अनुभवी व्यक्ति से योगासन और मैडिटेशन सीखकर इसका अभ्यास करने से अवश्य लाभ मिलता है।

अनुलोम विलोम प्राणायाम करने की विधि जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

पोष्टिक भोजन

कहते है – ” जैसा खाये अन्न , वैसा होए मन ” यानि खाने पीने का शरीर के अलावा मन पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। ताजा फल , सब्जी , दूध दही , मेवे  चोकर युक्त अनाज आदि विटामिन और प्रोटीन से भरे खाद्य पदार्थ भोजन में शामिल करने से मानसिक दृढ़ता हासिल होती है। इनसे तनाव कम होता है और जीवन के उतार चढाव में घबराहट नहीं होती है।

पोष्टिक भोजन लेने का ये मतलब नहीं की आप अपने पसंद की कोई भी चीज नहीं खा सकते। लेकिन पौष्टिकता का ख्याल रखते हुए भोजन करने से शरीर को ताकत मिलती है जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी जरुरी है। इससे संतृप्ति का अहसास होकर मन को ख़ुशी मिलती है।

जबकि फ़ास्ट फ़ूड जैसे भोजन या कचोरी , समोसा , पिज़ा आदि से का स्वाद जब तक मुंह में रहता है तब तक ख़ुशी मिल सकती है लेकिन बाद में इनसे परेशानी बढ़ती ही है।

नींद

थकान होने पर सोचने समझने की शक्ति प्रभावित होती है इससे उलटी सीधी बातें दिमाग में आकर तनाव पैदा कर सकती है। अतः भरपूर नींद लेने से थकान दूर होकर Tension कम होता है। नींद पूरी हो जाये इसका प्रबंध अवश्य करना चाहिए। इससे आपकी कार्यक्षमता भी बढ़ती है और आप मानसिक रूप से मजबूत रहते है। ( इसे पढ़ें : नींद नहीं आती तो आजमायें ये घरेलु नुस्खे )

नशे से दूरी

टेंशन या दबाव पर नियंत्रण पाने के लिए कुछ लोग नशे का सहारा लेने लगते है जैसे धूम्रपान , गुटखा , शराब आदि यहाँ  तक कि कुछ लोग ड्रग्स लेना शुरू कर देते है। इन सब चीजों से समस्या हल नहीं होती बल्कि बढ़ जाती है। इससे आपका मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है।

नशे का असर ख़त्म होने पर पर पहले से ज्यादा तकलीफ महसूस होने लगती है। आप नशे की मात्रा बढ़ा देते है। इस प्रकार नशे के चंगुल में फंस जाते है। जिससे निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है।

आप आर्थिक और शारीरिक नुकसान को झेलते हुए खुद को असहाय पाते है। समस्या से निकलने के बजाय एक और समस्या पैदा कर लेते है। अतः मानसिक तनाव होने पर नशे का सहारा बिलकुल न लें। नशे के चंगुल से मुक्ति पाने के उपाय जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

आशा वादी रहें

आशावादी लोग ज्यादातर तनाव को ज्यादा अच्छे तरीके से सहन कर पाते है। जिंदगी में बदलाव आयेंगे ही। जो होगा अच्छा होगा और जो हुआ अच्छे के लिए हुआ यह सोचने से Tension कम हो जाता है। छोटी मोटी चीजों को हल्के में लेना सीखना चाहिए। क्लिक करें और पढ़ें – खुशहाल जिंदगी जीने के तरीके

जानकारी और तैयारी

ज्यादातर डर या तनाव का कारण अज्ञानता यानि जानकारी नहीं होना होता है। ऐसे में कोई भी आपको डरा कर Tension पैदा कर सकता है और आपका गलत फायदा उठा सकता है। अतः जितना संभव हो सके जानकारी रखने की कोशिश करें ताकि डर के कारण टेंशन पैदा ना हो।

इसी प्रकार किसी प्रेजेंटेशन के लिए जा रहे है या इंटरव्यू हो या कोई परीक्षा हो तो अपनी तरफ से पूरी तैयारी समय रहते कर लेनी चाहिये। ऐसा करने पर खुद पर विश्वास रहेगा और तनाव नहीं होगा ।

मानसिक तनाव दूर करने वाला खाना

Food to decrease stress

चॉकलेट : चॉकलेट में पाए जाने वाले कुछ  विशेष तत्व तनाव को दूर करने और मूड को अच्छा रखने में मददगार होते है।

केला : केले मे डोपामाइन नामक तत्व होता है जो तनाव कम करता है। साथ ही यह मैग्नेशियम और विटामिन B6 से भरपूर होने के कारण टेंशन दूर करता है। क्लिक करें और जाने – विद्यार्थी को तो केला क्यों अवश्य खाना चाहिए

शकरकंद : शकरकंद में मैग्नीशियम और विटामिन B 6 , विटामिन C तथा कुछ विशेष एमिनो एसिड पाए जाते है। इनके कारण यह तनाव से मुक्ति पाने का अच्छा साधन बन जाता है। शकरकंद खाने से मूड अच्छा होता है , नींद अच्छी आती है और यह पाचन तंत्र को ठीक रखने में सहायक होता है। इसलिए जब भी टेंशन में हो शकरकंद खाएं।

बादाम :  बादाम से उच्च गुणवत्ता के प्रोटीन , जिंक , विटामिन B 2  तथा मैग्नीशियम प्राप्त होते है। इसके अतिरिक्त इसमें विटामिन E भी पाया जाता है। इस वजह से बादाम खाने से तनाव से राहत भी मिलती है तथा इसके कारण होने वाले नुकसान से बचाव भी होता है।

ओमेगा 3 फटी एसिड : यह मानसिक तनाव को दूर करने की दवा की तरह काम करता है। अखरोट , सरसों का तेल , साबुत उड़द , पालक , फूल गोभी , आम खरबूजा , लौंग ,  अलसी के बीज , चिया सीड्स , अंडे की जर्दी आदि ओमेगा 3 फैटी एसिड के अच्छे स्रोत है। इनके उपयोग से मानसिक तनाव में राहत मिलती है।

लहसुन : तनाव के कारण होने वाले नुकसान से बचने के लिए लहसुन का उपयोग करना चाहिए। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट टेंशन से पैदा हुए हानिकारक तत्वों को नष्ट करते है ।

हल्दी : हल्दी में पाया जाने वाला तत्व करक्यूमिन तनाव को दूर करने में सहायक होता है। सर्दी के मौसम में कच्ची हल्दी की सब्जी का उपयोग जरूर करना चाहिए। हल्दी की सब्जी बनाने की विधि जानने के लिए यहाँ क्लिक करें