रक्षा बंधन का त्यौहार Raksha Bandhan भाई बहन के सम्बन्ध को और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राखी बंधवाते समय भाई को एक अलग ही ख़ुशी होती है। बहन के प्रति जिम्मेदारी का अहसास जगता है।
भाई अपनी बहन को हर तरह की ख़ुशी देना चाहता है। इस दिन भाई द्वारा बहन को दिये गये उपहार ( Gift ) में बहन के प्रति असीम प्यार समाया होता है। बहन को भी Rakhi बांधते समय भाई पर लाड़ प्यार उमड़ पड़ता है। बहन दिल से अपने भाई की उन्नति और प्रगति की शुभ कामनाएं देती है।
हर वर्ष सावन महीने की पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन का त्यौहार उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस पवित्र त्यौहार को मनाने का सही तरीका जानकर इसका भरपूर लाभ उठायें।
रक्षा बंधन की डेट 2022
Raksha Bandhan 2022 Date and Time
इस बार रक्षा बंधन 11 अगस्त को है या 12 अगस्त को इस बारे मे असमंजस है । राखी 11 को या 12 को , गुरुवार को या शुक्रवार को । राखी कब बाँधें पढ़ें :
पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 10:39 से लगेगी जो 12 अगस्त सुबह 7:06 तक रहेगी । साथ ही भद्रा 11 अगस्त सुबह 10:39 से रात 8:52 तक है । भद्रा मे राखी नहीं बांधी जाती । 12 अगस्त को तीन मुहूर्त से कम है । अतः राखी बांधने का सही समय 11 अगस्त को रात 8:52 बजे के बाद है ।
अतः इस साल 2022 मे रक्षा बंधन मनाने का दिन है –
11 अगस्त , गुरुवार
भद्रा क्या है और इसमे राखी क्यों नहीं बांधी जाती
भद्रा सूर्यदेव की पुत्री कहलाती है जो शुभ नहीं मानी जाती। माना जाता है कि रावण की बहन ने उसे भद्रा में राखी बंधी थी इसलिए उसका सर्वनाश हो गया था।
प्रदोष काल में राखी बांध सकते है । प्रदोष मुहूर्त रात 8:52 से 9:14 तक है ।
रक्षा बंधन का त्यौहार कैसे मनाएं
How to celebrate Raksha Bandhan
अपनी सुविधा के अनुसार बहन या भाई के घर राखी बांधी जाती है। ज्यादातर बहन भाई के यहाँ राखी बांधने जाती है। भाई के साथ ही भाभी , भतीजा , भतीजी को भी राखी बांधकर पारिवारिक रिश्ते को मजबूती दी जाती है। सुबह जल्दी नहा धोकर सुन्दर वस्त्र पहनकर रक्षा बंधन की थाली तैयार कर लें।
रक्षा बंधन की थाली में रखे जाने वाले सामान
Raksha Bandhan thali ke saman
— जिस जिसको जो जो राखी बांधनी है उसका विचार करके राखियाँ खोलकर रख लें। स्टेपल किये हुए पिन हटा लें।किसी राखी का धागा उलझा हुआ हो तो उसे ठीक कर लें। भाभी के लिए चूड़ा राखी होती है वो भी रखें।
आजकल बाजुबंद राखी , झुमका राखी व अन्य कई प्रकार की फैंसी राखियों का बहुत चलन है। भाभी से उनकी पसंद जानकर उसी प्रकार की राखी लें। चांदी की राखियाँ भी ले सकते है जो हर तरह की प्राइस रेंज में मिल जाती है।
— टीका करने के लिए चोपड़ा रखें जिसमे रोली और चावल रखें। चोपड़ा ना हो तो रोली एक छोटी कटोरी में रखें। ताकि इसमें पानी मिलाने पर थाली में फ़ैले नहीं। रोली में पानी मिलाते वक्त ध्यान रखें पानी अधिक नहीं होना चाहिए।
— अक्षत ( चावल ) साबुत रखने चाहिए टुकड़ी वाले चावल अशुभ माने जाते है।
— जटा सहित गीला साबुत नारियल रखें । नारियल सूखा है तो उसे हिलाकर देखें। हिलने पर आवाज आनी चाहिए।इसे बजना नारियल कहते है। ये ही नारियल शुभ होता है। हिलाने पर आवाज नहीं आती हो तो ऐसा नारियल ना लें।
— जल कलश यानि पानी का लोटा भरकर रखें। इसका साइज़ बहुत बड़ा नहीं होना चाहिए। धुला हुआ साफ होना चाहिए। तांबे , स्टील या चांदी का लोटा अच्छा रहता है।
— मिठाई के डिब्बे से निकाल कर थोड़ी मिठाई थाली में रख लें।
राखी बांधने का तरीका
Rakhi kaise bandhe
— राखी बांधते समय बहन का मुंह पश्चिम दिशा में और भाई का मुंह पूर्व दिशा में होना चाहिए। ये शुभ माना जाता है।
— सबसे पहले भाई को रोली से टीका करें। टीका करने के लिए पहले अनामिका अंगुली ( Ring Finger ) में रोली लगाकर इससे भाई के मस्तक पर भौहों के बीच बिंदी लगाएं जहां से टीका शुरू होगा।
अब अंगूठे में रोली लगाकर ऊपर की तरफ टीका बना दें। रोली में पानी ना तो बहुत कम हो ना बहुत ज्यादा। ज्यादा पानी होने से टीका नाक तक फ़ैल जाता है।
— अंगूठे व तर्जनी अंगुली से अक्षत ( चावल ) उठाकर टीके पर चिपका दें। इसमें तीन , पांच , सात या ग्यारह चावल चिपकते है तो शुभ मानते है।
— भाई के दाएं हाथ की कलाई कर राखी बांधें। राखी का धागा बहुत टाइट या बहुत ढ़ीला नहीं होना चाहिए।
— नारियल पर रोली से टीका लगाकर उस पर एक नोट ( श्रद्धा अनुसार ) रखकर भाई के हाथ में दें । भाई दोनों हाथ से नारियल पकड़े।
— भाई को अपने हाथ से मिठाई खिलाएं।
— बहन अपने भाई की तीन बार बलाइयां लें और भाई को उन्नति , प्रगति की और खुश रहने की शुभ कामना दें। बलाइयां लेने के लिए बहन अपने दोनों हाथों की अँगुलियों को भाई की कनपटी के पास टच करके फिर अपने कनपटी के पास टच करें।
— दीपक वाली थाली से भाई की आरती उतारें।
— भाई अपनी बहन को उपहार , रूपये आदि दें। बहन को अपने हाथ से मिठाई खिलाएं। हमेशा सुख दुःख में साथ निभाने का वादा करें।