ले के गौरा जी को साथ… शिवजी का एक लोकप्रिय भजन है। शिवजी को भोले भंडारी कहा जाता है क्योंकि महादेव तुरंत प्रसन्न होने वाले देव कहे गये हैं।
महाशिवरात्रि , सावन महीने तथा अन्य पावन अवसर पर शिव भक्ति के लिए भजन के बोल यहाँ लिखे गए हैं। इन्हे पढ़ें , भक्ति का आनंद उठायें और भोले भंडारी का आशीर्वाद पायें।
ले के गौरा जी को साथ शिव भजन
Le ke Gaura ji ko sath Shiv Bhajan
तर्ज – ले ले पहला पहला प्यार…
ले के गौरा जी को साथ, भोले भाले भोलेनाथ
काशी नगरी से आये हैं शिव शंकर
ले के गोरा जी को साथ
( नन्दी पे सवार होके , डमरू बजाते
चले आ रहे हैं भोले , हरि गुण गाते ) – 2
पहने नरमुण्डों की माल ,
ओढ़े ऊपर मृग की छाल
काशी नगरी से आये हैं शिव शंकर
ले के गौरा जी को साथ
( हाथ में त्रिशूल लिये , भस्मि रमाये
झोली गले में डाले , गोकुल में आये ) – 2
पहुँचे नन्द जी के द्वार ,
भोले बाबा भोलेनाथ
काशी नगरी से आये हैं शिव शंकर
ले के गौरा जी को साथ
( बोले यशोदा से , कहाँ है कन्हैया
दरस करा दो , हम तो लेंगे बलैया ) – 2
सुनकर नारायण अवतार ,
आया चलकर तेरे द्वार
काशी नगरी से आये हैं शिव शंकर
ले के गौरा जी को साथ
( बोली यशोदा मैया , जाओ जी जाओ
द्वार पे मेरे ना डमरू बजाओ ) – 2
मेरा नन्हा सा गोपाल
तू कोई जादू देगा डाल
काशी नगरी से आये हैं शिव शंकर
ले के गौरा जी को साथ
( इतनी सुनकर भोले , हँसे खिल खिला कर
बोले यशोदा से , डमरू बजाकर ) – 2
जाकर देख अपना लाल ,
मिलने को वो है बेहाल
काशी नगरी से आये हैं शिव शंकर
ले के गौरा जी को साथ
( इतने में मोहन आये , बंसी बजाते
यशोदा भी देखे और भोला भी देखे ) – 2
देखे है ये सब नर नार ,
घर घर नाच रहा गोपाल
काशी नगरी से आये हैं शिव शंकर
ले के गौरा जी को साथ
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