सावन 2023 में शिवजी की पूजा और व्रत – Sawan 2023 somvar shiv pooja vrat

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सावन में शिवजी की पूजा  Sawan me shivji puja विशेष फलदायक सिद्ध होती है। देवी पार्वती ने सावन के महीने में ही निराहार व्रत करके महादेव को प्रसन्न करके उनसे विवाह किया था। सावन का महीना शिवजी को विशेष प्रिय है।

कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए और विवाहित महिलाएँ सुहाग की सलामती के लिए सावन के सोमवार का व्रत करती है। स्त्री पुरुष सभी को सावन के महीने में शिव की पूजा करने से लाभ होता है।

शिवजी

शिव जी का व्रत तीन प्रकार से किया जाता है। प्रति सोमवार व्रत , सौम्य प्रदोष व्रत और सोलह सोमवार व्रत। तीनो की विधि एक समान ही होती है।

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सावन के सोमवार 2023 – Sawan somvaar

2023 मे सावन महिना 2 बार है । सावन 2023 अधिक मास है । इस वर्ष सावन महिना 4 जुलाई , मंगलवार से शुरू होकर 31 अगस्त तक रहेगा । अतः 2023 मे इस बार सावन के 8 सोमवार आएंगे ।

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सावन के सोमवार में शिवजी की पूजा का लाभ अवश्य उठाना चाहिए। सोमवार के दिन इस प्रकार हैं –

सावन का पहला सोमवार – 10 जुलाई

सावन का दूसरा सोमवार – 17  जुलाई

सावन का तीसरा सोमवार – 24 जुलाई

सावन का चौथा सोमवार – 31 जुलाई

सावन का पाँचवाँ सोमवार – 7 अगस्त

सावन का छठा सोमवार – 14 अगस्त

सावन का सातवाँ सोमवार – 21 अगस्त

सावन का आठवाँ सोमवार – 28 अगस्त

सावन में शिव पूजा कैसे करें

Saawan ke somvar shivji ki puja ka tareeka

सावन के सोमवार के व्रत वाले दिन सूर्योदय से पहले उठ जाना चाहिए। दैनिक कार्यों से निवृत होकर नहा धोकर शुद्ध सफ़ेद रंग के कपडे पहनने चाहिए। भगवान शिव की पूजा Shivji ki pooja यदि घर में करनी हो तो पूजा का स्थान साफ करके गंगाजल छिड़क कर शुद्ध कर लेना चाहिए। sawan me shiv puja ….

इसके बाद शिव जी की मूर्ती या तस्वीर को स्थापित करके साफ आसन पर बैठ कर पूजा करनी चाहिए। घर में सिर्फ पारद या नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। बाहर मंदिर में पूजा करने जाना हो तो पूजा का सामान ढक कर ले जाना चाहिए।

संभव हो तो मंदिर में भी शुद्ध आसन पर बैठ कर पूजा करनी चाहिए। पूजा करते समय आपका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए।

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कृपया ध्यान दे : किसी भी लाल रंग से लिखे शब्द पर क्लीक करके उसके बारे में विस्तार से जान सकते हैं। 

सावन में शिव पूजा की सामग्री –

Sawan me shiv pooja ke saman

जल कलश

गंगा जल

कच्चा दूध

दही

घी

शहद

चीनी

केसर

वस्त्र

चन्दन रोली

मौली

चावल (अक्षत )

फूलमाला , फूल

जनेऊ

इत्र

बील पत्र

आंक , धतूरा

भांग

कमल गट्टा

पान

लौंग , इलायची , सुपारी

धूप , दीप , अगरबत्ती

माचिस

कपूर

फल

मेवा

मिठाई

नारियल

दक्षिणा के पैसे

सावन सोमवार शिवजी की पूजा विधि –

Monday Savan month shiv puja vidhi

—  पूजा के लिए सबसे पहले पूजा के सामान को यथास्थान रख दें ।

—  अब भगवान शिव का ध्यान करके ताम्बे के बर्तन से शिव लिंग को जल से स्नान कराएँ  ।

—  गंगा जल से स्नान कराएं। sawan ke mahine me shivji ki pooja …

—  इसके बाद दूध , दही , घी , शहद और शक्कर से स्नान कराएँ । इनके मिश्रण से बनने वाले पंचामृत से भी स्नान करा सकते है।

—  इसके बाद सुगंध स्नान के लिए केसर के जल से स्नान कराएँ ।

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—  चन्दन आदि लगाएँ ।

—  अब मौली , जनेऊ , वस्त्र आदि चढ़ाएँ।

—  अब इत्र और पुष्प माला , बील पत्र आदि चढ़ा दें। बील पत्र 5 ,11 , 21 , 51 आदि शुभ संख्या में लें। बीलपत्र चढाने से रोगों से मुक्ति मिलती है। पूजा करके लौटते समय बील के पत्ते का प्रसाद लेकर जायें और इसे खाना ना भूलें ।

( इसे भी पढ़ें : बील का फल क्यों है अमृत समान लाभदायक )

—  आंकड़े Akda और धतूरे के फूल Dhatoore ke fool चढ़ाएँ । शिव जी को सफ़ेद रंग अतिप्रिय है क्योकि ये शुद्ध , सौम्य और सात्विक होता है। आंकड़ा और धतूरा चढ़ाने से पुत्र का सुख मिलता है।

—  वाहन सुख के लिए चमेली का फूल chameli ke fool चढ़ाएँ , धन की प्राप्ति के लिए कमल का फूल , शंखपुष्पी या जूही का फूल चढ़ाएँ , विवाह के लिए बेला के फूल चढ़ाएँ , मन की शांति के लिए शेफालिका के फूल चढाने चाहिए। पारिवारिक कलह से मुक्ति के लिए पीला कनेर का फूल चढ़ाएं।

—  शिव जी की पूजा करते समय आपकी भावना शुद्ध और सात्विक होनी चाहिए ( जैसे शिव खुद है )

—  अब धूप , दीप आदि जलाएँ। somvar ke din shivji ki puja ….

—  अब फल मिठाई आदि अर्पित कर भोग लगाएँ।

—  इसके बाद पान , नारियल और दक्षिणा चढ़ाएँ।

—  अब आरती करें।

आरती के लिए क्लिक करें – जय शिव ओमकारा ….

—  आरती के बाद क्षमा मंत्र बोलें। क्षमा मन्त्र इस प्रकार है :

” आह्वानं ना जानामि, ना जानामि तवार्चनम, पूजाश्चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वर: “

श्रद्धा पूर्वक इस प्रकार सावन के सोमवार को पूजा सम्पूर्ण करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर मनोरथ पूर्ण करते है।

इस दिन महामृत्युंजय , शिवसहस्र नाम , रुद्राभिषेक , शिवमहिमा स्रोत , शिवतांडव स्रोत या शिवचालीसा आदि का पाठ करना बहुत लाभकारी होता है।

( क्लिक करके इसे भी देखें – शिव चालीसा )

शिवजी को कौनसा सामान नहीं चढ़ता

shivji ko kaunsa saman na chadhaye

शिवलिंग पर सिन्दूर , हल्दी , लाल रंग के फूल , केतकी और केवड़े के फूल आदि या स्त्री सौंदर्य से सम्बंधित सामान ना चढ़ाएँ। क्योंकि शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है। जलधारी पर ये चढ़ाये जा सकते है क्योकि जलधारी माता पार्वती और स्त्रीत्व का प्रतीक होती है। sawan me shivji ki pooja ….

शिवलिंग की परिक्रमा कैसे करें

शिव लिंग की पूरी परिक्रमा नहीं की जाती है। परिक्रमा करते समय कभी भी जलाधारी को नहीं लाँघना चाहिए । क्योंकि यह स्थान ऊर्जा और शक्ति का तीव्र भंडार होता है । इसे लांघने वाले के लिए नुकसान देह होता है । इसके अलावा जिस जल से शिवजी का अभिषेक हुआ हो उस जल देवता को लाँघना या पाँव लगना भी सही नहीं होता है ।

शिवजी की परिक्रमा करने का तरीका यह है –

शिव जी की पूजा के बाद शिवलिंग की परिक्रमा बाईं ओर से शुरू करें । जलधारी के आगे निकले हुए भाग तक जाकर वापस विपरीत दिशा मे लौटते हुए जलाधारी के दूसरी तरफ आ जायें ।

सावन के सोमवार व्रत में क्या खायें क्या नहीं

Savan ke somvar ko vrat karne ka tareeka

यह व्रत सुबह सूर्योदय से शुरू करके दिन के तीसरे पहर यानि सूर्यास्त तक किया जाता है। सूर्यास्त के बाद भोजन कर सकते है। उसके पहले अनाज व नमक नहीं लिया जाता है। जहाँ तक संभव हो सूर्यास्त तक पानी , फ्रूट जूस , दूध , छाछ आदि ही लेने चाहिए। नींबू पानी सेंधा नमक व काली मिर्च डालकर पी सकते है।

व्रत के समय तला – भुना सामान बिलकुल नहीं लेना चाहिए। यदि कंट्रोल न हो तो पनीर , उबला आलू , कुट्टू , सिंघाड़े या राजगिरि का आटा , साबूदाना , दही , सूखे मेवे , मूंगफली , नारियल पानी , शेक आदि में से अपनी पसंद से सिर्फ एक बार कुछ भी ले सकते है।

पानी खूब पिएँ। सिर्फ तरल पदार्थ लेने से शरीर के विषैले तत्व निकल जाते है और मन व आत्मा की शुद्धि हो जाती है।

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