शिशु का विकास तीन महीने में – Baby development in three month

5739

नवजात शिशु को बड़े होता देख बड़ा आनंद मिलता है। तीन महीने का होने पर शिशु थोड़ा बड़ा दिखने लगता है। उसकी समझ बढ़ जाती है। बच्चे के हर काम का टाइम निश्चित होने लगता है। आपको भी आराम मिलने लगता है।

आइये जानें तीन महीने के बच्चे को क्या कुछ सीख लेना चाहिए और उसे कौनसी गतिविधि करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो जाये कि उसका डवपलमेंट ठीक तरीके से हो रहा है।

शिशु का विकास तीन महीने में

Baby development in three month

शरीर पर नियंत्रण – Body control

तीन महीने का बच्चा गर्दन सँभालने लगता है लेकिन पूरी तरह नहीं। आपको उसकी गर्दन को पूरा सहारा देकर रखना चाहिए। शिशु की जन्मजात प्रक्रिया धीरे धीरे समाप्त होने लगती है।

वह आँखों और हाथों का तालमेल समझना शुरू करने लगता है। बच्चा खिलोने देखने पर उन्हें छूने और पकड़ने की कोशिश शुरू करने लगता है। हाथ में आ जाये तो सीधा मुंह में रख लेता है।

नींद – Sleep

तीन महीने के बच्चे का नर्वस सिस्टम परिपक्व होने लगता है। उसके पेट की क्षमता में सुधर आ जाता है और वह अब पहले की अपेक्षा ज्यादा दूध पी सकता है। इसलिए वह अब वह एक बार में लम्बी नींद निकाल सकता है यानि लगभग छः सात घंटे तक सो सकता है। अतः रात को आपकी नींद भी पूरी हो सकती है

अगर बच्चा रात में उठ कर रोने लगे तो तुरंत उसे दूध पिलाने ना लग जाएँ एक दो मिनट देखें , हो सकता है कि वह वापस सो जाये। कुछ माता पिता बच्चे के जरा सा कसमसाने से ही तुरंत उसे सँभालने के लिए दौड़ पड़ते हैं। जिसके कारण बच्चा यह नहीं सीख पाता कि खुद वापस कैसे सोना चाहिए।

अगर बच्चा रोना बंद नही करता तो जहाँ तक संभव हो उसे कम रोशनी में ही संभालें। तेज रौशनी न जलायें और वापस उसे उसकी जगह सुला दें। धीरे धीरे वह समझ जायेगा कि रात का समय सिर्फ सोने के लिए होता है। इससे वह आगे चलकर रात को परेशान कम करेगा।

तीन महीने के बच्चे का दिन में सोने का भी समय निश्चित होने लगता है। अधिकतर इस समय बच्चे रोज डेड से दो घंटे की कुछ नींद निकालते है।

इन्द्रियाँ – Eyes , ear

तीन महीने के बेबी के सुनने और देखने की क्षमता में सुधार जारी रहता है। उसे जानी पहचानी आवाजें आकर्षित करने लगती हैं। अब वह अपने माता पिता की आवाज की तरफ मुंह घुमाने लगता है।

बच्चा अब भी रंग बिरंगे खिलोनो की तरफ ज्यादा आकर्षित होता है।  तीन महिने के बेबी को आपका चेहरा देखना अच्छा लगने लगता है। आप उसे देखते है तो वह भी आपकी तरफ गौर से देखता है। शिशु चेहरे पहचानने की कोशिश करने लगता है।

कांच में उसे अपना चेहरा नजर आये तो उसे भी वह टकटकी लगाकर देखता है।

बातचीत या बोलना – Communication

तीन महीने का बच्चा अब अपना अस्तित्व स्थापित करके एक अलग इन्सान बनने की शुरुआत कर देता है।  कुछ मनोवैज्ञानिक इस समय की तुलना हेचिग की अवस्था से करते है यानि अंडे के खोल से बाहर आना। अर्थात वे बाहर की दुनिया को जानना समझना और प्रतिक्रिया देना शुरू करने लगते है।

उसके आपकी तरफ देखकर मुस्कराना या खुश होना इसी का हिस्सा होता है।

तीन महीने का होने के बाद सिर्फ रोना ही अपनी बात कहने का तरीका नहीं बनाता। इस समय उसे एक डेड घंटे से ज्यादा रोना भी नही चाहिए। यदि बच्चा इससे ज्यादा रोता है तो चिकित्सक से परामर्श कर लेना चाहिए।

इस समय बच्चा अलग अलग तरह की आवाज निकालने की कोशिश करने लगता है।  उसकी इन आवाजों पर आपके प्रतिक्रिया दें और उसके साथ बातें करते रहें। वह धीरे धीरे सब समझने लगेगा। छोटे बच्चे से बातचीत करने से आपका उसके साथ बंधन मजबूत बनता है।

हर बच्चे के विकास में थोडा बहुत अंतर होना स्वाभाविक होता है अतः धैर्य से काम लें और चिंता ना करें।

लेकिन तीन महीने तक अगर बच्चे में ये चींजे नजर नहीं आयें तो डॉक्टर से संपर्क जरुर कर लेना चाहिए –

—  आवाज की बिल्कुल प्रतिक्रिया नहीं दे .

—  हिलती दुलती चीजों को देखता हुआ अपनी नजर ना घुमाये

—  बिल्कुल भी मुस्कराये नहीं

—  किसी चीज तक पहुँचने की बिल्कुल कोशिश ना करे

आपको क्या करना चाहिए

हो सकता है कि आपको तरह तरह की सलाह मिले लेकिन माँ होने के नाते आपसे अच्छा  बच्चे को कोई नही समझ सकता अतः अपनी समझ पर भी भरोसा करके आपको जो उचित लगे वो करना चाहिये।

कुछ लोग सलाह देंगें कि कुछ ठोस आहार बच्चे को देने से वह रात को परेशान नही करेगा पर ठोस आहार देने में इतनी जल्दी नही करनी चाहिये। छः महीने तक इंतजार करना चाहिए।

इन्हे भी जानें और लाभ उठायें :

मेटरनिटी नर्सिंग ब्रा पहनने के फायदे

बेबी को बोतल से दूध पिलाने के फायदे नुकसान

बच्चों का अंगूठा चूसना कैसे छुडवायें

शिशु की मालिश खुद कैसे कब और किससे करें  

बच्चों के दांत निकलते समय परेशानी कैसे दूर करें 

स्तनपान छुड़ाने के आसान उपाय

स्तन को पुष्ट और सुडौल कैसे बनायें 

गर्भ निरोधक के नए उपाय और उनके फायदे नुकसान

बच्चों के लिए ऐसे घरेलु नुस्खे जो सबको पता होने चाहिए 

श्वेतप्रदर क्यों होता है , क्या लक्षण है और उपचार क्या है