सर्दी से परेशानी व बचाव – Winter Problems And Protection

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सर्दी से परेशानी बहुत से लोगों को होती है। हालाँकि यह मौसम Winters हेल्थ बनाने का मौसम होता है। इस मौसम में जठराग्नि तेज होती। भूख अच्छी लगती है। भोजन अच्छे से हजम हो जाता है। जानिये सर्दी से बचकर कैसे हेल्दी रहें।

इस मौसम में जल्दी थकान नहीं होती। मच्छर का आतंक कम हो जाता है। सर्दी में चाय , कॉफी , गर्मा गर्म पकौड़े आदि का सभी आनंद उठाते है। जब इस मौसम से परेशानी होती है यह मौसम दुखदायी हो जाता है।

सर्दी से परेशानी तब होती है जब शरीर कम तापमान के अनुसार ढ़लने की कोशिश में कुछ कमजोर पड़ जाता है और प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ जाती है।

सर्दी से कई प्रकार की परेशानी पैदा हो सकती है। थोड़ी सी सावधानी रखने पर इन परेशानियों से बचा जा सकता है और इस मौसम का मजा लिया जा सकता है। सर्दी में मौसम में होने वाली कुछ सामान्य परेशानी तथा उनसे बचने और स्वस्थ रहने के तरीके इस प्रकार है :

सर्दी जुकाम लग जाना

इस मौसम में जुकाम के वाइरस हवा में या किसी भी सतह पर अधिक देर तक जीवित रहते है। ये आपको आसानी से अपना शिकार बना सकते है। इसलिए इस मौसम में जुकाम अधिक होता है।

ठंडी हवा में ज्यादा देर रहने से भी सर्दी लग सकती है। इसके अलावा एकदम से गर्म तापमान में से निकल कर ठंडे तापमान में जाना या ठंडे से गर्म में जाना तबियत बिगड़ने का कारण बन सकता है। रजाई से निकल कर तुरन्त बाहर ठंडी में नहीं जाना चाहिए।

कृपया ध्यान दें : किसी भी लाल रंग से लिखे शब्द पर क्लिक करके उसके बारे में सारी जानकारी पा सकते हैं।  

एयर कंडीशनर ( Air Conditioner ) या हीटर ( Heater ) के तापमान में से निकल कर तुरंत ठंडी में जाना भी तबियत बिगाड़ सकता है। इससे गले में खराश हो जाती है। गले में खराश के घरेलु नुस्खे पढ़ें और इन्हें अपनाएं , इनसे गले की खराश में आराम मिलता है।

कम तापमान के कारण हवा में नमी कम हो जाती है। ठंडी हवा में डस्ट और सूखापन होने से समस्या बढ़ जाती है । ठंडी हवा से बचने के उपाय करने चाहिए।

धूल , मिटटी , धुआं आदि से बचना चाहिए। दुपहिया वाहन ( Two Wheeler ) पर हेलमेट लगा लेना चाहिए। बाहर से घर आने पर हाथो को साबुन ( Hand Wash ) से अच्छी प्रकार धोना चाहिए।  हाथो को बार बार धोने से वाइरस का एक दूसरे को लगने की सम्भावना कम जाती है। ।

जुकाम के कारण , नाक में पानी , सिर में दर्द , गले में या छाती में कफ , खांसी या हल्का बुखार आदि समस्या हो सकती है। जुकाम हो गया हो तो रेस्ट करना चाहिए , पानी खूब पीना चाहिए , हल्का सुपाच्य भोजन लेना चाहिए।

दवा के तौर पर घरेलु नुस्खों का उपयोग करना चाहिए। इनसे बहुत लाभ होता है। सर्दी जुकाम होने पर काम आने वाले घरेलु नुस्खे जानने के लिए यहाँ क्लीक करें

खांसते समय , छींक आने पर मुंह पर रुमाल रखना चाहिए ताकि घर के दूसरे सदस्य इससे बच सकें।

संभव हो तो कपड़े के रुमाल के बजाय डिस्पोजेबल टिशू  ( Disposable Tissue काम में लेने चाहिए। दरवाजे के हैंडल , लाइट के स्विच , कप , गिलास , तोलिये आदि साफ रखने चाहिए।

यदि आपकी प्रतिरोधक क्षमता ठीक है तो वाइरस का जल्दी से असर नहीं होता। अतः खुद को मजबूत बनाना चाहिए। इसके लिए विटामिन सी युक्त पोष्टिक डाइट लें। हल्का व्यायाम अवश्य करें।

सर्दी में रूखी त्वचा

सर्दी में त्वचा में रूखापन आ जाता है। जिनकी त्वचा संवेदनशील होती है उन्हें सर्दी में त्वचा में खुजली आदि हो सकती है। यह परेशानी हवा में नमी बहुत कम होने के कारण होती है। रूखी सुखी त्वचा पर संक्रमण होने की संभावना अधिक हो जाती है।

नहाने से पहले या नहाने के बाद पूरे शरीर पर तेल की मालिश  ( Oil Massage ) इस मौसम में विशेष लाभदायक होती है।

इसके लिए जैतून , सरसों का तेल , या बादाम के तेल का उपयोग अच्छा रहता है । इससे न सिर्फ त्वचा का रूखापन मिटता है बल्कि जोड़ों या मांसपेशियों का दर्द दूर होता है। शरीर में ताकत आती है। शरीर से वात कम होती है।

सर्दी में परेशानी

अधिक तीखे केमिकल वाले साबुन की जगह कोमल साबुन से नहाना चाहिए। ग्लिसरीन युक्त साबुन ( glycerin  soap ) भी अच्छे रहते है।

इसके अलावा बाजार में कई प्रकार के लोशन ( Moisturizing  Lotion ) मिलते हैं।  उन्हें लगा कर भी त्वचा का रूखापन ( skin dryness ) कम कर सकते है। इन सबसे त्वचा पर एक प्रकार की परत बन जाती है जो त्वचा की नमी को रोककर रखती है। इस  कारण से त्वचा में रूखापन नहीं आता।

नहाने के तुरंत बाद जब त्वचा में नमी रहती है तब मॉइस्चराइज़र लगाना ज्यादा उपयुक्त होता है। इससे नमी आपकी त्वचा की दो परत तक चली जाती है। इसे सोते समय भी लगा लेना चाहिए। रात को लगाने के लिए  ग्लिसरीन , वैसलीन आदि का उपयोग भी कर सकते है।

सर्दी में गुनगुने पानी से नहाना चाहिए ना कि तेज गर्म पानी से। तेज गर्म पानी से नहाने से त्वचा में अधिक रूखापन आ जाता है। तेज गर्म पानी से बाल भी बेजान और रूखे हो जाते है।

सर्दी में हार्ट अटैक

सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक की सम्भावना बढ़ जाती है। यह धमनियों के सिकुड़ने की वजह से हो सकता है। इससे ह्रदय को रक्त प्रवाहित करने में मुश्किल होने लगती है। अतः जिन्हें ह्रदय रोग की सम्भावना हो उन्हें इस मौसम में अधिक थकान वाले काम नहीं करने चाहिये।

मॉर्निंग वाक के लिए सुबह जल्दी तेज सर्दी के बजाय थोड़ी धूप निकलने के बाद जाना चाहिए। इसके अलावा भारी खाना अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए। अधिक उम्र के लोगों को इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए।

सर्दी में अस्थमा

यदि आपको अस्थमा की समस्या है तो आप जानते ही होंगे कि अस्थमा के अटैक सर्दी में अधिक होते है। ठंडी और सूखी हवा के कारण श्वास नलियां सिकुड़ सी जाती है और साँस लेना बहुत मुश्किल हो जाता है। इस मौसम में धूल , मिट्टी ,धुआँ आदि से विशेष सावधान रहना चाहिए।

घर के अंदर भी इन चीजों से बचना चाहिए। रसोई ( Kitchen ) के धुएँ की लिए चिमनी ( chimney ) का प्रबंध कर लेना चाहिए।

अधिक सर्दी में घर से बाहर बहुत आवश्यक हो तभी निकलना चाहिए। निकले तो सिर , नाक , कान आदि को ढक कर रखना चाहिए। दवा नियमित रूप से लेनी चाहिए। इन्हेलर ( Inhaler ) हमेशा साथ में रखना चाहिए।

 

सर्दी में जोड़ों का दर्द

सर्दी के मौसम में जोड़ो तथा मांसपेशियों का अकड़ जाना भी एक समस्या के रूप में सामने आता है। इस कारण  जोड़ों में दर्द होता है ,पीठ में दर्द होता हे। हीटर आदि के उपयोग से इस परेशानी से निजात पाई जा सकती है।

थोड़ी एक्सरसाइज करने से जोड़ों की तथा मांस पेशियों की जकड़न में आराम रहता है। कुछ देर धूप में बैठने से भी जकड़न ठीक होती है। अधिक उम्र के लोग जो अर्थराइटिस से ग्रस्त हो उन्हें तेज सर्दी में परेशानी बढ़ जाती है। अतः ऐसा मौसम में ज्यादा ध्यान रखने की जरुरत होती है।

जोड़ों के दर्द व अर्थराइटिस के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लीक करें

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सर्दी के मौसम में सावधानी

—  इस मौसम में विटामिन ” सी ” युक्त आहार लेना चाहिए। यह प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। इससे सर्दी जुकाम से बचाव हो सकता है। इस मौसम में ताजा आंवला आता है। किसी भी रूप में आंवले का सेवन अवश्य करना चाहिए । यह विटामिन ” सी ” का सबसे अच्छा स्रोत है। आंवले की लोंजी बना ले , आंवला कैंडी बना लें , आंवले का अचार बना लें आंवले का मुरब्बा बना ले। इन पर क्लीक करके इनकी विधिया आप देख सकते है।

anvala—  इस मौसम में हल्की फुल्की एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। इससे शरीर गर्म और स्वस्थ रहता है। नींद भरपूर लें। तनाव से दूर रहें। सर्दी में साँस की अधिक समस्या हो तो कमरे में नमी बढ़ाने वाली मशीन का उपयोग कर सकते है । पानी खूब पीना चाहिए।

—  दोपहर के भोजन के बाद कुछ देर धूप में टहलना अच्छा होता है , पर तेज ना चलें। इससे विटामिन ” डी ” भी मिल जाता है जो प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और गर्माहट भी मिल जाती है। ज्यादा ठंडा पानी ना पियें। गर्म सूप , केसर युक्त गर्म दूधचाय , कॉफी  आदि गर्म पेय ले सकते है।

—  गर्म तासीर वाली चीजों का उपयोग थोड़ी बहुत मात्रा में जरूर करना चाहिए। जैसे गुड़ , अंजीर , तिल , खजूर , पिस्ता , मेथीदानामूंगफली आदि।  गुड़ मूंगफली की चिक्की इस मौसम में जरूर खानी चाहिए। यह घर पर आसानी से बनायीं जा सकती है। गुड़ मूंगफली की चिक्की बनाने की विधि जानने के लिए यहाँ क्लीक करें

—  अपनी पाचन क्षमता के अनुसार मेवे ( बादाम , काजू , अखरोट आदि ) का उपयोग इस मौसम में करना चाहिए । इस समय मेवे अच्छे से पच जाते है और शरीर को ताकत देते है , यह ताकत लंबे समय तक बनी रहती है।

—  इस मौसम में मिलने वाली ताजा सब्जियां पालक , मेथी , गाजर , फूलगोभी , पत्ता गोभी , बथुआ आदि का भरपूर उपयोग करें। गाजर के हलवे का कुछ मात्रा में जरूर सेवन करें। यह विटामिन ” ए ” से भरपूर होता है जो आँखों के लिए बहुत लाभदायक होता है।  गाजर का हलवा सही तरीके से बनाने की विधि जानने के लिए यहाँ क्लीक करें

—  अधिक उम्र के लोगों को सर्दी के कारण सिर्फ गर्म रजाई ओढ़कर रहना उन्हें मानसिक रूप से कमजोर बना सकता है। अतः इस उम्र में भी थोड़ा बहुत व्यस्त तथा तनाव मुक्त रहने की कोशिश करनी चाहिए।

जिसमे आनंद मिले वह करना चाहिए जैसे पार्क में घूमना , अपनी पसंद का कुछ खेलना , गर्म पानी से नहाना , संगीत सुनना , फिल्म देखना आदि। इससे प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है।

इन्हें भी जाने और लाभ उठायें :

मुंह की बदबू / पित्ताशय की पथरी / प्रोटीन की कमी / खून की कमी / श्वेत प्रदर / गुर्दे की पथरी / सही तरीके से सोना / नाभि हटना या धरण जाना / मुँह के छाले / डिप्रेशन