चना देसी काला और काबुली चने से पायें शक्ति – Gram , Bengal gram , Chikpeas

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चना chana भारतीय आहार का मुख्य अंग है। यह ऊर्जा का अच्छा स्रोत हैं। शारीरिक रूप से सक्रिय लोगों के लिए चना सर्वोत्तम टॉनिक है। आइये जानें प्रोटीन के इस शानदार स्रोत चने की अन्य खूबियां।

कड़ी एक्सरसाइज करके बॉडी बनाने के शौकीन या पहलवानी करने वाले लोगों के लिए चना शानदार आहार साबित हो सकता है।

चने के पोषक तत्व

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चने में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन , कार्बोहाइड्रेट और वसा होते हैं। इसके अलावा चना फाइबर , आयरन , फास्फोरस , थायमिन , विटामिन बी 6 , मेग्नेशियम , जिंक आदि पोषक तत्वों का भी अच्छा स्रोत है। इसका प्रोटीन दूसरी दालों की अपेक्षा आसानी से पच जाता है।

चने का दुनिया में सबसे बड़ा उत्पादक देश भारत है। यहाँ दुनिया का 70% चना पैदा होता है। भारत ही दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश भी है।

भारत में सबसे ज्यादा चना मध्य प्रदेश में पैदा होता है। इसके अलावा राजस्थान , महाराष्ट्र ,यूपी , आंध्र प्रदेश और कर्नाटक भी चना पैदा करने वाले अग्रणी राज्यों में से हैं। यहाँ दो प्रकार के चने, देसी काला चना तथा काबुली चना बहुतायत में उगाया जाता है। इंग्लिश में इसे ग्राम Gram , बंगाल ग्राम Bengal Gram और चिकपी Chikpea के नाम से जाना जाता है।

चने के फायदे

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कृपया ध्यान दे : किसी भी लाल रंग से लिखे शब्द पर क्लीक करके उसके बारे में विस्तार से जान सकते हैं। 

चने को अंकुरित करके खाना सबसे ज्यादा लाभदायक होता है। भीगा हुआ चना रक्त में कोलेस्ट्रॉल कम करता है तथा शर्करा की मात्रा नियंत्रित रखता है। अतः हृदय रोगी और डायबिटीज वाले लोग भी इसे खा सकते है।

नियमित अंकुरित चना खाने से वीर्य गाढ़ा होता है तथा शुक्राणु की संख्या और उनकी सक्रियता में वृद्धि होती है। अंकुरित चने खाकर दूध पीने से वीर्य पुष्ट होता है।

इससे यौन शक्ति बढ़ती है तथा अनावश्यक वक्त बेवक्त की यौन उत्तेजना और कामेच्छा को काबू करने की शक्ति भी बढ़ती है। स्वप्नदोष मिटता है। शरीर , मन और बुद्धि तीनो पर सकारात्मक असर दिखाता है।

भुना चना कब्ज दूर करता है। रात को भुना चना ( भूंगडा) खाकर दूध पीने से कब्ज में आराम मिलता है। चने से बने बेसन का उपयोग उबटन  के रूप में करने से त्वचा में निखार आटा है और सौंदर्य में अभूतपूर्व वृध्दि होती है।

चने में प्रोटीन और फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है। इसके कारण इसे खाने से पेट भरा हुआ महसूस होता है और जल्दी भूख नहीं लगती। फाइबर के कारण पाचन क्रिया सही रहती है। इन कारणों से वजन कम रखने में मदद मिलती है।

चने के पत्ते की सब्जी सभी के लिए बहुत लाभदायक होती है। इसके उपयोग से खून साफ होता है , पित्त शांत होता है , दांतों की सूजन मिटती है तथा त्वचा रोग में लाभ होता है। लेकिन इसे अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए।

चने से घरेलु नुस्खे

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कब्ज

एक मुट्ठी चने अच्छे से धोकर रात को एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह चने निकाल लें। पानी फेंके नहीं। चने पर थोड़ा भुना पिसा जीरा और थोड़ी पिसी हुई सोंठ डालकर अच्छे से चबा कर खा लें। आधा घंटे बाद चने वाला पानी भी पी लें। इससे कब्ज ठीक होती है।

रुसी

आधा कप दही में दो चम्मच बेसन घोल लें। इसे गीले सिर में शेम्पू की तरह लगाकर दस मिनट बाद धो लें। इससे रुसी dandruf मिटती है।

कफ

रात को एक मुट्ठी भुने हुए चने खाकर आधा गिलास गर्म दूध पीने से गले में या फेफड़ों में जमा हुआ कफ निकल जाता है।

वीर्य पुष्ट

शाम के समय चने के आटे का हलवा देसी घी में बना कर खाएं। रात को एक मुठ्ठी चने धोकर पानी में भिगो दें। चने सुबह पानी से निकाल लें। इस पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर पी लें। चनों को अंकुरित करके खा लें। नियमित कुछ दिन यह प्रयोग करने से वीर्य पुष्ट होता है।

त्वचा की सुंदरता

—  बेसन से चेहरा धोने से झाइयां मिटती हैं।

—  बेसन में दही मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इसे त्वचा पर 10 – 15 मिनट लगाकर रखें। फिर धो लें। इससे सनबर्न ठीक हो जाता है।

—  चने की दाल भिगो कर पीस लें। इसमें हल्दी और थोड़ा तेल मिला लें। इसे उबटन की तरह त्वचा पर लगा लें। थोड़ा सूखने पर रगड़ कर निकालें। इससे त्वचा स्वस्थ , मुलायम और सुन्दर हो जाती है।

—  आठ चम्मच बेसन , पांच चम्मच दही , पांच चम्मच दूध , एक चम्मच हल्दी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। आवश्यकता के अनुसार दूध ज्यादा भी मिला सकते है। इसे चेहरे या सारे शरीर पर लगा कर लगा लें। फिर रगड़ कर निकाल दें। इसके बाद स्नान कर लें। इससे त्वचा जवां हो जाती है।

—  चने के आटे की चपाती बिना नमक मिलाये नियमित दो महीने तक खाने से त्वचा के विकार जैसे दाद , खाज , खुजली , फोड़े फुंसी आदि दूर होते हैं तथा खून साफ होता है। चपाती पर घी लगा सकते हैं।

उल्टी

भुने हुए चने का पाउडर यानि सत्तू पानी में घोलकर पीने से गर्भावस्था में होने वाली उल्टी में आराम मिलता है।

श्वेत प्रदर

भुने चने पीस कर इसमें पिसी हुई शक्कर मिलाकर खाएं। ऊपर से एक गिलास दूध में एक चम्मच घी मिलाकर पियें। इससे श्वेत प्रदर में आराम मिलता है।

ज्यादा पेशाब आना

भुने हुए चने और गुड़ कुछ दिन नियमित खाने से बार बार पेशाब आना कम होता है।

इन्हे भी जाने और लाभ उठायें :

गेहूं  / मूंगफली  / काजू  / पनीर  आम / बादाम / गन्ने का रसकेला  / संतरा  / जामुन