Soda मीठा सोडा , बेकिंग पाउडर , कपड़े धोने का सोडा में क्या अंतर है

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Soda सोडा रोजाना काम आने वाली चीजों में से एक है। मीठा सोडा Meetha soda, बेकिंग सोडा Baking soda, खाने का सोडा khane ka soda ,कपड़े धोने का सोडा kapde dhone ka soda , खारा सोडा, बेकिंग पाउडर baking powder आदि नाम अक्सर सुनते हैं।

इनका उपयोग भी खूब किया जाता है। अक्सर ये नाम कन्फ्यूजन और संशय पैदा करते है कि इनमें क्या फर्क है और कौनसा सोडा कहाँ और कैसे काम में लें । आइये जानते है की ये सब क्या हैं और इनमे क्या अंतर है –

मीठा सोडा , खाने का सोडा या बेकिंग सोडा

Mitha Soda , Khane Ka Soda , Baking Soda

soda kitne prakar ke

मीठा सोडा शुद्ध सोडियम बाईकार्बोनेट होता है। इसे कुकिंग सोडा के नाम से भी जाना जाता है। इसे एक्टिव होने के लिए खटाई यानि एसिड और नमी की जरुरत होती है। यदि आप छाछ , नींबू का रस , सिरका , कोको , टार्टर क्रीम आदि खटाई का उपयोग कर रहे हैं तो उसमे मीठा सोडा डाला जाता है।

जब सोडा इस खटाई और नमी के संपर्क में आता है तो एक रासायनिक क्रिया होती है, जिसमे कार्बन डाईऑक्साइड गैस बनती है। जो बुलबुलों के रूप में निकलने लगती है। इससे बेटर या घोल फूल जाता है और डिश स्पंजी बनती है जिसे खाने में बड़ा मजा आता है। इस क्रिया का उपयोग गुंथे हुए आटे को फुलाने के लिए किया जाता है।

कुलचे , भटुरे आदि बनाने के लिए आटे में खाने का सोडा और दही मिलाकर थोड़ी देर रखने से आटा फूल जाता है  खमण ढोकला , इडली आदि बनाने के लिए भी मीठा सोडा मिलाया जाता है। बेकिंग सोडा या मीठे सोडे का फार्मूला  NaHCO3 होता है।

ज्यादा सोडा डालने से फुलाव ज्यादा नहीं होता है। आपके द्वारा बनाये जाने वाली सामग्री में जितनी खटाई यानि एसिड मौजूद है उतना ही सोडा डालना चाहिए। ज्यादा सोडा डालने से कुछ सोडा ऐसा बच जाता है जिसे एसिड नहीं मिलता और यह बचा हुआ सोडा कड़वा या साबुन जैसा स्वाद देता है।

कुछ लोग पूछते है कि उनके बनाये खमण या अन्य सोडा डालकर बनाई गई डिश का स्वाद ख़राब क्यों हो जाता है। इसका कारण सोडे की अधिक मात्रा हो सकती है। अतः इसका ध्यान रखें।

बेकिंग पाउडर – Baking Powder

बेकिंग पाउडर , सोडा और सूखे एसिड तत्व के मिश्रण से बनाया जाता है। इसमें एसिड यानि खटाई होती है इसलिए बिना खटाई वाली चीजें जैसे केक आदि बनाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।

यह सूखा होने पर काम नहीं करता लेकिन नमी मिलने पर कार्बन डाईऑक्साइड बनने की रासायनिक क्रिया शुरू हो जाती है। इसमें क्षार और एसिड दोनों होते है। इसे एक्टिव होने के लिए सिर्फ लिक्विड की जरुरत होती है।

इसे बनाने में कुछ ऐसे एसिड मिलाये जाते हैं जो गर्मी पाकर ही पानी में घुलते हैं। इसके बाद ही कार्बन डाईऑक्साइड बनने की प्रक्रिया शुरू होती है। इसलिए ओवन में गर्म करने के बाद ही फुलाव होता है, उससे पहले नहीं।

चॉकलेट वाला केक बनाते समय इसकी मात्रा का ध्यान रखना चाहिए क्योकि चॉकलेट भी एसिड की तरह काम करती है। कई प्रकार के बेकिंग पाउडर बाजार में उपलब्ध होते हैं। जैसे –

फास्ट एक्टिंग बेकिंग पाउडर – Fast Acting Baking Powder

यह कमरे के तापमान पर नमी मिलने से ही एक्टिव हो जाता है। इसे मिलाने के तुरंत बाद बेक करना पड़ता है।

स्लो एक्टिंग बेकिंग पाउडर – Slow Acting Baking Powder

यह सिर्फ अधिक तापमान पर ही एक्टिव होता है। यह ओवन में गर्मी पाकर ही गैस बनाना शुरू करता है।

डबल एक्टिंग बेकिंग पाउडर – Double Acting Baking Powder

यह घर में सबसे ज्यादा काम आने वाला बेकिंग पाउडर होता है। इसे मिलाने से कुछ मात्रा में क्रिया कमरे के तापमान पर ही शुरू हो जाती है और कुछ क्रिया ओवन में गर्मी के कारण शुरू होती है । बाजार में अधिकतर घर के यूज़ के लिए यही बेकिंग पाउडर बेचा जाता है। बाकि के व्यावसायिक रूप से काम आते है।

यदि आप बेकिंग पाउडर खरीद रहे हैं और  डिब्बे पर ऐसा कुछ नहीं लिखा तो उसे सामान्य तौर पर डबल एक्टिंग बेकिंग पाउडर ही समझना चाहिए।

बेकिंग सोडा किसमें और बेकिंग पाउडर किसमें डाला जाता है

How to use baking soda and baking powder

किसी डिश में बेकिंग सोडा डाला जाता है और किसी में बेकिंग पाउडर। किसमे क्या डालना चाहिए यह डिश बनाने की अन्य सामग्री पर निर्भर करता है।

यदि आप ऐसा कुछ बना रहे हों जिसमे किसी प्रकार का एसिड यानि खटाई है तो उसे फुलाने के लिए उसमे बेकिंग सोडा डालना चाहिए। ताकि एसिड से सोडा एक्टिव हो सके। बेकिंग सोडा से केक फूला हुआ नहीं बन सकता क्योंकि उसमें एसिड नहीं होता है।

यदि आपके द्वारा बनाई जाने वाली डिश में खटाई नहीं है तो उसे फुलाने के लिए उसमे बेकिंग पाउडर का उपयोग करना चाहिए। क्योकि बेकिंग पाउडर में एसिड पहले से ही मौजूद होता है।

ज्यादातर केक और बिस्किट आदि बनाने में बेकिंग पाउडर का उपयोग किया जाता है। बेकिंग पाउडर में एसिड और क्षार दोनों होने के कारण यह स्वाद ख़राब नहीं करता।

कुछ रेसिपी ऐसी भी होती हैं जिसमे बेकिंग सोडा और बेकिंग पाउडर दोनों डाले जाते हैं। यदि किसी डिश बनाने में कुछ मात्रा में एसिड मौजूद हो लेकिन फुलाव के लिए पर्याप्त एसिड नहीं हो तो बेकिंग पाउडर अपना काम कर दिखाता है। यह थोड़े अनुभव के बाद पता चल जाता है।

यदि आपके पास बेकिंग पाउडर नहीं है तो आप बेकिंग सोडा यानि मीठा सोडा से भी बेकिंग पाउडर घर पर ही बना सकते है । इसके लिए एक चम्मच मीठा सोडा , दो चम्मच पोटेशियम बाईटारट्रेट और एक चम्मच कॉर्न स्टार्च मिला ले। बेकिंग पाउडर तैयार है।

सोडा काम करेगा या नहीं जानने का तरीका

soda kharab hai kya pata karne ki vidhi

बेकिंग सोडा और बेकिंग पाउडर का प्रभाव समय के साथ कम हो जाता है। नमी के कारण ये जल्दी ख़राब हो जाते है।  इसलिए इन्हे ठन्डे और सूखे स्थान पर रखना चाहिए। ऐसे में ये जल्दी से ख़राब नहीं होते हैं। पुराना सोडा काम में लेने से डिश बिगड़ सकती है।

ये काम करेंगे या नहीं यह जानने के लिए पहले इन्हे टेस्ट कर लेना चाहिए। इसका तरीका इस प्रकार है –

बेकिंग पाउडर को टेस्ट करने का तरीका

Baking powder test

बेकिंग पाउडर गर्मी और नमी के संपर्क में काम करता है। अतः इसे टेस्ट करने के लिए आधा कप गर्म पानी में आधा चम्मच बेकिंग पाउडर डाल कर देखें। यदि तेजी से ढ़ेर सारे बुलबुले निकलने लगे तो बेकिंग पाउडर अच्छा है और इसे काम में ले सकते हैं। ठन्डे पानी में यह टेस्ट नहीं होता।

बेकिंग सोडा को टेस्ट करने का तरीका

Baking soda test

बेकिंग सोडा किसी भी डिश को स्पंजी बनाने के लिए डाला जाता है। इसे चेक करने के लिए चौथाई चम्मच बेकिंग सोडा में कुछ बूँद सिरका या नींबू के रस की डालें। सोडे में से तेजी के साथ ढ़ेर सारे बुलबुले निकलने चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता तो इसका मतलब है कि सोडा ख़राब हो चूका है।

कपड़े धोने का सोडा , खारा सोडा – Washing Soda

कपड़े धोने का सोडा Washing soda और मीठा सोडा Baking soda दोने अलग चीजें हैं । ज्यादातर कपड़े धोने के साबुन , वाशिंग पाउडर और लिक्विड में यह मौजूद होता है। इसका रासायनिक नाम सोडियम कार्बोनेट है।

इसका मुख्य स्रोत जले हुए पेड़ पौधों होते हैं इसलिए इसे सोडा ऐश soda ash यानि राख वाला सोडा भी कहते हैं। कपड़े धोने के सोडे का फार्मूला Na2CO3 होता है। इसे खारा सोडा khara soda के नाम से भी जाना जाता है।

यह पेट में जाने पर विषैला प्रभाव डालता है। यह तीक्ष्ण क्षार होता है और मुंह या पेट में जाने पर बहुत नुकसानदेह होता है। इसे कांच , साबुन , डिटर्जेंट आदि बनाने में काम लिया जाता है।

इस सोडे का उपयोग ग्रीस , रक्त , चाय , कॉफी आदि के जिद्दी दाग छुड़ाने में किया जा सकता है। सिरामिक और प्लास्टिक के कंटेनर से चाय कॉफी के दाग इसकी मदद से छुड़ाए जा सकते है। घर में बाथरूम आदि साफ करने में भी इसका उपोग किया जा सकता है।

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