कलोंजी kalonji के काले दाने रसोई में मसाले के रूप में लगभग सभी लोग काम में लेते हैं। विशेष कर अचार बनाने में इसका उपयोग अक्सर किया जाता है। इसके छोटे छोटे काले दाने दिखने में जितने सुंदर होते हैं उतने ही लाभदायक भी होते हैं। ये अचार या सब्जी आदि के स्वाद और सुगंध में वृद्धि करते हैं।
कलोंजी का उपयोग – Use of Kalonji
कलोंजी का उपयोग अचार के अलावा नान , कुलचे , कचोरी , कढ़ी आदि बनाने में भी किया जाता है। इसके अलावा यह आयुर्वेदिक दवा बनाने के लिए भी काम आती है। कलोंजी का तेल भी निकाला जाता है जो दवा के रूप में काम आता है।
कलोंजी में पाए जाने वाले लाभदायक तत्व
Kalonj ke poshak tatva hindi me
कलौंजी में प्रोटीन , कार्बोहाईड्रेट , फैट , विटामिन A , B , C , B2 , नियासिन आदि होते हैं। इसके अलावा यह कैल्शियम , पोटेशियम , आयरन , जिंक , मैग्नीशियम आदि खनिज का स्रोत हैं। कलोंजी के लाभदायक तत्वों में लिनोलिक एसिड , ओलियक एसिड तथा नाइजेलोन भी शामिल हैं।
कलौंजी के तेल में नाइजेलोन नामक तत्व होता है जिसमे रोग निवारक गुण होता है। यह खांसी और अस्थमा में लाभदायक होता है।
कलोंजी के फायदे
Kalonji Benefits in hindi
— यह दिमाग की क्रियाशीलता तथा स्मरण शक्ति को बढाती है तथा ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में बढ़ोतरी करती है।
— इसके उपयोग से डायबिटीज में राहत मिलती है। यह रक्त में शक्कर की मात्रा को नियंत्रित बनाये रखने में सहायक होती है। डायबिटीज वाले लोगों को चिकित्सक की सलाह लेकर इसका उपयोग करना चाहिए।
— कलौंजी में हानिकारक LDL नामक कोलेस्ट्रोल तथा ट्राई ग्लाईसेराइड को कम करने की प्रवृति पाई जाती है। इसके अलावा यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में सहायक होती है। ब्लड प्रेशर तथा कोलेस्ट्रोल ह्रदय रोग की मुख्य वजह होते हैं। इस प्रकार यह ह्रदय रोग से बचाव करने में मददगार हो सकती है।
— कलौंजी का तेल Kalonji Oil दर्द निवारक की तरह काम करता है। सिरदर्द या जोड़ों के दर्द में इसके उपयोग से आराम मिलाता है। आधा कप सरसों के तेल में एक चम्मच कलौंजी डालकर गर्म कर लें। ठंडा होने पर इसकी मालिश करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
— दांत और मसूड़ों की परेशानी जैसे दांत में दर्द , मसूड़ों से खून आना , दांत में कीड़ा लगना आदि समस्या में कलौंजी लाभदायक होती है।
— सर्दी जुकाम में कलोंजी लाभ पहुंचती है। इसे पानी में उबाल कर उसमे शहद मिला कर लेने से सर्दी जुकाम में राहत मिलती है। यह प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और संक्रमण रोकने में मदद करती है।
— फटी एड़ी के लिए कलोंजी का तेल और नीबू का रस मिले गुनगुने पानी में पैर रखने से जल्दी आराम मिलता है।
— यह त्वचा को निखारने में सहायक होती है। कई प्रकार की परेशानी जैसे ब्लेक हेड , मुहासे , दाग , धब्बे , झाइयाँ आदि में इससे लाभ होता है। कलोंजी का तेल नीबू के रस में या फेस पैक में मिलाकर लगाने से त्वचा में सुधर होता है।
— कलोंजी के दाने ऊनी कपड़ों की तह में रखने से उनमे लगने वाले कीड़ों से बचाव हो सकता है।
कलोंजी क्या प्याज के बीज हैं ?
जी नहीं। कलोंजी प्याज के बीज नहीं हैं। शायद आपको भी यकीन नहीं हो रहा हो, लेकिन यही सच है। यह ग़लतफ़हमी बहुत से लोगों को है कि कलोंजी और प्याज के बीज एक ही चीज है।
कलौंजी और प्याज के बीज दोनों अलग प्रजाति हैं। इनका सिर्फ रंग और आकार कुछ मिलता जुलता होता है। दिखने में लगभग एक जैसे होने के कारण ही कलौंजी को कुछ लोग प्याज के बीज समझ बैठते हैं। यहाँ दी गई जानकारी से आप प्याज के बीज और कलोंजी में फर्क आसानी से समझ सकते हैं।
कलोंजी और प्याज के बीज में अंतर
difference between kalonji and onian seeds
— कलोंजी में और प्याज के बीज में अंतर इनके स्वाद का होता है। यदि आप कलोंजी को मुंह में रखकर चबायेंगे तो आपको शुरू में जीरे जैसा लगेगा और फिर मुंह कडवा हो जायेगा । और यदि प्याज का बीज चबायेंगे तो पहले तो कुछ स्वाद ही नही आएगा फिर बाद में थोड़ा सा प्याज जैसा स्वाद आएगा। इस तरह आप खुद इनमे अंतर पता कर सकते हैं।
— कलोंजी के दाने एक तरफ से नुकीले और दूसरी तरफ से गोल होते है तथा आकार में लम्बे होते हैं ये सभी लगभग एक ही आकार के और काले तिल की तरह होते हैं। जबकि प्याज के बीज गोल , चोड़े , चपटे , गोलाई लिए हुए तथा अलग अलग आकार के होते हैं पर लम्बे नहीं होते। इसके अलावा प्याज के बीज कलोंजी से आकार में थोड़े बड़े होते हैं। यदि कलोंजी और प्याज के बीज पास पास रखें हों तो अंतर साफ तौर पर नजर आ जाता है।
— कलौंजी असल में बटरकप फैमिली से सम्बंधित निजेला सतिवा ( Nigella sativa ) नामक पौधे के बीज हैं। जबकि प्याज के बीज के पौधे का नाम allium cepa है। वनस्पति विज्ञान के आधार पर ये दोनों बिल्कुल अलग प्रजाति हैं।
— कलोंजी से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ प्याज के बीज से नहीं मिलते।
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