छाछ chhachh दूध , दही आदि हमारे पारम्परिक भोजन का हिस्सा हैं। ये सभी शरीर के लिए बहुत लाभदायक होते है। छाछ फायदेमंद होती है लेकिन chach कब पीनी चाहिए , कैसे पीनी चाहिए और कितनी पीनी चाहिए यह जानना भी जरुरी है।
इसके अलावा छाछ कब और कैसी नहीं पीनी चाहिए यह भी पता होना चाहिए। अन्यथा छाछ जैसी गुणकारी चीज भी नुकसानदेह साबित हो सकती है। यहाँ दी गई जानकारी से हमारी इस शानदार विरासत के बारे में जानें और इस सर्वसुलभ अमृत तुल्य पेय का लाभ उठायें।
छाछ के फायदे – chhachh ke fayde
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छाछ Chas के बारे में शास्त्रों ऐसा वर्णन है की यदि कैलाश पर्वत पर यह होती तो भगवान शिवजी के गले का विष नष्ट हो जाता। बैकुंठ में होती तो भगवान विष्णु काले नहीं होते।
देवलोक में होती तो इंद्र को भगन्दर नहीं होता , चाँद का क्षय नहीं होता और अग्नि में जलन नहीं होती। ये वर्णन छाछ का महत्त्व समझाने की दृष्टि से ही किये गए हैं।
इसमें विष नष्ट करने की शक्ति होती है। ये स्किन का रंग गोरा बनाती है। इससे स्किन में होने वाले बहुत से रोगों से बचाव होता है। इसके उपयोग से शरीर की जलन मिट जाती है।
छाछ की तुलना अमृत से की गई है। इसी से इसका महत्त्व पता चलता है। यह शरीर से विजातीय तत्वों और विषैले तत्वों को निकालकर रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाती है। छाछ पीने से संग्रहणी , खांसी , बवासीर आदि रोग मिट जाते हैं।
इसका नियमित उपयोग करने से शरीर पुष्ट , बलवान और सुद्रढ़ होता है तथा चेहरा कांतिवान और खूबसूरत होकर दमकने लगता है। यह शरीर पर अनावश्यक चर्बी चढ़ने से रोकती है।
chhas पीने से शरीर की जलन शांत होती है। गर्मी के मौसम में ताजगी और तरावट देने में इसके जैसा कोई पेय नहीं हो सकता। इसे रोज पीना चाहिए ।
छाछ में विटामिन ” B 12 ” , कैल्शियम , पोटेशियम और फास्फोरस जैसे तत्व होते है जो बहुत लाभदायक है। ये हाजमा सुधारती है और कोलेस्ट्रॉल कम करती है। जिन्हे दूध हजम नहीं होता उन्हें chhach पीनी चाहिए।
छाछ नाश्ते के साथ तथा दिन के भोजन ( लंच ) के बाद नियमित रूप से पीनी चाहिए। इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। रात के समय छाछ नहीं पीनी चाहिए अन्यथा एसिडिटी या पेट की परेशानी हो सकती है। शाम के समय इसे पिया जा सकता है।
छाछ बनाने का तरीका – How to make Butter Milk
chach kaise banate he
छाछ ( chhachh ) दही को मथ कर उसमे पानी मिलाकर बनायी जाती है। एक गिलास में चार चम्मच ताजा दही ले। इसको मथनी churner से मथ लें। अब इसमें पानी मिलाकर पूरा गिलास भर लें। इसमें थोड़ा सा नमक स्वाद के अनुसार मिलाकर पिए। इसी पेय को छाछ कहते है।
पानी की मात्रा कम या ज्यादा करके अपनी पसंद के हिसाब से इसे पतली या गाढ़ी कर सकते है। गाय के दूध से बनी chhachh सबसे अच्छी होती है।
घर पर बना हुआ दही अधिक शुध्द और ताजा होता है। दही बनाने की विभिन्न विधियाँ तथा गर्मी और सर्दी में दही अच्छा कैसे जमायें यह जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
इन दिनों शारीरिक गतिविधि कम होने के कारण हृदय रोग होने की संभावना बढ़ गई है अतः दही और छाछ टोंड मिल्क से बने हुए लेने चाहिए। इसमें फैट की मात्रा अपेक्षाकृत कम होती है। यदि दही फुल क्रीम वाले दूध से बना है तो छाछ को मथकर मक्खन निकाल दें। फिर बची हुई chhach काम में लें। खट्टी छाछ नहीं पीनी चाहिए।
छाछ से घरेलु उपचार – Home remedies of butter milk
— एक गिलास छास में एक चम्मच भुना पिसा जीरा और थोड़ा सेंधा नमक मिलाकर पीने से हर प्रकार के बवासीर Piles ठीक होते है।
— गर्मी के मौसम में लू लगने से बचने chhach का उपयोग करना चाहिए।
— आधा गिलास छाछ और आधा गिलास चावल का मांड मिलाकर रोज पीने से श्वेत प्रदर ठीक हो जाता है।
— अपच ,अजीर्ण, गैस व पेटदर्द होने पर छास में पिसा भुना जीरा , सेंधा नमक , और काली मिर्च मिलाकर पीयें। बहुत लाभ होगा।
— छाछ में शहद मिलाकर पीने से पीलिया में आराम मिलता है।
— सौंफ , जीरा और साबुत धनिया बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीस लें। ये चूर्ण आधा चम्मच और थोड़ा सा सेंधा नमक छास में मिलाकर सुबह शाम पीने से दस्त ठीक हो जाते है।
— छोटे बच्चों को दांत निकलते समय थोड़ी ताजा छास रोज पिलाने से दांत आसानी से निकलते है।
— नियमित रूप से chhachh पीने से कब्ज ठीक होती है।
— खट्टी छास पीने से शराब या भांग का नशा उतर जाता है।
— रोजाना छास पीने से आँखे स्वस्थ रहती है।
— खाना खाने के बाद रोज छास पीने से वीर्य में वृद्धि होती है।
— एक गिलास छास के साथ एक चम्मच त्रिफला पाउडर कुछ दिन लेने से मोटापा कम हो जाता है।
— 10 ग्राम अजवायन और 10 ग्राम गुड़ मिलाकर छास के साथ लेने से पित्ती ठीक होती है।
— एक गिलास chhachh में सेंधा नमक , भुना पिसा जीरा , पिसी काली मिर्च और पोदीना मिलाकर पीने से आंतो की सूजन ठीक हो जाती है।
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