झाड़ू Jhadu , Broom साफ सफाई का एक मुख्य साधन है . लगभग हर जगह सफाई के लिए झाड़ू का उपयोग होता है . यह सफाई की दृष्टि से तो जरुरी है ही , हमारी संस्कृति में इसे धन वृद्धि या समृधि से तथा शुभ अशुभ से जोड़ कर भी देखा जाता है . माना जाता है की जहाँ सफाई होती है वहीं पर लक्ष्मी का वास होता है तथा गन्दगी से दरिद्रता आती है .
आइये जाने झाड़ू कैसे और कब लगाना चाहिए , कौनसा झाड़ू काम में लेना चाहिए . इसके अलावा झाड़ू लगाने , खरीदने या रखने के तरीके से आर्थिक समृधि कैसे प्रभावित होती है .
झाड़ू – Broom
बाजार में कई प्रकार की झाड़ु उपलब्ध है जैसे – फूल झाड़ु , कांडी झाड़ु , पत्तियों से बने झाड़ु तथा प्लास्टिक के झाड़ु आदि . हालाँकि बाजार में कई प्रकार के वैक्यूम क्लीनर भी उपलब्ध हैं लेकिन सुविधा और कीमत के हिसाब से ये हाथ झाड़ु का मुकाबला नहीं कर पाते।
फूल झाड़ू – Flower broom
घर या ऑफिस की सूखी धूल साफ करने के लिए फूल झाड़ु Fool jhadu बहुत अच्छी रहती है. चिकने फर्श जैसे मार्बल, टाइल्स , ग्रेनाईट , चिप्स वाले फर्श को यह झाड़ु अच्छे से साफ कर पाती है . अधिकतर फर्श की सफाई के लिए यही झाड़ु काम ली जाती है।
इसकी कीमत अधिक नहीं होती तथा टिकाऊ होती है . हेंडल की बनावट , फूलों की संख्या या मोटी पतली झाड़ु के अनुसार इसकी कीमत कम या अधिक हो सकती है . आप अपनी पसंद से ले सकते हैं .
फूल झाड़ु एक विशेष प्रकार की घास से बनती हैं जिसे टाइगर ग्रास या ब्रूम ग्रास कहते हैं . फूल झाड़ू को लोहे के तार या प्लास्टिक में मजबूती से जकड़ कर बनाया जाता है . फूल झाड़ु की विशेषता होती है कि यह धूल को खींच लेती है. बारीक़ और हल्की धूल या हल्का कचरा साफ करने के लिए अधिक उपयुक्त होती है।
फूल झाड़ु से सफाई करते समय थोडा झुकना पड़ता है . यदि कमर में दर्द या किसी अन्य दिक्कत के कारण झुक न सकें या फर्श का साइज़ ज्यादा बड़ा हो तो लंबे हेंडल वाली फूल झाड़ु काम में ली जा सकती है .
सींक झाड़ू – Kandi or seek Jhadu
पानी से फर्श को धोने के लिए प्लास्टिक की झाड़ु या कांडी झाड़ु ( सींक वाली झाड़ु ) काम में ली जाती है . इसकी छड़ें या स्टिक कड़क होती हैं जिससे पानी को बहाया जा सकता है . यह मोटे या भारी कचरे को भी साफ कर सकती है . ये झाड़ु फूल झाड़ु की तरह धूल नहीं खींच पाती।
खजूर के झाड़ू – Broom made of leaf
खजूर की पत्तियों से बने झाड़ु खुरदरे फर्श की सफाई के लिए उपयुक्त होते हैं . ये अत्यधिक टिकाऊ और सस्ते होते हैं . गाँवों में अधिकतर इसी प्रकार की झाड़ु का उपयोग किया जाता है .
प्लास्टिक से बने झाड़ू – Plastik broom
बाजार में प्लास्टिक से बने झाड़ु कई तरह के हेंडल, रंग और कई तरह की बनावट में उपलब्ध हैं। इनकी कीमत बनावट और गुणवत्ता के अनुसार कम या ज्यादा होती है। यदि फूल झाड़ु काम में ली हो तो प्लास्टिक का झाड़ु पसंद नहीं आता है। प्लास्टिक वातावरण की दृष्टि से नुकसान देह होता है। प्लास्टिक के झाड़ु की सबसे बड़ी खूबी यह है कि ये लम्बे चलते हैं और पानी से इनको किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है।
झाड़ू कहाँ और कैसे रखें
Where and how to keep broom
माना जाता है कि झाड़ु का उपयोग घर की आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है . यह समृधि का कारण भी बन सकता है और दरिद्रता तथा नुकसान का भी .
यदि इन्हें दकियानूसी बातें समझें तो भी वैज्ञानिक दृष्टि देखें तो झाड़ु में अनेक प्रकार के बेक्टीरिया , डस्ट माईट और छोटे मोटे कीड़े मकोड़े आदि हो सकते हैं . ये सब झाड़ु को रखने की स्थिति से घर में फ़ैल सकते हैं।
इसके अलावा झाड़ु में कोई चुभने वाली चीज जैसे कांच का टुकड़ा या कांटा भी हो सकता है , जो नुकसान या चोट की वजह बन सकता है . झाड़ु पर नजर पड़ने से नकारात्मक भाव उत्पन्न हो सकते हैं.
अतः हमारी संस्कृति में झाड़ु से सम्बंधित बातों का अनुसरण करने से लाभ ही होगा नुकसान नहीं . झाड़ु रखने सम्बन्धी बातें और उनके फायदे नुकसान जिस प्रकार बताये जाते हैं वो ये हैं –
— झाड़ू को उल्टा खड़ा करके नहीं रखना चाहिए .
— झाड़ू को छत पर या घर के बाहर नहीं रखना चाहिए .
— झाड़ू को ऐसी जगह ना रखें जहाँ से किसी को वो घर के सदस्यों या बाहर से आये किसी व्यक्ति को सीधे नजर आये .
— यदि नए घर में जा रहे हैं तो नया झाड़ु खरीद लेना चाहिए पुराना झाड़ु साथ नहीं ले जाना चाहिए .
— झाड़ु को इशान कोण में नहीं रखना चाहिए . दक्षिण पश्चिम कोना झाड़ु रखने का उपयुक्त स्थान होता है .
— दिन के पहले चार प्रहर में झाड़ु लगाई जा सकती है लेकिन रात के चार प्रहर में झाड़ु नहीं लगानी चाहिए .
— झाड़ू पर कभी भी पैर नहीं रखना चाहिए .
— शाम को सूर्यास्त के समय लगाई गई झाड़ू की मिट्टी को घर से बाहर नहीं फेंकना चाहिए .
— परिवार के किसी सदस्य के बाहर जाने के तुरंत बाद झाड़ू लगाना अशुभ माना जाता है .
— माना जाता है कि नई झाड़ू खरीदने के लिए सोमवार या शुक्रवार तथा पुरानी झाड़ू घर से बाहर करने के लिए मंगलवार और शनिवार के दिन ठीक रहते हैं।
— यदि सपने में आप नया झाड़ू खुद के हाथ में देखते हैं तो इसे शुभ मानते हैं .
— माना जाता है की यदि आप चुपचाप बिना किसी को बताये मंदिर में नया झाड़ू रख कर आते हैं तो इससे आपके घर में धन की वृद्धि होती है . दशहरे वाले दिन मंदिर में झाड़ू रखना विशेष तौर पर लाभदायक समझा जाता है .
इन्हे भी जानें और लाभ उठायें :
गाय का दूध आश्चर्यजनक रूप से फायदा क्यों करता है
शादी के समय पति पत्नी क्या वचन देते हैं
सूर्य जल चिकित्सा का तरीका और फायदे
क्या अंडा शाकाहारी लोग भी खा सकते हैं
हेल्थ इंश्योरेंस कराने से पहले यह जानना क्यों जरुरी
म्युचुअल फंड की SIP कैसे शुरू करें
अरबी की फलाहारी सब्जी स्वादिष्ट कैसे बनायें
साबूदाना खिचड़ी खिली खिली बनाने की विधि
फूल गोभी खाने से क्या सचमुच आई क्यू लेवल बढ़ता है
नवरात्रा पूजन और घट स्थापना कैसे करें
कार्तिक स्नान का तरीका , लाभ और महत्त्व