पूजा में फूल Flowers भगवान को या सभी देवी देवताओं को चढ़ाये जाते हैं . शुभ कार्य में फूलों के होने से अनुष्ठान की पवित्रता और भव्यता बढ़ जाती है . फूल या पुष्प प्रसन्नता और उत्साह में वृद्धि करते हैं .
पुष्प चढाने से देवता तथा भगवान भी प्रसन्न होते हैं . पुष्प यदि उनकी पसंद के हों तो सोने पर सुहागे जैसी बात होती है . धर्म पुराणों के अनुसार भगवान या देवी देवता भोग , तपस्या , सोना , चांदी , रत्न आदि से भी उतने प्रसन्न नहीं होते जितने कि पुष्प चढ़ाने से होते हैं .
अतः भगवान को फूल या पुष्प जरुर अर्पित करने चाहिए लेकिन पूजा के लिए फूल लेते समय इन बातों का ध्यान जरुर रखना चाहिए :
— कौनसे भगवान को कौनसे फूल अधिक प्रिय होते हैं तथा कौनसे भगवान को कौनसे फूल नहीं चढ़ाने चाहिये .
— पूजा में भगवान या देवता को चढ़ाए जाने वाले फूल बासी , कटे फटे , गंदे , कीड़े लगे हुए , जमीन पर गिरे हुए , दूसरों से मांगे हुए या चुराए हुए नहीं होने चाहिए .
— कमल Lotus और कुमुद Water Lily के फूल ग्यारह दिन तक बासी नही माने जाते .
— चंपा Frangipani की कली के अलावा किसी भी फूल की कली भगवान को नही चढ़ानी चाहिए .
— फूलमाला में कमल की माला को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है .
— किसी भी पूजन में केतकी के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए .
पूजा में फूल कौनसा चढ़ाएं कौनसा नहीं
गणेश जी के पूजन में फूल
गणेश जी को तुलसी दल के अलावा सभी प्रकार के पुष्प चढ़ाये जा सकते हैं . गणेश जी को तुलसी कभी नहीं चढ़ानी चाहिए . गणेश जी को दूर्वा अर्पित की जाती है . इसके अलावा लाल गुलाब चढ़ाने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं .
शिवजी की पूजा में फूल
शिव जी की पूजा में धतूरे के फूल , आकड़े के फूल , मौलसिरी (बकुल ) , हरसिंगार , नागकेसर के सफ़ेद फूल , सूखे कमलगट्टे , कनेर Oleander , जवा कुसुम आदि चढ़ाये जाते हैं . धतूरे के फूल शिव जी अत्यधिक प्रिय है . इसके अलावा बेल पत्र तथा शमी पत्र शिव जी को आर्पित किए जाते है ये उन्हें प्रिय हैं .
शिव जी को जो फूल नहीं चढ़ाये जाते उनमे केवड़ा , मालती , जूही , कदम्ब , सेमल , अनार आदि शामिल हैं .
भगवती माँ दुर्गा की पूजा के फूल
माँ दुर्गा की पूजा में कमल , पलाश , चंपा , चमेली jasmine, हरसिंगार , कनेर , केवड़ा आदि फूल रखने चाहिए . माता को लाल रंग के फूल विशेष प्रिय होते हैं . प्रत्येक शुक्रवार को लाल गुलाब या लाल गुड़हल की माला माँ को चढ़ाने से आर्थिक संकट दूर होते हैं .
देवी भगवती की पूजा में आक और तमाल के फूल नहीं चढ़ाये जाते . इसके अलावा दूर्वा , तुलसी और आंवले माता को नहीं चढ़ाने चाहिए .
श्रीकृष्ण भगवान को फूल
कृष्ण भगवान् ने महाभारत के समय युधिष्ठिर से कहा था – मुझे कुमुद ( water lily ), करवरी , चणक , मालती , नंदिक , पलाश तथा वनमाला के फूल बहुत प्रिय हैं . अतः कृष्ण भगवान को ये फूल चढ़ाने चाहिए . इसके अलावा केसर का या पीले चन्दन का तिलक करने तथा पीले रंग के पुष्प श्रीकृष्ण को अर्पित करने से कृपा प्राप्त होती है .
हनुमान जी को फूल
हनुमान जी को पीले और लाल फूल प्रिय होते हैं . गुड़हल , गुलाब , कमल , गेंदा आदि फूल हनुमान जी को अर्पित करने चाहिए . इसके अलावा केसर के साथ लाल चन्दन घिस कर तिलक करना चाहिए . इससे मनोकामना पूर्ण होती है .
विष्णु भगवान की पूजा में फूल
विष्णु भगवान को कमल , जूही , कदम्ब , केवड़ा , अशोक , चंपा , वासंती , मालती आदि फूल बहुत प्रिय हैं , पीले रंग के फूलों से विष्णु भगवान को विशेष लगाव होता है . विष्णु भगवान् को तुलसी दल अवश्य चढ़ाना चाहिए .
भगवान विष्णु को धतुरा , सहजन , आक , गूलर , कचनार आदि फूल नहीं चढ़ाये जाते . विष्णु भगवान को अक्षत भी अर्पित नहीं किये जाते .
लक्ष्मी जी के पूजन में फूल
लक्ष्मी माता का सबसे प्रिय फूल कमल है . लक्ष्मी माँ की उत्पत्ति जल से हुई थी तथा कमल भी जल में उत्पन्न होता है . इसके अलावा कमल का फूल उनका आसन भी है . अतः माँ लक्ष्मी की पूजा में कमल अवश्य होना चाहिए . दिवाली की पूजा में भी कमल का फूल जरुर रखना चाहिए .
हर शुक्रवार को कमल का फूल माँ लक्ष्मी को अर्पण करने से माँ की कृपा प्राप्त होती है . गुलाब के फूल तथा पीले सुगन्धित पुष्प भी माँ लक्ष्मी को प्रिय होते हैं .
शनि देव की पूजा के फूल
शनि देव को नील या गहरे रंग के फूल प्रिय होते हैं . नीले रंग के लाजवंती के फूल शनि देव को विशेष प्रिय हैं .
इस प्रकार फूल अर्पित करके भगवान को प्रसन्न करें और कृपा प्राप्त करें .
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