प्रोस्टेट के कार्य , समस्या और उपाय – Prostate work and problems

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प्रोस्टेट ग्रंथि Prostate Gland पुरुष के प्रजनन तंत्र का हिस्सा होती है। इसका आकार लगभग अखरोट जितना होता है और यह मूत्राशय के नीचे स्थित होती है। मूत्र मार्ग की नली ( Urethara) प्रोस्टेट के बीच में से होकर निकलती है।

प्रोस्टेट प्रजनन में सहायक एक महत्त्वपूर्ण बाह्यस्रावी ग्रंथि Exocrine Gland है। यह ग्रंथि मूत्र और वीर्य का एक दुसरे में मिलने से रोकती है और एक प्रकार से वाल्व का काम करती है। इसके होने से सही समय पर सही स्राव सुनिश्चित हो पाता है। प्रोस्टेट ग्रंथि testosteron हार्मोन द्वारा संचालित होती है।

प्रोस्टेट के कार्य

Work of Prostate in hindi

— प्रोस्टेट ग्रंथि से विशेष प्रकार का तरल स्राव PSA निकलकर वृषण कोष से निकले वीर्य में मिलता है जिससे शुक्राणु को गंतव्य तक पहुँचने में मदद मिलती है। वीर्य की कुल मात्रा का लगभग एक तिहाई हिस्सा प्रोस्टेट द्वारा प्रवाहित किये गए द्रव का होता है। इस तरल PSA में कई प्रकार के एंजाइम , जिंक और सिट्रिक एसिड होता है।

— प्रोस्टेट में मौजूद मांसपेशियां वीर्य को तेजी से निकालकर फेंकती है ताकि वो ज्यादा दूर तक पहुँच सके। इससे गर्भ स्थित होने की सम्भावना बढती है।

— वीर्य निकलते समय यह मूत्राशय का रास्ता बंद कर देती है ताकि वीर्य में यूरिन मिक्स ना हो पाए।

प्रोस्टेट की परेशानी

Prostate Problem hindi me

प्रोस्टेट में संक्रमण के कारण सूजन आ सकती है जो दवा लेने से ठीक हो जाती है।

अधिकतर पुरुषों में 50 -60 वर्ष की उम्र के बाद प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार बढ़ जाता है।  यह एक आम परेशानी है जिसे BPH ( Benign prostatic hyperplasia ) कहते हैं।

मूत्र नली प्रोस्टेट के बीच में से होकर निकलती है इसलिए प्रोस्टेट का आकार बढ़ने या किसी कारण से सूजन आ जाने से पेशाब आने में दिक्कत होने लगती है।

प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार क्यों बढ़ जाता है यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता लेकिन हार्मोन में बदलाव इसका संभावित कारण माना जाता है।

प्रोस्टेट में कैंसर होने की सम्भावना होती है अतः परेशानी होने पर तुरंत चेकअप करवा लेना चाहिए।

प्रोस्टेट समस्या के लक्षण

Prostate Problem Symptoms in hindi

— बूँद बूँद करके पेशाब आना या बहुत पतली धार में पेशाब आना।

— मूत्राशय Bladder पूरा खाली ना होने का अहसास होना ।

— मूत्र विसर्जन के पश्चात् मूत्राशय में कुछ मूत्र शेष रह जाना। इससे रोगाणुओं की उत्पति होती है।

— पेशाब आना शुरू होने में दिक्कत।

— बार बार पेशाब आना या  रुका ना जाना।

— रात को बार बार पेशाब के लिए उठना।

— पेशाब की धार का बार बार रुकना।

— पेशाब के लिए अधिक जोर लगाने की जरुरत पड़ना।

यदि कुछ ऐसे लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए।  अन्यथा किसी किसी के लिए यह किडनी या ब्लेडर को नुकसान की वजह बन सकता है।

70 – 80 वर्ष की उम्र में प्रोस्टेट बढ़ने की संभावना 90% तक हो जाती है। प्रोस्टेट बढ़ना कैंसर का लक्षण भी हो सकता है। अतः चेकअप तुरंत करवा लेना चाहिए।

प्रोस्टेट की जाँच

Prostate checkup in hindi

डॉक्टर द्वारा यह जाँच गुदा के माध्यम से की जाती है। अंगुली डालकर डॉक्टर द्वारा प्रोस्टेट में गांठ या सूजन आदि का पता किया जाता है। इसके अलावा गुदा के माध्यम से सोनोग्राफी की जरुरत पड़ सकती है। रक्त की जाँच या जरुरत होने पर डॉक्टर द्वारा बायोप्सी की सलाह भी दी जा सकती है। dadi maa ke nuskhe .

प्रोस्टेट समस्या का उपचार

Treatment in hindi

इसका उपचार उम्र और परेशानी पर निर्भर करता है।

अगर प्रोस्टेट बढ़ने से किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है तो समान्यतया उपचार की जरुरत नहीं होती लेकिन चेकअप और टेस्ट कराते रहना चाहिए।

रात को पानी और लिक्विड कम कर देने चाहिए।

प्रोस्टेट कम करने की दवा से लाभ हो सकता है।

यदि समस्या गंभीर हो तो ऑपरेशन की जरुरत भी पड़ सकती है।

( इस लेख का उद्देश्य जानकारी देना मात्र है। किसी भी उपचार के लिए चिकित्सक से परामर्श जरूर करें )

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