आरती Aarti का भगवान की पूजा में बहुत महत्त्व होता है। पूजा की समाप्ति पर इन्हे गाने से पूजा में अज्ञानवश या असावधानी से यदि कोई भी त्रुटी रह जाती है तो उसकी पूर्ति जाती है।
पुराणों में कहा गया है की जो प्राणी Dhoop aarti दोनों हाथों से श्रद्धा पूर्वक लेता है वह अपनी करोड़ो पीढ़ियों का उद्धार कर लेता है और विष्णु लोक में परम पद को प्राप्त होता है।
इसके अलावा aarti के लिए जलाये जाने वाले घी , कपूर आदि से वातावरण शुद्ध होता है। कई प्रकार के नुकसान देह कीटाणु आदि इससे नष्ट होते है। वातावरण में एक पॉज़िटिव एनर्जी का संचार होता है। आरती करने और गाने से मन प्रसन्न होता है अतः सभी को बहुत अच्छा लगता है ।
aarti कैसे करनी चाहिए , आरती के लिए कैसा दीपक लेना चाहिए , दीपक मे कितनी बत्तियां होनी चाहिए , कपूर से करें या घी के दीपक से , दीपक को कितनी बार घुमाएँ , इष्ट देव के किस अंग की और करके घुमाएँ इत्यादि पर संशय बना रहता है। और मन में संशय रहता है कि पता नहीं aarti सही तरीके से हुई या नहीं।
आजकल एकल परिवार के कारण आरती के बोल aarti lirics व लय भी पता नहीं होती कैसे गाते हैं । इस वेब साईट पर आपको Aarti songs हिंदी में लिखी हुई मिल जाएँगी। जैसे ओम जय जगदीश हरे आरती Om Jai Jagdish hare Aarti जो कि सबसे ज्यादा गाई जाती है।
इसके अलावा गणेश जी , दुर्गा माँ , शंकर भगवान , हनुमान जी , सत्यनारायण जी , लक्ष्मी माँ , श्री राम जी , शनिदेव की आरती , अहोई माता , संतोषी माता , शीतला माता , दशा माता , गुरुपूर्णिमा , साईं बाबा , तुलसी माता तथा अन्य कई आरती यहाँ मिल जाएँगी।
इसके अलावा कई भजन और गीत के बोल Lyrics भी मिल जायेंगे। वेब साईट पर सर्च में टाइप करके या भजन गीत और आरती की कैटेगरी में इन्हे देख सकते हैं।
आरती करने की सही विधि – Arti karne ka tareeka
आरती अपने इष्ट देव की प्रतिमा के चारों ओर घी का दीपक , कपूर , धूप ,अगरबत्ती आदि को जलाकर उसे घूमाते हुए की जाती है। कृष्ण भगवान की aarti के समय घी का दीपक होना चाहिए। घर में एक बत्ती के दीपक से aarti की जाती है। अपनी श्रद्धा के अनुसार आरति करने के लिए दीपक , कपूर या अगरबत्ती आदि ले सकते हैं।
आरती के लिए दीपक में बत्ती कितनी लें – Arti ki batti
मंदिरों में पांच बत्ती , सात बत्ती या ग्यारह बत्ती वाला दीपक जलाकर आरति की जाती है। घर पर एक बत्ती वाले दीपक से aarti की जाती है।
यदि आप एक से अधिक बत्ती वाले दीपक से aarti करना चाहते है तो विषम संख्या में बत्ती होनी चाहिए , उनमे भी तीन , नौ व तेरह बत्ती नहीं होने चाहिए। पांच , सात , ग्यारह , इक्कीस संख्या शुभ होती है।
आरती करते समय दीपक कैसे घुमायें – Arti Ka Deepak
पहले दीपक को चार बार इष्ट देव के चरणों की तरफ घुमाएँ ,
फिर दीपक को दो बार इष्ट देव की नाभि की ओर करके घुमाएँ ,
इसके बाद एक बार इष्ट देव के मुख मंडल की ओर करके घुमाएँ ,
फिर एक बार इष्ट देव के चारों ओर घुमाएं ।
इस तरह सात बार दीपक को घूमाना चाहिए ।
आरती पूरी श्रद्धा व निष्ठां के साथ करनी चाहिए।
ताली , घंटी , मंजीरे आदि बजाने से इष्ट देव में ध्यान अच्छे से लगता है और आरति का आनंद मिलता है।
घंटी अपनी श्रद्धा के अनुसार सोने , चाँदी की या पीतल की ले सकते है । घंटी से मधुर ध्वनी निकालनी चाहिए। aarati में परिवार के सभी लोगों को इकठ्ठा होना चाहिए । इससे परिवार में प्रेम बढ़ता है और ईश्वर की कृपा पूरे परिवार पर बनी रहती है।
आरती कैसे लेते हैं – Arti lena
आरति पूरी होने के बाद दो तीन बार इष्ट देव का जयकारा करना चाहिए। इसके बाद सभी को दीपक की लौ के ऊपर दोनों हाथ श्रद्धा पूर्वक फेरकर अपने सिर ,आँख और मुँह पर फेरना चाहिए। इससे सारे शरीर की शुद्धि हो जाती है।
भक्तिभाव से आरती aarti songs गायें और आनंद लें।