अजीनोमोटो का नाम आपने जरुर सुना होगा और काम में भी लिया होगा। अकसर चाइनीज या कॉन्टिनेंटल खाना बनाने में इसका उपयोग किया जाता है । क्या आप जानते हैं कि अजीनोमोटो Ajinomoto असल में क्या है , इसका उपयोग क्यों किया जाता है और क्या अजीनोमोटो नुकसान करता है ? आईये जानें –
अजीनोमोटो क्या है
What is ajinomoto hindi me
जिस चीज को आप अजीनोमोटो के नाम से काम में ले रहे हैं , वह सिर्फ ब्रांड का नाम है। यह सफ़ेद रंग का पाउडर असल में मोनो सोडियम ग्लूटामेट Mono sodium glutamet नामक लवण है , जिसे सोडियम ग्लूटामेट या एमएसजी MSG भी कहा जाता है।
MSG को सबसे पहले जापान में व्यावसायिक रूप से बनाया गया और उसे जापानी भाषा में अजीनोमोटो ब्रांड नाम से बेचा गया जिसका मतलब होता है – “ स्वाद का सार “ ।
जिस प्रकार शराब , सिरका या दही खमीरीकरण की प्रक्रिया से बनते हैं उसी प्रकार MSG का उत्पादन भी इससे मिलती जुलती प्रक्रिया से किया जाता है।
दुनिया भर के लगभग 130 देश अजीनोमोटो का उपयोग करते हैं। कुछ देशों में इसे नुकसानदायक मानकर बैन कर दिया गया है। अभी भारत में इसका उपयोग बहुत कम है। MSG का उपयोग चीन , थाईलेंड , कोरिया , जापान आदि देशों अधिक किया जाता है।
अजीनोमोटो ( MSG ) से क्या होता है
Ajinomoto hindi me
MSG का मुख्य काम खाने में एक विशेष प्रकार का स्वाद पैदा करना होता है जिसे उमामी स्वाद कहा जाता है। यह स्वाद मीठे , खट्टे , कड़वे और खारे स्वाद से कुछ अलग होता है। MSG का खुद का स्वाद अच्छा तो नहीं होता लेकिन यह अन्य स्वाद को उभार कर किसी व्यंजन के स्वाद को सम्पूर्ण बना सकता है।
अधिकतर इसका उपयोग मांसाहारी भोजन में किया जाता है। इसके लिए MSG की सही मात्रा डालना जरुरी होता है। मात्रा अधिक होने पर व्यंजन का स्वाद ख़राब भी हो सकता है।
अधिकतर चाइनीज़ भोजन जैसे फ्राइड राइस , मंचूरियन , सूप , सॉस , सीजनिंग और कुछ स्नैक्स आदि में इसकी मदद से स्वाद बढ़ाया जाता है।
क्या अजीनोमोटो नुकसान करता है
Ajinomoto ke nuksan hindi me
वैसे तो इसका खाने में उपयोग सुरक्षित होता है लेकिन कुछ संवेदनशील लोगों को अधिक मात्रा में इसके उपयोग से सिरदर्द , पसीना छूटना , गले में और मुँह में सुन्नपन या जलन महसूस होना , झुरझुरी छूटना , जी मिचलाना , चेहरे पर सूजन आना , साँस लेने में तकलीफ , दिल की धड़कन तेज होना , मांसपेशियों की अकड़न या कमजोरी जैसे अनुभव हो सकते है। इसे चाइनीज रेस्टोरेंट सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है।
हालाँकि अमेरिका तथा यूरोप के खाद्य प्रशासन में इसे खाने के लिए सुरक्षित समझे जाने वाली चीजों में शामिल किया हुआ है। उनके अनुसार उपरोक्त लक्षणों का कारण MSG नहीं होता है।
FDA ने MSG को GRAS ( सामान्य तौर पर सुरक्षित ) रेटिंग दी है। उनके अनुसार MSG प्राकृतिक रूप से कई चीजों में मौजूद होता है जैसे टमाटर , चीज , सोयाबीन , मशरूम आदि। दुनिया भर में लोग ऐसी चीजें वर्षों से खाते आये हैं जिनमे प्राकृतिक रूप से MSG होता है।
उनकी एक रिसर्च के अनुसार 3 ग्राम से अधिक अकेला MSG पाउडर कुछ संवेदनशील लोगों पर प्रभाव डाल सकता है पर इसे जिस भोजन के साथ खाया जाता है उसमे इतनी मात्रा नहीं होती है।
फिर भी यदि MSG के कारण आपको कोई समस्या होती महसूस हो रही है तो इसका उपयोग नहीं करना ही ठीक है। इसके अलावा यदि आपको डॉक्टर ने नमक कम करने के लिए कहा है तो आपको MSG नहीं लेना चाहिए क्योंकि इसमें सोडियम होता है।
कुछ समय पहले भारत में मैगी पर प्रतिबन्ध लगने का कारण उसमे MSG तथा लेड की मात्रा अधिक पाया जाना था।
कुछ लोगों का मानना है कि MSG के कारण हार्मोन प्रभावित होते हैं , जिसके कारण मोटापा बढ़ता है।
जापान की फ़ूड प्रोसेसिंग कंपनी ” अजीनोमोटो ” भारत में इस बात का प्रचार प्रसार कर रही है कि MSG का उपयोग सुरक्षित है। कंपनी अभी यह उत्पाद थाईलेंड से इम्पोर्ट करके भारतीय बाजार में बेच रही है।
कंपनी के अनुसार अजीनोमोटो जो कि असल में मोनो सोडियम ग्लूटामेट ( MSG ) है , टेपिओका स्टार्च और गन्ने के मोलासेस के किण्वन से बनाया जाता है। इसके अलावा अजीनोमोटो मक्का , गेहूं , चावल आदि से भी बनाया जा सकता है। अभी भारत में बिकने वाला 90% MSG चीन का लोकल ब्रांड वाला उत्पाद है।
कंपनी के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त लोगों को सोडियम का उपयोग कम करना चाहिए। MSG में सोडियम नमक की अपेक्षा कम होता है जबकि स्वाद भरपूर मिलता है। अतः नमक के बजाय MSG का उपयोग करके स्वाद से समझौता किये बिना सोडियम लेना कम किया जा सकता है।
निष्कर्ष : MSG से नुकसान होता है या नहीं यह तो अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है लेकिन यह जरूर स्पष्ट है कि यह शरीर को किसी प्रकार का फायदा नहीं पहुंचाता। सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ा देता है।
यदि भोजन में प्रयुक्त किसी भी सामग्री के बारे निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता कि यह नुकसान नहीं करेगा तो उसका उपयोग करने में कितनी समझदारी है यह तय करना हमारा खुद का निर्णय होना चाहिए।
हमारे देश में भोजन बनाने में काम लिए जाने वाले प्रत्येक मसाले जैसे जीरा , राई , मेथी , सोंफ , हल्दी , लाल मिर्च , काली मिर्च , लौंग , तेजपत्ता , दालचीनी , धनिया पाउडर आदि भोजन के स्वाद में तो आश्चर्यजनक वृद्धि करते ही हैं साथ ही शरीर के लिए भी अत्यंत लाभदायक हैं।
जब हमारा खुद का भोजन इतना समृद्ध है तो हमे अन्य विदेशी भोजन खाने की कितनी जरूरत रह जाती है यह एक अलग विषय हो सकता है।
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