घर में सब्जी लगाना और घर में उगी सब्जी खाना संतुष्टि और ख़ुशी देता है। छत पर या बालकोनी में जहाँ धूप आती हो वहाँ सब्जी उगा सकते हैं। इसके लिए गमला , लकड़ी की पेटी , टोकरी , सीमेंट या आटे की खाली बोरी या कट्टे आदि में मिट्टी भरकर पौधे लगाये जा सकते हैं। थोड़ी जगह अधिक हो तो फलों के पौधे भी लगाये जा सकते हैं।
घर में सब्जी आसानी से कैसे उगायें
छत पर या बालकोनी में सब्जी उगाना मुश्किल काम नहीं है। इन बातों की जानकारी होने पर किचन गार्डन बनाना आसान हो जाता है –
— गमले में मिट्टी कैसी भरें
— कौनसे मौसम में कौनसी सब्जी के बीज या पौध लगायें
— खाद और पानी किस समय और कितना डालें
— फंगस , बीमारी या कीड़ों से बचने के लिए क्या करें
एक छोटे परिवार के लिए लगभग रोजाना सब्जी की व्यवस्था किचन गार्डन से हो सकती है। इसमें ज्यादा मेहनत नहीं लगती है। आपको विश्वास रहता है कि आप बिना कीटनाशक वाली सब्जी खा रहे हैं।
वर्ल्ड किचन गार्डन डे
घर में सब्जियाँ उगाकर खाने के फायदे की जानकारी अधिक लोगों तक पहुँचाने के उद्देश्य से हर वर्ष अगस्त महीने के चौथे रविवार को वर्ल्ड किचन गार्डन डे ( World Kitchan Garden Day ) मनाया जाता है।
मिट्टी कैसे तैयार करें
कुछ भी उगाने के लिए अच्छी मिट्टी , पानी और धूप आवश्यक होते हैं। गमले में भरने के लिए एक मिश्रण तैयार कर लेना चाहिए। इसके लिए आपको चाहिए –
— सादा मिट्टी
— सूखी पत्तियां ( इसमें कुछ नीम की पत्ती भी हों तो अच्छा है )
— गोबर की खाद
— कोको पीट
आप एक हिस्सा सादा मिट्टी , एक हिस्सा कोको पीट , एक हिस्सा सूखी पत्तियां और एक हिस्सा गोबर की खाद लेकर अच्छी तरह मिला लें। यह मिश्रण बीज फूटने और पौधा बड़ा होने के लिए सभी प्रकार से अनुकूल होता है।
किसी नर्सरी से ऐसी तैयार मिट्टी खरीदकर भी ला सकते हैं।
मिट्टी कैसे भरें
गमले या कंटेनर में पानी निकलने के लिए नीचे थोड़ी जगह (छेद ) होनी चाहिए। कंटेनर में सबसे पहले कुछ छोटे पत्थर के टुकड़े या नारियल की जटा के टुकड़े डालें। इससे पानी का निकास सुगम हो जाता है। फिर बनाया हुआ मिट्टी का मिक्सचर भर दें। गमला ऊपर से लगभग एक इंच खाली रखें। मिट्टी में नमी होनी चाहिए लेकिन पानी का ठहराव नहीं होना चाहिए।
बीज कैसे लगायें
बीज को मिट्टी में ज्यादा अन्दर तक न दबाये। बीज की साइज़ से दुगने आकार की , मिट्टी की परत , बीज के ऊपर रहे इस तरह लगा दें। हल्का पानी छिड़क दें। जरुरत हो तो कागज से ढक दें ताकि बीजों को पक्षी खा न जाये। अंकुर निकलने पर कागज हटा दें। हल्का पानी रोज छिडकते रहें।
बीज कहाँ से लें
किसी भी अच्छी नर्सरी , खाद बीज की दुकान अथवा सरकारी संसथान से बीज ख़रीदे जा सकते हैं। हाइब्रिड बीज ना लें। ऑनलाइन भी बीज मंगवाए जा सकते हैं। प्याज, टमाटर , गोभी , बैंगन , गोभी आदि की पौध भी नर्सरी से लाकर लगा सकते हैं।
घर में कौनसे फल या सब्जी लगा सकते हैं
आपके पास उपलब्ध जगह और धूप कितनी आती है इसके अनुसार फल सब्जी लगा सकते हैं। धनिया , पालक , पौधिना , मेथी आदि को कम गहराई बाले कंटेनर में उगा सकते हैं। इसके अलावा बैगन , टमाटर , भिन्डी , मूली , गाजर , करेला , तुरई आदि छोटे गमले में भी लगा सकते हैं।
बड़े गमले की जगह हो तो फल जैसे आम , अमरुद , अनार , केला , अनानास आदि लगा सकते हैं। जगह हो तो एक गमले में तुलसी , एक में मीठा नीम और एक में ग्वारपाठा ( aloe-vera) जरुर लगा लेना चाहिए। ये बहुत उपयोगी हैं।
आसानी से उगने वाली सब्जी कौनसी हैं
बैगन , टमाटर , मिर्ची , भिन्डी , मूली , पालक , मेथी , पोधिना , धनिया आदि आसानी से उगाये जा सकते हैं। ये जल्दी तैयार हो जाती हैं। इनके अलावा करेला और खीरा भी लगा सकते हैं इनमे 45-50 दिन में सब्जी आने लग जाती हैं।
जब अनुभव हो जाये तब आप किसी भी प्रकार की सब्जी उगा सकेंगे।
फलों में आम , केला , अमरुद , अनानास लगाये जा सकते हैं। इनमे तीन साल में फल मिलने शुरू हो जाते हैं। घर में लगाने के लिए कलम वाले पौधे जिनके पेड़ साइज़ में बड़े नहीं होते हों और फल भरपूर देते हों ऐसे लेने चाहिए।
कौनसे मौसम में कौनसे सब्जी लगायें
रबी के मौसम की सब्ज़ियां:
कुछ सब्जी सितम्बर अक्टूबर नवम्बर में लगायी जा सकती हैं जो रबी की सब्जी कहलाती हैं। इनमे फूल गोभी, पत्तागोभी , शलजम , बैंगन, मुली, गाजर, टमाटर, मटर, सरसों, प्याज़, लहसुन, पालक, मेथी, आदि शामिल हैं।
खरीफ के मौसम की सब्ज़ियाँ: कुछ सब्जी जून-जुलाई में लगाईं जाती हैं। ये खरीफ़ की सब्जी कहलाती हैं। इनमे भिन्डी, मिर्च, लोबिया, अरबी, टमाटर, करेला, लौकी, तुरई , शकरकंद आदि शामिल हैं।
जायद की सब्ज़ियां: जायद में सब्ज़ियां फरवरी-मार्च और अप्रैल में लगाई जाती है। इसमें टिंडा, खरबूजा, तरबूज, खीरा, ककड़ी, करेला, लौकी, तुरई, भिन्डी जैसी सब्जी लगा सकते है।
धूप कितनी चाहिए
रोजाना पौधों को लगभग 3-4 घंटे की धूप तो मिलनी चाहिए। गर्मियों में दोपहर की कड़ी धूप से पौधों को बचाना चाहिए । इसके लिए पौधों के थोड़ा ऊपर जालीदार शेड बनवाया जा सकता है। कुछ पौधे तेज धूप भी सहन कर सकते हैं। जैसे ग्वारपाठा , मीठा नीम आदि।
पानी कितना और कब डालें
गर्मी के मौसम में एक दिन छोड़कर और सर्दी के मौसम में चार पांच दिन के अन्तराल से पानी डालना चाहिए। अधिक पानी डालने से पोधे की जड़ो को आक्सीजन नहीं मिल पाती और वे गल जाती हैं। मिट्टी में नमी होनी चाहिए लेकिन पानी का ठहराव नहीं होना चाहिए।
जब ऊपर की परत सूखी हुई नजर आये तभी पानी डालें। सुबह या शाम के समय पानी देना उचित होता है। दिन में पानी देने से बचना चाहिए।
बारिश के मौसम में पानी के निकास की पर्याप्त व्यवस्था का ध्यान रखना चाहिए। पौधा पानी में गल न जाये , जिस दिन बारिश हो उसके तीन चार दिन बाद तक पानी डालने की जरुरत नहीं पड़ती है।
खाद कौनसी , कितनी और कब डालें :
खाद 15 दिन के अंतराल से डालना सही होता है। जब पौधे में फूल या फल आने वाले हों तब खाद जरुर डालनी चाहिये। जैविक खाद का ही इस्तिमाल करें। केमिकल युक्त खाद या पेस्टी साइड का उपयोग ना करें। नीम सरसों या मूंगफली की खली खाद के रूप में डाल सकते हैं। गमले की मिटटी सूखी हुई हो तब खाद डालनी चाहिए। थोड़ी गुड़ाई करके खाद को मिट्टी के साथ मिला देना चाहिए।
नर्सरी में जैविक खाद के छोटे पैकेट मिल जाते हैं। कुछ गौशाला भी खाद तैयार करके बेचती है वहां से भी ले सकते हैं।
घर में खुद उगाई हुई सब्जी का एक अलग ही स्वाद होता है। जगह उपलब्ध हो तो इसका आनंद अवश्य उठायें।
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