गोमती चक्र समुद्र और नदी में पाए जाने वाले एक घोंघे ( Sea snail ) द्वारा निर्मित होते हैं। गोमती नदी ( द्वारका ) में अधिक पाए जाने के कारण इन्हें गोमती चक्र कहा जाता है।
गोमती चक्र के एक हिस्से पर प्राकृतिक रूप से चक्र जैसी आकृति बनी होती है। इस आकृति के कारण गोमती चक्र को धार्मिक रूप से शुभ माना जाता है तथा पूजा घर में रखकर इनकी पूजा की जाती है।
गोमती चक्र की पूजा क्यों और कब
Gomati chakra ki pooja
गोमती चक्र पर बने हुए चक्र को देवी लक्ष्मी का स्वरुप , भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र का स्वरुप तथा शिवजी की आँख के रूप में देखा जाता है। इसीलिए इन्हे पूजा जाता है।
होली , दीपावली तथा नवरात्रों में गोमती चक्र की विशेष पूजा की जाती है। सर्वसिद्धि योग, अमृत योग और रविपुष्य योग आदि विभिन्न मुहूर्तों पर गोमती चक्र की पूजा करना बहुत फलदायक माना जाता है।
माना जाता है कि जो गोमती चक्र को पूजा घर में या तिजोरी में रखने से सुख समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। कुछ लोग गोमती चक्र और शालिग्राम की साथ में पूजा करते हैं।
गोमती चक्र और राहु चंद्र युति
गोमती चक्र पर 7 का अंक हिंदी में ७ बना होता है। यह राहू का अंक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के जानकार , जिन लोगों की कुंडली में राहू और चन्द्र की युति होती है , उन्हें गोमती चक्र अंगूठी या गले में धारण करने की सलाह देते हैं।
गोमती चक्र के फायदे
Gomti chakra benefits
— मकान को वास्तु दोष से बचाने तथा वहां के निवासियों की सुख समृद्धि के लिए नींव में 11 गोमती चक्र रखे जाते हैं।
— नजर उतारने के लिए तीन गोमती चक्र को सात बार शरीर के चारों तरफ घुमाकर पीठ के पीछे की तरफ उछाला जाता हैं।
— व्यापार में नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने के लिए 11 गोमती चक्र की पूजा करके तथा 108 बार कुलदेवता का मन्त्र जप कर चक्रों को पीले कपड़े में बांध कर प्रवेश द्वार पर लगाने से लाभ मिलता है।
— माना जाता है कि गोमती चक्र को लाल कपड़े में बांध कर भंडार गृह में रखने से भंडारे में कभी कमी नहीं आती है।
— लाल कपड़े में 11 गोमती चक्र बांध कर तिजोरी या आलमारी में रखना शुभ होता है।
— गले में गोमती चक्र का पेंडेंट बनाकर पहनने से औरा बढ़ता है।
— नकारात्मक प्रभाव नष्ट करने के लिए 6 गोमती चक्र को अमावस्या के दिन काले कपडे में बांधकर 7 बार सीधे और 7 बार उल्टा वार कर बहती नदी में डाल देने से लाभ प्राप्त होता है।
— गोमती चक्र अपने साथ लेकर जाने से कोर्ट में चल रहे केस का सकारात्मक परिणाम मिलने की सम्भावना बढ़ जाती है।
— मानसिक शांति और असाध्य रोगों से मुक्ति के लिए 11 गोमती चक्र रात को पानी में डाल कर रखने और सुबह उस पानी को पीने से लाभ मिलता है। इससे पेट सम्बन्धी रोग भी दूर होते हैं।
— गोमती चक्र पूजा कक्ष में रखकर ” ॐ श्री नमः ” का जाप करने से कार्य में उत्साह बढ़ता है तथा सफलता प्राप्त होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
— गोमती चक्र पर सिन्दूर का टीका तथा अक्षत लगाकर चांदी या अन्य धातु की डिब्बी में रखने से अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है।
— यदि रोग शांत नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र चांदी में पिरोकर रोगी के पलंग के पाये पर बांधने से रोगी को आराम मिलने लगता है।
— बार बार गर्भ गिरने से बचाने के लिए गोमती चक्र को लाल कपड़े में बांध कर कमर पर बांधने से लाभ मिल सकता है।
— गोमती चक्र को पर्स में रखना शुभ माना जाता है।
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