सब्जी खरीदते समय ध्यान रखें ये 17 जरुरी बातें – Vegetable buying guide

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सब्जी खरीदने में अनुभव और कुशलता की जरुरत होती है। कहा जाता है कि जो इंसान अच्छी सब्जी सही भाव से खरीद कर लाता है वह खरीददारी में पारंगत हो जाता है। कच्ची सब्जी कैसे खरीदें और सब्जी खरीदते समय क्या ध्यान रखें , आइये जानें –

सब्जी लेते समय ध्यान रखना क्यों जरुरी

Need to be careful to buy vegetables

  • सब्जी खरीदते समय कई बातों का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है अन्यथा हेल्थ और पॉकेट के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
  • सब्जी हमारा मुख्य भोजन है , दोनों समय सब्जी खाई जाती है। सब्जी फ्रेश ना हो तो अच्छा खाना बनाने वाले भी स्वादिष्ट खाना नहीं बना पाते।
  • सब्जी में ख़राब स्वाद होने पर दोबारा वह सब्जी बनाने का मन नहीं करता। ऐसे में पोषक तत्वों की कमी रह जाने की संभावना होती है।
  • फ्रेश और सीजनल सब्जी में कीड़े आदि निकलने की संभावना कम होती है। फायदेमंद भी यही अधिक होती है।
  • पकी हुई , बड़े आकार की या बासी सब्जी के छिलके निकालना मुश्किल होता है। इसके अलावा सब्जी पकने में भी समय अधिक लगता है।
  • सब्जी वाले से सब्जी खरीदते समय तौल में कमी रहने या ख़राब सब्जी आने पर पैसे की बर्बादी तो होती ही है , साथ ही धोखा खाने पर मन भी दुखता है।

अतः सब्जी लेते समय सही क्वालिटी को पहचानना तथा धोखाधड़ी से बचना बहुत आवश्यक होता है।

सब्जी खरीदते समय क्या ध्यान रखें

How to buy vegetables

1 . यदि सम्भव हो तो सुबह के समय सब्जी खरीदें , उस समय ताजा सब्जी मिलती है। शाम होते होते अच्छी सब्जी बिक चुकी होती है और फिर आपको ना चाहते हुए भी बची हुई सब्जी खरीदनी पड़ती है।

2 . असामान्य रूप से सुंदर व बड़े आकार की सब्जियों को न खरीदें क्योंकि सब्जियों के अंदर चमक व आकार को बढ़ाने के लिये रासायनिक तत्व , दवा , पॉलिश या रंग आदि का प्रयोग किया हुआ हो सकता है ।

3 . सब्जी ऐसी लें जिसका रंग सही हो , उसमे छेद या धब्बे आदि ना हों , झुर्रियां ना हों तथा पिलपिली ना हो।

4 . पत्तेदार सब्जी ले रहे हैं तो उनके पत्ते ताजा हों , कटे फटे और कीड़े खाए हुए ना हों। उसमे डंडी , जड़ या मिट्टी आदि अधिक या वजनदार न हो।

5 . अंकुरित अनाज जैसे  मूंग , चने आदि ले रहे हैं तो उन्हें अच्छे से धोकर फिर उबाल कर ही सेवन करना चाहिए।

6 . मशरूम ले रहे हैं तो सफ़ेद रंग के और मध्यम आकार के लें। दाग धब्बे वाले ना लें।

7 . डिपार्टमेंटल स्टोर से सब्जी लेनी हो तो सुबह के समय जाएँ। अधिकतर स्टोर्स पर सुबह फ्रेश सब्जी आती है। शाम होते होते सब्जी बासी और मुरझाई हुई हो जाती है और बची हुई मिलती है।

8 . हो सके तो सीजनल सब्जी ही खरीदें अर्थात सर्दी के मौसम में सर्दी वाली और गर्मी में गर्मी में आने वाली सब्जी लें।  बिना सीजन की सब्जी में गुणवत्ता और स्वाद की कमी होती है साथ ही महँगी भी होती हैं। सर्दी में आने वाली और गर्मी में आने वाली सब्जी इस प्रकार हैं –

सर्दी के सीजन की सब्जी

फूल गोभी , पत्ता गोभी , गाजर , मटर , मूली , पालक , मेथी पत्ते , कच्ची हल्दी , पत्ती प्याज , सरसों के पत्ते , शलगम , चुकंदर , शकरकंद आदि।

गर्मी के सीजन की सब्जी

भिन्डी , तुरई , लौकी , टिंडे , करेला , फली , अरबी , परवल , ग्वार फली , चौला फली , ककोड़ा आदि ।

9 . यदि सब्जीमंडी जाते हैं तो पहले तीन चार दुकानों पर सब्जी की क्वालिटी और भाव देख लें । जहाँ कम भाव में ताजा और अच्छी सब्जी मिले  , उस दुकान से लेनी चाहिए।

10 . सब्जी की दुकान वाले के पास सब्जी तौलने की तराजू और बाट सही हों यह देख लें । हो सके तो इलेक्ट्रॉनिक तराजू वाले के पास से सब्जी खरीदें। पत्थर से सब्जी तौलने वालों पर भरोसा कितना करना है , ये आप खुद ही तय करें।

11 . जरुरी नहीं कि बड़ी दुकान सजा कर बैठे हुए दुकानदार के पास ही अच्छी सब्जी हो , कई बार सड़क पर बैठे हुए सब्जी वाले के पास बहुत अच्छी ताजा सब्जी सही भाव में मिल जाती है। कृपया सड़क पर बैठ कर गरीब सब्जी बेचने वालों से ज्यादा मोल भाव करके दबाव ना डालें ।

12 . सब्जी का वजन बढ़ाने के उद्देश्य से जरुरत से ज्यादा पानी का छिडकाव नही किया गया हो यह देख लें।

13 . सब्जी देखकर , चेक करके अपने हाथों से निकालें । दुकान वाले के भरोसे ना रहें।

14 . वजन कम ज्यादा होने पर सब्जी वाले अपने हिसाब से आपकी छांटी हुई सब्जी हटाकर दूसरी रख देते है। ऐसा होने पर कड़ी नजर रखें कि वो अच्छी हो।

15 . सब्जी ज्यादा ले रहें हैं तो खुद टोटल जरुर लगा लें। कितने हुए ? पूछकर पैसे पकड़ा देना सही नहीं है। जोड़ने में गलती सामने वाले से भी हो सकती है।

16 . सब्जी जिस थैली में डालकर आपको दी गई है एक बार चेक कर लें कही आपको दूसरी थैली तो नहीं थमा दी गई है। वाट्स अप पर इस तरह के वीडियो देखे जा सकते हैं।

17 . कुछ सब्जी वाले जानबूझकर भाव इस तरह बोलते है कि कन्फ्यूजन पैदा हो , बीस को तीस बनाने में उन्हें देर नहीं लगती , अतः अलर्ट रहें। कन्फ्यूजन हो तो एक बार दुबारा भाव पूछ लें।

सब्जियों को पकाने से पहले नल के नीचे अच्छे से धोएं , हो सके तो पानी में कुछ देर भिगो दें ताकि उन पर लगी गन्दगी या केमिकल आदि हट जाएँ।

सब इन्सान एक जैसे नहीं होते। इस लेख का उद्देश्य सब्जी वालों के प्रति दुर्भावना जताना बिल्कुल नहीं है। सिर्फ आपको कुछ गलत परिस्थितियों से अवगत करवा कर उनसे बचाव का तरीका बताना है।

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