कांसे के बर्तन काम मे लेने के फायदे नुकसान – Bronze benefits and side effects

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कांसे के बर्तन के बारे मे आपने जरूर सुन होगा और कुछ लोगों ने इनका उपयोग भी किया होगा । प्राचीन काल से ही कांसे से बने बर्तन काम मे लिए जाते रहे हैं । एक समय था जब पीतल , कांसा और मिट्टी के बर्तन ही रसोई घर मे दिखाई देते थे । लेकिन अब इनका स्थान स्टील प्लास्टिक और कांच के बर्तनों ने ले लिया हैं ।

कहा जाता है कि कांसे के बर्तन मे खाना खाने से शरीर को बहुत लाभ मिलता है । आइए जानते हैं कि कांसा क्या होता है और कांसे के बर्तन के फायदे नुकसान क्या हैं ।

कांसा धातु तांबा ( Copper )और रांगा ( Tin ) को मिलाकर बनाई जाती है । कांसा बनाने के लिए 8 भाग तांबा और 2 भाग रांगा लिया जाता है । तांबा और कांसे से बनी धातु फूल भी कहलाती है । अंग्रेजी मे इस ब्रान्ज़ ( bronze ) कहते हैं । कुछ लोग पीतल को भी ब्रान्ज़ कहते हैं ।

कांसे और पीतल मे क्या फर्क होता है

पीतल बनाने के लिए तांबा Copper और जस्ता Zinc काम मे लिया जाता है । जबकि कांसा बनाने के लिए तांबा Copper और रांगा Tin उपयोग मे लाया जाता है ।

पीतल के बर्तन पर कलई करके इनकी उपयोगिता बढ़ाई जाती है । कांसे के बर्तन पर कलई नहीं की जाती ।

पीतल के बर्तन मे पानी भरकर लंबे समय तक रखा जा सकता है । कांसे के बर्तन मे कुछ देर ही खाने पीने की चीजें रखी जाती हैं ।

पीतल के बर्तन की आवाज और कांसे के बर्तन की आवाज मे बहुत फर्क होता है ।

कांसे के बर्तन के फायदे

आयुर्वेद के अनुसार कांसे मे मौजूद तांबा और रांगा दोनों धातु शरीर के लिए लाभदायक होती हैं ।

कांसे के बर्तन मे बेक्टीरिया , वाइरस आदि को नष्ट करने की क्षमता होती है ।

कांसे के बर्तन का उपयोग करने से एसिडिटी तथा कब्ज की परेशानी मे आराम मिलता है ।

इससे खून साफ होता है तथा त्वचा रोगों से बचाव होता है ।

पाचन ठीक रहता है । लीवर और स्प्लीन को स्वस्थ रखने मे कांसा धातु सहायक होती हैं ।

कांसा मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है ।

यह इम्यूनिटी अर्थात रोग प्रतिरोधक क्षमता मे सुधार करता है ।

आयुर्वेद मे कांसे की भस्म बनाई जाती है । इसका उपयोग आयुर्वेद की कई दवाओं मे किया जाता है । इसे कृमि रोग , चरम रोग , कुष्ठ रोग , नेत्र रोग आदि की चिकित्सा मे इस विशेष तौर पर लाभकारी माना जाता है ।

सामाजिक समारोह जैसे शादी विवाह आदि के मौके पर कांसे के बर्तन मे धन धान्य भरकर देने का प्रचलन है । कांसे के बर्तन जैसे थाली , गिलास , कटोरी आई भेंट स्वरूप दिए जाते है ।

नई बहु का जब गृह प्रवेश करवाया जाता है तो कांसे की थाली से तिलक किया जाता है । धार्मिक कार्यों मे कांसे के पात्र जैसे थाली लोटा आदि का उपयोग शुभ माना जाता है ।

मंदिर मे घंटे कांसे के बनाए जाते हैं । कांसे से बने घंटे की आवाज सकारात्मक वातावरण पैदा करती है तथा मन को प्रसन्न करने वाली होती है ।

कांसे के बर्तन के नुकसान

कांसे के बर्तन मे खट्टी चीजें नहीं रखनी चाहिए । नीबू , इमली , टमाटर आदि युक्त खाद्य पदार्थ कांसे के बर्तन मे रखने से उनमें नुकसानदेह तत्व पैदा हो सकते हैं ।

दूध , दही , घी और मक्खन कांसे के बर्तन मे नहीं रखने चाहिए ।

कांसे के बर्तन मे थोड़े समय के लिए खाने पीने की चीजें रखकर उपयोग मे लाना चाहिए । लंबे समय तक खाने पीने की चीजें भरकर नहीं रखनी चाहिए ।

कांसे के बर्तन को सीधा आग पर नहीं रखना चाहिए । इसमे मौजूद राँगा अपेक्षाकृत कम तापमान पर ही पिघलने लगता है ।

हमारी संस्कृति मे कई लाभदायक चीजें शामिल है । बदलाव अच्छा होता है लेकिन परंपरा मे शामिल चीजों का ध्यान भी जरूर रखना चाहिए ।

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