कुत्ते को टीके कब कौनसे और क्यों लगवायें – Dog Vaccination

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कुत्ते को टीके लगवाना बहुत जरूरी होता है ताकि वो विभिन्न प्रकार की घातक बीमारियों से बच सके । जैसे केनाइन डिस्टेम्पर , हेपेटाइटिस , पार्वोंवाइरस , रेबीज़ आदि । टीके लगाने से कुत्ते का इम्यून सिस्टम बीमारी को रोकने मे सक्षम हो जाता है । कुछ बीमारी कुत्ते से इंसान को लग सकती हैं , जैसे लेप्टोस्पायरोसिस । इसलिए भी कुत्ते को टीका लगवाना आवश्यक हो जाता है ।

आजकल बहुत से लोग घर में पेट डॉग रखना पसंद करते हैं। कुत्ते बहुत जल्दी घर के महत्त्वपूर्ण सदस्य बन जाते हैं।  इनके बीमार होने से घर में सभी को परेशानी होती है। कुत्ते को समय पर वैक्सीन लगवा कर ऐसी परेशानी से बचा जा सकता है।

कुत्ते को टीके कब लगवाने चाहिए

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कुत्ते को 6 सप्ताह की उम्र से टीके लगवाने शुरू कर देने चाहिए । क्योंकि इस समय तक तो माँ का दूध उसकी प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखता है , पर इसके बाद नहीं । अतः डेढ़ महीने की उम्र के बाद वेक्सीन जरूरी हो जाते हैं । हालांकि अधिक उम्र वाले कुत्ते को भी टीके लगवाए जा सकते हैं ।

कुत्ते की डिवोर्मिंग क्या होती है

pet dog deworming kya he

जिस प्रकार इंसान के पेट मे कीड़े हो जाते हैं उसी प्रकार कुत्ते के पेट मे भी कीड़े हो जाते हैं । कुत्ते मिट्टी और मल के संपर्क मे ज्यादा आते हैं । अतः इन्हे कीड़े यानि Worms की समस्या अधिक होती है ।

कीड़ों से कुत्ते को कई प्रकार की परेशानी होने लगती है । कीड़े की दवा देकर पेट के कीड़ों से छुटकारा दिलाने को डीवोर्मिंग कहते हैं ।

छोटे पपी जो माँ का दूध पीते हैं उन्हे भी पेट मे कीड़े हो सकते हैं । अतः उन्हे भी डीवोर्मिंग की जरूरत होती है ।

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कुत्ते की डिवोर्मिंग कब करानी चाहिए

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कुत्ते की उम्र के अनुसार नियमित अंतराल पर डिवोर्मिंग करवानी चाहिए । किस उम्र में कितने दिन में डिवोर्मिंग होनी चाहिए यह इस प्रकार है –

तीन महीने से छोटे पपी के लिए

हर 15 दिन में

तीन से छह महीने के पपी के लिए

हर महीने

छह से बारह महीने के पपी के लिए

हर 2 महीने में

एक साल की उम्र के बाद

हर 3 महीने में

कुत्ते को कौनसे टीके कब लगते हैं

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कुत्ते को मुख्य रूप से ये टीके लगवाने का समय इस प्रकार होना चाहिए –

कैनाइन डिस्टेंपर ( CDV ), हेपेटाइटिस, एडीनो वाइरस ( CAV ), पार्वो वायरस ( CPV ), लेप्टोस्पायरोसिस Leptospirosis , पैराइन्फ़्लुएन्ज़ा के टीके

पहली खुराक :  6 – 8 सप्ताह की उम्र मे

दूसरी या बूस्टर खुराक : पहली खुराक के 2 – 3 सप्ताह बाद ,

अगली खुराक : दूसरी खुराक के एक साल बाद और फिर हर साल पूरी उम्र तक ।

रेबीज़ वाइरस के लिए

पहली खुराक : 3 महीने की उम्र के बाद

बूस्टर खुराक : पहली खुराक के 2 – 3 सप्ताह बाद

अगली खुराक : बूस्टर खुराक के एक साल बाद और फिर हर साल

किसी भी उम्र , वजन , लिंग या नस्ल के कुत्ते के लिए टीके की खुराक समान होती है ।

केनल कफ के टीके की दवा कुत्ते के नथुनों मे डाली जाती है। इसके अलावा अधिकतर टीके स्किन के नीचे लगाए जाते हैं ।

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क्या टीका लगाने के बाद भी बीमारी हो सकती है

जी हाँ । कुछ विशेष कारणों से ऐसा हो सकता है । वैसे तो टीके बीमारी से बचाते हैं लेकिन कभी कभी वेक्सीन लगवाने के बाद भी कुत्ते को बीमारी लग सकती है जिसके मुख्य कारण ये हो सकते हैं –

  • कुत्ते की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना । इसका कारण कम या ज्यादा उम्र हो सकती है तथा आनुवांशिक कारण से भी प्ररोधक क्षमता कमजोर हो सकती है । इसके अलावा कुपोषण भी वजह बन सकता है ।
  • टीके को उचित तरीके से सही तापमान पर नहीं रखना ।
  • डिवोर्मिंग ( पेट के कीड़े मारना ) नहीं करवाना ।
  • टीके की क्वालिटी अर्थात स्टेन और मात्रा सही नहीं होना या एक्सपाइरी डेट निकल जाना ।
  • टीका साथ मे दिये गए निर्देशों के अनुसार नहीं लग पाना ।

कुत्ते को टीके लगवाने के साइड इफैक्ट

Vaccine ke side effect

वेक्सीन लगवाने के बाद कुछ कुत्तों को उल्टी , दस्त , बुखार , मुँह मे सूजन आदि साइड इफैक्ट हो सकते हैं । इसकी सूचना वेटेरिनेरियन डॉक्टर को देनी चाहिए ।

यदि मादा को प्रेगनेन्सी हो तो टीका नहीं लगवाना चाहिए ।

कुत्ते को टीका लगाने के बाद क्या ध्यान रखें

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टीका लगने के बाद कुत्ते को आसानी से पचने वाला आहार देना चाहिए । एक सप्ताह तक नहलाना नहीं चाहिए । टीके के विवरण का पूरा रिकार्ड रखना चाहिए ।

कुत्ते का टीका कार्ड

Vaccination card

वेटेरिनेरियन डॉक्टर से कुत्ते का वेक्सिनेशन कार्ड बनवा लेना चाहिए । इसमें टीके का नाम और डेट आदि सभी जानकारी होनी चाहिए । इस कार्ड को संभाल कर ऐसी जगह रखना चाहिए जहां आसानी से नजर आए और टीके मे भूल ना हो ।

पालतू जानवर आपको कई प्रकार की खुशियाँ देता है । अतः उसका ध्यान रखना आपकी ज़िम्मेदारी बनती है । साथ ही यदि पालतू बीमार होगा तो आपको भी अच्छा नहीं लगेगा । यदि कुत्ता पालने का शौक है तो समय से टीके लगवाना मुश्किल काम नहीं है ।

अस्वीकरण : इस पोस्ट का उद्देश्य जानकारी देना मात्र है , किसी भी उपचार के लिए विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें।

Ref : https://www.indiantrailanimalhospital.com/services/dogs/dog-vaccinations https://www.scribd.com/document/351450665/Dog-Vaccination-Schedule-in-India

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