मेटाबोलिज्म Metabolism का नाम तो सुना होता है लेकिन बहुत से लोग इसे ठीक से समझ नहीं पाते। इसे ही वजन बढ़ने का कारण मान कर या तो प्रयास करना बंद कर देते हैं अथवा दवाएं खाना शुरू कर देते हैं। क्या यह सही निर्णय होता है ? आइये जाने मेटाबोलिज्म क्या होता है और इसका वजन बढ़ने या कम होने से क्या सम्बन्ध है।
मेटाबोलिज्म क्या होता है
What is metabolism
मेटाबोलिज्म शरीर में होने वाली अनेक रासायनिक क्रियाएं हैं जिनमें से कुछ के द्वारा शरीर को उर्जा ( Energy ) मिलने का तथा कोशिकाओं ( Cells ) को स्वस्थ और कार्यशील बनाये रखने का काम भी होता है।
शरीर को लगातार ऊर्जा की जरुरत होती है। यह ऊर्जा भोजन से मिलती है। भोजन को एनर्जी में बदलने की प्रक्रिया अथवा कभी कभी शरीर में फैट आदि के रूप में जमा एनर्जी का उपयोग किया जाना भी मेटाबोलिज्म का हिस्सा होता है।
नए टिशु का निर्माण तथा मरम्मत का कार्य , सभी शारीरिक बदलाव , हिलना डुलना , सोचना , बड़े होना , साँस लेना इत्यादि सभी मेटाबोलिज्म की मदद से संपन्न होते हैं।
मेटाबोलिज्म कैसे कंट्रोल होता है
How Metabolism is controlled
हमारे शरीर में मौजूद अन्तःस्रावी ग्रंथियों ( Endocrine Glands ) द्वारा स्रावित हार्मोन की मदद से मेटाबोलिज्म की दर और दिशा तय होती है। जैसे थायराइड ग्रंथि के स्राव थाइरॉक्सिन (Thyroxine) से मेटाबोलिज्म कितना तीव्र या धीमी गति से होगा यह तय होता है।
खाना खाने के बाद जब रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है तो पेन्क्रियास ग्रंथि से इन्सुलिन नामक हार्मोन का स्राव होता है। यह सेल्स को ग्लूकोज का उपयोग बढ़ाने का संकेत देते हैं।
मेटाबोलिज्म और वजन में सम्बन्ध
How Metabolism and body weight linked
मेटाबोलिज्म एक जटिल प्रक्रिया है। बहुत से लोग यह समझते हैं कि यह सिर्फ वजन बढ़ने या कम होने की गति होती है।
वजन और मेटाबोलिज्म में थोड़ा बहुत सम्बन्ध होता जरुर है। लेकिन यह भ्रम ही है कि जिनका मेटाबोलिज्म धीमा होता है उनका वजन ज्यादा तेजी से चढ़ता है और जिनका मेटाबोलिज्म तेज होता है वे कितना भी खा लें पतले दुबले बने रहते हैं। ऐसा नहीं है।
मेटाबॉलिज्म , वजन और केलोरी
Metabolism , weight and calorie
असल में वजन बढ़ने या कम होने में केलोरी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। किसी का शरीर कितनी केलोरी जलाता है यह फिजिकल एक्टिविटी , शरीर में मौजूद फैट व मांसपेशी की मात्रा तथा BMR के अनुसार तय होती है।
BMR क्या होता है
BMR ( Basal metabolic rate ) किसी व्यक्ति में आराम की स्थिति में केलोरी जलने की दर होती है। आराम की स्थिति में भी बेसिक फंक्शन जैसे साँस चलना , रक्त का प्रवाह , हार्मोन का संतुलन , कोशिका का निर्माण और रिपेयर जैसे काम चलते रहते हैं। इनके लिए भी केलोरी की जरुरत होती है। इन कामों के लिए जितनी केलोरी की जरुरत होती है वह BMR होती है। BMR लगभग स्थिर होता है जिसमें बदलाव नहीं किया जा सकता।
BMR के अलावा अन्य कार्य जैसे भोजन का पाचन , अवशोषण , परिवहन और संग्रहण में भी केलोरी जलती है। इसके अलावा सभी छोटी बड़ी शारीरिक गतिविधि में केलोरी उपयोग में आती है। यहाँ तक की कुछ लोग बोलते समय या तनाव के समय अनजाने में हाथ पैर विशेष तरीके से हिलाने लगते हैं। इसमें भी केलोरी खर्च होती है।
वजन कम कैसे हो
How weight is reduced
वजन बढ़ना एक जटिल प्रक्रिया है। यह अनुवांशिकता , हार्मोन , डाइट , नींद , लाइफ स्टाइल , मानसिक तनाव , शारीरिक गतिविधि आदि कई चीजों पर निर्भर होता है।
हो सकता है कि कुछ लोगों का वजन अपेक्षाकृत जल्दी कम होता हो लेकिन जितनी केलोरी लेते है उससे अधिक जलायेंगें तो किसी का भी वजन कम हो जायेगा।
अतः वजन कम करने के लिए या केलोरी लेने की मात्रा कम करें अथवा एक्सरसाइज करके अधिक केलोरी जलाएं। ये दोनों काम साथ में करें तो परिणाम जल्दी मिलता है।
जिन लोगों का मेटाबोलिज्म अधिक कहा जाता है हो सकता है कि वे अधिक सक्रीय रहते हैं या अनजाने में हाथ पैर अधिक हिलाते हों।
केलोरी अधिक जलाने के लिए नियमित पैदल चलना , साइकिल चलाना , स्विमिंग आदि कसरत कर सकते हैं। सप्ताह में दो बार स्ट्रेंथ ट्रेनिगं एक्सरसाइज कर सकते हैं , लिफ्ट की जगह सीढी का उपयोग करना केलोरी जलाने का अच्छा तरीका हो सकता है। इसके अलावा घर के ऐसे काम जिसमे शरीर क्रियाशील हो वजन कम करते हैं।
मेटाबोलिज्म की दवा
Medicine for metabolism
कुछ लोग जानना चाहते हैं कि क्या दवा से मेटाबोलिज्म बूस्ट हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार मेटाबोलिज्म कम करने वाली दवा के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। ये स्वास्थ्य के लिए नुकसान देह हो सकती हैं अतः इन्हें नहीं लेना चाहिए। वजन कम करने का कोई आसन तरीका या दवा कारगर नहीं हो पाते हैं।
यदि केलोरी अधिक जलेगी और कम ली जाएगी तो ही वजन कम हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि प्रति सप्ताह 500 -700 केलोरी अधिक जलाते है और उतनी ही केलोरी कम लेते हैं तो एक सप्ताह में आधा किलो वजन कम हो सकता है। केलोरी कंट्रोल के लिए डायटीशियन की मदद ली जा सकती है।
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