रामदेवरा मेला Ramdevra ka mela हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष की दूज से एकादशी तक भरता है। दूर दूर से लोग रामदेवजी के विशाल मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर पोकरण के रुणिचा धाम Runicha में स्थित है। रुणिचा धाम को ही रामदेवरा भी कहा जाता है।
रामदेवरा के मेले में सभी धर्मों के लोग अपनी आस्था व्यक्त करने पहुँचते हैं। बाबा रामदेवजी को रामदेव पीर Ramdev peer , रामशा पीर , रामापीर Ramapeer , रामसापीर Ramsa peer आदि नामों से भी जाना जाता है।
इस मेले में राजस्थान , पंजाब , हरियाणा , मध्यप्रदेश , गुजरात , महाराष्ट्र तथा अन्य राज्य से लाखों श्रद्धालु आते हैं। यहाँ जम्मा जागरण होते हैं तथा भंडारों की व्यवस्था की जाती है। दूज वाले दिन दर्शनार्थियों की 3 – 4 km लम्बी लाइन लग जाती है। यह दिन बाबे री बीज Babe ri beej के नाम से भी जाना जाता है।\
इस वर्ष 2022 मे यह बाबा रामदेव जी का 637 वां भादवा मेला होगा । कोरोना के कारण दो साल के बाद इस वर्ष यह मेला भरेगा । अनुमान है कि इस वर्ष 50 लाख से अधिक लोग दर्शन का लाभ उठाएंगे । प्रशासन की ओर से 2022 मेले की पूरी तैयारी की जा रही हैं । सुरक्षा और सुविधा की व्यवस्था रहेगी ।
बाबा रामदेव जयंती 2022 Ramdev jayanti
5 सितंबर , सोमवार को है ।
मंदिर में दर्शन और आरती
Ramdevji mandir darshan aarti
बाबा रामदेवजी का मंदिर सुबह 4 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है। सर्दी के मौसम में 5 बजे खुलता है। मंदिर में 5 बार आरती की जाती है – मंगला आरती , भोग आरती , श्रृंगार आरती , संध्या आरती तथा शयन आरती।
रामदेवरा कैसे जाएँ
How to go Ramdevra
जैसलमेर जिले में पोकरण से 13 km की दूरी पर रामदेवरा में बाबा रामदेवजी का स्थान है। इसे रुणिचा धाम Runicha dham भी कहा जाता है। रामदेवरा रेलवे और सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।
जोधपुर , जयपुर , बीकानेर और जैसलमेर से रामदेवरा के लिए बस तथा ट्रेन उपलब्ध हो जाती हैं।
जोधपुर से इसकी दूरी लगभग 190 km है। बीकानेर से यह 209 km की दूरी पर स्थित है।
ट्रेन द्वारा जैसलमेर से रामदेवरा ट्रेन लगभग 2 घंटे लगते हैं तथा जोधपुर से रामदेवरा लगभग 3 घंटे का रास्ता है।
रामदेवरा रेलवे स्टेशन से मंदिर के लिए साधन आसानी से मिल जाते हैं। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी मात्र 1 km जितनी है , पैदल भी जाया जा सकता है।
बाबा रामदेवजी कौन थे
Baba Ramdev History
बाबा रामदेवजी को द्वारकानाथ जी का अवतार माना जाता है। रामदेवजी का जन्म संवत 1409 में भाद्रपद शुक्ल पक्ष की दूज के दिन हुआ था । उनके पिता का नाम राजा अजमल Raja Ajmal और माता का नाम मैणादे Mainade था। उनके बड़े भाई का नाम विरमदेव था।
राजा अजमल तंवर वंशीय राजपूत राजा थे। वे द्वारकानाथ के परम भक्त थे। कहा जाता है कि द्वारकानाथ जी ने साक्षात् दर्शन देकर उन्हें उनके यहाँ जन्म लेने की बात कही थी।
द्वारकानाथ जी के कहे अनुसार ही रामदेव जी के जन्म के समय मंदिरों में घंटियाँ , झालर , शंख आदि अपने आप बजने लगे थे , रसोई के मटकों में रखा पानी दूध में बदल गया था तथा महल के दरवाजे से पालने तक कुमकुम के पद चिन्ह बन गए थे।
रामदेवजी ने उनके राज्य में होने वाले सभी प्रकार के अत्याचार, वैर-द्वेष, छुआछूत , जाती भेद भाव आदि का विरोध करके अछूतों का उद्धार किया था तथा भैरव नामक राक्षस के भयंकर आतंक से मुक्ति दिलाई थी। रामदेव जी ने राजा बनकर नहीं बल्कि जनसेवक बनकर गरीब , दलित, असाध्य रोगग्रस्त रोगी व जरुरत मंद लोगों की सेवा की।
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन अल्पायु में ही उन्होंने समाधी ले ली थी। अपने जीवन काल के दौरान और समाधि लेने के बाद उन्होंने कई चमत्कार दिखाए जिन्हें लोक भाषा में परचा देना कहते है।
रामदेव जी ने हमेशा सभी को शांति और अमन से जीवन जीने तथा ऊंचे आदर्श रखने का सन्देश दिया । उन्होंने प्रत्येक शुक्ल पक्ष की दूज के दिन जम्मा ( जागरण ) , पूजा पाठ , भजन कीर्तन आदि करने का उपदेश दिया था।
बाबा रामदेवजी ने अपने अनुयायियों को हर माह शुक्ल पक्ष की दूज और एकादशी का व्रत रखने की सलाह दी थी। उनके भक्त वर्तमान में भी ये दोनों व्रत पूर्ण श्रद्धा के साथ करते हैं।
वर्तमान में स्थित विशाल और भव्य मंदिर का निर्माण बीकानेर के महाराजा गंगासिंह जी ने सन 1939 में करवाया था। यह मंदिर हिन्दू तथा मुस्लिन दोनों की आस्था का केंद्र है।
यहाँ बाबा रामदेव जी का मंदिर भी है और मजार भी है। माना जाता है कि यहाँ स्थित पवित्र रामसरोवर में स्नान करने से कई प्रकार के त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं।
रामदेवरा में दर्शन योग्य स्थान
Place to visit in Ramdevra
रामदेवरा जाने पर आपको ये स्थान जरुर देखने चाहिए :
बाबा रामदेव की समाधी , रामसरोवर , परचा बावड़ी , डाली बाई का कंगन , पालना झूलना , रूणीचा कुआ (राणीसा का कुआ) , डाली बाई की जाल , पंच पीपली , गुरु बालीनाथ जी का धूणा , भैरव राक्षस गुफा , छतरियां ( सतीयो की देवली ) , पोकरण फोर्ट , कैलाश टेकरी आदि।
बाबा रामदेव जी की आरती
BABA RAMDEVJI KI AARTI
जय अजमल लाला प्रभु , जय अजमल लाला ।।
भक्त काज कलयुग में लीनो अवतारा, जय अजमल लाला ।।
अश्वनकी अवसारी शोभीत केशरीया जामा ।
शीस तुर्रा हद शोभीत हाथ लीया भाला ।। जय
डूबत जहाज तीराई भैरव दैत्य मारा ।
कृष्णकला भयभजन राम रूणेचा वाला ।। जय
अंधन को प्रभु नेत्र देत है सु संपती माया ।
कानन कुंडल झील मील गल पुष्पनमाला ।। जय
कोढी जय करूणा कर आवे होंय दुखीत काया ।
शरणागत प्रभु तोरी भक्तन सुन दाया ।। जय
आरती रामदेव जी की नर नारी गावे ।
कटे पाप जन्म-जन्म के मोंक्षां पद पावे ।। जय
जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला ।
भक्त काज कलयुग में लीनो अवतारा, जय अजमल लाला ।।
जय बाबा री … !!!
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