सदाबहार के फूल पत्ती और जड़ कब और कैसे काम में लें – Periwinkle Vinca use

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सदाबहार को बारहमासी , सदापुष्पी , सदाफूली , नयन तारा , रतनजोत आदि के नाम से भी जाना जाता है। इसमें बारह महीने फूल आते रहते हैं। अंग्रेजी में इसे विंका Vinca या पेरिविन्कल periwinkle  कहते है।

यह बहुत सुलभ है लेकिन सदाबहार का उपयोग घरेलु नुस्खे में कैसे करें यह सबको पता नहीं होता। आइये जानें बारहमासी से घरेलु उपचार कौनसे कर सकते हैं।

सदाबहार में मुख्य रूप से सफ़ेद और गुलाबी रंग के फूल आते हैं। लेकिन अब इसके कई रंग जैसे लाल , बैंगनी आदि भी विकसित कर लिए गए हैं जो इसकी सुन्दरता को और बढ़ा देते हैं। परन्तु गुलाबी और सफ़ेद ही अधिक लाभदायक होते हैं।

सदाबहार के फूल , पत्तियां और जड़ सभी में दवा में काम आने वाले तत्व एल्केलॉयड्स ( क्षार ) पाए जाते है। इसकी जड़ की छाल में सबसे ज्यादा मात्रा में क्षार होते हैं जिनका उपयोग कई प्रकार की बीमारियों की दवा बनाने में किया जाता हैं।

हैजा , मानसिक विकार , उच्च रक्तचाप , शरीर में दर्द , गले और फेफड़ों का संक्रमण आदि बीमारियों के उपचार की दवा में सदाबहार की जड़ में मौजूद क्षार उपयोग में लाये जाते हैं। इसके अलावा रक्त कैंसर के उपचार की दवा भी इसकी मदद से बनाई जाती है।

पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण के अनुसार सदाबहार के फूल , पत्ती और जड़ का उपयोग घरेलु नुस्खों में लाभप्रद तरीके से किया जा सकता है।

विशेषज्ञों के अनुसार इसमें पाए जाने वाले तत्व सर्पगंधा नामक विख्यात आयुर्वेदिक जड़ीबूटी के समान होते हैं। अतः उसके स्थान पर सदाबहार का उपयोग किया जा सकता है। सर्पगंधा मुश्किल से उपलब्ध हो पाती है।

सदाबहार की खेती करना सरल होता है। बड़े पैमाने पर इसकी खेती व्यावसायिक रूप से होने लगी है। भारत का वातावरण इसे खूब रास आता हैं। यह यहाँ प्रचुरता से पैदा होता है।

इसे गाय बकरी आदि पशु नहीं खाते। इसके अलावा कीट पतंगे , बिच्छू जैसे जीव भी इससे दूर रहते हैं। सदाबहार को घर के बाहर लगाने से हमेशा हरियाली बनी रहती है।

सदाबहार पर्यावरण के लिए फायदेमंद है क्योकि सदाबहार की पत्तियां विघटन के दौरान मिट्टी में उपस्थित हानिकारक रोगाणुओं को नष्ट कर देती है।

सदाबहार बहुत से घरेलु नुस्खों में काम आ सकता है। लेकिन इसके उपयोग से पहले डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए क्योंकि इसके प्रभाव से विशेष परिस्थिति में नुकसान होने की संभावना हो सकती है। मुख्य रूप से घरेलु उपचार के लिए सदाबहार का उपयोग इस प्रकार है –

सदाबहार का घरेलु नुस्खों में उपयोग

Vinca Periwinkle use for Home Remedies

आचार्य बालकृष्ण के अनुसार –

  • एक करेला , एक टमाटर , एक खीरा गर्म पानी से धोकर जूस निकाल लें , इसमें सदाबहार के 5 फूल पीसकर मिला दें। इस जूस के सेवन से पेशाब की परेशानी दूर होती है , पेशाब खुलकर आता है, किडनी सम्बन्धी समस्या में आराम मिलता है। शरीर के टोक्सिन बाहर निकल जाते हैं।
  • सदाबहार की जड़ और मिश्री को मिलाकर लेने से शरीर की कमजोरी दूर होती है। जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से रक्त विकार दूर होते हैं।
  • सदाबहार की जड़ और पत्ती का काढ़ा पीने से मोटापा दूर होता है तथा डायबिटीज में लाभ मिलता है।
  • मधुमक्खी या ततैया जैसे कीट के काट लेने पर सदाबहार की पत्तियों का रस लगाने से जलन और सूजन दूर हो जाती है। यह बहुत कारगर और आजमाया हुआ नुस्खा है।

सदाबहार की पत्तियों और फूलों को कुचलकर बवासीर पर लगाने से जल्द आराम मिलता है।

सदाबहार की पत्तियों को तोड़ने पर जो दूध निकलता है, उसे घाव पर लगाने से घाव में संक्रमण होने से बचाव होता है तथा घाव जल्दी सूख जाता है। सदाबहार की पत्तियां और हल्दी को पीस कर घाव पर लगाने से भी घाव जल्दी ठीक हो जाता है।

सदाबहार के दूध को खाज-खुजली पर लगाने पर जल्द आराम मिलने लगता है।

सदाबहार के फूलों और पत्तियों के रस को मुहांसों पर लगाने से मुहांसे ठीक हो जाते हैं।

त्वचा पर खुजली, लाल निशान या किसी तरह की एलर्जी हो गई है तो इसकी पत्तियों का रस लगाने ये सभी रोग दूर हो जाते हैं।

सदाबहार के उपयोग में सावधानी

डायबिटीज की दवा चल रही हो तो बिना डॉक्टर की सलाह इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।

गर्भावस्था में तथा स्तनपान कराने वाली माँ के लिए सदाबहार का उपयोग असुरक्षित होता है।

कब्ज की परेशानी से ग्रस्त हों तो इसका सेवन नहीं करना चाहिए। यह कब्ज को बढ़ा देता है।

लो ब्लड प्रेशर रहता हो तो सदाबहार का सेवन नहीं करना चाहिए , यह खुद भी ब्लड प्रेशर कम करता है। इसलिए यदि निकट समय में ऑपरेशन होने वाला हो तो भी सदाबहार नहीं लेना चाहिए।

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Ref : www.easyayurveda.com/sadabahar-vinca-rosea-remedies/