तैरना swimming एक शानदार मनोरंजन , खेल तथा एक्सरसाइज है। शहरों में स्विमिंग पूल तथा गावों में तालाब या नदी में लोग तैरने का आनंद उठाते हैं। इसके अलावा समुद्र के किनारे बीच पर स्विमिंग की जाती है।
तैरना – swimming
स्विमिंग करना सभी को सीखना चाहिए। खेल या मनोरंजन के अलावा कभी कभी यह जान बचाने का साधन भी बन जाता है। यदि आपने अभी तक तैरना नहीं सीखा तो जरुर सीख लें। एक बार स्विमिंग सीखने के बाद आप जिंदगी भर इसका आनंद ले सकते हैं।
गावों में तो बच्चे खेल खेल में ही तालाब आदि में तैरना सीख लेते है और स्विमिंग में पारंगत हो जाते हैं। शहरों में बहुत से स्विमिंग पूल होते हैं जहाँ तैरना सीखने के लिए कोच की सुविधा भी उपलब्ध हो जाती है। उनके निर्देशों का पालन करके 8 – 10 में स्विमिंग सीख सकते हैं। इसके बाद जितना अधिक अभ्यास करते हैं उतनी ही क्षमता में बढ़ोतरी होती जाती है।
स्विमिंग से मिलने वाले लाभ के कारण कुछ देशों में तो इसे सीखना स्कूल के पाठ्यक्रम में ही शामिल कर दिया गया है .
हम पानी पर कैसे तैर पाते हैं
How we can swim hindi me
विज्ञान के अनुसार हमारे शरीर का आपेक्षिक घनत्व 0.98 होता है। जिस वस्तु का आपेक्षिक घनत्व एक से कम होता है वह पानी में डूबती नहीं है। यह सिद्धांत हमें तैरने में सहायक होता है।
इसके अलावा धरती का गुरुत्वाकर्षण हमें पानी में नीचे खींचता है , लेकिन पानी में एक उछाल बल भी काम करता है जो हमें ऊपर की और धकेलता है। इससे पानी में हमारा वजन कम हो जाता है और उतने वजन का पानी हटाना आसान होता है इसीलिए हम तैर पाते हैं।
क्या मोटे लोग ज्यादा आसानी से तैर पाते हैं
Is swimming easy for fat people hindi me
जी हाँ। हमारे शरीर की मांसपेशियां चर्बी की अपेक्षा अधिक सघन ( Dense ) होती हैं। सघनता के कारण मांसपेशियों का घनत्व अधिक होता है। जबकि चर्बी का घनत्व अपेक्षाकृत कम होता है। अधिक चर्बी होने से शरीर का आपेक्षिक घनत्व कम हो जाता है , इसलिए मोटे लोग ज्यादा आसानी से तैर पाते हैं।
खारे पानी में तैरना आसान क्यों होता है
Why swimming is easy in salty water
खारे पानी में नमक की मात्रा अधिक होने के कारण पानी का घनत्व बढ़ जाता है इससे हमारा आपेक्षिक घनत्व अपेक्षाकृत कम हो जाता है। इसलिए खारे पानी में तैरना साधारण पानी की अपेक्षा अधिक आसान बन जाता है।
स्विमिंग के स्ट्रोक्स या स्टाइल
swimming strokes and styles in hindi
साधारण तौर या सिर्फ मनोरंजन के लिए तैरना हो तो हाथ पैरों को कैसे भी चलाया जा सकता है। लेकिन खेलों के लिए तैराकी कैसे करनी है उसके कुछ नियम और विशेष तरीके होत्ते हैं , इन्हें स्विमिंग स्ट्रोक या स्टाइल के नाम से जाना जाता है। खेल और मनोरंजन के लिए मुख्य रूप से चार प्रकार के स्ट्रोक होते हैं –
1 – फ्रंट क्रॉल Front crawl ( फ्री स्टाइल )
2 – ब्रेस्ट स्ट्रोक Breast stroke
3 – बेक स्ट्रोक back stroke
4 – बटर फ्लाई butterfly
बटर फ्लाई सबसे मुश्किल स्ट्रोक होता है साथ ही यह मांसपेशियों को सबसे अधिक मजबूत बनाने वाली तथा सबसे ज्यादा केलोरी जलाने वाली स्टाइल मानी जाती हैं।
स्विमिंग के फायदे : Swmming benefits
- स्विमिंग करने से कार्डियो तथा एरोबिक दोनों प्रकार की एक्सरसाइज हो जाती है। इससे मांसपेशियो को ताकत मिलती है। शरीर सुगठित और ताकतवर बनता है।
- पानी में तैरने से पानी का दबाव शरीर पर पड़ता है जिसके कारण मालिश जैसा फायदा मिलता है और रक्त संचार बढ़ जाता है। ह्रदय को हर अंग तक रक्त पहुँचाने के लिए अधिक जोर लगाना पड़ता है इससे ह्रदय की कसरत हो जाती है।
- तैरने से फेफड़ों का अच्छा व्यायाम हो जाता है।
- शरीर का पोस्चर तथा कोरडीनेशन सुधरता है साथ ही लचीलापन बढ़ता है।
- पानी में व्यायाम आसानी से हो पाता है क्योकि पानी आपको सहारा दे रहा होता है।
- पानी में किया जाने वाला व्यायाम कम मेहनत में अधिक नतीजे देने वाला व्यायाम साबित होता है। इससे ह्रदय , फेफड़े , जॉइंट्स को लाभ मिलता है साथ ही रक्त संचार सुधरने से पूरे शरीर को फायदा मिलता है।
- नियमित रूप से तैरकर वजन कम किया जा सकता है। सामान्य रूप से तैर कर आप एक घंटे में लगभग 600 केलोरी जला सकते हैं। अधिक परिश्रम करने पर अधिक केलोरी भी जल सकती है।
- तैरना अपने आप में बहुत मनोरंजक होता है। इससे तनाव दूर होता है तथा मानसिक लाभ प्राप्त होता है।
- गर्मी के मौसम में पानी में तैरना गर्मी से राहत देता है।
स्विमिंग के नुकसान : Swimming side effects
स्विमिंग पूल में तैरने के नुकसान :
स्विमिंग पूल में कई लोग तैरते हैं। लेकिन पूल में तैरने के शिष्टाचार को बहुत कम लोग फोलो करते हैं। पूल में घुसने से पहले , तैरने के दौरान तथा बाद में क्या करना चाहिए इसका ध्यान जरूर रखना चाहिए।
पूल में उतरने से पहले शावर लेना जरुरी होता है ताकि शरीर का पसीना , तेल या अन्य गन्दगी आदि पूल में ना जाये। इनके पूल मे जाने से विषैले तत्वों का निर्माण होता है जो शरीर के लिए अत्यंत नुकसान देह होते हैं। जैसे मंदिर में जाने से पहले जूते चप्पल उतार देते हैं उसी तरह स्विमिंग पूल में उतरने से पहले शावर लेकर खुद को साफ कर लेना चाहिए।
कुछ लोग तैरते समय पूल में ही पेशाब भी कर देते हैं। ये बहुत बड़ी गलती लोग करते हैं। इसका खुद को और दूसरे लोगों को बहुत नुकसान होता है। पेशाब में मौजूद यूरिक एसिड पूल के पानी में मौजूद क्लोरीन के साथ मिलकर अत्यंत हानिकारक विषैले तत्व तथा विषैली गैस का निर्माण करता है।
पसीने , मूत्र तथा अन्य चीजें आपके माध्यम से पूल में जाने से ट्राई क्लोरामिन , सायनोजेन क्लोराइड , डाईक्लोरोब्रोमोमीथेन , क्लोरोफोर्म आदि हानिकारक चीजों का निर्माण हो सकता है। तैरने के दौरान साँस , त्वचा तथा मुँह के द्वारा आप इन्हे अवशोषित करके खुद को नुकसान पहुँचाते हैं।
आपके दिमाग में यह सवाल आ सकता है कि फिर स्विमिंग पूल में क्लोरीन क्यों डाली जाती है ? क्लोरीन असल में पानी के माध्यम से फैलने वाली कई बीमारियों की रोकथाम करने में सक्षम है जैसी डायरिया , त्वचा के संक्रमण , कान में संक्रमण आदि। इसके अलावा क्लोरीन काई ( algae ) पैदा होने से भी रोकती है। अतः पूल के पानी में क्लोरीन डालना जरुरी हो जाता है।
स्विमिंग पूल से निकलने के बाद साबुन लगाकर नहा लेना चाहिए तथा मॉश्चरइज़र या तेल आदि लगा लेना चाहिए ताकि स्किन ड्राई ना हो।
नदी तालाब में तैरने के नुकसान :
कुछ लोग प्राकृतिक वातावरण को बहुत पसंद करते हैं। पिकनिक के लिए ऐसी जगह जाना बहुत से लोगों का शौक होता है। ऐसी जगह तैरने जितना पानी मिलने पर लोग मौका नहीं गवांते। पर ऐसी जगह सावधानी रखनी जरुरी हो जाती है। अन्यथा इस प्रकार के नुकसान हो सकते हैं –
प्राकृतिक जगहों वाले पानी में या उसके आसपास हानिकारक जीव जंतु जैसे साँप , बिच्छु , केकड़े , कीड़े , मकोड़े आदि हो सकते हैं। इनके अलावा पानी के अंदर कांटे या नुकीले पत्थर आदि हो सकते हैं। पानी की गन्दगी और अशुद्धि के कारण संक्रमण होने की सम्भावना भी हो सकती है।
यदि उसी पानी में कुछ पशु भी तैरते हों तो संक्रमण की सम्भावना बढ़ जाती है। कुछ जगह लोग लगभग सभी काम के लिए तालाब के पानी का उपयोग करते हैं जैसे कपडे धोना , नहाना , पशुओं को नहलाना , मल मूत्र धोना आदि। ऐसे पानी में तैरना हानिकारक सिद्ध हो सकता है।
नदी में कभी कभी अचानक से पानी का बहाव तेज हो जाता है और दुर्घटना हो जाती है । बरसात के मौसम में इस तरह के समाचार अक्सर पढ़ने को मिल जाते हैं।
कुछ प्राकृतिक स्थानों पर कुंड और मंदिर बने होते हैं। इस तरह के कुंड की साफ सफाई कम ही होती है। साथ ही इनकी गहराई आदि का भी पता नहीं होता। ऐसी जगह बहुत सावधानी के साथ तैरना चाहिए। यदि वहाँ कुछ निर्देश लिखे हो तो उनका जरूर पालन करना चाहिए।
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