टैटू Tattoo बनवाने का फैशन बहुत चलन में है। इसमें शरीर पर स्थायी रूप से कोई नाम , तस्वीर या कलात्मक चीजें उकेरी जाती हैं। इस लेख में टैटू से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी देने की कोशिश की गई है , पढ़ें और जानें।
कुछ लोग प्यार जताने के लिए टैटू बनवाते हैं तो कुछ लोग पर्सनालिटी या स्टाइल दिखाने के लिए । अकसर प्रेमी प्रेमिका या पति पत्नी अपने साथी के नाम का टैटू बनवा लेते हैं। अब तो माता पिता के प्रति प्यार और सम्मान दिखाने के लिए भी टैटू बनवाये जाने लगे हैं। प्रसिद्ध लोग जैसे खिलाड़ी या अभिनेता आदि के शरीर पर टैटू बने हुए देखे जा सकते हैं। उन्हें देखकर भी अन्य लोग टैटू बनवा लेते हैं।
आइये टैटू के बारे में जाने कि –
- टैटू कैसे बनाया जाता है और यह परमानेंट क्यों होता है।
- टैटू बनवाने से पहले कौनसी बातों का ध्यान रखें।
- क्या टैटू बनवाते समय बहुत दर्द होता है।
- क्या टैटू बनवाना शरीर के लिए नुकसान दायक होता है।
- क्या बने हुए टैटू को जब चाहें मिटा सकते हैं।
टैटू कैसे बनाया जाता है
Tattoo banane ka tarika
टैटू बनाने वाले आर्टिस्ट के पास टैटू बनाने की मशीन होती है जिसमे विशेष प्रकार की सुई होती है जो त्वचा के अन्दर जाकर इंक छोडती है। इस प्रक्रिया से आर्टिस्ट स्किन पर कोई भी अक्षर , चित्र या डिजाईन बना देता है।
टैटू बनाने की प्रक्रिया के स्टेप्स
Tattoo steps
टैटू आर्टिस्ट अपने हाथ अच्छी तरह धोकर नए ग्लव्स पहनता है। कुछ आर्टिस्ट सर्जिकल मास्क भी पहनते हैं। शरीर के जिस हिस्से पर टैटू बनाना हो वह जगह साबुन से धोकर साफ की जाती है वहाँ बाल हों तो उन्हें रेजर की मदद से हटाया जाता है। फिर उस हिस्से को अल्कोहल या स्पिरिट आदि से साफ कर किया जाता है।
इसके बाद आर्टिस्ट स्टेंसिल्स की मदद से डिजाईन बॉडी पर बना देता है। एक पतली परत ऑइंटमेंट या पेट्रोलियम जेली की लगाईं जाती है।
आर्टिस्ट मशीन की मदद से स्किन में इंक डालता हुआ टैटू बनाना शुरू कर देता है जिसमे डिजाईन और आकार के अनुसार वक्त लगता है। इस दौरान जरुरत होने पर सुई को बदलना पड़ सकता है।
यदि थोडा बहुत खून या कोई रिसाव होता है तो उसे स्टराइल टिशु या कपड़े से साफ किया जाता है। टैटू बन जाने के बाद एक बार फिर साफ किया जाता है और उस जगह को पट्टी लगा कर पैक कर दिया जाता है ताकि वहां किसी प्रकार के गन्दगी ना लगे। यह पट्टी एक दिन रखनी होती है। इसके बाद निकली जा सकती है।
इन्फेक्शन से बचने के लिए लगभग सात दिन तक टैटू वाले स्थान का विशेष ध्यान रखना होता है। गन्दगी , धुल , मिटटी आदि से टैटू को बचाना होता है।
टैटू परमानेंट क्यों होता है
Why Tattoo is permanent
टैटू बनाते समय मशीन की मदद से सुई द्वारा स्किन को छेद कर उसमे इंक डाली जाती है। यह इंक स्किन में बाहर की स्किन एपीडर्मिस epidermis और उसके नीचे की स्किन डर्मिस dermis में चली जाती है। इससे त्वचा के पिगमेंट का रंग बदल जाता है।
हालाँकि शरीर के श्वेत रक्त कण किसी भी बाहरी चीज को अवशोषित करके नष्ट कर देते हैं लेकिन टैटू के इंक पिगमेंट का आकार इतना बड़ा होता है कि श्वेत रक्त कण उन्हें अवशोषित नहीं कर पाते। इसलिए इंक परमानेंट रूप से वहीं पड़ी रहती है। यही टैटू की विशेषता भी है और समस्या भी।
टैटू बनवाना हो तो क्या करें
Tattoo banvane ke liye kya kare
सबसे पहले अच्छी तरह सोच विचार कर लें , क्योंकि यह परमानेंट होता है और इसे मिटाना बहुत ही मुश्किल होता है। टैटू की डिजाईन भी सोच समझ कर निश्चित कर लें । जल्दबाजी में कोई फैसला ना करें।
सस्ते के चक्कर में क्वालिटी से समझौता ना करें।
यदि आप पहली बार टैटू बनवा रहें हैं तो छोटा टैटू बनवाएं। बड़े टैटू का दर्द शायद आप सह ना सकें।
डॉक्टर से सलाह करके पहले कुछ टीके Vaccine लगवा लेने चाहिए जिसमे मुख्य रूप से हेपेटाईटिस बी तथा टेटनेस शामिल हो।
आपको ऐसा टैटू स्टूडियो ढूँढना चाहिए जो साफ सुथरा और सुरक्षित हो। टैटू बनाने वाले आर्टिस्ट अनुभवी हो , अच्छी क्वालिटी की इंक काम में लेता हो , उसके पास टैटू मशीन लेटेस्ट और अच्छी हो , डिस्पोजेबल सुई तथा ग्लव्स काम में लेता हो तथा जिसे इन्फेक्शन से बचने के उपाय पता हों।
इसके बाद आप डिजाईन पसंद करके मनचाही जगह टैटू बनवा सकते हैं।
क्या टैटू बनवाते समय दर्द होता है
Tattoo banane me pain kitna
जी हाँ , स्किन में सुई घुसेगी तो दर्द तो अवश्य ही होगा। लेकिन मानसिक रूप से खुद को मजबूत बना लिया जाये तो यह दर्द सहनीय होता है। दर्द कितना होगा यह इन बातों पर निर्भर करता है –
- आपकी दर्द सहन करने की शक्ति कितनी है , यह सीमा सबकी अलग अलग होती है।
- शरीर के किस हिस्से में टैटू बनवा रहे हैं। कुछ जगह दर्द ज्यादा होता है।
- मशीन कितनी सुई वाली काम में ली जा रही है , जितनी ज्यादा सुई उतना अधिक दर्द।
- टैटू की डिजाईन कैसी है। कुछ डिज़ाइन बनाने में अधिक सुई वाली मशीन काम में ली जाती है।
- टैटू बनाने वाला आर्टिस्ट कितना अनुभवी है और उसकी स्पीड कैसी है।
टैटू बनने के बाद सावधानी
Care after tattoo made
यदि खून ज्यादा आने लगे , दर्द बहुत बढ़ जाये या अन्य किसी प्रकार कि अधिक परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
आर्टिस्ट जो भी इंस्ट्रक्शन दे उनका ध्यान जरुर रखना चाहिए।
टैटू वाली जगह छूना नहीं चाहिए। कुछ जगह स्किन उठी हुई या पपड़ी जमी दिखे तो उसे निकलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
ऐसे कपड़े ना पहने जो टैटू पर चिपक सकते हों।
टैटू वाली जगह को रगड़ना नहीं चाहिए।
उपयुक्त एंटीबायोटिक क्रीम आदि सलाह करके जरुर लगायें।
दो तीन सप्ताह तक स्विमिंग नहीं करनी चाहिए।
टैटू को धूप से बचाना चाहिए। सलाह लेकर सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए। यह टैटू को फेड होने से भी बचाता है।
टैटू बनवाने के नुकसान
Tattoo ke side effect
- उचित ध्यान ना रखने पर इन्फेक्शन की संभावना होती है जिसमे स्किन लाल होना , खुजली चलना , पानी रिसना या सूजन होना आदि हो सकते हैं। ज्यादा बढ़ने पर बुखार भी आ सकता है। टैटू बनवाने के बाद दो सप्ताह तक इसका खतरा अधिक होता है।
- कुछ लोगों को इंक से एलर्जी हो सकती है। विशेषकर लाल , पीली , नीली और हरी इंक से एलर्जी की संभावना अधिक होती है। एलर्जी के लक्षण में लाल चकते , तेज खुजली , या सूजन आदि हो सकते हैं। यह एलर्जी कुछ दिन , सप्ताह या महीनो बाद भी अपना असर दिखा सकती है।
- जब भी त्वचा पर चोट लगती है तो स्कार टिशु उसे भर देते हैं लेकिन कभी कभी ये टिशु केलोइड स्कार Keloid scar में बदल जाते हैं जो उभरे हुए मस्से या गांठ जैसे होते हैं और बहुत भद्दे दिखाई देते हैं।
- कभी कभी MRI scan करवाते समय टैटू के कारण सूजन या खुजली होने लगती है। हालाँकि वो कुछ समय बाद ठीक हो जाती है।
- नीडल यदि नई या स्टरलाइज की हुई काम में ना ली गई हो तो स्किन इन्फेक्शन , HIV , हेपेतातिस B व C आदि होने का डर रहता है।
- टैटू बनवाने के बाद एक साल तक रक्तदान नहीं कर सकते हैं।
- उम्र बढ़ने के साथ टैटू परेशानी का कारण बन सकते हैं। शरीर के आकार में परिवर्तन यानि मोटे या पतले होने पर टैटू की इंक धुंधली और कटी फटी दिखने लग सकती है।
क्या टैटू मिटाये जा सकते हैं
Removal of Tattoo
टैटू मिटाना अपने आप में लंबी और समय लगने वाली प्रक्रिया है। जो टैटू के साइज़ और रंग के अनुसार कई बार करनी पड़ सकती है। टैटू हटाते समय स्केरिंग भी हो सकती है।
फिर भी टैटू को पूरी तरह मिटा पाना बहुत मुश्किल होता है। टैटू मिटाने के लिए लेसर विधि सबसे अच्छी मानी जाती है। लेसर के माध्यम से इंक के पार्टिकल को तोड़कर इतना छोटा कर दिया जाता है कि श्वेत रक्त कण उन्हें अवशोषित करके नष्ट करने में सक्षम हो जाते हैं।
इस विधि से टैटू शरीर मिटाने के बाद भी कुछ रंग रह जाता है और स्किन अपने स्वाभाविक रंग में नहीं आ पाती। इसके अलावा लेसर ट्रीटमेंट महंगा होने तथा लम्बी प्रक्रिया के कारण परेशानी का कारण बन सकता है।
अतः टैटू बनवाने से पहले अच्छी तरह सोच विचार कर लेना चाहिए। उसके बाद ही टैटू बनवाना चाहिए।
टैटू सम्बन्धी सावधानियाँ और टिप्स
Tattoo tips and care
- अगर आपको स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई परेशानी जैसे ह्रदय रोग , एलर्जी , डायबिटीज , एक्जीमा , सोरायसिस आदि है या आपकी प्रतिरोधक क्षमता कम है तो टैटू बनवाने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरुर कर लेना चाहिए।
- यदि आपको केलोइड स्कार होते हों तो टैटू नहीं बनवाने चाहिए।
- यदि खून पतला करने की दवा ले रहे हों तो टैटू नहीं बनवाना चाहिए।
- गर्भवती महिला को टैटू नहीं बनवाना चाहिए।
- यदि आप IAS , IPS , IRS , IFS, इन्डियन डिफेन्स सर्विस , आर्मी , नेवी या एयर फ़ोर्स में जाना चाहते हैं तो टैटू नहीं बनवाना चाहिए क्योंकि यहाँ कई प्रकार के टैटू अस्वीकृत होते हैं। इनके अलावा भी कुछ जगह इसे स्वीकार नहीं किया जाता , यह आपको पता कर लेना चाहिए।
- 18 साल की उम्र से कम वाले को टैटू बनवाने के लिए माता पिता या लोकल गार्जियन की लिखित स्वीकृति जरुरी होती है। अतः इसका ध्यान रखना चाहिए।
- सस्ते के चक्कर में ना पड़ें क्योकि सस्ती इंक में लेड , निकल आदि कैंसरकारक तत्व हो सकते हैं।
- जिस हिस्से पर तिल हो वहां टैटू नहीं बनवाना चाहिए।
- टैटू से किसी भी प्रकार की परेशानी नजर आये तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। लापरवाही खतरनाक हो सकती है।
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