वीगन डाइट Vegan Diet लेने वाले लोग वीगन्स Vegans कहलाते हैं। ये मांसाहारी और शाकाहारी भोजन लेने वाले लोगों से अलग हैं। वीगंस शाकाहारी होने के साथ , पशु से प्राप्त होने वाली चीजों का उपयोग भी नहीं करते।
पशुओं से प्राप्त किसी भी प्रकार की खाने पीने की चीजें , पशु की मदद से प्राप्त वस्त्र या कॉस्मेटिक तथा अन्य चीजों का उपयोग इस प्रक्रिया में वर्जित माना जाता है। इसे वीगनिज्म Veganism कहा जाता है। प्रकृति का सम्मान तथा पशुओं के प्रति क्रूरता न किया जाना इसका उद्देश्य होता है।
वेगनिज्म मानने या फोलो करने वाले लोगों के अनुसार बिना पशुओं के हनन भी मानव को आवश्यक चीजें तथा शरीर के लिए पोषक तत्व प्राप्त हो सकते हैं। अतः पशुओं के साथ अनावश्यक क्रूरता नहीं करनी चाहिए।
दुनिया भर में वीगनिज्म बढ़ रहा है। एक नवम्बर 1st November वर्ल्ड वीगन डे World Vegan day के रूप में मनाया जाता है। भारत में भी बहुत से लोग इसका समर्थन और इसका पालन कर रहे हैं।
वीगन डाइट क्या होती है
vegans ki diet kaisi hoti he
कुछ लोग वीगन डाइट को वेजीटेरियन खाना ही समझते हैं। लेकिन वीगन डाइट और वेजीटेरियन डाइट में फर्क होता है। वेजीटेरियन डाइट में मांस , मछली , अंडा आदि नहीं खाए जाते। वीगन डाईट इससे एक कदम आगे की डाईट है।
इसमें मांस , अंडे ही नहीं बल्कि डेयरी उत्पाद जैसे दूध , दही , छाछ , घी , मावा , पनीर , चीज़ आदि का सेवन भी प्रतिबंधित रहता है। इसके अलावा शहद का सेवन भी नहीं किया जाता है। इस डाईट में सिर्फ पेड़ पौधों से प्राप्त भोजन जैसे अनाज , सब्जी , फल , सूखे मेवे आदि खाए जाते हैं।
यह मुश्किल काम जरुर है , विशेषकर हम लोगों के लिए। क्योंकि दूध , दही , घी के बिना हमारा भोजन पूरा नहीं होता। पनीर , रायता , दही , घी आदि खाने में रोजाना उपयोग में लाये जाते हैं। लेकिन सही तरीके से पोषक तत्वों का ध्यान रख कर डाइट प्लान की जाये तो यह काम आसान हो सकता है।
वीगन डाइट के फायदे नुकसान
vegan diet benefits and side effects
वीगन डाईट में जो आहार लिए जाते हैं उनमे कैलोरी तथा फैट बहुत कम होते हैं , जबकि पोषक तत्व , फाइबर तथा कोमप्लेक्स कार्बोहाइड्रेट आदि अच्छी मात्रा में होते हैं। ऐसा खाना शरीर के लिए अत्यधिक फायदेमंद साबित होता है।
इस तरह की चीजें खाने से मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया तेज होती है। इसके अलावा वीगन डाईट में एंटी-ओक्सिडेंट की मात्रा अन्य खाने की तुलना में अधिक होती है। इस वजह से हानिकारक फ्री रेडीकल्स से बचाव होता है। फ्री रेडिकल्स कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण बनते हैं।
फैट तथा कोलेस्ट्रोल का उपयोग कम होने से हार्ट प्रॉब्लम , हाई ब्लड प्रेशर , मोटापा तथा डायबिटीज जैसी परेशानियों से बचाव होता है। शरीर में फुर्ती बनी रहती है , जल्दी थकान नहीं होती।
वर्तमान में अधिक चलन वाले नुकसानदायक फ़ास्ट फ़ूड में चीज , दूध से बनी सॉस आदि का भरपूर उपयोग किया जाता है। वीगन डाईट में फ़ास्ट फ़ूड खाने से आप बच जाते हैं , जो आपकी सेहत के लिए लाभदायक सिद्ध होता है।
वीगन डाइट फोलो करने में सबसे मुश्किल काम पोषक तत्वों की प्राप्ति होता है। यदि इसे सही तरीके से नहीं अपनाया जाये तो कुछ पोषक तत्वों की कमी होने की संभावना बढ़ जाती है।
इस प्रकार की डाइट लेने से प्रोटीन , कैल्शियम , आयोडीन , विटामिन B12 , ओमेगा 3 फेटी एसिड आदि की कमी का सामना करना पड़ सकता है। अतः न्यूट्रीशियन की सलाह जरुर लेनी चाहिए।
वीगन डाइट और पोषक तत्वों की कमी
वीगन डाइट लेते समय पोषक तत्व की कमी ना हो इसका उपाय अवश्य कर लेना चाहिए।
आहार विशेषज्ञों के अनुसार वीगन डाइट के कारण पोषक तत्वों की कमी से बचने के लिए कुछ अतिरिक्त चीजों को भोजन में शामिल करना चाहिये तथा कुछ विशेष चीजों का उपयोग बढ़ा देना चाहिए जैसे –
— दूध से मिलने वाले पोषक तत्वों की कमी पूर्ति लिए सोया उत्पाद का उपयोग करना चाहिए। सोया दूध , सोया दही और ( सोया पनीर ) टोफू का उपयोग करना चाहिए।
( इसे भी पढ़ें : सोयाबीन के उपयोग का सही तरीका तथा सोया मिल्क और टोफू बनाने की विधि )
— कैल्शियम की कमी न हो उसके लिए तिल , बादाम , हरी पत्तेदार सब्जी का उपयोग ज्यादा करना चाहिए।
— विटामिन B12 के लिए फोर्टीफाईड सोया मिल्क का उपयोग किया जा सकता है।
— नारियल का दूध , बादाम का दूध और काजू का दूध पशु से प्राप्त दूध के अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
— ताजा और सीजनल फल खूब खाने चाहिए।
— दाल , राजमा तथा अंकुरित अनाज आदि का उपयोग जरुर करना चाहिए।
— तरल पेय जैसे फलों का जूस , नारियल पानी आदि नियमित लेना चाहिए।
— नमक कम लेना चाहिए।
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